Class 10 Science Notes Chapter 1 (Chapter 1) – Examplar Problems (Hindi) Book
नमस्ते बच्चो! आज हम कक्षा 10 विज्ञान के पहले अध्याय 'रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण' का अध्ययन करेंगे। यह अध्याय सरकारी परीक्षाओं की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे रसायन विज्ञान की मूलभूत समझ विकसित होती है। चलिए, इसके महत्वपूर्ण बिंदुओं को विस्तार से समझते हैं।
अध्याय 1: रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण - विस्तृत नोट्स
1. रासायनिक अभिक्रिया (Chemical Reaction):
- परिभाषा: वह प्रक्रिया जिसमें एक या एक से अधिक पदार्थ (अभिकारक) आपस में क्रिया करके नए गुणों वाले एक या एक से अधिक नए पदार्थ (उत्पाद) बनाते हैं, रासायनिक अभिक्रिया कहलाती है।
- उदाहरण: मैग्नीशियम रिबन का वायु (ऑक्सीजन) में दहन होकर मैग्नीशियम ऑक्साइड बनना।
2Mg(s) + O₂(g) → 2MgO(s)
2. रासायनिक अभिक्रिया की पहचान (Characteristics of Chemical Reaction):
किसी रासायनिक अभिक्रिया को निम्नलिखित प्रेक्षणों द्वारा पहचाना जा सकता है:
- अवस्था में परिवर्तन: अभिकारक ठोस, द्रव या गैस अवस्था से उत्पाद की भिन्न अवस्था में बदल सकते हैं। (जैसे मोम का जलना - ठोस से गैस और द्रव)
- रंग में परिवर्तन: अभिक्रिया के दौरान पदार्थ का रंग बदल सकता है। (जैसे कॉपर सल्फेट विलयन में लोहे की कील डालने पर विलयन का रंग हरे में बदलना)
- गैस का उत्सर्जन: कुछ अभिक्रियाओं में गैस निकलती है। (जैसे जिंक की सल्फ्यूरिक अम्ल से क्रिया पर हाइड्रोजन गैस निकलना)
- तापमान में परिवर्तन: अभिक्रिया के दौरान तापमान बढ़ या घट सकता है। (जैसे बिना बुझे चूने में पानी मिलाने पर ऊष्मा निकलना)
- अवक्षेप का बनना: कुछ अभिक्रियाओं में अघुलनशील ठोस पदार्थ (अवक्षेप) बनता है। (जैसे लेड नाइट्रेट और पोटैशियम आयोडाइड की क्रिया से लेड आयोडाइड का पीला अवक्षेप बनना)
3. रासायनिक समीकरण (Chemical Equation):
- परिभाषा: किसी रासायनिक अभिक्रिया का प्रतीकों और सूत्रों द्वारा संक्षिप्त निरूपण रासायनिक समीकरण कहलाता है।
- शब्द समीकरण: अभिकारकों और उत्पादों को शब्दों में लिखना। जैसे: जिंक + सल्फ्यूरिक अम्ल → जिंक सल्फेट + हाइड्रोजन
- ढाँचा रासायनिक समीकरण (Skeletal Chemical Equation): शब्द समीकरण को रासायनिक सूत्रों का उपयोग करके लिखना। जैसे:
Zn + H₂SO₄ → ZnSO₄ + H₂
- संतुलित रासायनिक समीकरण (Balanced Chemical Equation):
- परिभाषा: वह रासायनिक समीकरण जिसके दोनों पक्षों (अभिकारक और उत्पाद) में प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या समान होती है।
- महत्व: द्रव्यमान संरक्षण के नियम का पालन करने के लिए समीकरण को संतुलित करना आवश्यक है। यह नियम कहता है कि किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो निर्माण होता है और न ही विनाश।
- संतुलन विधि: हिट एंड ट्रायल विधि (अनुमान विधि) द्वारा गुणांकों (coefficients) को समायोजित करके समीकरण संतुलित किया जाता है।
- उदाहरण (संतुलित):
Zn(s) + H₂SO₄(aq) → ZnSO₄(aq) + H₂(g)
(यह समीकरण पहले से संतुलित है) - उदाहरण (असंतुलित से संतुलित):
- ढाँचा:
Fe + H₂O → Fe₃O₄ + H₂
- संतुलित:
3Fe(s) + 4H₂O(g) → Fe₃O₄(s) + 4H₂(g)
- ढाँचा:
- भौतिक अवस्थाओं के संकेत: ठोस (s), द्रव (l), गैस (g), जलीय विलयन (aq) लिखना समीकरण को अधिक सूचनाप्रद बनाता है।
4. रासायनिक अभिक्रियाओं के प्रकार (Types of Chemical Reactions):
-
a) संयोजन अभिक्रिया (Combination Reaction):
- परिभाषा: वह अभिक्रिया जिसमें दो या दो से अधिक अभिकारक मिलकर एकल उत्पाद बनाते हैं।
- सामान्य रूप:
A + B → AB
- उदाहरण:
- कोयले का दहन:
C(s) + O₂(g) → CO₂(g)
- बिना बुझे चूने (कैल्शियम ऑक्साइड) की जल से क्रिया:
CaO(s) + H₂O(l) → Ca(OH)₂(aq) + ऊष्मा
(बुझा हुआ चूना - कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड)
- कोयले का दहन:
-
b) वियोजन (अपघटन) अभिक्रिया (Decomposition Reaction):
- परिभाषा: वह अभिक्रिया जिसमें एकल अभिकारक टूटकर दो या दो से अधिक सरल उत्पाद बनाता है। यह संयोजन अभिक्रिया के विपरीत है।
- सामान्य रूप:
AB → A + B
- ऊर्जा स्रोत के आधार पर प्रकार:
- ऊष्मीय वियोजन (Thermal Decomposition): ऊष्मा द्वारा वियोजन।
- उदाहरण: फेरस सल्फेट का तापन:
2FeSO₄(s) --ऊष्मा--> Fe₂O₃(s) + SO₂(g) + SO₃(g)
- उदाहरण: चूना पत्थर (कैल्शियम कार्बोनेट) का तापन:
CaCO₃(s) --ऊष्मा--> CaO(s) + CO₂(g)
- उदाहरण: फेरस सल्फेट का तापन:
- वैद्युत वियोजन (Electrolytic Decomposition): विद्युत धारा प्रवाहित करने पर वियोजन।
- उदाहरण: जल का वैद्युत अपघटन:
2H₂O(l) --विद्युत धारा--> 2H₂(g) + O₂(g)
- उदाहरण: जल का वैद्युत अपघटन:
- प्रकाशीय वियोजन (Photolytic Decomposition): सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में वियोजन।
- उदाहरण: सिल्वर क्लोराइड का प्रकाश में अपघटन:
2AgCl(s) --सूर्य का प्रकाश--> 2Ag(s) + Cl₂(g)
(श्याम-श्वेत फोटोग्राफी में उपयोग) - उदाहरण: सिल्वर ब्रोमाइड का प्रकाश में अपघटन:
2AgBr(s) --सूर्य का प्रकाश--> 2Ag(s) + Br₂(g)
- उदाहरण: सिल्वर क्लोराइड का प्रकाश में अपघटन:
- ऊष्मीय वियोजन (Thermal Decomposition): ऊष्मा द्वारा वियोजन।
-
c) विस्थापन अभिक्रिया (Displacement Reaction):
- परिभाषा: वह अभिक्रिया जिसमें एक अधिक अभिक्रियाशील तत्व किसी यौगिक से कम अभिक्रियाशील तत्व को विस्थापित कर देता है।
- सामान्य रूप:
A + BC → AC + B
(यहाँ A, B से अधिक क्रियाशील है) - उदाहरण:
- जिंक की कॉपर सल्फेट विलयन से क्रिया:
Zn(s) + CuSO₄(aq) → ZnSO₄(aq) + Cu(s)
(विलयन का नीला रंग गायब हो जाता है) - लोहे की कॉपर सल्फेट विलयन से क्रिया:
Fe(s) + CuSO₄(aq) → FeSO₄(aq) + Cu(s)
(विलयन का रंग नीला से हरा हो जाता है)
- जिंक की कॉपर सल्फेट विलयन से क्रिया:
-
d) द्विविस्थापन अभिक्रिया (Double Displacement Reaction):
- परिभाषा: वह अभिक्रिया जिसमें अभिकारकों के बीच आयनों का आदान-प्रदान होता है।
- सामान्य रूप:
AB + CD → AD + CB
- उदाहरण:
- सोडियम सल्फेट और बेरियम क्लोराइड की क्रिया:
Na₂SO₄(aq) + BaCl₂(aq) → BaSO₄(s) + 2NaCl(aq)
(बेरियम सल्फेट का सफेद अवक्षेप बनता है - इसे अवक्षेपण अभिक्रिया भी कहते हैं) - अम्ल और क्षार की क्रिया (उदासीनीकरण अभिक्रिया):
HCl(aq) + NaOH(aq) → NaCl(aq) + H₂O(l)
- सोडियम सल्फेट और बेरियम क्लोराइड की क्रिया:
-
e) उपचयन एवं अपचयन (Oxidation and Reduction):
- उपचयन (Oxidation):
- अभिक्रिया के दौरान पदार्थ में ऑक्सीजन की वृद्धि होना।
- या, अभिक्रिया के दौरान पदार्थ से हाइड्रोजन का ह्रास (कमी) होना।
- अपचयन (Reduction):
- अभिक्रिया के दौरान पदार्थ में ऑक्सीजन का ह्रास होना।
- या, अभिक्रिया के दौरान पदार्थ में हाइड्रोजन की वृद्धि होना।
- रेडॉक्स अभिक्रिया (Redox Reaction): वह अभिक्रिया जिसमें उपचयन और अपचयन दोनों साथ-साथ होते हैं। एक अभिकारक उपचयित होता है तो दूसरा अपचयित।
- उदाहरण:
CuO(s) + H₂(g) --ऊष्मा--> Cu(s) + H₂O(l)
- यहाँ CuO से ऑक्सीजन हट रही है (CuO का अपचयन हो रहा है)।
- H₂ में ऑक्सीजन जुड़ रही है (H₂ का उपचयन हो रहा है)।
- उदाहरण:
- उपचायक (Oxidizing Agent): वह पदार्थ जो दूसरे पदार्थ को उपचयित करता है (स्वयं अपचयित होता है)। यह ऑक्सीजन देता है या हाइड्रोजन हटाता है।
- अपचायक (Reducing Agent): वह पदार्थ जो दूसरे पदार्थ को अपचयित करता है (स्वयं उपचयित होता है)। यह ऑक्सीजन हटाता है या हाइड्रोजन देता है।
- उपचयन (Oxidation):
5. ऊष्माक्षेपी एवं ऊष्माशोषी अभिक्रियाएँ (Exothermic and Endothermic Reactions):
- ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया (Exothermic Reaction): जिन अभिक्रियाओं में उत्पाद बनने के साथ-साथ ऊष्मा भी निकलती है।
- उदाहरण: प्राकृतिक गैस (मीथेन) का दहन:
CH₄(g) + 2O₂(g) → CO₂(g) + 2H₂O(g) + ऊष्मा
- उदाहरण: श्वसन एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है।
- उदाहरण: प्राकृतिक गैस (मीथेन) का दहन:
- ऊष्माशोषी अभिक्रिया (Endothermic Reaction): जिन अभिक्रियाओं में ऊष्मा का अवशोषण होता है।
- उदाहरण: कैल्शियम कार्बोनेट का वियोजन (ऊष्मीय वियोजन)।
- उदाहरण: सिल्वर क्लोराइड का प्रकाशीय वियोजन।
6. दैनिक जीवन में उपचयन अभिक्रियाओं के प्रभाव:
- संक्षारण (Corrosion):
- जब कोई धातु अपने आस-पास अम्ल, आर्द्रता आदि के संपर्क में आती है, तब वह संक्षारित हो जाती है। इस प्रक्रिया को संक्षारण कहते हैं।
- उदाहरण: लोहे पर जंग लगना (लाल-भूरी परत), चाँदी का काला पड़ना, ताँबे पर हरी परत चढ़ना।
- लोहे पर जंग लगना:
4Fe + 3O₂ + nH₂O → 2Fe₂O₃.nH₂O
(जंग - हाइड्रेटेड आयरन(III) ऑक्साइड) - बचाव: पेंट करके, तेल लगाकर, ग्रीस लगाकर, यशदलेपन (गैल्वेनाइजेशन - जिंक की परत चढ़ाना), क्रोमियम लेपन द्वारा।
- विकृतगंधिता (Rancidity):
- वसायुक्त और तैलीय खाद्य सामग्री जब लंबे समय तक रखी रहती है, तो वायु की ऑक्सीजन से उपचयित होकर उनके स्वाद और गंध बदल जाते हैं। इसे विकृतगंधिता कहते हैं।
- बचाव:
- प्रतिऑक्सीकारक (Antioxidants) मिलाकर।
- वायुरोधी बर्तनों में रखकर।
- चिप्स आदि की थैलियों में ऑक्सीजन हटाकर नाइट्रोजन जैसी कम सक्रिय गैस भरकर।
- रेफ्रिजरेटर में रखकर।
अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):
प्रश्न 1: लेड नाइट्रेट [Pb(NO₃)₂] को गर्म करने पर निकलने वाली भूरे रंग की गैस कौन सी है?
(a) N₂O
(b) NO₂
(c) N₂O₅
(d) NO
प्रश्न 2: Fe₂O₃ + 2Al → Al₂O₃ + 2Fe
ऊपर दी गई अभिक्रिया किस प्रकार की है?
(a) संयोजन अभिक्रिया
(b) द्विविस्थापन अभिक्रिया
(c) वियोजन अभिक्रिया
(d) विस्थापन अभिक्रिया
प्रश्न 3: लौह-चूर्ण पर तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल डालने से क्या होता है?
(a) हाइड्रोजन गैस एवं आयरन क्लोराइड बनता है।
(b) क्लोरीन गैस एवं आयरन हाइड्रॉक्साइड बनता है।
(c) कोई अभिक्रिया नहीं होती है।
(d) आयरन लवण एवं जल बनता है।
प्रश्न 4: संतुलित रासायनिक समीकरण क्या है? रासायनिक समीकरण को संतुलित करना क्यों आवश्यक है?
(a) जिसमें अभिकारकों और उत्पादों में परमाणुओं की संख्या समान न हो; ऊर्जा संरक्षण के लिए।
(b) जिसमें केवल अभिकारकों के अणु समान हों; आयतन संरक्षण के लिए।
(c) जिसमें अभिकारकों और उत्पादों में प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या समान हो; द्रव्यमान संरक्षण के नियम के पालन हेतु।
(d) जिसमें केवल उत्पादों के अणु समान हों; आवेश संरक्षण के लिए।
प्रश्न 5: श्वसन किस प्रकार की अभिक्रिया है?
(a) उपचयन, ऊष्माशोषी
(b) अपचयन, ऊष्माक्षेपी
(c) उपचयन, ऊष्माक्षेपी
(d) संयोजन, ऊष्माशोषी
प्रश्न 6: सिल्वर क्लोराइड (AgCl) को सूर्य के प्रकाश में रखने पर वह स्लेटी (grey) रंग का क्यों हो जाता है?
(a) सिल्वर क्लोराइड के अपघटन से सिल्वर बनने के कारण।
(b) सिल्वर क्लोराइड से क्लोरीन गैस के निकलने के कारण।
(c) सिल्वर क्लोराइड के ऑक्सीकरण के कारण।
(d) सिल्वर क्लोराइड के संयोजन के कारण।
प्रश्न 7: चिप्स की थैली में कौन सी गैस भरी जाती है ताकि उसका उपचयन न हो सके?
(a) ऑक्सीजन
(b) हाइड्रोजन
(c) नाइट्रोजन
(d) कार्बन डाइऑक्साइड
प्रश्न 8: CuO + H₂ → Cu + H₂O
अभिक्रिया में अपचायक कौन है?
(a) CuO
(b) H₂
(c) Cu
(d) H₂O
प्रश्न 9: वह अभिक्रिया जिसमें ऊष्मा का अवशोषण होता है, कहलाती है:
(a) ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया
(b) ऊष्माशोषी अभिक्रिया
(c) संयोजन अभिक्रिया
(d) विस्थापन अभिक्रिया
प्रश्न 10: जब कॉपर सल्फेट के विलयन में लोहे की कील डाली जाती है, तो विलयन का रंग नीले से बदलकर हरा हो जाता है। यह किस प्रकार की अभिक्रिया का उदाहरण है?
(a) संयोजन अभिक्रिया
(b) वियोजन अभिक्रिया
(c) विस्थापन अभिक्रिया
(d) द्विविस्थापन अभिक्रिया
उत्तर कुंजी (Answer Key):
- (b) NO₂ (नाइट्रोजन डाइऑक्साइड)
- (d) विस्थापन अभिक्रिया (Al, Fe से अधिक क्रियाशील है)
- (a) हाइड्रोजन गैस एवं आयरन क्लोराइड बनता है। (
Fe + 2HCl → FeCl₂ + H₂
) - (c) जिसमें अभिकारकों और उत्पादों में प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या समान हो; द्रव्यमान संरक्षण के नियम के पालन हेतु।
- (c) उपचयन, ऊष्माक्षेपी (ग्लूकोज का ऑक्सीकरण होता है और ऊर्जा निकलती है)
- (a) सिल्वर क्लोराइड के अपघटन से सिल्वर बनने के कारण। (
2AgCl → 2Ag + Cl₂
) - (c) नाइट्रोजन
- (b) H₂ (हाइड्रोजन CuO को अपचयित कर रहा है और स्वयं उपचयित हो रहा है)
- (b) ऊष्माशोषी अभिक्रिया
- (c) विस्थापन अभिक्रिया (
Fe + CuSO₄ → FeSO₄ + Cu
)
इन नोट्स को अच्छे से पढ़ें और प्रश्नों का अभ्यास करें। यह आपकी परीक्षा की तैयारी में बहुत सहायक होगा। कोई शंका हो तो अवश्य पूछें!