Class 10 Mathematics Notes Chapter 14 (सांख्यिकी) – Ganit Book

नमस्ते विद्यार्थियों! आज हम कक्षा 10 के गणित विषय के अध्याय 14, 'सांख्यिकी' का अध्ययन करेंगे। यह अध्याय सरकारी परीक्षाओं की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि आँकड़ों का विश्लेषण और उनसे निष्कर्ष निकालना आजकल हर क्षेत्र में आवश्यक है। चलिए, इसके मुख्य बिंदुओं को विस्तार से समझते हैं।
अध्याय 14: सांख्यिकी (Statistics) - विस्तृत नोट्स
1. परिचय (Introduction)
सांख्यिकी गणित की वह शाखा है जिसमें आँकड़ों (Data) का संग्रह, संगठन, प्रस्तुतीकरण, विश्लेषण और निर्वचन (interpretation) किया जाता है। हमारे दैनिक जीवन में और विभिन्न सरकारी योजनाओं में आँकड़ों का बहुत महत्व है।
2. आँकड़ों का प्रस्तुतीकरण (Presentation of Data)
- अवर्गीकृत आँकड़े (Ungrouped Data): ये वे आँकड़े होते हैं जो अपने मूल रूप में होते हैं, जैसे किसी कक्षा के 10 विद्यार्थियों के अंक: 5, 7, 8, 5, 6, 7, 9, 7, 8, 6.
 - वर्गीकृत आँकड़े (Grouped Data): जब आँकड़ों की संख्या बहुत अधिक होती है, तो उन्हें समझने योग्य बनाने के लिए समूहों या वर्गों में बाँटा जाता है।
- बारंबारता बंटन सारणी (Frequency Distribution Table): इसमें आँकड़ों को वर्गों में बाँटकर प्रत्येक वर्ग में आने वाले आँकड़ों की संख्या (बारंबारता - frequency) लिखी जाती है।
 - वर्ग अंतराल (Class Interval): आँकड़ों को जिन समूहों में बाँटा जाता है, जैसे 10-20, 20-30।
 - निम्न वर्ग सीमा (Lower Class Limit): वर्ग अंतराल की छोटी संख्या (जैसे 10-20 में 10)।
 - उच्च वर्ग सीमा (Upper Class Limit): वर्ग अंतराल की बड़ी संख्या (जैसे 10-20 में 20)।
 - वर्ग माप या वर्ग चौड़ाई (Class Size or Class Width 'h'): उच्च वर्ग सीमा - निम्न वर्ग सीमा (जैसे 20 - 10 = 10)।
 - वर्ग चिह्न (Class Mark 'xᵢ'): (उच्च वर्ग सीमा + निम्न वर्ग सीमा) / 2 (जैसे (10+20)/2 = 15)। यह वर्ग का मध्य बिंदु होता है।
 
 
3. केंद्रीय प्रवृत्ति के माप (Measures of Central Tendency)
ये वे मान हैं जो आँकड़ों के समूह का प्रतिनिधित्व करते हैं और आँकड़ों के केंद्र के आसपास केंद्रित होते हैं। मुख्य माप हैं: माध्य, बहुलक और माध्यक।
(i) माध्य (Mean)
माध्य, जिसे औसत भी कहते हैं, सभी प्रेक्षणों के योग को प्रेक्षणों की कुल संख्या से भाग देने पर प्राप्त होता है।
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अवर्गीकृत आँकड़ों का माध्य:
माध्य (x̄) = (सभी प्रेक्षणों का योग) / (प्रेक्षणों की कुल संख्या) = Σxᵢ / n - 
वर्गीकृत आँकड़ों का माध्य:
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प्रत्यक्ष विधि (Direct Method): जब आँकड़े और बारंबारताएं छोटी हों।
माध्य (x̄) = Σfᵢxᵢ / Σfᵢ
जहाँ, fᵢ = i-वें वर्ग की बारंबारता, xᵢ = i-वें वर्ग का वर्ग चिह्न, Σfᵢ = कुल बारंबारता (N)। - 
कल्पित माध्य विधि (Assumed Mean Method): जब xᵢ और fᵢ के मान बड़े हों।
माध्य (x̄) = a + (Σfᵢdᵢ / Σfᵢ)
जहाँ, a = कल्पित माध्य (आमतौर पर बीच के किसी वर्ग का xᵢ), dᵢ = xᵢ - a (विचलन)। - 
पग विचलन विधि (Step Deviation Method): जब dᵢ के मान बड़े हों और सभी में एक उभयनिष्ठ गुणनखंड (h) हो।
माध्य (x̄) = a + h × (Σfᵢuᵢ / Σfᵢ)
जहाँ, a = कल्पित माध्य, h = वर्ग माप, uᵢ = (xᵢ - a) / h = dᵢ / h. 
 - 
 
(ii) बहुलक (Mode)
बहुलक वह मान होता है जिसकी बारंबारता सबसे अधिक होती है।
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अवर्गीकृत आँकड़ों का बहुलक: सबसे अधिक बार आने वाला प्रेक्षण। एक आँकड़े के समूह में एक से अधिक बहुलक भी हो सकते हैं।
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वर्गीकृत आँकड़ों का बहुलक:
पहले बहुलक वर्ग (Modal Class) ज्ञात करते हैं - वह वर्ग जिसकी बारंबारता सबसे अधिक होती है।
बहुलक = l + [(f₁ - f₀) / (2f₁ - f₀ - f₂)] × h
जहाँ,
l = बहुलक वर्ग की निम्न सीमा
h = वर्ग अंतराल की माप (वर्ग चौड़ाई)
f₁ = बहुलक वर्ग की बारंबारता
f₀ = बहुलक वर्ग से ठीक पहले वाले वर्ग की बारंबारता
f₂ = बहुलक वर्ग के ठीक बाद वाले वर्ग की बारंबारता 
(iii) माध्यक (Median)
माध्यक दिए हुए प्रेक्षणों का वह मान होता है जो आँकड़ों को ठीक दो बराबर भागों में विभाजित करता है, जब आँकड़ों को आरोही (ascending) या अवरोही (descending) क्रम में व्यवस्थित किया गया हो।
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अवर्गीकृत आँकड़ों का माध्यक:
- आँकड़ों को आरोही या अवरोही क्रम में लिखें।
 - यदि प्रेक्षणों की संख्या n विषम है, तो माध्यक = [(n+1)/2]-वाँ प्रेक्षण।
 - यदि प्रेक्षणों की संख्या n सम है, तो माध्यक = [(n/2)-वाँ प्रेक्षण + ((n/2)+1)-वाँ प्रेक्षण] / 2
 
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वर्गीकृत आँकड़ों का माध्यक:
- संचयी बारंबारता (Cumulative Frequency - cf) सारणी बनाएँ।
 - n = Σfᵢ (कुल बारंबारता) ज्ञात करें। n/2 ज्ञात करें।
 - माध्यक वर्ग (Median Class) ज्ञात करें - वह वर्ग जिसकी संचयी बारंबारता n/2 से ठीक अधिक या उसके बराबर हो।
 - सूत्र का प्रयोग करें:
माध्यक = l + [(n/2 - cf) / f] × h
जहाँ,
l = माध्यक वर्ग की निम्न सीमा
n = प्रेक्षणों की संख्या (Σfᵢ)
cf = माध्यक वर्ग से ठीक पहले वाले वर्ग की संचयी बारंबारता
f = माध्यक वर्ग की बारंबारता
h = वर्ग माप 
 
4. केंद्रीय प्रवृत्ति के मापों के बीच आनुभविक संबंध (Empirical Relationship)
सामान्यतः (मध्यम रूप से विषम बंटनों के लिए), माध्य, माध्यक और बहुलक के बीच एक संबंध होता है:
3 माध्यक = बहुलक + 2 माध्य
(3 Median = Mode + 2 Mean)
इस सूत्र का उपयोग तब किया जा सकता है जब इनमें से कोई दो मान ज्ञात हों और तीसरा ज्ञात करना हो।
5. संचयी बारंबारता बंटन का आलेखीय निरूपण (Graphical Representation of Cumulative Frequency Distribution) - तोरण (Ogive)
संचयी बारंबारता बंटनों को आलेखीय रूप में निरूपित किया जा सकता है, जिसे तोरण कहते हैं।
- 
'से कम' प्रकार का तोरण (Less than type ogive): इसमें वर्ग अंतरालों की उच्च सीमाओं को x-अक्ष पर और संगत संचयी बारंबारताओं को y-अक्ष पर लेकर बिंदु आलेखित किए जाते हैं और उन्हें एक मुक्त हस्त वक्र (smooth freehand curve) से मिलाया जाता है।
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'से अधिक' प्रकार का तोरण (More than type ogive): इसमें वर्ग अंतरालों की निम्न सीमाओं को x-अक्ष पर और संगत 'से अधिक' वाली संचयी बारंबारताओं को y-अक्ष पर लेकर बिंदु आलेखित किए जाते हैं और उन्हें एक मुक्त हस्त वक्र से मिलाया जाता है।
 - 
तोरण से माध्यक ज्ञात करना:
- यदि केवल एक ('से कम' प्रकार) तोरण बनाया गया है, तो y-अक्ष पर n/2 मान ज्ञात करें। इस बिंदु से x-अक्ष के समांतर एक रेखा खींचें जो तोरण को जिस बिंदु पर काटती है, उस बिंदु से x-अक्ष पर लंब डालें। x-अक्ष पर यह लंब जिस बिंदु पर मिलता है, वही माध्यक होता है।
 - यदि दोनों प्रकार के तोरण ('से कम' और 'से अधिक') एक ही आलेख पर बनाए गए हैं, तो वे जिस बिंदु पर प्रतिच्छेद करते हैं, उस बिंदु का x-निर्देशांक ही माध्यक होता है।
 
 
सरकारी परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण बिंदु:
- माध्य, माध्यक और बहुलक ज्ञात करने के सूत्र और उनकी शर्तें याद रखें।
 - प्रत्यक्ष विधि, कल्पित माध्य विधि और पग विचलन विधि का उपयोग कब और कैसे करना है, यह समझें।
 - वर्गीकृत आँकड़ों के लिए बहुलक और माध्यक ज्ञात करने के लिए बहुलक वर्ग और माध्यक वर्ग की पहचान करना सीखें।
 - सूत्रों में l, h, f₁, f₀, f₂, cf, f के अर्थ स्पष्ट रूप से समझें।
 - 3 माध्यक = बहुलक + 2 माध्य संबंध पर आधारित प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं।
 - तोरण की मूल अवधारणा और उससे माध्यक कैसे ज्ञात किया जाता है, यह समझें।
 
अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):
प्रश्न 1: प्रथम पाँच प्राकृत संख्याओं का माध्य क्या है?
(क) 2
(ख) 3
(ग) 4
(घ) 2.5
प्रश्न 2: आँकड़ों 2, 3, 4, 5, 0, 1, 3, 3, 4, 3 का बहुलक है:
(क) 4
(ख) 0
(ग) 3
(घ) 2
प्रश्न 3: यदि कुछ आँकड़ों का माध्य 15 और माध्यक 16 है, तो उनका बहुलक (अनुभवजन्य संबंध का उपयोग करके) लगभग होगा:
(क) 17
(ख) 18
(ग) 19
(घ) 14
प्रश्न 4: वर्ग अंतराल 10-25 का वर्ग चिह्न है:
(क) 10
(ख) 25
(ग) 15
(घ) 17.5
प्रश्न 5: माध्य ज्ञात करने की 'पग विचलन विधि' में, uᵢ = ?
(क) xᵢ - a
(ख) (xᵢ - a) / h
(ग) xᵢ + a
(घ) (xᵢ + a) / h
प्रश्न 6: किसी बारंबारता बंटन के लिए, माध्यक ज्ञात करने हेतु खींचा गया आलेख कहलाता है:
(क) आयतचित्र (Histogram)
(ख) बारंबारता बहुभुज (Frequency Polygon)
(ग) तोरण (Ogive)
(घ) दण्ड आलेख (Bar graph)
प्रश्न 7: दिए गए बारंबारता बंटन में, किस वर्ग की संचयी बारंबारता का उपयोग माध्यक की गणना में किया जाता है?
(क) माध्यक वर्ग
(ख) माध्यक वर्ग से ठीक पहले वाले वर्ग
(ग) माध्यक वर्ग के ठीक बाद वाले वर्ग
(घ) किसी भी वर्ग
प्रश्न 8: बहुलक वर्ग वह वर्ग होता है जिसकी:
(क) बारंबारता सबसे कम हो
(ख) बारंबारता सबसे अधिक हो
(ग) संचयी बारंबारता सबसे अधिक हो
(घ) वर्ग चिह्न सबसे अधिक हो
प्रश्न 9: आँकड़ों 5, 7, 9, 11, 13 का माध्यक है:
(क) 7
(ख) 9
(ग) 11
(घ) 8
प्रश्न 10: यदि Σfᵢ = 50 और Σfᵢxᵢ = 2500, तो प्रत्यक्ष विधि से माध्य (x̄) क्या होगा?
(क) 25
(ख) 50
(ग) 100
(घ) 5
उत्तरमाला (MCQs):
- (ख) 3 [ (1+2+3+4+5)/5 = 15/5 = 3 ]
 - (ग) 3 [ 3 सबसे अधिक (4 बार) आया है ]
 - (ख) 18 [ बहुलक = 3 माध्यक - 2 माध्य = 3(16) - 2(15) = 48 - 30 = 18 ]
 - (घ) 17.5 [ (10+25)/2 = 35/2 = 17.5 ]
 - (ख) (xᵢ - a) / h
 - (ग) तोरण (Ogive)
 - (ख) माध्यक वर्ग से ठीक पहले वाले वर्ग [ सूत्र में 'cf' यही होता है ]
 - (ख) बारंबारता सबसे अधिक हो
 - (ख) 9 [ आँकड़े क्रम में हैं, n=5 (विषम), माध्यक = (5+1)/2 = तीसरा पद = 9 ]
 - (ख) 50 [ माध्य = Σfᵢxᵢ / Σfᵢ = 2500 / 50 = 50 ]
 
इन नोट्स का अच्छे से अध्ययन करें और दिए गए प्रश्नों का अभ्यास करें। सूत्रों को याद करना और उनका सही अनुप्रयोग समझना अत्यंत महत्वपूर्ण है। शुभकामनाएँ!