Class 10 Mathematics Notes Chapter 8 (Chapter 8) – Examplar Problems (Hindi) Book
चलिए, आज हम कक्षा 10 गणित एक्सेम्पलर के अध्याय 8, 'त्रिकोणमिति का परिचय', के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे जो सरकारी परीक्षाओं की तैयारी के लिए बहुत उपयोगी होंगे। यह अध्याय त्रिकोणमिति की नींव रखता है, और इससे संबंधित प्रश्न अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं।
अध्याय 8: त्रिकोणमिति का परिचय - विस्तृत नोट्स
1. भूमिका (Introduction):
त्रिकोणमिति गणित की वह शाखा है जिसमें त्रिभुज की भुजाओं और कोणों के बीच संबंधों का अध्ययन किया जाता है, विशेषकर समकोण त्रिभुजों का।
2. त्रिकोणमितीय अनुपात (Trigonometric Ratios):
एक समकोण त्रिभुज ABC में, कोण C समकोण है (∠C = 90°)। कोण A के संदर्भ में:
- लम्ब (Perpendicular): कोण A की सम्मुख भुजा (BC)
- आधार (Base): कोण A की संलग्न भुजा (AC)
- कर्ण (Hypotenuse): समकोण की सम्मुख भुजा (AB) (यह त्रिभुज की सबसे लंबी भुजा होती है)
कोण A के लिए छः त्रिकोणमितीय अनुपात परिभाषित हैं:
- साइन (sine A) या sin A = लम्ब / कर्ण = BC / AB
- कोसाइन (cosine A) या cos A = आधार / कर्ण = AC / AB
- टैनजेंट (tangent A) या tan A = लम्ब / आधार = BC / AC
- कोसैकेंट (cosecant A) या cosec A = कर्ण / लम्ब = AB / BC = 1 / sin A
- सैकेंट (secant A) या sec A = कर्ण / आधार = AB / AC = 1 / cos A
- कोटैनजेंट (cotangent A) या cot A = आधार / लम्ब = AC / BC = 1 / tan A
महत्वपूर्ण संबंध:
- tan A = sin A / cos A
- cot A = cos A / sin A
- cosec A = 1 / sin A
- sec A = 1 / cos A
- cot A = 1 / tan A
ध्यान दें: त्रिकोणमितीय अनुपात केवल कोण के मान पर निर्भर करते हैं, त्रिभुज के आकार पर नहीं। यदि कोण समान रहता है, तो अनुपात भी समान रहेगा, चाहे त्रिभुज कितना भी बड़ा या छोटा क्यों न हो।
3. कुछ विशिष्ट कोणों के त्रिकोणमितीय अनुपात (Trigonometric Ratios of Some Specific Angles):
कुछ कोणों (0°, 30°, 45°, 60°, 90°) के त्रिकोणमितीय अनुपातों के मान याद रखना बहुत महत्वपूर्ण है।
कोण (A) | sin A | cos A | tan A | cosec A | sec A | cot A |
---|---|---|---|---|---|---|
0° | 0 | 1 | 0 | अपरिभाषित | 1 | अपरिभाषित |
30° | 1/2 | √3/2 | 1/√3 | 2 | 2/√3 | √3 |
45° | 1/√2 | 1/√2 | 1 | √2 | √2 | 1 |
60° | √3/2 | 1/2 | √3 | 2/√3 | 2 | 1/√3 |
90° | 1 | 0 | अपरिभाषित | 1 | अपरिभाषित | 0 |
(अपरिभाषित = Not Defined)
याद रखने की युक्तियाँ:
- sin के मान याद करें (0, 1/2, 1/√2, √3/2, 1) और cos के लिए इन्हें उल्टे क्रम में लिखें।
- tan = sin/cos का प्रयोग करें।
- cosec, sec, cot क्रमशः sin, cos, tan के व्युत्क्रम (reciprocal) होते हैं।
4. पूरक कोणों के त्रिकोणमितीय अनुपात (Trigonometric Ratios of Complementary Angles):
दो कोण पूरक कहलाते हैं यदि उनका योग 90° हो। यदि A एक न्यून कोण है, तो (90° - A) उसका पूरक कोण है।
- sin (90° - A) = cos A
- cos (90° - A) = sin A
- tan (90° - A) = cot A
- cot (90° - A) = tan A
- sec (90° - A) = cosec A
- cosec (90° - A) = sec A
उदाहरण: sin 65° = sin (90° - 25°) = cos 25°; tan 40° = cot 50°
5. त्रिकोणमितीय सर्वसमिकाएँ (Trigonometric Identities):
एक समीकरण जो कोण के सभी मानों के लिए सत्य होता है (जिनके लिए त्रिकोणमितीय अनुपात परिभाषित हैं), सर्वसमिका कहलाता है।
तीन मूल सर्वसमिकाएँ हैं:
- sin² A + cos² A = 1
- इससे प्राप्त: sin² A = 1 - cos² A और cos² A = 1 - sin² A
- 1 + tan² A = sec² A (A ≠ 90°)
- इससे प्राप्त: sec² A - tan² A = 1 और tan² A = sec² A - 1
- 1 + cot² A = cosec² A (A ≠ 0°)
- इससे प्राप्त: cosec² A - cot² A = 1 और cot² A = cosec² A - 1
इन सर्वसमिकाओं का उपयोग त्रिकोणमितीय व्यंजकों को सरल बनाने और अन्य संबंधों को सिद्ध करने में किया जाता है।
सरकारी परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण बिंदु:
- सभी त्रिकोणमितीय अनुपातों की परिभाषा और उनके आपसी संबंध स्पष्ट होने चाहिए।
- विशिष्ट कोणों (0°, 30°, 45°, 60°, 90°) के मान कंठस्थ होने चाहिए।
- पूरक कोणों के सूत्रों का प्रयोग करने वाले प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं (जैसे: sin 18° / cos 72° का मान ज्ञात करना)।
- तीनों मूल सर्वसमिकाओं और उनके परिवर्तित रूपों का उपयोग करके व्यंजकों को सरल करना या समीकरण सिद्ध करना महत्वपूर्ण है।
- प्रश्नों में अक्सर इन सभी अवधारणाओं का मिश्रण होता है।
अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):
प्रश्न 1: यदि cos A = 4/5 है, तो tan A का मान क्या है?
(a) 3/5
(b) 3/4
(c) 4/3
(d) 5/3
प्रश्न 2: 9 sec² A - 9 tan² A का मान बराबर है:
(a) 1
(b) 9
(c) 8
(d) 0
प्रश्न 3: (1 + tan θ + sec θ) (1 + cot θ - cosec θ) का मान बराबर है:
(a) 0
(b) 1
(c) 2
(d) -1
प्रश्न 4: sin 2A = 2 sin A सत्य होता है जब A बराबर है:
(a) 0°
(b) 30°
(c) 45°
(d) 60°
प्रश्न 5: यदि sin θ = cos θ है, तो θ का मान (0° ≤ θ ≤ 90°) क्या है?
(a) 0°
(b) 30°
(c) 45°
(d) 60°
प्रश्न 6: tan 48° tan 23° tan 42° tan 67° का मान है:
(a) 0
(b) 1
(c) 2
(d) √3
प्रश्न 7: यदि ΔABC में, ∠C = 90°, तो sin (A + B) का मान है:
(a) 0
(b) 1/2
(c) 1/√2
(d) 1
प्रश्न 8: (sec A + tan A) (1 – sin A) का मान बराबर है:
(a) sec A
(b) sin A
(c) cosec A
(d) cos A
प्रश्न 9: cos 0° + sin 30° + sin 45° का मान है:
(a) 1 + √2 / 2
(b) 3/2 + 1/√2
(c) 1 + 1/2 + 1/√2
(d) 1 + 1/2 + √2
प्रश्न 10: यदि sin A = 1/2 है, तो cot A का मान है:
(a) √3
(b) 1/√3
(c) √3/2
(d) 1
उत्तरमाला (MCQs):
- (b) 3/4 [संकेत: आधार=4, कर्ण=5, तो लम्ब = √(5²-4²) = 3. tan A = लम्ब/आधार = 3/4]
- (b) 9 [संकेत: 9(sec² A - tan² A) = 9(1) = 9]
- (c) 2 [संकेत: sin, cos में बदलकर सरल करें]
- (a) 0° [संकेत: sin (2×0°) = sin 0° = 0; 2 sin 0° = 2×0 = 0]
- (c) 45° [संकेत: sin θ = cos θ => tan θ = 1 => θ = 45°]
- (b) 1 [संकेत: tan 48° = cot 42°, tan 23° = cot 67°. व्यंजक = cot 42° cot 67° tan 42° tan 67° = (cot 42° tan 42°) (cot 67° tan 67°) = 1 × 1 = 1]
- (d) 1 [संकेत: ΔABC में, A + B + C = 180°. C = 90° => A + B = 90°. sin (A + B) = sin 90° = 1]
- (d) cos A [संकेत: (1/cos A + sin A/cos A) (1 – sin A) = ((1+sin A)/cos A) (1 – sin A) = (1 - sin² A) / cos A = cos² A / cos A = cos A]
- (c) 1 + 1/2 + 1/√2 [संकेत: cos 0°=1, sin 30°=1/2, sin 45°=1/√2. योग = 1 + 1/2 + 1/√2]
- (a) √3 [संकेत: sin A = 1/2 => A = 30°. cot A = cot 30° = √3]
इन नोट्स का अच्छी तरह अध्ययन करें और दिए गए प्रश्नों का अभ्यास करें। त्रिकोणमिति में सफलता के लिए सूत्रों को याद रखना और उनका सही अनुप्रयोग करना आवश्यक है। नियमित अभ्यास करते रहें!