Class 10 Hindi Notes Chapter 14 (Chapter 14) – Sparsh Book
नमस्ते विद्यार्थियो!
आज हम कक्षा 10 की 'स्पर्श' पुस्तक के पाठ 14, 'गिरगिट' का गहन अध्ययन करेंगे। यह पाठ रूसी लेखक अंतोन चेखव द्वारा लिखी गई एक प्रसिद्ध कहानी है। सरकारी परीक्षाओं की तैयारी के दृष्टिकोण से यह पाठ अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह तत्कालीन समाज और व्यवस्था पर गहरा व्यंग्य करता है, जो आज भी प्रासंगिक है। आइए, इसके विस्तृत नोट्स और कुछ बहुविकल्पीय प्रश्नों (MCQs) पर ध्यान केंद्रित करें।
पाठ 14: गिरगिट
लेखक परिचय:
- मूल लेखक: अंतोन पाव्लोविच चेखव (Anton Pavlovich Chekhov) (1860-1904)
- विश्वप्रसिद्ध रूसी कथाकार और नाटककार।
- अपनी कहानियों में सामाजिक कुरीतियों, bureaucratic ढोंग और मानवीय कमजोरियों पर व्यंग्य करने के लिए जाने जाते हैं।
- 'गिरगिट' उनकी ऐसी ही एक सशक्त व्यंग्यात्मक कहानी है।
कहानी का सारांश:
यह कहानी एक बाजार के दृश्य से शुरू होती है। सुनार ख्यूक्रिन चिल्लाता हुआ दौड़ रहा है और उसके पीछे एक छोटा सफेद पिल्ला (कुत्ता) है। ख्यूक्रिन की उंगली से खून बह रहा होता है, जिसे कथित तौर पर उस कुत्ते ने काट लिया है। भीड़ जमा हो जाती है और पुलिस इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव अपने सिपाही येल्दीरीन के साथ वहाँ पहुँचता है।
ओचुमेलॉव शुरू में बड़े रोष में कुत्ते के मालिक को सज़ा देने और ख्यूक्रिन को मुआवज़ा दिलाने की बात करता है। वह कुत्ते को आवारा समझकर उसे मार डालने का हुक्म देता है। लेकिन जैसे ही भीड़ में से कोई कहता है कि यह कुत्ता शायद जनरल झिगालोव का है, ओचुमेलॉव का रवैया तुरंत बदल जाता है। वह ख्यूक्रिन पर ही दोष मढ़ने लगता है कि ज़रूर उसने ही कुत्ते को किसी कील वगैरह से चोट पहुँचाई होगी।
फिर कोई कहता है कि यह जनरल साहब का कुत्ता नहीं है। ओचुमेलॉव फिर पलट जाता है और कुत्ते को बुरा-भला कहने लगता है। सिपाही येल्दीरीन भी हाँ में हाँ मिलाता है। थोड़ी देर में फिर कोई कहता है कि उसने इस कुत्ते को जनरल साहब के आँगन में देखा है। ओचुमेलॉव फिर गिरगिट की तरह रंग बदलता है और कुत्ते की तारीफ़ करने लगता है, उसे प्यारा पिल्ला बताता है और ख्यूक्रिन को डांटता है।
यह क्रम कई बार चलता है। ओचुमेलॉव का व्यवहार पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करता है कि कुत्ता किसी प्रभावशाली व्यक्ति (जनरल) का है या नहीं। वह बार-बार अपना ओवरकोट उतारता और पहनता है, जो उसकी मानसिक उथल-पुथल और अवसरवादिता का प्रतीक है।
अंत में, जनरल का बावर्ची प्रोखोर आता है और पहचानता है कि यह कुत्ता जनरल साहब का नहीं, बल्कि उनके भाई का है जो हाल ही में आए हैं। यह सुनकर ओचुमेलॉव का चेहरा खिल उठता है। वह कुत्ते को स्नेह से देखता है, ख्यूक्रिन को धमकाता है और कुत्ते को बावर्ची के साथ भेज देता है। भीड़ ख्यूक्रिन पर हँसती है और ओचुमेलॉव अपनी राह चला जाता है।
प्रमुख पात्र:
- पुलिस इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव: कहानी का मुख्य पात्र। वह चापलूस, अवसरवादी, डरपोक और पद के नशे में चूर अधिकारी है। उसका व्यवहार पूरी तरह से परिस्थिति और सामने वाले व्यक्ति की सामाजिक हैसियत पर निर्भर करता है। वह न्याय का पक्षधर नहीं, बल्कि सत्ता का गुलाम है। उसका बार-बार बयान बदलना 'गिरगिट' की तरह रंग बदलने का प्रतीक है।
- ख्यूक्रिन: एक सुनार, जिसे कुत्ते ने काट लिया है। वह पीड़ित है लेकिन साथ ही थोड़ा लालची भी है और हर्जाना वसूलना चाहता है। व्यवस्था के सामने वह असहाय है।
- येल्दीरीन: ओचुमेलॉव का सिपाही। वह अपने अफसर की हाँ में हाँ मिलाने वाला साधारण कर्मचारी है।
- प्रोखोर: जनरल का बावर्ची। वह अंत में कुत्ते के असली मालिक की पहचान बताता है।
- कुत्ता: कहानी के केंद्र में है, जिसके कारण पूरी घटना घटित होती है और व्यवस्था का खोखलापन उजागर होता है।
कहानी का मूल भाव / संदेश:
- व्यवस्था पर व्यंग्य: कहानी तत्कालीन रूसी समाज और प्रशासनिक व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार, चापलूसी, अवसरवादिता और दोगलेपन पर तीखा व्यंग्य करती है।
- सत्ता का भय: यह दर्शाती है कि कैसे छोटे अधिकारी और आम लोग शक्तिशाली लोगों से डरते हैं और उनके आगे न्याय और सिद्धांत कोई मायने नहीं रखते।
- मानवीय चरित्र का दोहरापन: ओचुमेलॉव के माध्यम से लेखक ने मनुष्य के उस चरित्र को उजागर किया है जो परिस्थितियों के अनुसार अपनी निष्ठा और विचार बदल लेता है।
- 'गिरगिट' शीर्षक की सार्थकता: ओचुमेलॉव का व्यवहार ठीक गिरगिट की तरह है जो माहौल देखकर अपना रंग बदल लेता है। इसलिए यह शीर्षक कहानी के केंद्रीय भाव को पूरी तरह व्यक्त करता है।
भाषा-शैली:
- कहानी की भाषा सरल, सहज और प्रवाहमयी है (हिंदी अनुवाद)।
- शैली व्यंग्यात्मक और नाटकीय है। संवादों के माध्यम से पात्रों का चरित्र चित्रण प्रभावी ढंग से किया गया है।
- ओचुमेलॉव का बार-बार कोट उतारना-पहनना एक प्रतीकात्मक क्रिया है जो उसकी मानसिक स्थिति और अवसरवादिता को दर्शाती है।
परीक्षा की दृष्टि से महत्व:
- यह पाठ सामाजिक व्यंग्य को समझने में मदद करता है।
- पात्रों का चरित्र-चित्रण (विशेषकर ओचुमेलॉव) विश्लेषण के लिए महत्वपूर्ण है।
- कहानी के माध्यम से व्यवस्था और मानवीय स्वभाव पर की गई टिप्पणी को समझना आवश्यक है।
- शीर्षक की सार्थकता जैसे प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):
-
'गिरगिट' कहानी के मूल लेखक कौन हैं?
(क) लियो टॉल्स्टॉय
(ख) मैक्सिम गोर्की
(ग) अंतोन चेखव
(घ) फ्योदोर दोस्तोवस्की -
कहानी में 'गिरगिट' की तरह रंग बदलने वाला पात्र कौन है?
(क) ख्यूक्रिन
(ख) येल्दीरीन
(ग) प्रोखोर
(घ) ओचुमेलॉव -
सुनार ख्यूक्रिन को किसने काटा था?
(क) एक बिल्ली ने
(ख) एक चूहे ने
(ग) एक कुत्ते ने
(घ) एक बंदर ने -
इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव का व्यवहार किस बात पर निर्भर कर रहा था?
(क) ख्यूक्रिन की चोट पर
(ख) भीड़ की राय पर
(ग) कुत्ते के मालिक की सामाजिक हैसियत पर
(घ) मौसम पर -
ओचुमेलॉव बार-बार अपना ओवरकोट क्यों उतारता और पहनता था?
(क) उसे बहुत गर्मी लग रही थी
(ख) यह उसकी मानसिक उथल-पुथल और अवसरवादिता का प्रतीक था
(ग) उसका कोट गीला हो गया था
(घ) वह लोगों पर रौब जमाना चाहता था -
येल्दीरीन कौन था?
(क) सुनार
(ख) जनरल का बावर्ची
(ग) पुलिस का सिपाही
(घ) एक दुकानदार -
कहानी के अंत में कुत्ता वास्तव में किसका निकला?
(क) जनरल झिगालोव का
(ख) ख्यूक्रिन का
(ग) जनरल के भाई का
(घ) वह आवारा था -
'गिरगिट' कहानी का मुख्य उद्देश्य क्या है?
(क) पशु प्रेम दर्शाना
(ख) बाजार का वर्णन करना
(ग) तत्कालीन व्यवस्था में व्याप्त चापलूसी और अवसरवादिता पर व्यंग्य करना
(घ) कानून की प्रक्रिया समझाना -
ख्यूक्रिन कुत्ते के मालिक से क्या प्राप्त करना चाहता था?
(क) माफी
(ख) कुत्ते को सजा
(ग) मुआवजा/हर्जाना
(घ) दोस्ती -
जनरल के बावर्ची का क्या नाम था?
(क) येल्दीरीन
(ख) ओचुमेलॉव
(ग) ख्यूक्रिन
(घ) प्रोखोर
उत्तरमाला (MCQs):
- (ग) अंतोन चेखव
- (घ) ओचुमेलॉव
- (ग) एक कुत्ते ने
- (ग) कुत्ते के मालिक की सामाजिक हैसियत पर
- (ख) यह उसकी मानसिक उथल-पुथल और अवसरवादिता का प्रतीक था
- (ग) पुलिस का सिपाही
- (ग) जनरल के भाई का
- (ग) तत्कालीन व्यवस्था में व्याप्त चापलूसी और अवसरवादिता पर व्यंग्य करना
- (ग) मुआवजा/हर्जाना
- (घ) प्रोखोर
मुझे उम्मीद है कि इन नोट्स और प्रश्नों से आपको 'गिरगिट' पाठ को समझने और परीक्षा की तैयारी करने में मदद मिलेगी। इस पाठ के व्यंग्य को ध्यान से समझिएगा, यह बहुत महत्वपूर्ण है। अगर कोई और प्रश्न हो तो अवश्य पूछें।