Class 10 Hindi Notes Chapter 17 (भदंत आनंद कौसल्यायन: संस्कृति) – Kshitij-II Book

Kshitij-II
नमस्ते विद्यार्थियो,

आज हम क्षितिज-II के गद्य खंड के सत्रहवें पाठ 'संस्कृति' का अध्ययन करेंगे, जिसके लेखक भदंत आनंद कौसल्यायन जी हैं। यह पाठ आपकी परीक्षा की तैयारी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें लेखक ने 'संस्कृति' और 'सभ्यता' जैसे गूढ़ विषयों पर अपने विचार बहुत ही सरल और स्पष्ट ढंग से प्रस्तुत किए हैं। आइए, इस पाठ के विस्तृत नोट्स और कुछ महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्नों पर ध्यान केंद्रित करें।

लेखक परिचय: भदंत आनंद कौसल्यायन

  • जन्म: 1905 में पंजाब के अम्बाला जिले के सोहाना गाँव में।
  • बौद्ध धर्म: वे बौद्ध भिक्षु थे और उन्होंने देश-विदेश की काफी यात्राएँ कीं। बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया।
  • गांधीजी के साथ: वे वर्धा में महात्मा गांधी के साथ भी लंबे समय तक रहे।
  • लेखन: उन्होंने हिंदी में लगभग 20 पुस्तकें लिखीं, जिनमें दर्शन, यात्रा वृत्तांत, संस्मरण और समाज सुधार से संबंधित लेख शामिल हैं। उनकी भाषा सहज और बोधगम्य है।
  • निधन: 1988 में।
  • मुख्य संदेश: उनके लेखन में मानव कल्याण, सामाजिक समानता और तर्कपूर्ण चिंतन की झलक मिलती है।

पाठ का विस्तृत सार: 'संस्कृति'

यह पाठ एक निबंध है जिसमें लेखक ने संस्कृति और सभ्यता की अवधारणाओं को उदाहरणों के माध्यम से समझाने का प्रयास किया है।

  1. संस्कृति और सभ्यता क्या है?

    • लेखक के अनुसार, ये दोनों शब्द अक्सर एक ही अर्थ में प्रयोग होते हैं, लेकिन इनमें सूक्ष्म अंतर है।
    • संस्कृति (Culture): यह वह योग्यता, प्रवृत्ति या प्रेरणा है जिसके बल पर मनुष्य किसी नई चीज़ का आविष्कार या खोज करता है। उदाहरण के लिए, जिस व्यक्ति ने पहली बार आग का आविष्कार किया, उसमें आग का आविष्कार करने की जो शक्ति या योग्यता थी, वह संस्कृति है। इसी तरह, सुई-धागे का आविष्कार करने वाले व्यक्ति की योग्यता भी संस्कृति है।
    • सभ्यता (Civilization): यह संस्कृति का परिणाम है। यह उन आविष्कारों, खोजों और निर्मित वस्तुओं का समूह है जिन्हें हम अपने दैनिक जीवन में प्रयोग करते हैं और जो हमारे जीवन को स्थूल रूप से बेहतर बनाते हैं। आग का आविष्कार 'संस्कृति' है, लेकिन आग का उपयोग करके भोजन पकाना, सर्दी से बचना आदि 'सभ्यता' के अंग हैं। सुई-धागे का आविष्कार 'संस्कृति' है, लेकिन उससे बने कपड़े पहनना 'सभ्यता' है।
  2. संस्कृत व्यक्ति:

    • लेखक उस व्यक्ति को 'संस्कृत व्यक्ति' कहते हैं जो अपनी बुद्धि और विवेक से किसी नई चीज़ की खोज करता है या किसी नए तथ्य के दर्शन करता है। जैसे न्यूटन, जिसने गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत की खोज की, वह एक संस्कृत व्यक्ति था।
    • संस्कृति का हस्तांतरण होता है। जो ज्ञान या आविष्कार पूर्वजों द्वारा किया गया, उसे प्राप्त करने वाला व्यक्ति अपने पूर्वजों की भाँति सभ्य तो बन सकता है, परन्तु आवश्यक नहीं कि वह संस्कृत भी हो। संस्कृत व्यक्ति बनने के लिए स्वयं में नई खोज या आविष्कार की योग्यता होनी चाहिए।
  3. संस्कृति और सभ्यता में संबंध और अंतर:

    • संस्कृति सूक्ष्म है, सभ्यता स्थूल: संस्कृति आंतरिक योग्यता और प्रेरणा है, जबकि सभ्यता बाहरी विकास और भौतिक उन्नति का प्रतीक है।
    • संस्कृति कारण है, सभ्यता परिणाम: नई सोच या आविष्कार (संस्कृति) के कारण ही भौतिक विकास (सभ्यता) संभव होता है।
    • संस्कृति का त्याग संभव नहीं: लेखक मानते हैं कि संस्कृति त्यागी नहीं जा सकती, यह व्यक्ति के अंदर निहित होती है। सभ्यता की बाहरी वस्तुओं का त्याग किया जा सकता है।
    • उदाहरण: आग का आविष्कार संस्कृति है, आग के विविध उपयोग सभ्यता हैं। लोहे के औजार बनाना सभ्यता है, लेकिन उसे बनाने की योग्यता संस्कृति है।
  4. संस्कृति के प्रकार (आंतरिक और बाह्य):

    • लेखक संस्कृति को केवल आविष्कार तक सीमित नहीं रखते। वे कहते हैं कि कुछ मनीषी केवल भौतिक आविष्कार नहीं करते, बल्कि वे समाज और मनुष्य के कल्याण के लिए नए सिद्धांतों और दर्शनों का प्रतिपादन करते हैं (जैसे कार्ल मार्क्स, बुद्ध)। यह भी संस्कृति का ही एक रूप है, जिसे हम आध्यात्मिक या वैचारिक संस्कृति कह सकते हैं।
    • दूसरों के मुँह में कौर डालने के लिए जो अपने मुँह का कौर छोड़ देता है, वह भी एक विशेष संस्कृति का परिचायक है।
  5. असंस्कृति:

    • जब संस्कृति का उपयोग मानव कल्याण के स्थान पर मानव विनाश के लिए किया जाता है, तो वह 'असंस्कृति' बन जाती है।
    • उदाहरण: आग का उपयोग घर जलाने में करना, परमाणु शक्ति का उपयोग बम बनाने में करना असंस्कृति है। ऐसी संस्कृति कल्याणकारी नहीं होती।
  6. संस्कृति और मानव कल्याण:

    • लेखक के अनुसार, संस्कृति का विभाजन नहीं होना चाहिए। संस्कृति का एकमात्र उद्देश्य मानव कल्याण होना चाहिए।
    • संस्कृति वह योग्यता है जो मनुष्य से सर्वस्व त्याग कराती है और उसे मानव मात्र के कल्याण के लिए प्रेरित करती है। असली संस्कृत व्यक्ति वही है जो मानव कल्याण के लिए निरंतर चिंतनशील और क्रियाशील रहे।

परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण बिंदु:

  • संस्कृति और सभ्यता की परिभाषाएँ और उनके बीच का अंतर स्पष्ट रूप से समझें।
  • लेखक द्वारा दिए गए उदाहरणों (आग, सुई-धागा, न्यूटन, मार्क्स, लेनिन, बुद्ध) को याद रखें और वे किस अवधारणा को स्पष्ट करते हैं, यह समझें।
  • 'संस्कृत व्यक्ति' और 'असंस्कृति' की अवधारणाओं को स्पष्ट करें।
  • मानव कल्याण को संस्कृति का मूल आधार मानने वाले लेखक के दृष्टिकोण को समझें।
  • पाठ की भाषा और शैली पर ध्यान दें।

अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):

  1. 'संस्कृति' पाठ के लेखक कौन हैं?
    (क) यशपाल
    (ख) सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
    (ग) भदंत आनंद कौसल्यायन
    (घ) स्वयं प्रकाश

  2. लेखक के अनुसार, 'संस्कृति' क्या है?
    (क) भौतिक साधनों का संग्रह
    (ख) आविष्कार करने की योग्यता या प्रेरणा
    (ग) जीवन जीने का बाहरी तरीका
    (घ) पुरानी परंपराएँ

  3. लेखक ने 'सभ्यता' को क्या माना है?
    (क) संस्कृति का परिणाम
    (ख) संस्कृति से सूक्ष्म वस्तु
    (ग) आविष्कार करने की योग्यता
    (घ) मानव कल्याण की भावना

  4. न्यूटन को 'संस्कृत मानव' कहने का आधार क्या है?
    (क) उसका भौतिक विकास
    (ख) उसका सभ्य व्यवहार
    (ग) गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत की खोज करने की योग्यता
    (घ) उसके द्वारा बनाए गए उपकरण

  5. लेखक के अनुसार, आग का आविष्कार क्या है?
    (क) सभ्यता
    (ख) असंस्कृति
    (ग) संस्कृति
    (घ) भौतिक प्रगति

  6. जब संस्कृति का उपयोग मानव विनाश के लिए होता है, तो वह क्या कहलाती है?
    (क) सभ्यता
    (ख) प्रगति
    (ग) असंस्कृति
    (घ) भौतिक संस्कृति

  7. लेखक के अनुसार, संस्कृति का बंटवारा करने का परिणाम क्या होगा?
    (क) मानव का कल्याण
    (ख) मानव का अकल्याण
    (ग) सभ्यता का विकास
    (घ) नई खोज

  8. 'जो योग्यता किसी नई चीज़ की खोज कराती है', वह क्या है?
    (क) सभ्यता
    (ख) संस्कृति
    (ग) प्रेरणा
    (घ) ज्ञान

  9. निम्नलिखित में से कौन सा सभ्यता का उदाहरण है?
    (क) सुई-धागे का आविष्कार करने की योग्यता
    (ख) आग की खोज करने की प्रेरणा
    (ग) गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत को समझना
    (घ) आग का उपयोग करके भोजन पकाना

  10. लेखक के अनुसार, संस्कृति का अंतिम लक्ष्य क्या होना चाहिए?
    (क) भौतिक उन्नति
    (ख) नए आविष्कार
    (ग) मानव कल्याण
    (घ) परंपराओं का पालन

उत्तरमाला:

  1. (ग), 2. (ख), 3. (क), 4. (ग), 5. (ग), 6. (ग), 7. (ख), 8. (ख), 9. (घ), 10. (ग)

इन नोट्स और प्रश्नों का अच्छी तरह अध्ययन करें। यदि कोई शंका हो तो आप पूछ सकते हैं। शुभकामनाएँ!

Read more

Class 10 Hindi Notes Chapter 5 (सुमित्रानंदन पंत: पर्वत प्रदेश में प्रवास) – Sparsh Book

नमस्ते विद्यार्थियो। आज हम कक्षा १० की 'स्पर्श' पाठ्यपुस्तक के पाठ ५, सुमित्रानंदन पंत जी द्वारा रचित कविता 'पर्वत प्रदेश में पा

By Philoid