Class 10 Hindi Notes Chapter 7 (वीरेन डंगवाल: तोप) – Sparsh Book

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नमस्ते विद्यार्थियों।

चलिए, आज हम कक्षा १० की 'स्पर्श' पुस्तक के सातवें पाठ, 'तोप', जिसके कवि वीरेन डंगवाल हैं, का विस्तृत अध्ययन करेंगे। यह कविता सरकारी परीक्षाओं की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें इतिहास, प्रतीक और संदेश का अनूठा संगम है।

पाठ ७: तोप (कवि: वीरेन डंगवाल)

कवि परिचय:

  • वीरेन डंगवाल (जन्म: 5 अगस्त 1947, कीर्तिनगर, टिहरी-गढ़वाल, उत्तराखंड; मृत्यु: 28 सितंबर 2015) समकालीन हिंदी कविता के एक महत्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं।
  • उनकी भाषा सरल, सहज और आम बोलचाल के करीब होते हुए भी गहरी चोट करने वाली होती है।
  • प्रमुख कृतियाँ: 'इसी दुनिया में', 'दुष्चक्र में स्रष्टा' (जिसके लिए उन्हें 2004 में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला)।
  • उनकी कविताओं में समाज के हाशिए पर खड़े लोगों, विडंबनाओं और जीवन के संघर्षों का चित्रण मिलता है।

कविता का सार:

यह कविता कानपुर के 'कंपनी बाग़' (अब गणेश शंकर विद्यार्थी उद्यान) के मुहाने पर रखी एक पुरानी तोप के माध्यम से इतिहास और वर्तमान के विरोधाभास को दर्शाती है। कवि बताते हैं कि यह तोप, जो कभी 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेज़ों द्वारा इस्तेमाल की गई एक शक्तिशाली और विनाशकारी हथियार थी, आज केवल एक प्रदर्शन की वस्तु बनकर रह गई है। जिस तोप ने अनगिनत शूरवीरों की धज्जियाँ उड़ाई थीं, आज उसी पर बच्चे घुड़सवारी करते हैं और चिड़ियाँ (विशेषकर गौरैयें) उसके अंदर घुसकर खेलती हैं या घोंसला बना लेती हैं। यह तोप हमें इतिहास की याद दिलाती है और यह संदेश देती है कि कोई भी सत्ता या शक्ति कितनी भी क्रूर और बड़ी क्यों न हो, उसका अंत निश्चित है। समय के साथ अत्याचारी शक्ति महत्वहीन हो जाती है। तोप साल में दो बार (15 अगस्त और 26 जनवरी) चमकाई जाती है, मानो वह हमें उन वीरों की याद दिला रही हो जिन्होंने देश की आज़ादी के लिए अपने प्राण न्योछावर किए और यह भी बता रही हो कि ज़ुल्म का दौर हमेशा नहीं रहता।

विस्तृत व्याख्या एवं महत्वपूर्ण बिंदु (परीक्षा की दृष्टि से):

  1. तोप का स्थान और वर्तमान स्थिति:

    • कविता में वर्णित तोप कानपुर के कंपनी बाग़ के प्रवेश द्वार पर रखी है।
    • इसे विरासत (धरोहर) के रूप में सँभाल कर रखा गया है, जैसे कंपनी बाग़ को रखा गया है।
    • सुबह-शाम बाग़ में आने वाले सैलानी इसे देखते हैं।
    • इसकी वर्तमान स्थिति अतीत के बिल्कुल विपरीत है - यह अब शक्तिहीन और सजावटी वस्तु है।
  2. तोप का ऐतिहासिक महत्व:

    • यह तोप सन् 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी है।
    • अंग्रेज़ों ने इसका प्रयोग भारतीय विद्रोहियों और स्वतंत्रता सेनानियों को कुचलने के लिए किया था।
    • कवि कहते हैं - "उड़ा दिए थे मैंने / अच्छे-अच्छे सूरमाओं के धज्जें"। यह पंक्ति तोप की तत्कालीन विध्वंसक शक्ति और क्रूरता को दर्शाती है।
  3. अतीत और वर्तमान का विरोधाभास:

    • अतीत: तोप अत्यंत शक्तिशाली, भय का प्रतीक, विनाशक।
    • वर्तमान: शक्तिहीन, खिलौना (बच्चों के लिए), पक्षियों का बसेरा, प्रदर्शन की वस्तु।
    • यह विरोधाभास कविता का केंद्रीय भाव है। यह दर्शाता है कि समय कितना बलवान है और बड़ी से बड़ी ताकत भी समय के आगे बौनी साबित होती है।
  4. प्रतीकात्मकता:

    • तोप: ब्रिटिश साम्राज्यवाद, अत्याचार, दमनकारी शक्ति और उसके अंत का प्रतीक।
    • कंपनी बाग़: अंग्रेज़ी शासन का प्रतीक।
    • बच्चे और चिड़ियाँ (गौरैयें): नई पीढ़ी, जीवन की निरंतरता, प्रकृति की विजय, निर्भयता और तोप की वर्तमान महत्वहीनता का प्रतीक। उनका तोप पर खेलना या घोंसला बनाना दर्शाता है कि अब उसका डर समाप्त हो चुका है।
  5. तोप का संदेश:

    • शक्ति का अहंकार क्षणिक है: कोई भी अत्याचारी कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, उसका अंत निश्चित है। ("कितनी ही बड़ी हो तोप / एक दिन तो होना ही है उसका मुँह बंद")
    • इतिहास से सीख: तोप हमें हमारे इतिहास, स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और अत्याचार के अंत की याद दिलाती है।
    • विरासत का महत्व: पुरानी चीज़ें हमें इतिहास से जोड़ती हैं और सबक सिखाती हैं।
    • राष्ट्रीय पर्वों पर स्मरण: साल में दो बार (स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस) इसे चमकाना इस बात का प्रतीक है कि हमें राष्ट्रीय महत्व की घटनाओं और बलिदानों को याद रखना चाहिए।
  6. काव्य सौंदर्य:

    • भाषा: खड़ी बोली हिंदी, अत्यंत सरल, सहज और प्रवाहमयी। आम बोलचाल के शब्दों का प्रयोग।
    • शैली: वर्णनात्मक और प्रतीकात्मक। कवि एक दृश्य का वर्णन करते हुए गहरे अर्थ व्यक्त करते हैं।
    • मानवीकरण अलंकार: तोप को बोलते हुए दिखाया गया है ("बताती है कि मैं बड़ी जबर थी"), जिससे मानवीकरण अलंकार का प्रयोग हुआ है।
    • बिंब: कविता में दृश्य बिंब स्पष्ट हैं (बाग़ का मुहाना, तोप, बच्चे, चिड़ियाँ)।
    • शब्द शक्ति: लक्षणा और व्यंजना का प्रयोग (तोप का 'मुँह बंद होना' सिर्फ भौतिक नहीं, बल्कि शक्तिहीन होने का भी प्रतीक है)।

परीक्षा हेतु विशेष ध्यान देने योग्य बातें:

  • कवि का नाम और उनकी शैली।
  • कविता का केंद्रीय भाव (अत्याचार का अंत, समय की प्रबलता)।
  • तोप का ऐतिहासिक संदर्भ (1857, अंग्रेज़ी शासन)।
  • तोप की वर्तमान स्थिति और उसका प्रतीकात्मक अर्थ।
  • बच्चों और चिड़ियों का तोप के प्रति व्यवहार क्या दर्शाता है?
  • तोप को कब चमकाया जाता है और क्यों?
  • कविता में प्रयुक्त भाषा और अलंकार।

अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):

प्रश्न 1: 'तोप' कविता के कवि कौन हैं?
(क) सुमित्रानंदन पंत
(ख) वीरेन डंगवाल
(ग) महादेवी वर्मा
(घ) कैफ़ी आज़मी

प्रश्न 2: कविता में वर्णित तोप कहाँ रखी हुई है?
(क) लाल किले पर
(ख) इंडिया गेट पर
(ग) कंपनी बाग़ के मुहाने पर
(घ) संग्रहालय के अंदर

प्रश्न 3: इस तोप का प्रयोग किस ऐतिहासिक घटना के संदर्भ में बताया गया है?
(क) 1947 का भारत विभाजन
(ख) 1857 का स्वतंत्रता संग्राम
(ग) जलियाँवाला बाग हत्याकांड
(घ) प्लासी का युद्ध

प्रश्न 4: वर्तमान में तोप की क्या स्थिति है?
(क) यह अभी भी युद्ध में प्रयोग होती है।
(ख) यह केवल प्रदर्शन की वस्तु बनकर रह गई है।
(ग) इसे नष्ट कर दिया गया है।
(घ) इसे किसी गुप्त स्थान पर रखा गया है।

प्रश्न 5: आजकल तोप के ऊपर कौन बैठकर घुड़सवारी करते हैं?
(क) सैनिक
(ख) बूढ़े लोग
(ग) छोटे बच्चे
(घ) विदेशी पर्यटक

प्रश्न 6: तोप के भीतर अक्सर कौन घुस जाती हैं?
(क) गिलहरियाँ
(ख) गौरैयें (चिड़ियाँ)
(ग) कबूतर
(घ) मक्खियाँ

प्रश्न 7: तोप हमें क्या संदेश देती है?
(क) हथियार हमेशा शक्तिशाली होते हैं।
(ख) इतिहास को भूल जाना चाहिए।
(ग) कितनी भी बड़ी अत्याचारी शक्ति हो, उसका अंत निश्चित है।
(घ) बाग़ की सुंदरता बनाए रखनी चाहिए।

प्रश्न 8: साल में कितनी बार तोप को चमकाया जाता है?
(क) एक बार
(ख) दो बार
(ग) हर महीने
(घ) कभी नहीं

प्रश्न 9: "उड़ा दिए थे मैंने / अच्छे-अच्छे सूरमाओं के धज्जें" - यह कथन किसका है?
(क) कवि का
(ख) कंपनी बाग़ के माली का
(ग) तोप का (प्रतीकात्मक रूप से)
(घ) किसी स्वतंत्रता सेनानी का

प्रश्न 10: कविता में 'तोप' किसका प्रतीक है?
(क) वीरता और शौर्य का
(ख) वैज्ञानिक प्रगति का
(ग) अंग्रेज़ी शासन की दमनकारी शक्ति और उसके अंत का
(घ) भारतीय संस्कृति का


उत्तरमाला:

  1. (ख)
  2. (ग)
  3. (ख)
  4. (ख)
  5. (ग)
  6. (ख)
  7. (ग)
  8. (ख)
  9. (ग)
  10. (ग)

इन नोट्स और प्रश्नों का अच्छे से अध्ययन करें। यह आपकी परीक्षा की तैयारी में सहायक सिद्ध होंगे। शुभकामनाएँ!

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