Class 10 Mathematics Notes Chapter 11 (रचनाएँ) – Ganit Book

Ganit
नमस्ते विद्यार्थियों!

आज हम कक्षा 10 गणित के अध्याय 11 'रचनाएँ' (Constructions) का अध्ययन करेंगे। यह अध्याय ज्यामिति (Geometry) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और सरकारी परीक्षाओं में अक्सर इससे संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। इसमें हम सीखेंगे कि ज्यामितीय आकृतियों को केवल पैमाने (ruler) और परकार (compass) का उपयोग करके कैसे बनाया जाता है। अच्छी रचना के लिए सफाई और सटीकता बहुत ज़रूरी है।

मुख्य रचनाएँ और उनके चरण:

इस अध्याय में मुख्य रूप से तीन प्रकार की रचनाएँ हैं:

1. एक दिए गए रेखाखंड को दिए गए अनुपात में विभाजित करना:

  • उद्देश्य: एक रेखाखंड AB को m:n के अनुपात में विभाजित करने वाले बिंदु P को ज्ञात करना।
  • रचना के चरण:
    1. एक रेखाखंड AB खींचिए (दी गई लंबाई का, यदि दी हो)।
    2. बिंदु A से, AB के साथ एक न्यून कोण (acute angle) बनाती हुई कोई किरण AX खींचिए।
    3. किरण AX पर परकार की सहायता से (m + n) बराबर चाप लगाइए। इन बिंदुओं को A₁, A₂, ..., A<0xE2><0x82><0x98>₊<0xE2><0x82><0x99> नाम दीजिए, जहाँ AA₁ = A₁A₂ = ... = A<0xE2><0x82><0x98>₊<0xE2><0x82><0x99>₋₁A<0xE2><0x82><0x98>₊<0xE2><0x82><0x99> हो।
    4. बिंदु A<0xE2><0x82><0x98>₊<0xE2><0x82><0x99> को बिंदु B से मिलाइए।
    5. बिंदु A<0xE2><0x82><0x98> से, रेखा A<0xE2><0x82><0x98>₊<0xE2><0x82><0x99>B के समांतर एक रेखा खींचिए (इसके लिए ∠AA<0xE2><0x82><0x98>₊<0xE2><0x82><0x99>B के बराबर कोण बिंदु A<0xE2><0x82><0x98> पर बनाइए)। यह रेखा AB को बिंदु P पर प्रतिच्छेद करेगी।
    6. बिंदु P ही अभीष्ट बिंदु है जो रेखाखंड AB को m:n के अनुपात में विभाजित करता है, अर्थात AP : PB = m : n.
  • औचित्य (Justification): यह रचना आधारभूत समानुपातिकता प्रमेय (थेल्स प्रमेय - BPT) पर आधारित है। त्रिभुज AA<0xE2><0x82><0x98>₊<0xE2><0x82><0x99>B में, A<0xE2><0x82><0x98>P || A<0xE2><0x82><0x98>₊<0xE2><0x82><0x99>B है। अतः, AA<0xE2><0x82><0x98> / A<0xE2><0x82><0x98>A<0xE2><0x82><0x98>₊<0xE2><0x82><0x99> = AP / PB. चूँकि AA<0xE2><0x82><0x98> = m भाग और A<0xE2><0x82><0x98>A<0xE2><0x82><0x98>₊<0xE2><0x82><0x99> = n भाग हैं, इसलिए AP / PB = m / n.

2. दिए गए वृत्त पर उसके बाहर स्थित एक बिंदु से स्पर्श रेखाओं की रचना करना:

  • उद्देश्य: केंद्र O वाले वृत्त के बाहर स्थित बिंदु P से वृत्त पर स्पर्श रेखाएँ खींचना।
  • रचना के चरण:
    1. एक वृत्त खींचिए जिसका केंद्र O है (त्रिज्या दी गई हो तो उसका प्रयोग करें)। वृत्त के बाहर एक बिंदु P अंकित कीजिए।
    2. P को O से मिलाइए। रेखाखंड PO का लंब समद्विभाजक (perpendicular bisector) खींचिए। मान लीजिए यह समद्विभाजक PO को बिंदु M पर काटता है।
    3. M को केंद्र मानकर तथा MP (या MO) त्रिज्या लेकर एक वृत्त खींचिए। यह वृत्त दिए गए वृत्त को दो बिंदुओं Q और R पर प्रतिच्छेद करेगा।
    4. P को Q से और P को R से मिलाइए।
    5. PQ और PR ही बिंदु P से दिए गए वृत्त पर अभीष्ट स्पर्श रेखाएँ हैं।
  • औचित्य (Justification): PO को व्यास मानकर खींचा गया वृत्त दिए गए वृत्त को Q और R पर काटता है। ∠PQO और ∠PRO अर्धवृत्त में बने कोण हैं, अतः ये समकोण (90°) हैं। चूँकि OQ और OR वृत्त की त्रिज्याएँ हैं और PQ तथा PR इन त्रिज्याओं पर क्रमशः Q और R पर लंब हैं, इसलिए PQ और PR वृत्त की स्पर्श रेखाएँ हैं। हम यह भी जानते हैं कि बाह्य बिंदु से वृत्त पर खींची गई स्पर्श रेखाओं की लंबाइयाँ बराबर होती हैं (PQ = PR)।

3. दिए गए त्रिभुज के समरूप एक त्रिभुज की रचना करना (दिए गए स्केल गुणक के अनुसार):

  • उद्देश्य: एक दिए गए त्रिभुज ABC के समरूप एक ऐसे त्रिभुज की रचना करना जिसकी भुजाएँ त्रिभुज ABC की संगत भुजाओं की m/n गुनी हों (स्केल गुणक m/n)।
  • स्थितियाँ:
    • स्थिति 1: स्केल गुणक < 1 (m < n): बनने वाला त्रिभुज दिए गए त्रिभुज से छोटा होगा।
    • स्थिति 2: स्केल गुणक > 1 (m > n): बनने वाला त्रिभुज दिए गए त्रिभुज से बड़ा होगा।
  • रचना के चरण (उदाहरण m/n = 3/4, स्थिति 1):
    1. दिया गया त्रिभुज ABC बनाइए।
    2. शीर्ष B से, भुजा BC के नीचे की ओर एक न्यून कोण बनाती हुई किरण BX खींचिए।
    3. किरण BX पर परकार की सहायता से 4 (m और n में से जो बड़ा हो) बराबर चाप लगाइए: B₁, B₂, B₃, B₄.
    4. B₄ (n-वाँ बिंदु) को C से मिलाइए।
    5. B₃ (m-वाँ बिंदु) से, B₄C के समांतर एक रेखा खींचिए जो BC को C' पर प्रतिच्छेद करे।
    6. बिंदु C' से, भुजा CA के समांतर एक रेखा खींचिए जो भुजा BA को A' पर प्रतिच्छेद करे।
    7. त्रिभुज A'BC' ही अभीष्ट त्रिभुज है जो ΔABC के समरूप है तथा जिसकी भुजाएँ ΔABC की संगत भुजाओं की 3/4 गुनी हैं।
  • रचना के चरण (उदाहरण m/n = 5/3, स्थिति 2):
    1. दिया गया त्रिभुज ABC बनाइए।
    2. शीर्ष B से, भुजा BC के नीचे की ओर एक न्यून कोण बनाती हुई किरण BX खींचिए।
    3. किरण BX पर परकार की सहायता से 5 (m और n में से जो बड़ा हो) बराबर चाप लगाइए: B₁, B₂, B₃, B₄, B₅.
    4. B₃ (n-वाँ बिंदु) को C से मिलाइए।
    5. B₅ (m-वाँ बिंदु) से, B₃C के समांतर एक रेखा खींचिए। इसके लिए BC को आगे बढ़ाइए और यह समांतर रेखा बढ़ी हुई BC को C' पर प्रतिच्छेद करेगी।
    6. बिंदु C' से, भुजा CA के समांतर एक रेखा खींचिए। इसके लिए BA को आगे बढ़ाइए और यह समांतर रेखा बढ़ी हुई BA को A' पर प्रतिच्छेद करेगी।
    7. त्रिभुज A'BC' ही अभीष्ट त्रिभुज है जो ΔABC के समरूप है तथा जिसकी भुजाएँ ΔABC की संगत भुजाओं की 5/3 गुनी हैं।
  • औचित्य (Justification): दोनों स्थितियों में, समांतर रेखाएँ खींचने के कारण और आधारभूत समानुपातिकता प्रमेय (BPT) के प्रयोग से, संगत भुजाएँ समान अनुपात में विभाजित होती हैं, जिससे बनने वाला त्रिभुज मूल त्रिभुज के समरूप (AA समरूपता कसौटी) होता है और भुजाओं का अनुपात दिए गए स्केल गुणक (m/n) के बराबर होता है।

परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण बिंदु:

  • रचना करते समय पेंसिल बारीक और नुकीली रखें।
  • परकार और पैमाने का सही उपयोग करें। चाप और रेखाएँ स्पष्ट होनी चाहिए।
  • रचना के चरण लिखने के लिए कहा जाए तो स्पष्ट और क्रमबद्ध रूप से लिखें।
  • जहाँ आवश्यक हो, रचना का औचित्य समझने का प्रयास करें, इससे गलती की संभावना कम होती है।
  • सरकारी परीक्षाओं के लिए, विशिष्ट परीक्षा के पाठ्यक्रम (syllabus) की जाँच अवश्य करें, क्योंकि कभी-कभी कुछ विषय पाठ्यक्रम से हटा दिए जाते हैं। (जैसे नई NCERT पुस्तकों में यह अध्याय हटाया गया है, पर कई प्रतियोगी परीक्षाओं में यह अभी भी प्रासंगिक है)।

अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):

  1. एक दिए गए रेखाखंड AB को 3:5 के अनुपात में विभाजित करने के लिए, एक किरण AX इस प्रकार खींची जाती है कि ∠BAX एक न्यून कोण हो। किरण AX पर अंकित किए जाने वाले बराबर चापों की न्यूनतम संख्या क्या है?
    (a) 3
    (b) 5
    (c) 8
    (d) 2

  2. एक रेखाखंड को 4:7 के अनुपात में विभाजित करने के लिए, किरण AX पर A₁ , A₂, A₃,... बिंदु अंकित किए जाते हैं। रेखाखंड के अंत बिंदु B को किस बिंदु से मिलाया जाएगा?
    (a) A₄
    (b) A₇
    (c) A₁₁
    (d) A₃

  3. किसी बाह्य बिंदु P से केंद्र O वाले वृत्त पर खींची गई स्पर्श रेखाओं PA और PB के बीच का कोण 80° है। ∠POA का मान क्या है?
    (a) 40°
    (b) 50°
    (c) 80°
    (d) 100°

  4. केंद्र O वाले वृत्त के बाह्य बिंदु P से स्पर्श रेखाएँ खींचने के लिए, पहला चरण OP को मिलाना है। अगला चरण क्या है?
    (a) P को केंद्र मानकर वृत्त खींचना
    (b) OP का लंब समद्विभाजक खींचना
    (c) O को केंद्र मानकर वृत्त खींचना
    (d) OP के समांतर रेखा खींचना

  5. एक त्रिभुज ABC के समरूप एक त्रिभुज की रचना करनी है जिसकी भुजाएँ ΔABC की संगत भुजाओं की 7/4 गुनी हों। किरण BX पर न्यून कोण बनाते हुए कितने बराबर चाप लगाए जाएँगे?
    (a) 4
    (b) 7
    (c) 11
    (d) 3

  6. ΔPQR ~ ΔP'QR' बनाने के लिए स्केल गुणक 5/8 है। यदि PQ = 6 सेमी है, तो P'Q की लंबाई क्या होगी?
    (a) 3.75 सेमी
    (b) 9.6 सेमी
    (c) 4.8 सेमी
    (d) 7.5 सेमी

  7. एक वृत्त पर किसी बाह्य बिंदु से कितनी स्पर्श रेखाएँ खींची जा सकती हैं?
    (a) 1
    (b) 2
    (c) 0
    (d) अपरिमित

  8. यदि आप एक त्रिभुज ABC के समरूप एक त्रिभुज A'BC' की रचना स्केल गुणक 8/5 से करते हैं, तो त्रिभुज A'BC' होगा:
    (a) ΔABC से छोटा
    (b) ΔABC के बराबर
    (c) ΔABC से बड़ा
    (d) ΔABC के सर्वांगसम

  9. रेखाखंड AB = 10 सेमी को 2:3 में विभाजित करने वाले बिंदु P के लिए, AP की लंबाई क्या होगी?
    (a) 4 सेमी
    (b) 6 सेमी
    (c) 2 सेमी
    (d) 3 सेमी

  10. किसी वृत्त की स्पर्श रेखा और त्रिज्या के बीच स्पर्श बिंदु पर बना कोण होता है:
    (a) 45°
    (b) 60°
    (c) 90°
    (d) 180°

उत्तरमाला (MCQs):

  1. (c) 8 (क्योंकि m+n = 3+5 = 8)
  2. (c) A₁₁ (क्योंकि m+n = 4+7 = 11, और अंतिम बिंदु को B से मिलाते हैं)
  3. (b) 50° (∠APB = 80°, तो ∠AOB = 180°-80°=100°. ΔAPO ≅ ΔBPO, इसलिए ∠POA = ∠POB = 100°/2 = 50°)
  4. (b) OP का लंब समद्विभाजक खींचना
  5. (b) 7 (स्केल गुणक m/n में m और n में से जो बड़ा हो, उतने चाप लगते हैं)
  6. (a) 3.75 सेमी (P'Q = (5/8) * PQ = (5/8) * 6 = 30/8 = 3.75)
  7. (b) 2
  8. (c) ΔABC से बड़ा (क्योंकि स्केल गुणक 8/5 > 1)
  9. (a) 4 सेमी (AP = (2/(2+3)) * 10 = (2/5) * 10 = 4)
  10. (c) 90°

इन रचनाओं का अच्छी तरह अभ्यास करें और चरणों को याद रखें। सरकारी परीक्षाओं में सफलता के लिए शुभकामनाएँ!

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