Class 10 Mathematics Notes Chapter 8 (त्रिकोणमिति का परिचय) – Ganit Book

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नमस्ते विद्यार्थियों!

आज हम कक्षा 10 के गणित विषय के अध्याय 8, 'त्रिकोणमिति का परिचय' (Introduction to Trigonometry) का अध्ययन करेंगे। यह अध्याय न केवल आपकी बोर्ड परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि विभिन्न सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी एक आधारशिला है। आइए, इसके मुख्य बिंदुओं को विस्तार से समझें।

अध्याय 8: त्रिकोणमिति का परिचय - विस्तृत नोट्स

  1. भूमिका (Introduction):

    • 'त्रिकोणमिति' गणित की वह शाखा है जिसमें त्रिभुज की भुजाओं और कोणों के बीच के संबंधों का अध्ययन किया जाता है।
    • 'Trigonometry' शब्द ग्रीक शब्दों 'Tri' (अर्थात् तीन), 'gon' (अर्थात् भुजा) और 'metron' (अर्थात् माप) से मिलकर बना है।
    • मुख्य रूप से, हम यहाँ समकोण त्रिभुज के संदर्भ में अध्ययन करेंगे।
  2. समकोण त्रिभुज की मूल बातें (Basics of a Right-angled Triangle):

    • एक त्रिभुज जिसमें एक कोण 90° का होता है, समकोण त्रिभुज कहलाता है।
    • 90° के कोण के सामने वाली भुजा को कर्ण (Hypotenuse) कहते हैं। यह त्रिभुज की सबसे लंबी भुजा होती है।
    • जिन दो न्यून कोणों (acute angles, < 90°) पर हम विचार करते हैं, उनमें से किसी एक कोण (माना θ) के संदर्भ में:
      • कोण θ की सम्मुख भुजा (Opposite side) को लम्ब (Perpendicular) कहा जाता है।
      • कोण θ की संलग्न भुजा (Adjacent side) को आधार (Base) कहा जाता है।
    • महत्वपूर्ण: लम्ब और आधार की पहचान हमेशा विचाराधीन न्यून कोण के सापेक्ष होती है। यदि कोण बदलता है, तो लम्ब और आधार भी आपस में बदल सकते हैं, लेकिन कर्ण स्थिर रहता है।
  3. त्रिकोणमितीय अनुपात (Trigonometric Ratios):

    • एक समकोण त्रिभुज में, किसी न्यून कोण के सापेक्ष भुजाओं के अनुपातों को त्रिकोणमितीय अनुपात कहते हैं।

    • मुख्य रूप से छः त्रिकोणमितीय अनुपात होते हैं:

      • साइन (sine) of angle A (संक्षेप में sin A): लम्ब / कर्ण (Perpendicular / Hypotenuse - P/H)
      • कोसाइन (cosine) of angle A (संक्षेप में cos A): आधार / कर्ण (Base / Hypotenuse - B/H)
      • टैन्जेंट (tangent) of angle A (संक्षेप में tan A): लम्ब / आधार (Perpendicular / Base - P/B)
      • कोसेकेंट (cosecant) of angle A (संक्षेप में cosec A): कर्ण / लम्ब (Hypotenuse / Perpendicular - H/P)
      • सेकेंट (secant) of angle A (संक्षेप में sec A): कर्ण / आधार (Hypotenuse / Base - H/B)
      • कोटैन्जेंट (cotangent) of angle A (संक्षेप में cot A): आधार / लम्ब (Base / Perpendicular - B/P)
  4. त्रिकोणमितीय अनुपातों के बीच संबंध (Relationships between Ratios):

    • व्युत्क्रम संबंध (Reciprocal Relations):
      • cosec A = 1 / sin A (या sin A = 1 / cosec A)
      • sec A = 1 / cos A (या cos A = 1 / sec A)
      • cot A = 1 / tan A (या tan A = 1 / cot A)
    • भागफल संबंध (Quotient Relations):
      • tan A = sin A / cos A
      • cot A = cos A / sin A
  5. कुछ विशिष्ट कोणों के त्रिकोणमितीय अनुपात (Trigonometric Ratios of Specific Angles):

    • हमें 0°, 30°, 45°, 60° और 90° के कोणों के लिए त्रिकोणमितीय अनुपातों के मान याद रखने चाहिए। ये मान ज्यामितीय रूप से निकाले जा सकते हैं।
    कोण (θ) sin θ cos θ tan θ cosec θ sec θ cot θ
    0 1 0 अपरिभाषित (∞) 1 अपरिभाषित (∞)
    30° 1/2 √3/2 1/√3 2 2/√3 √3
    45° 1/√2 1/√2 1 √2 √2 1
    60° √3/2 1/2 √3 2/√3 2 1/√3
    90° 1 0 अपरिभाषित (∞) 1 अपरिभाषित (∞) 0
    • अपरिभाषित (Undefined): जब हर (denominator) शून्य हो जाता है।
  6. पूरक कोणों के त्रिकोणमितीय अनुपात (Trigonometric Ratios of Complementary Angles):

    • दो कोण पूरक कहलाते हैं यदि उनका योग 90° हो। समकोण त्रिभुज में दोनों न्यून कोण पूरक होते हैं (A + C = 90°)।
    • इनके बीच निम्नलिखित संबंध होते हैं (जहाँ A एक न्यून कोण है):
      • sin (90° – A) = cos A
      • cos (90° – A) = sin A
      • tan (90° – A) = cot A
      • cot (90° – A) = tan A
      • sec (90° – A) = cosec A
      • cosec (90° – A) = sec A
  7. त्रिकोणमितीय सर्वसमिकाएँ (Trigonometric Identities):

    • एक समीकरण जो संबंधित चरों (यहाँ कोण) के सभी मानों के लिए सत्य होता है, सर्वसमिका कहलाता है।
    • तीन मूल त्रिकोणमितीय सर्वसमिकाएँ हैं (जहाँ 0° ≤ A ≤ 90°):
      • sin² A + cos² A = 1
      • 1 + tan² A = sec² A (A ≠ 90° के लिए मान्य)
      • 1 + cot² A = cosec² A (A ≠ 0° के लिए मान्य)
    • इन सर्वसमिकाओं का उपयोग त्रिकोणमितीय व्यंजकों को सिद्ध करने और सरल बनाने में किया जाता है। ये पाइथागोरस प्रमेय (कर्ण² = लम्ब² + आधार²) से प्राप्त की जा सकती हैं।

परीक्षा की दृष्टि से महत्व:
यह अध्याय त्रिकोणमिति की नींव रखता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में त्रिकोणमितीय अनुपातों, विशिष्ट कोणों के मानों, पूरक कोणों और सर्वसमिकाओं पर आधारित प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं। इन सूत्रों और अवधारणाओं को अच्छी तरह समझना आवश्यक है।


अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):

प्रश्न 1: यदि एक समकोण त्रिभुज ABC में, कोण B समकोण है, AB = 3 सेमी और BC = 4 सेमी है, तो sin A का मान क्या होगा?
(a) 3/5
(b) 4/5
(c) 3/4
(d) 5/4

प्रश्न 2: 2 tan 30° / (1 + tan² 30°) का मान बराबर है:
(a) sin 60°
(b) cos 60°
(c) tan 60°
(d) sin 30°

प्रश्न 3: sin² 60° + cos² 60° का मान क्या है?
(a) 0
(b) 1
(c) 2
(d) 1/2

प्रश्न 4: यदि sin A = 1/2 है, तो cot A का मान क्या होगा? (मान लीजिए A एक न्यून कोण है)
(a) √3
(b) 1/√3
(c) 1
(d) √3/2

प्रश्न 5: 9 sec² A - 9 tan² A बराबर है:
(a) 1
(b) 9
(c) 8
(d) 0

प्रश्न 6: cos 48° – sin 42° का मान है:
(a) 1
(b) 0
(c) cos 6°
(d) sin 6°

प्रश्न 7: (1 + tan² A) / (1 + cot² A) बराबर है:
(a) sec² A
(b) -1
(c) cot² A
(d) tan² A

प्रश्न 8: यदि tan θ = 1 है, तो θ का मान (डिग्री में) क्या है? (0° < θ < 90°)
(a) 30°
(b) 45°
(c) 60°
(d) 90°

प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सा संबंध सही नहीं है?
(a) sin (90° – A) = cos A
(b) tan A = sin A / cos A
(c) 1 + cot² A = sec² A
(d) sin² A + cos² A = 1

प्रश्न 10: sec 70° sin 20° + cos 20° cosec 70° का मान है:
(a) 0
(b) 1
(c) 2
(d) -1


उत्तरमाला (MCQs):

  1. (b) 4/5 [स्पष्टीकरण: AC = √(3²+4²) = 5. कोण A के लिए, लम्ब = BC = 4, कर्ण = AC = 5. sin A = लम्ब/कर्ण = 4/5]
  2. (a) sin 60° [स्पष्टीकरण: 2(1/√3) / (1 + (1/√3)²) = (2/√3) / (1 + 1/3) = (2/√3) / (4/3) = (2/√3) * (3/4) = 3 / (2√3) = √3/2. sin 60° = √3/2]
  3. (b) 1 [स्पष्टीकरण: सर्वसमिका sin² θ + cos² θ = 1]
  4. (a) √3 [स्पष्टीकरण: sin A = 1/2 => A = 30°. cot 30° = √3]
  5. (b) 9 [स्पष्टीकरण: 9(sec² A - tan² A) = 9(1) = 9, क्योंकि 1 + tan² A = sec² A => sec² A - tan² A = 1]
  6. (b) 0 [स्पष्टीकरण: cos 48° = cos (90° - 42°) = sin 42°. अतः cos 48° - sin 42° = sin 42° - sin 42° = 0]
  7. (d) tan² A [स्पष्टीकरण: (1 + tan² A) / (1 + cot² A) = sec² A / cosec² A = (1/cos² A) / (1/sin² A) = sin² A / cos² A = tan² A]
  8. (b) 45° [स्पष्टीकरण: tan 45° = 1]
  9. (c) 1 + cot² A = sec² A [स्पष्टीकरण: सही सर्वसमिका 1 + cot² A = cosec² A है]
  10. (c) 2 [स्पष्टीकरण: sec 70° = sec(90°-20°) = cosec 20°; cosec 70° = cosec(90°-20°) = sec 20°. व्यंजक बनता है: cosec 20° sin 20° + cos 20° sec 20° = (1/sin 20°) * sin 20° + cos 20° * (1/cos 20°) = 1 + 1 = 2]

इन नोट्स का ध्यानपूर्वक अध्ययन करें और प्रश्नों का अभ्यास करें। शुभकामनाएँ!

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