Class 10 Mathematics Notes Chapter 2 (Chapter 2) – Examplar Problems (Hindi) Book

नमस्ते विद्यार्थियों!
आज हम कक्षा 10 के गणित विषय के NCERT Exemplar के अध्याय 2, 'बहुपद' (Polynomials) का अध्ययन करेंगे। यह अध्याय सरकारी परीक्षाओं की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है। आइए, इसके मुख्य बिंदुओं को विस्तार से समझें।
अध्याय 2: बहुपद (Polynomials) - विस्तृत नोट्स
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बहुपद की परिभाषा:
- चर 'x' में एक बहुपद, p(x) = a_n x^n + a_{n-1} x^{n-1} + ... + a_1 x + a_0 के रूप का एक बीजीय व्यंजक होता है, जहाँ a_0, a_1, ..., a_n वास्तविक संख्याएँ हैं, a_n ≠ 0, और 'n' एक ऋणेतर पूर्णांक (non-negative integer, यानि 0, 1, 2, 3, ...) है।
 - पद (Terms): बहुपद के वे भाग जो '+' या '-' चिन्हों द्वारा अलग किए जाते हैं (जैसे a_n x^n, a_{n-1} x^{n-1}, आदि)।
 - गुणांक (Coefficients): प्रत्येक पद में चर राशि के साथ गुणा की गई संख्या (जैसे a_n, a_{n-1}, आदि)। a_0 को अचर पद कहते हैं।
 - बहुपद की घात (Degree): बहुपद में चर की उच्चतम घात 'n' को बहुपद की घात कहते हैं।
 - उदाहरण: बहुपद 5x³ - 2x² + 7x - 3 में, पद 5x³, -2x², 7x, -3 हैं; गुणांक 5, -2, 7, -3 हैं; और घात 3 है।
 - ध्यान दें: व्यंजक जैसे √x (x की घात 1/2), 1/x (x की घात -1), x⁻² आदि बहुपद नहीं हैं, क्योंकि इनमें चर की घात ऋणेतर पूर्णांक नहीं है।
 
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बहुपद के प्रकार:
- घात के आधार पर:
- रैखिक बहुपद (Linear Polynomial): घात 1 (मानक रूप: ax + b, जहाँ a ≠ 0)।
 - द्विघात बहुपद (Quadratic Polynomial): घात 2 (मानक रूप: ax² + bx + c, जहाँ a ≠ 0)।
 - त्रिघात बहुपद (Cubic Polynomial): घात 3 (मानक रूप: ax³ + bx² + cx + d, जहाँ a ≠ 0)।
 
 - पदों की संख्या के आधार पर:
- एकपदी (Monomial): केवल एक पद (जैसे: 7x², 5)।
 - द्विपद (Binomial): दो पद (जैसे: x + 1, 3x² - 5)।
 - त्रिपद (Trinomial): तीन पद (जैसे: x² + 2x + 1)।
 
 
 - घात के आधार पर:
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बहुपद के शून्यक (Zeroes of a Polynomial):
- एक वास्तविक संख्या 'k' बहुपद p(x) का शून्यक कहलाती है यदि p(k) = 0 हो।
 - सरल शब्दों में, चर का वह मान जो बहुपद में रखने पर बहुपद का मान शून्य कर दे, शून्यक कहलाता है।
 - उदाहरण: p(x) = x² - 4 के लिए, p(2) = 2² - 4 = 0 और p(-2) = (-2)² - 4 = 0। अतः 2 और -2 बहुपद p(x) के शून्यक हैं।
 
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शून्यकों का ज्यामितीय अर्थ:
- किसी बहुपद p(x) के शून्यक, y = p(x) के ग्राफ और x-अक्ष के प्रतिच्छेदन बिंदुओं के x-निर्देशांक होते हैं।
 - रैखिक बहुपद (ax+b): इसका ग्राफ एक सरल रेखा होता है जो x-अक्ष को ठीक एक बिंदु (-b/a, 0) पर काटता है। अतः इसका केवल एक शून्यक (-b/a) होता है।
 - द्विघात बहुपद (ax²+bx+c): इसका ग्राफ एक परवलय (Parabola) होता है।
- यदि a > 0, परवलय ऊपर की ओर खुला (∪) होता है।
 - यदि a < 0, परवलय नीचे की ओर खुला (∩) होता है।
 - यह ग्राफ x-अक्ष को अधिकतम दो बिंदुओं पर काट सकता है (दो भिन्न शून्यक), एक बिंदु पर स्पर्श कर सकता है (दो समान शून्यक), या बिल्कुल नहीं काट सकता (कोई वास्तविक शून्यक नहीं)। अतः द्विघात बहुपद के अधिकतम 2 शून्यक होते हैं।
 
 - त्रिघात बहुपद: इसके ग्राफ के आधार पर, इसके अधिकतम 3 शून्यक हो सकते हैं।
 
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शून्यकों और गुणांकों के बीच संबंध:
- रैखिक बहुपद (ax + b):
- शून्यक = -b/a = -(अचर पद) / (x का गुणांक)
 
 - द्विघात बहुपद (ax² + bx + c):
- माना शून्यक α (अल्फा) और β (बीटा) हैं।
 - शून्यकों का योग (Sum of zeroes): α + β = -b/a = -(x का गुणांक) / (x² का गुणांक)
 - शून्यकों का गुणनफल (Product of zeroes): αβ = c/a = (अचर पद) / (x² का गुणांक)
 
 - त्रिघात बहुपद (ax³ + bx² + cx + d): (Exemplar और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण)
- माना शून्यक α, β, और γ (गामा) हैं।
 - α + β + γ = -b/a
 - αβ + βγ + γα = c/a
 - αβγ = -d/a
 
 
 - रैखिक बहुपद (ax + b):
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दिए गए शून्यकों से बहुपद बनाना:
- द्विघात बहुपद: यदि शून्यक α और β ज्ञात हों, तो बहुपद निम्न रूप का होता है:
p(x) = k [x² - (α + β)x + αβ]
जहाँ k कोई भी शून्येतर वास्तविक संख्या है (सामान्यतः k = 1 लेते हैं)।
अर्थात्: x² - (शून्यकों का योग)x + (शून्यकों का गुणनफल) - त्रिघात बहुपद: यदि शून्यक α, β, γ ज्ञात हों:
p(x) = k [x³ - (α + β + γ)x² + (αβ + βγ + γα)x - αβγ] 
 - द्विघात बहुपद: यदि शून्यक α और β ज्ञात हों, तो बहुपद निम्न रूप का होता है:
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बहुपदों के लिए विभाजन एल्गोरिथम (Division Algorithm for Polynomials):
- यदि p(x) और g(x) दो बहुपद हैं, जहाँ g(x) ≠ 0, तो हम ऐसे बहुपद q(x) (भागफल) और r(x) (शेषफल) ज्ञात कर सकते हैं कि:
p(x) = g(x) × q(x) + r(x)
जहाँ या तो r(x) = 0 है या शेषफल r(x) की घात < भाजक g(x) की घात। - यह प्रक्रिया सामान्य लंबी भाग विधि जैसी ही है।
 - उपयोग: यदि किसी बहुपद p(x) (घात ≥ 2) का एक शून्यक 'k' ज्ञात है, तो (x - k) उसका एक गुणनखंड होगा। हम p(x) को (x - k) से भाग देकर भागफल q(x) प्राप्त कर सकते हैं। फिर p(x) = (x - k)q(x)। p(x) के शेष शून्यक, भागफल q(x) के शून्यक होंगे, जिन्हें हम आसानी से ज्ञात कर सकते हैं (विशेषकर यदि q(x) द्विघात है)।
 
 - यदि p(x) और g(x) दो बहुपद हैं, जहाँ g(x) ≠ 0, तो हम ऐसे बहुपद q(x) (भागफल) और r(x) (शेषफल) ज्ञात कर सकते हैं कि:
 
परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण बिंदु:
- शून्यकों और गुणांकों के बीच संबंध (विशेषकर द्विघात के लिए) पर आधारित प्रश्न।
 - दिए गए शून्यकों से बहुपद का निर्माण।
 - विभाजन एल्गोरिथम का प्रयोग करके शेषफल ज्ञात करना या अन्य शून्यक ज्ञात करना।
 - ग्राफ देखकर शून्यकों की संख्या बताना।
 - किसी व्यंजक के बहुपद होने की शर्त।
 
अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):
प्रश्न 1: निम्न में से कौन सा व्यंजक एक बहुपद है?
(a) x² + 1/x²
(b) √2x³ - 3x + 5
(c) (x-1)/(x+1)
(d) x^(3/2) + 4
प्रश्न 2: द्विघात बहुपद 2x² - 8x + 6 के शून्यकों का गुणनफल है:
(a) -4
(b) 4
(c) 3
(d) -3
प्रश्न 3: यदि द्विघात बहुपद (k-1)x² + kx + 1 का एक शून्यक -3 है, तो k का मान है:
(a) 4/3
(b) -4/3
(c) 2/3
(d) -2/3
प्रश्न 4: बहुपद p(x) = x³ - x के शून्यक हैं:
(a) 0, 1, 1
(b) 0, -1, -1
(c) 0, 1, -1
(d) केवल 0
प्रश्न 5: एक द्विघात बहुपद बनाइए जिसके शून्यकों का योग 0 तथा गुणनफल -5 है।
(a) x² - 5
(b) x² + 5
(c) x² - 5x
(d) x² + 5x
प्रश्न 6: यदि बहुपद p(x) का ग्राफ x-अक्ष को तीन भिन्न बिंदुओं पर काटता है, तो p(x) के शून्यकों की संख्या क्या है?
(a) 1
(b) 2
(c) 3
(d) निर्धारित नहीं किया जा सकता
प्रश्न 7: यदि α और β बहुपद x² + x - 2 के शून्यक हैं, तो 1/α + 1/β का मान है:
(a) -1/2
(b) 1/2
(c) 1
(d) -1
प्रश्न 8: यदि बहुपद x³ - 3x² + x + 1 के शून्यक a-b, a, a+b हैं, तो 'a' का मान है:
(a) -1
(b) 1
(c) 3
(d) -3
प्रश्न 9: बहुपद 3x³ + x² + 2x + 5 को x² + 2x + 1 से भाग देने पर शेषफल क्या होगा?
(a) 9x + 10
(b) -9x + 10
(c) 9x - 10
(d) -9x - 10
प्रश्न 10: यदि द्विघात बहुपद ax² + bx + c, (a≠0) के दोनों शून्यक ऋणात्मक हों, तो:
(a) a, b, c सभी के चिह्न समान होते हैं।
(b) a और b के चिह्न समान होते हैं, परन्तु c का विपरीत होता है।
(c) a और c के चिह्न समान होते हैं, परन्तु b का विपरीत होता है।
(d) b और c के चिह्न समान होते हैं, परन्तु a का विपरीत होता है।
उत्तरमाला (MCQs):
- (b) (क्योंकि अन्य विकल्पों में चर की घात ऋणेतर पूर्णांक नहीं है)
 - (c) (गुणनफल = c/a = 6/2 = 3)
 - (a) (p(-3) = 0 रखने पर, (k-1)(-3)² + k(-3) + 1 = 0 => 9(k-1) - 3k + 1 = 0 => 9k - 9 - 3k + 1 = 0 => 6k - 8 = 0 => k = 8/6 = 4/3)
 - (c) (p(x) = x(x²-1) = x(x-1)(x+1)। शून्यक निकालने के लिए p(x)=0 रखें, अतः x=0, x=1, x=-1)
 - (a) (बहुपद = x² - (योग)x + (गुणनफल) = x² - (0)x + (-5) = x² - 5)
 - (c) (ग्राफ x-अक्ष को जितने बिंदुओं पर काटता है, उतने ही शून्यक होते हैं)
 - (b) (α+β = -1/1 = -1, αβ = -2/1 = -2। 1/α + 1/β = (β+α)/αβ = -1/-2 = 1/2)
 - (b) (शून्यकों का योग = (a-b) + a + (a+b) = 3a। सूत्र से योग = -(-3)/1 = 3। अतः 3a = 3 => a = 1)
 - (a) (लंबी भाग विधि का प्रयोग करें:
3x - 5 ____________ 
x²+2x+1 | 3x³ +  x² + 2x + 5
-(3x³ + 6x² + 3x)
________________
-5x² -  x + 5
-(-5x² -10x - 5)
________________
9x + 10
```
शेषफल = 9x + 10)
10. (a) (यदि दोनों शून्यक α, β ऋणात्मक हैं, तो α+β ऋणात्मक होगा और αβ धनात्मक होगा। α+β = -b/a < 0 => b/a > 0 (अर्थात a और b के चिह्न समान)। αβ = c/a > 0 (अर्थात a और c के चिह्न समान)। अतः a, b, c तीनों के चिह्न समान होंगे।)
इन नोट्स और प्रश्नों का अच्छे से अभ्यास करें। यदि कोई शंका हो तो पूछने में संकोच न करें। शुभकामनाएँ!