Class 10 Mathematics Notes Chapter 1 (Chapter 1) – Examplar Problems (Hindi) Book

Examplar Problems (Hindi)
नमस्ते विद्यार्थियों।

आज हम कक्षा 10 गणित की एक्सेम्पलर पुस्तक के पहले अध्याय - वास्तविक संख्याएँ (Real Numbers) - का विस्तृत अध्ययन करेंगे। यह अध्याय सरकारी परीक्षाओं की तैयारी के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि संख्या पद्धति (Number System) से संबंधित प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं। एक्सेम्पलर के प्रश्न आपकी अवधारणाओं को और मजबूत करते हैं।

अध्याय 1: वास्तविक संख्याएँ - विस्तृत नोट्स

इस अध्याय में हम मुख्य रूप से यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका, अंकगणित की आधारभूत प्रमेय, अपरिमेय संख्याओं और परिमेय संख्याओं के दशमलव प्रसार के बारे में पढ़ेंगे।

1. यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका (Euclid's Division Lemma)

  • कथन: दो धनात्मक पूर्णांक 'a' और 'b' दिए रहने पर, ऐसी अद्वितीय पूर्ण संख्याएँ 'q' (भागफल) और 'r' (शेषफल) विद्यमान हैं कि:
    a = bq + r, जहाँ 0 ≤ r < b
  • अर्थ: किसी धनात्मक पूर्णांक 'a' को किसी अन्य धनात्मक पूर्णांक 'b' से विभाजित करने पर शेषफल 'r' हमेशा भाजक 'b' से छोटा होगा और शून्य के बराबर या उससे बड़ा हो सकता है।
  • अनुप्रयोग: इस प्रमेयिका का मुख्य उपयोग दो धनात्मक पूर्णांकों का महत्तम समापवर्तक (HCF) ज्ञात करने के लिए यूक्लिड विभाजन एल्गोरिथ्म में किया जाता है।

2. यूक्लिड विभाजन एल्गोरिथ्म (Euclid's Division Algorithm)

यह यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका पर आधारित एक तकनीक है जिसका उपयोग दो धनात्मक पूर्णांकों, मान लीजिए 'c' और 'd' (जहाँ c > d), का HCF ज्ञात करने के लिए किया जाता है। इसके चरण हैं:
* चरण 1: 'c' और 'd' के लिए यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग कीजिए। हमें पूर्ण संख्याएँ 'q' और 'r' ऐसी प्राप्त होती हैं कि c = dq + r, 0 ≤ r < d.
* चरण 2: यदि r = 0 है, तो 'd' ही पूर्णांकों 'c' और 'd' का HCF है।
* चरण 3: यदि r ≠ 0 है, तो 'd' और 'r' के लिए यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग कीजिए।
* चरण 4: इस प्रक्रिया को तब तक जारी रखिए जब तक शेषफल शून्य न प्राप्त हो जाए। इस स्थिति में प्राप्त भाजक ही अभीष्ट HCF होगा।

  • उदाहरण: 135 और 225 का HCF ज्ञात करना।
    • 225 = 135 × 1 + 90 (r ≠ 0)
    • 135 = 90 × 1 + 45 (r ≠ 0)
    • 90 = 45 × 2 + 0 (r = 0)
    • अंतिम भाजक 45 है, अतः HCF(225, 135) = 45.

3. अंकगणित की आधारभूत प्रमेय (Fundamental Theorem of Arithmetic)

  • कथन: प्रत्येक भाज्य संख्या को अभाज्य संख्याओं के एक गुणनफल के रूप में व्यक्त (गुणनखंडित) किया जा सकता है, तथा यह गुणनखंडन अभाज्य गुणनखंडों के आने वाले क्रम के बिना अद्वितीय होता है।

  • अर्थ: किसी भी भाज्य संख्या (Composite Number) को अभाज्य संख्याओं (Prime Numbers) की घातों के गुणनफल के रूप में लिखने का केवल एक ही तरीका है (यदि हम क्रम पर ध्यान न दें)।

  • उदाहरण: 36 = 2 × 2 × 3 × 3 = 2² × 3²

  • अनुप्रयोग:

    • अभाज्य गुणनखंडन विधि द्वारा दो या दो से अधिक पूर्णांकों का HCF और LCM ज्ञात करना।
      • HCF: दी गई संख्याओं के प्रत्येक उभयनिष्ठ अभाज्य गुणनखंड की सबसे छोटी घात का गुणनफल।
      • LCM: दी गई संख्याओं में सम्मिलित प्रत्येक अभाज्य गुणनखंड की सबसे बड़ी घात का गुणनफल।
    • किसी संख्या के परिमेय या अपरिमेय होने की जाँच करना (जैसे √2 अपरिमेय है)।
    • परिमेय संख्याओं के दशमलव प्रसार की प्रकृति का पता लगाना।
  • महत्वपूर्ण संबंध: किन्हीं दो धनात्मक पूर्णांकों 'a' और 'b' के लिए:
    HCF(a, b) × LCM(a, b) = a × b
    (यह संबंध केवल दो संख्याओं के लिए सत्य है।)

4. अपरिमेय संख्याएँ (Irrational Numbers)

  • वे संख्याएँ जिन्हें p/q के रूप में नहीं लिखा जा सकता, जहाँ p और q पूर्णांक हैं तथा q ≠ 0, अपरिमेय संख्याएँ कहलाती हैं।
  • उदाहरण: √2, √3, √5, π, 0.101101110... (असांत अनावर्ती दशमलव)
  • गुणधर्म:
    • एक परिमेय और एक अपरिमेय संख्या का योग या अंतर अपरिमेय होता है।
    • एक शून्येतर परिमेय और एक अपरिमेय संख्या का गुणनफल या भागफल अपरिमेय होता है।
    • दो अपरिमेय संख्याओं का योग, अंतर, गुणनफल या भागफल परिमेय या अपरिमेय कुछ भी हो सकता है।
  • सिद्ध करना: हम विरोधाभास (Contradiction) विधि का उपयोग करके सिद्ध करते हैं कि √2, √3 आदि अपरिमेय हैं।

5. परिमेय संख्याओं का दशमलव प्रसार (Decimal Expansions of Rational Numbers)

माना x = p/q एक परिमेय संख्या है, जहाँ p और q सह-अभाज्य (Co-prime) हैं तथा q ≠ 0।

  • प्रमेय 1: यदि q का अभाज्य गुणनखंडन 2ⁿ5ᵐ के रूप का है, जहाँ n और m ऋणेतर पूर्णांक (non-negative integers) हैं, तो x का दशमलव प्रसार सांत (Terminating) होता है।
    • उदाहरण: 13/80 = 13/(2⁴ × 5¹) - यहाँ हर 2ⁿ5ᵐ के रूप का है, अतः दशमलव प्रसार सांत होगा (13/80 = 0.1625)।
  • प्रमेय 2: यदि q का अभाज्य गुणनखंडन 2ⁿ5ᵐ के रूप का नहीं है (अर्थात, q के अभाज्य गुणनखंडन में 2 और 5 के अतिरिक्त कोई अन्य अभाज्य गुणनखंड भी है), तो x का दशमलव प्रसार असांत आवर्ती (Non-terminating repeating) होता है।
    • उदाहरण: 1/7 - यहाँ हर (7) 2ⁿ5ᵐ के रूप का नहीं है, अतः दशमलव प्रसार असांत आवर्ती होगा (1/7 = 0.142857142857...)।

परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण बिंदु:

  • यूक्लिड विभाजन एल्गोरिथ्म से HCF ज्ञात करने के चरण स्पष्ट होने चाहिए।
  • अंकगणित की आधारभूत प्रमेय का कथन और अनुप्रयोग (HCF/LCM) अच्छी तरह समझें।
  • HCF × LCM = संख्याओं का गुणनफल (केवल दो संख्याओं के लिए) सूत्र पर आधारित प्रश्न हल करने का अभ्यास करें।
  • किसी परिमेय संख्या के हर को देखकर उसके दशमलव प्रसार (सांत या असांत आवर्ती) की प्रकृति बताना आना चाहिए।
  • अपरिमेय संख्याओं की पहचान और उनके मूल गुणधर्म याद रखें।
  • एक्सेम्पलर में दिए गए थोड़े जटिल HCF/LCM के शाब्दिक प्रश्न (Word Problems) हल करने का अभ्यास करें।

अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):

प्रश्न 1: यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका के अनुसार, दो धनात्मक पूर्णांक a और b के लिए, अद्वितीय पूर्णांक q और r इस प्रकार मौजूद हैं कि a = bq + r, जहाँ r संतुष्ट करता है:
(a) 1 < r < b
(b) 0 ≤ r < b
(c) 0 < r ≤ b
(d) 0 ≤ r ≤ b

प्रश्न 2: यदि दो धनात्मक पूर्णांकों p और q को p = ab² और q = a³b के रूप में व्यक्त किया जा सकता है, जहाँ a और b अभाज्य संख्याएँ हैं, तो LCM(p, q) है:
(a) ab
(b) a²b²
(c) a³b²
(d) a³b³

प्रश्न 3: संख्या (√3 + √5)² है:
(a) एक परिमेय संख्या
(b) एक अपरिमेय संख्या
(c) एक पूर्णांक
(d) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न 4: दो संख्याओं का HCF 27 है और उनका LCM 162 है। यदि एक संख्या 54 है, तो दूसरी संख्या है:
(a) 36
(b) 45
(c) 9
(d) 81

प्रश्न 5: परिमेय संख्या 14587 / 1250 का दशमलव प्रसार निम्नलिखित में से किस दशमलव स्थान के बाद समाप्त हो जाएगा?
(a) 1
(b) 2
(c) 3
(d) 4

प्रश्न 6: अंकगणित की आधारभूत प्रमेय के अनुसार, निम्नलिखित में से कौन सी संख्या अभाज्य संख्याओं के गुणनफल के रूप में अद्वितीय रूप से व्यक्त की जा सकती है?
(a) केवल अभाज्य संख्याएँ
(b) केवल भाज्य संख्याएँ
(c) सभी धनात्मक पूर्णांक
(d) सभी वास्तविक संख्याएँ

प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन सी संख्या अपरिमेय है?
(a) √16
(b) √(12/3)
(c) √12
(d) √100

प्रश्न 8: वह सबसे छोटी संख्या कौन सी है जो 1 से 10 तक की सभी संख्याओं (दोनों सम्मिलित) से विभाज्य है?
(a) 10
(b) 100
(c) 504
(d) 2520

प्रश्न 9: यदि n कोई धनात्मक पूर्णांक है, तो 3⁴ⁿ - 4³ⁿ हमेशा किससे विभाज्य होता है?
(a) 7
(b) 17
(c) 112
(d) 145

प्रश्न 10: परिमेय संख्या 7 / (2² × 5³) का दशमलव प्रसार है:
(a) सांत
(b) असांत
(c) असांत आवर्ती
(d) असांत अनावर्ती


उत्तरमाला (MCQs):

  1. (b) 0 ≤ r < b (यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका की परिभाषा)
  2. (c) a³b² (LCM के लिए प्रत्येक अभाज्य गुणनखंड की उच्चतम घात लेते हैं: a की उच्चतम घात 3, b की उच्चतम घात 2)
  3. (b) एक अपरिमेय संख्या ((√3 + √5)² = 3 + 5 + 2√15 = 8 + 2√15, जो अपरिमेय है)
  4. (d) 81 (HCF × LCM = संख्या1 × संख्या2 => 27 × 162 = 54 × संख्या2 => संख्या2 = (27 × 162) / 54 = 81)
  5. (d) 4 (1250 = 2 × 625 = 2¹ × 5⁴। हर में 2 और 5 की उच्चतम घात 4 है, अतः दशमलव 4 स्थानों के बाद समाप्त होगा।)
  6. (b) केवल भाज्य संख्याएँ (प्रमेय भाज्य संख्याओं के गुणनखंडन के बारे में है)
  7. (c) √12 (√12 = 2√3, जो अपरिमेय है। √16=4, √(12/3)=√4=2, √100=10)
  8. (d) 2520 (हमें 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 का LCM ज्ञात करना है। LCM(1..10) = 2³ × 3² × 5 × 7 = 8 × 9 × 5 × 7 = 2520)
  9. (b) 17 (n=1 के लिए, 3⁴ - 4³ = 81 - 64 = 17. n=2 के लिए, 3⁸ - 4⁶ = (3⁴)² - (4³)² = (81)² - (64)² = (81-64)(81+64) = 17 × 145. यह a⁴ⁿ - b³ⁿ नहीं है, बल्कि (3⁴)ⁿ - (4³)ⁿ = 81ⁿ - 64ⁿ है। aⁿ - bⁿ हमेशा a-b से विभाज्य होता है, अतः 81ⁿ - 64ⁿ हमेशा 81-64 = 17 से विभाज्य है।)
  10. (a) सांत (हर 2² × 5³ है, जो 2ⁿ5ᵐ के रूप का है।)

इन नोट्स और प्रश्नों का ध्यानपूर्वक अध्ययन करें। शुभकामनाएँ!

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