Class 10 Hindi Notes Chapter 9 (मंगलेश डबराल: संगतकार) – Kshitij-II Book

Kshitij-II
चलिए, आज हम कक्षा 10 की 'क्षितिज-भाग 2' पुस्तक के पाठ 9, 'मंगलेश डबराल' द्वारा रचित कविता 'संगतकार' का अध्ययन परीक्षा की दृष्टि से करेंगे। यह कविता उन सहायक कलाकारों के महत्व पर प्रकाश डालती है जो मुख्य कलाकार की सफलता में चुपचाप योगदान देते हैं, पर अक्सर अनदेखे रह जाते हैं।

पाठ 9: मंगलेश डबराल - संगतकार

कवि परिचय:

  • नाम: मंगलेश डबराल
  • जन्म: 16 मई 1948, काफलपानी गाँव, टिहरी गढ़वाल (उत्तराखंड)
  • शिक्षा: देहरादून में शिक्षा प्राप्त की।
  • कार्यक्षेत्र: दिल्ली आकर हिंदी पैट्रियट, प्रतिपक्ष, आसपास में काम किया। भोपाल में भारत भवन से प्रकाशित 'पूर्वग्रह' में सहायक संपादक रहे। इलाहाबाद और लखनऊ से प्रकाशित 'अमृत प्रभात' में भी नौकरी की। जनसत्ता अखबार में साहित्य संपादक का पद सँभाला। सहारा समय में संपादन कार्य किया। नेशनल बुक ट्रस्ट से भी जुड़े रहे।
  • प्रमुख कृतियाँ:
    • कविता संग्रह: पहाड़ पर लालटेन, घर का रास्ता, हम जो देखते हैं, आवाज़ भी एक जगह है, नये युग में शत्रु।
    • गद्य संग्रह: लेखक की रोटी, कवि का अकेलापन।
    • यात्रा डायरी: एक बार आयोवा।
  • पुरस्कार: साहित्य अकादमी पुरस्कार ('हम जो देखते हैं' के लिए), पहल सम्मान, श्रीकांत वर्मा पुरस्कार, शमशेर सम्मान आदि।
  • भाषा शैली: सरल, सहज, बिंबधर्मी भाषा। आम बोलचाल के शब्दों का प्रयोग। उनकी कविताओं में सामंती बोध एवं पूँजीवादी छल-छद्म का प्रतिकार स्पष्ट झलकता है।
  • निधन: 9 दिसंबर 2020

कविता का सार (परीक्षा उपयोगी बिंदु):

  1. केंद्रीय भाव: कविता 'संगतकार' मुख्य गायक का साथ देने वाले संगतकार की भूमिका के महत्व पर विचार करती है। यह दृश्य माध्यम की प्रस्तुतियों, जैसे- नाटक, फिल्म, संगीत, नृत्य आदि में सहयोगी कलाकारों के योगदान को रेखांकित करती है।
  2. संगतकार की भूमिका:
    • मुख्य गायक की भारी-भरकम आवाज़ के पीछे संगतकार अपनी सुंदर, कमजोर और काँपती हुई आवाज़ से उसका साथ देता है।
    • वह मुख्य गायक को तब सहारा देता है जब उसका स्वर भारी होने लगता है या वह गायन की जटिल तानों में खो जाता है।
    • जब मुख्य गायक का गला बैठने लगता है, प्रेरणा साथ छोड़ने लगती है, उत्साह कम होने लगता है, तब संगतकार ही अपने स्वर से उसे संभालता है और स्थायी पंक्ति को गाकर माहौल को बिखरने से बचाता है।
    • वह मुख्य गायक को उसके अकेलेपन का अहसास नहीं होने देता और उसे यह याद दिलाता है कि उसका राग अभी समाप्त नहीं हुआ है।
  3. संगतकार की विशेषताएँ:
    • समर्पण: वह पूरी तरह मुख्य गायक के प्रति समर्पित होता है।
    • विनम्रता: वह जानबूझकर अपना स्वर मुख्य गायक के स्वर से ऊँचा नहीं उठाता। यह उसकी विफलता नहीं, बल्कि उसकी मनुष्यता और समझदारी है कि वह मुख्य कलाकार की महत्ता बनाए रखता है।
    • सहयोग: उसका काम मुख्य गायक की प्रतिभा को और निखारना है, न कि अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करना।
    • अदृश्य नायक: वह पर्दे के पीछे रहकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन श्रेय उसे नहीं मिलता।
  4. प्रतीकात्मक अर्थ: संगतकार केवल संगीत का सहयोगी नहीं, बल्कि समाज के उन सभी लोगों का प्रतीक है जो किसी बड़े व्यक्ति या मुख्य कार्य की सफलता में सहायक होते हैं, पर स्वयं पृष्ठभूमि में रहते हैं (जैसे - नींव का पत्थर)।
  5. कविता का संदेश: हमें उन सभी सहायक व्यक्तियों के योगदान को पहचानना और सम्मान देना चाहिए जो किसी कार्य की सफलता के लिए चुपचाप अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। उनकी विनम्रता को उनकी कमजोरी नहीं समझना चाहिए।

काव्य सौंदर्य / शिल्प सौंदर्य:

  • भाषा: खड़ी बोली हिंदी, सरल, सहज और प्रवाहमयी।
  • शैली: वर्णनात्मक और प्रतीकात्मक।
  • बिंब: दृश्य और श्रव्य बिंबों का सुंदर प्रयोग (जैसे - 'भारी चट्टान जैसी भारी आवाज़', 'कमज़ोर काँपती हुई थी वह आवाज़')।
  • अलंकार:
    • उपमा: 'चट्टान जैसे भारी स्वर', 'जैसे वह अपना सरगम लाँघकर चला जाता हो भटकता हुआ एक अनहद में', 'जैसे मुख्य गायक का छोटा भाई हो', 'जैसे उसे याद दिलाता हो उसका बचपन'।
    • पुनरुक्ति प्रकाश: 'स्थायी को जब बार-बार गाकर'।
    • अनुप्रास: अनेक पंक्तियों में वर्णों की आवृत्ति।
  • शब्द चयन: आम बोलचाल के शब्दों के साथ तत्सम शब्दों (जैसे - अनहद, तार सप्तक) का प्रयोग।
  • लय और प्रवाह: कविता में एक संगीतात्मक लय और प्रवाह है।

महत्वपूर्ण शब्दार्थ:

  • संगतकार: मुख्य गायक के साथ गायन करने वाला या वाद्य बजाने वाला सहायक कलाकार।
  • गरज: ऊँची, गंभीर आवाज़।
  • तार सप्तक: संगीत में ऊँचे स्वर (सातों स्वरों का समूह)।
  • अंतरा: गीत का स्थायी या टेक को छोड़कर बीच का चरण।
  • अनहद: योग साधना की एक अवस्था जहाँ असीम नाद सुनाई देता है; यहाँ अर्थ है - गायन के सुरों से कहीं दूर भटक जाना।
  • स्थायी: गीत की वह पंक्ति जो बार-बार दोहराई जाती है (टेक)।
  • ढाँढ़स बँधाना: सांत्वना देना, तसल्ली देना।
  • नौसिखिया: जिसने अभी सीखना आरम्भ किया हो।

परीक्षा की दृष्टि से महत्व:

यह पाठ समकालीन कविता का उदाहरण है जो समाज के उपेक्षित वर्ग या सहायक भूमिका निभाने वालों के महत्व को उजागर करता है। इससे कवि के जीवन परिचय, कविता के मूल भाव, संगतकार की भूमिका, प्रतीकात्मक अर्थ और काव्य सौंदर्य से संबंधित प्रश्न पूछे जा सकते हैं।


अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):

प्रश्न 1: 'संगतकार' कविता के कवि कौन हैं?
(A) सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
(B) मंगलेश डबराल
(C) ऋतुराज
(D) जयशंकर प्रसाद

प्रश्न 2: संगतकार की आवाज़ कैसी बताई गई है?
(A) भारी और दमदार
(B) कर्कश और बेसुरी
(C) सुंदर, कमजोर और काँपती हुई
(D) ऊँची और तेज

प्रश्न 3: मुख्य गायक की 'गरज' में संगतकार अपनी 'गूँज' क्यों मिलाता है?
(A) अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए
(B) मुख्य गायक से प्रतिस्पर्धा करने के लिए
(C) मुख्य गायक को सहारा देने और उसके स्वर को बल देने के लिए
(D) दर्शकों का ध्यान खींचने के लिए

प्रश्न 4: 'तार सप्तक' में गाते समय मुख्य गायक को क्या कठिनाई हो सकती है?
(A) उसका गला बैठने लगता है और प्रेरणा साथ छोड़ने लगती है
(B) वह शब्दों का अर्थ भूल जाता है
(C) वह वाद्य यंत्र बजाना भूल जाता है
(D) उसे नींद आने लगती है

प्रश्न 5: संगतकार जानबूझकर अपना स्वर मुख्य गायक से ऊँचा क्यों नहीं रखता?
(A) क्योंकि उसकी आवाज़ अच्छी नहीं है
(B) क्योंकि उसे ऊँचा गाना नहीं आता
(C) क्योंकि वह मुख्य गायक का सम्मान करता है और उसकी महत्ता बनाए रखना चाहता है
(D) क्योंकि उसे डर लगता है

प्रश्न 6: कविता में 'यह उसकी मनुष्यता समझी जानी चाहिए' - पंक्ति किसके लिए कही गई है?
(A) मुख्य गायक के लिए
(B) संगतकार के लिए
(C) कवि के लिए
(D) श्रोताओं के लिए

प्रश्न 7: जब मुख्य गायक 'अंतरे की जटिल तानों के जंगल में' खो जाता है, तब संगतकार क्या करता है?
(A) गाना बंद कर देता है
(B) मुख्य गायक को डाँटता है
(C) स्थायी पंक्ति को गाकर स्थिति को सँभालता है
(D) स्वयं मुख्य गायक बन जाता है

प्रश्न 8: कविता के अनुसार, संगतकार मुख्य गायक का कौन हो सकता है?
(A) उसका प्रतिद्वंद्वी
(B) उसका गुरु
(C) उसका छोटा भाई या शिष्य
(D) उसका प्रशंसक

प्रश्न 9: मंगलेश डबराल का जन्म कहाँ हुआ था?
(A) वाराणसी, उत्तर प्रदेश
(B) जयपुर, राजस्थान
(C) टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड
(D) भोपाल, मध्य प्रदेश

प्रश्न 10: 'संगतकार' कविता मुख्य रूप से किस बात पर बल देती है?
(A) मुख्य गायक की महानता पर
(B) संगीत की जटिलता पर
(C) सहायक कलाकारों के महत्व और उनके योगदान पर
(D) गायन प्रतियोगिता के नियमों पर


उत्तर कुंजी:

  1. (B)
  2. (C)
  3. (C)
  4. (A)
  5. (C)
  6. (B)
  7. (C)
  8. (C)
  9. (C)
  10. (C)

इन नोट्स और प्रश्नों का अच्छे से अध्ययन करें। यह आपको परीक्षा में 'संगतकार' पाठ से संबंधित प्रश्नों को हल करने में निश्चित रूप से मदद करेगा। शुभकामनाएँ!

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