Class 10 Hindi Notes Chapter 6 (महादेवी वर्मा) – Sparsh Book
चलिए, आज हम कक्षा 10 की 'स्पर्श' पुस्तक के पाठ 6, 'महादेवी वर्मा' द्वारा रचित 'गिल्लू' रेखाचित्र का विस्तृत अध्ययन करेंगे, जो सरकारी परीक्षाओं की तैयारी के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।
पाठ 6: महादेवी वर्मा - 'गिल्लू' (रेखाचित्र)
लेखिका परिचय: महादेवी वर्मा
- जन्म: 26 मार्च 1907, फ़र्रुख़ाबाद (उत्तर प्रदेश)
- मृत्यु: 11 सितम्बर 1987, प्रयागराज (इलाहाबाद)
- मुख्य पहचान: छायावाद के चार प्रमुख स्तंभों में से एक। उन्हें 'आधुनिक युग की मीरा' भी कहा जाता है।
- प्रमुख रचनाएँ:
- काव्य संग्रह: नीहार, रश्मि, नीरजा, सांध्यगीत, दीपशिखा, यामा।
- गद्य (रेखाचित्र/संस्मरण): अतीत के चलचित्र, स्मृति की रेखाएँ, पथ के साथी, मेरा परिवार (जिसमें 'गिल्लू' संकलित है)।
- प्रमुख पुरस्कार:
- 'यामा' के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार (1982)
- पद्म भूषण (1956)
- पद्म विभूषण (1988 - मरणोपरांत)
- लेखन की विशेषताएँ:
- प्रकृति और पशु-पक्षियों के प्रति गहरा लगाव और संवेदनशीलता।
- वेदना और करुणा की प्रधानता।
- भाषा संस्कृतनिष्ठ खड़ी बोली, जिसमें चित्रात्मकता और भावुकता का सुंदर समन्वय है।
पाठ: 'गिल्लू' - एक रेखाचित्र
- विधा: रेखाचित्र (शब्दों के माध्यम से किसी व्यक्ति, वस्तु या घटना का सजीव चित्र प्रस्तुत करना)। यह महादेवी वर्मा के संस्मरण संग्रह 'मेरा परिवार' का अंश है।
- विषय: लेखिका और एक छोटी गिलहरी 'गिल्लू' के बीच विकसित हुए स्नेहपूर्ण और आत्मीय संबंध का मार्मिक चित्रण।
पाठ का विस्तृत सार:
- गिल्लू का मिलना: लेखिका को एक दिन बरामदे में गमले और दीवार के बीच एक छोटी-सी गिलहरी का बच्चा घायल अवस्था में मिला। दो कौए उसे नोच रहे थे। लेखिका उसे उठाकर अंदर ले आईं, रुई से खून पोंछा, पेन्सिलिन का मरहम लगाया और रुई की बत्ती से दूध पिलाने की कोशिश की।
- गिल्लू का उपचार और नामकरण: कई घंटों के उपचार के बाद उसके मुँह में पानी टपकाया जा सका। तीन दिन में वह स्वस्थ हो गया। लेखिका ने उसे 'गिल्लू' नाम दिया।
- गिल्लू का निवास: लेखिका ने उसे रखने के लिए एक हल्की डलिया में रुई बिछाकर उसे तार से खिड़की पर लटका दिया। वही दो साल तक गिल्लू का घर रहा।
- गिल्लू की शरारतें और खान-पान:
- जब लेखिका लिखने बैठतीं, तो गिल्लू उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए उनके पैर तक आकर सर्र से परदे पर चढ़ जाता और फिर उसी तेज़ी से उतरता।
- भूख लगने पर वह चिक-चिक की आवाज़ करता।
- उसे काजू और बिस्कुट पसंद थे। लेखिका की थाली में से चावल का एक दाना उठाकर खाना भी उसे प्रिय था।
- गिल्लू का लेखिका से लगाव:
- वह लेखिका के साथ लिफ़ाफ़े में इस तरह छिप जाता कि उसका सिर ही बाहर दिखता।
- बाहर की गिलहरियाँ खिड़की की जाली के पास आकर चिक-चिक करतीं, पर गिल्लू जाली के पास बैठकर उन्हें देखता रहता।
- लेखिका ने उसे मुक्त करने के लिए जाली का एक कोना खोल दिया, जिससे गिल्लू बाहर जाने लगा, पर शाम होते ही वापस अपने झूले में आ जाता।
- लेखिका जब मोटर-दुर्घटना में घायल होकर अस्पताल में थीं, तब गिल्लू ने अपना प्रिय भोजन काजू खाना कम कर दिया था। वह लेखिका के बिस्तर के पास आकर उनके बालों को सहलाता रहता था।
- गिल्लू का अंत:
- गिलहरियों का जीवन केवल दो वर्ष का होता है। अपने अंतिम दिनों में गिल्लू ने कुछ नहीं खाया और रात में वह लेखिका की उँगली पकड़कर झूले से उतरकर उनके बिस्तर पर आ गया और ठंडे पंजों से उनकी उँगली पकड़े रहा।
- सुबह होने पर पता चला कि गिल्लू मर चुका था।
- समाधि: लेखिका ने उसे सोनजुही की लता के नीचे समाधि दी, क्योंकि उसे वह लता सबसे अधिक प्रिय थी और लेखिका को विश्वास था कि किसी दिन गिल्लू उसी लता पर पीले फूल (पीताभ फूल) के रूप में खिलेगा।
पाठ के मुख्य बिंदु और संदेश (परीक्षा की दृष्टि से):
- पशु प्रेम: पाठ मनुष्य के पशु-पक्षियों के प्रति प्रेम और संवेदना को दर्शाता है।
- आत्मीय संबंध: यह दिखाता है कि मनुष्य और पशु के बीच भी गहरा, भावनात्मक और आत्मीय संबंध स्थापित हो सकता है।
- जीवन का चक्र: गिल्लू का छोटा जीवन (लगभग 2 वर्ष) जीवन की नश्वरता और मृत्यु की अनिवार्यता को दर्शाता है।
- संवेदनशीलता: लेखिका की सूक्ष्म दृष्टि और संवेदनशीलता ने एक साधारण गिलहरी के क्रियाकलापों को भी अत्यंत मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया है।
- रेखाचित्र शैली: शब्दों के माध्यम से गिल्लू का सजीव और भावनात्मक चित्र उकेरा गया है।
महत्वपूर्ण शब्दावली:
- सोनजुही: एक पीले फूलों वाली लता।
- काकभुशुंडी: कौआ (यहाँ अनादर सूचक)।
- समादरित/अनादरित: जिसका आदर हो / जिसका आदर न हो।
- लघुगात: छोटा शरीर।
- स्निग्ध: चिकना, मुलायम।
- मरणासन्न: मृत्यु के करीब।
- उष्णता: गरमी।
- अपवाद: नियम के विरुद्ध।
- पीताभ: पीली आभा वाला, पीलापन लिए हुए।
अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):
प्रश्न 1: महादेवी वर्मा को इनमें से किस उपाधि से जाना जाता है?
(क) भारत कोकिला
(ख) आधुनिक युग की मीरा
(ग) स्वर साम्राज्ञी
(घ) कवयित्री सम्राट
उत्तर: (ख) आधुनिक युग की मीरा
प्रश्न 2: 'गिल्लू' पाठ साहित्य की किस विधा के अंतर्गत आता है?
(क) कहानी
(ख) निबंध
(ग) रेखाचित्र
(घ) जीवनी
उत्तर: (ग) रेखाचित्र
प्रश्न 3: लेखिका को गिल्लू किस अवस्था में मिला था?
(क) खेलते हुए
(ख) सोते हुए
(ग) घायल अवस्था में
(घ) पेड़ पर चढ़ते हुए
उत्तर: (ग) घायल अवस्था में
प्रश्न 4: गिल्लू को कौन से पक्षी घायल कर रहे थे?
(क) चील
(ख) कौए
(ग) बाज
(घ) तोते
उत्तर: (ख) कौए
प्रश्न 5: लेखिका ने गिल्लू के घायल होने पर क्या लगाया?
(क) हल्दी का लेप
(ख) पेन्सिलिन का मरहम
(ग) नीम की पत्तियाँ
(घ) केवल पानी से धोया
उत्तर: (ख) पेन्सिलिन का मरहम
प्रश्न 6: गिल्लू का प्रिय खाद्य पदार्थ क्या था?
(क) रोटी
(ख) चावल
(ग) काजू
(घ) फल
उत्तर: (ग) काजू
प्रश्न 7: गिलहरियों की जीवन अवधि सामान्यतः कितने वर्ष होती है?
(क) एक वर्ष
(ख) दो वर्ष
(ग) पाँच वर्ष
(घ) सात वर्ष
उत्तर: (ख) दो वर्ष
प्रश्न 8: भूख लगने पर गिल्लू कैसी आवाज़ निकालता था?
(क) किकियाने की
(ख) गुर्राने की
(ग) चिक-चिक की
(घ) चहचहाने की
उत्तर: (ग) चिक-चिक की
प्रश्न 9: लेखिका ने गिल्लू की समाधि कहाँ बनाई?
(क) गमले में
(ख) सोनजुही की लता के नीचे
(ग) आम के पेड़ के नीचे
(घ) अपने कमरे में
उत्तर: (ख) सोनजुही की लता के नीचे
प्रश्न 10: लेखिका को क्या विश्वास था कि गिल्लू किस रूप में दोबारा मिलेगा?
(क) सोनजुही के पीले फूल के रूप में
(ख) किसी पक्षी के रूप में
(ग) किसी अन्य गिलहरी के रूप में
(घ) सपने में
उत्तर: (क) सोनजुही के पीले फूल के रूप में
इन नोट्स और प्रश्नों का अच्छे से अध्ययन करें। यह पाठ मानवीय संवेदनाओं और पशु प्रेम का उत्कृष्ट उदाहरण है और परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। शुभकामनाएँ!