Class 10 Science Notes Chapter 1 (Chapter 1) – Lab Manual (Hindi) Book

Lab Manual (Hindi)
नमस्ते बच्चो! विज्ञान में प्रायोगिक कार्य का बहुत महत्व है, क्योंकि इससे हमें सैद्धांतिक ज्ञान को करके देखने और समझने का अवसर मिलता है। कक्षा 10 के विज्ञान प्रयोगशाला पुस्तिका का अध्याय 1 हमें कुछ मूलभूत रासायनिक अभिक्रियाओं और अम्ल-क्षार की पहचान से परिचित कराता है। सरकारी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इन प्रयोगों से संबंधित अवलोकन, निष्कर्ष और रासायनिक समीकरण बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। आइए, इस अध्याय के विस्तृत नोट्स और कुछ बहुविकल्पीय प्रश्न देखें।

अध्याय 1: रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं अम्ल-क्षारक-लवण (प्रायोगिक)

मुख्य प्रयोग और संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु:

प्रयोग 1: दानेदार जिंक की तनु सल्फ्यूरिक अम्ल से अभिक्रिया तथा हाइड्रोजन गैस का परीक्षण

  • उद्देश्य: जिंक धातु और तनु अम्ल की अभिक्रिया का अध्ययन करना तथा उत्पन्न गैस की पहचान करना।
  • आवश्यक सामग्री: दानेदार जिंक, तनु सल्फ्यूरिक अम्ल (H₂SO₄), परखनली, निकास नली, बीकर, साबुन का विलयन, मोमबत्ती, माचिस।
  • विधि:
    1. एक परखनली में कुछ दानेदार जिंक लीजिए।
    2. इसमें ड्रॉपर की सहायता से धीरे-धीरे तनु सल्फ्यूरिक अम्ल डालिए।
    3. परखनली के मुँह पर निकास नली लगाइए और उसका दूसरा सिरा साबुन के विलयन से भरे बीकर में डुबोइए।
    4. साबुन के विलयन में बन रहे बुलबुलों का अवलोकन कीजिए।
    5. गैस से भरे साबुन के बुलबुलों के पास जलती हुई मोमबत्ती ले जाइए।
  • अवलोकन:
    • जिंक के दानों की सतह से गैस के बुलबुले निकलते दिखाई देते हैं।
    • परखनली को छूने पर वह गर्म महसूस होती है (ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया)।
    • साबुन के विलयन से निकलने वाले गैस के बुलबुलों के पास जलती मोमबत्ती ले जाने पर 'पॉप' (फट्) की ध्वनि उत्पन्न होती है।
  • रासायनिक समीकरण:
    Zn(s) + H₂SO₄(aq) → ZnSO₄(aq) + H₂(g) ↑
  • निष्कर्ष:
    • जिंक तनु सल्फ्यूरिक अम्ल से अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस (H₂) उत्पन्न करता है।
    • यह एक विस्थापन अभिक्रिया है (जिंक, हाइड्रोजन को विस्थापित करता है)।
    • यह एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है (ऊष्मा उत्पन्न होती है)।
    • हाइड्रोजन गैस रंगहीन, गंधहीन तथा ज्वलनशील होती है और पॉप ध्वनि के साथ जलती है।
  • सावधानियाँ: अम्ल का प्रयोग सावधानी से करें। गैस का परीक्षण करते समय सावधानी बरतें।

प्रयोग 2: मैग्नीशियम रिबन का वायु में दहन

  • उद्देश्य: मैग्नीशियम के दहन की अभिक्रिया का अध्ययन करना।
  • आवश्यक सामग्री: मैग्नीशियम रिबन, रेगमाल, स्पिरिट लैंप/बर्नर, वॉच ग्लास, चिमटा।
  • विधि:
    1. मैग्नीशियम रिबन के एक छोटे टुकड़े को रेगमाल से रगड़कर साफ करें (ताकि ऑक्साइड की परत हट जाए)।
    2. चिमटे से पकड़कर इसे बर्नर की ज्वाला में जलाएँ।
    3. बनने वाली राख (भस्म) को वॉच ग्लास में एकत्र करें।
  • अवलोकन:
    • मैग्नीशियम रिबन तीव्र सफेद चमकदार लौ (dazzling white flame) के साथ जलता है।
    • सफेद रंग का पाउडर (राख) बनता है।
  • रासायनिक समीकरण:
    2Mg(s) + O₂(g) → 2MgO(s) (मैग्नीशियम ऑक्साइड)
  • निष्कर्ष:
    • मैग्नीशियम ऑक्सीजन से अभिक्रिया करके मैग्नीशियम ऑक्साइड बनाता है।
    • यह एक संयोजन अभिक्रिया है।
    • यह एक ऊष्माक्षेपी और प्रकाशक्षेपी अभिक्रिया है।
  • सावधानियाँ: जलते हुए मैग्नीशियम रिबन को सीधे न देखें, आँखों के लिए हानिकारक है।

प्रयोग 3: लेड नाइट्रेट विलयन एवं पोटैशियम आयोडाइड विलयन के मध्य अभिक्रिया

  • उद्देश्य: द्विविस्थापन अभिक्रिया (अवक्षेपण अभिक्रिया) का अध्ययन करना।
  • आवश्यक सामग्री: लेड नाइट्रेट [Pb(NO₃)₂] का विलयन, पोटैशियम आयोडाइड (KI) का विलयन, परखनलियाँ।
  • विधि:
    1. एक परखनली में लेड नाइट्रेट का जलीय विलयन लें।
    2. दूसरी परखनली में पोटैशियम आयोडाइड का जलीय विलयन लें।
    3. पोटैशियम आयोडाइड विलयन को लेड नाइट्रेट विलयन में मिलाएँ।
  • अवलोकन:
    • दोनों रंगहीन विलयनों को मिलाने पर तुरंत पीले रंग का अघुलनशील पदार्थ (अवक्षेप) बनता है।
  • रासायनिक समीकरण:
    Pb(NO₃)₂(aq) + 2KI(aq) → PbI₂(s) ↓ + 2KNO₃(aq)
    (लेड नाइट्रेट) + (पोटैशियम आयोडाइड) → (लेड आयोडाइड - पीला अवक्षेप) + (पोटैशियम नाइट्रेट)
  • निष्कर्ष:
    • लेड नाइट्रेट और पोटैशियम आयोडाइड के बीच अभिक्रिया से लेड आयोडाइड का पीला अवक्षेप बनता है।
    • यह एक द्विविस्थापन अभिक्रिया है, जिसे अवक्षेपण अभिक्रिया भी कहते हैं।
  • सावधानियाँ: लेड के यौगिक विषाक्त हो सकते हैं, सावधानी से प्रयोग करें।

प्रयोग 4: कॉपर सल्फेट विलयन में लोहे की कील डालने पर होने वाली अभिक्रिया

  • उद्देश्य: विस्थापन अभिक्रिया का अध्ययन करना।
  • आवश्यक सामग्री: कॉपर सल्फेट (CuSO₄) का विलयन, लोहे की कीलें, रेगमाल, परखनली, धागा।
  • विधि:
    1. दो लोहे की कीलों को रेगमाल से रगड़कर साफ करें।
    2. एक परखनली में कॉपर सल्फेट का नीला विलयन लें।
    3. एक कील को धागे से बांधकर कॉपर सल्फेट विलयन में लगभग 20 मिनट के लिए डुबो दें। दूसरी कील को तुलना के लिए अलग रखें।
    4. 20 मिनट बाद कील को विलयन से बाहर निकालें और उसके रंग की तुलना दूसरी कील से करें। विलयन के रंग का भी अवलोकन करें।
  • अवलोकन:
    • विलयन का नीला रंग हल्का होकर हरा (या मलिन) हो जाता है।
    • लोहे की कील पर भूरे रंग की परत चढ़ जाती है।
  • रासायनिक समीकरण:
    Fe(s) + CuSO₄(aq) (नीला) → FeSO₄(aq) (हरा/मलिन) + Cu(s) (भूरा)
  • निष्कर्ष:
    • लोहा, कॉपर सल्फेट विलयन में से कॉपर को विस्थापित कर देता है, क्योंकि लोहा कॉपर से अधिक अभिक्रियाशील है।
    • यह एक विस्थापन अभिक्रिया है। लोहे की कील पर जमा हुई भूरी परत कॉपर धातु की है। विलयन का रंग फेरस सल्फेट (FeSO₄) बनने के कारण बदल जाता है।
  • सावधानियाँ: कीलों को साफ करना आवश्यक है।

प्रयोग 5: सोडियम सल्फेट और बेरियम क्लोराइड विलयनों के मध्य अभिक्रिया

  • उद्देश्य: द्विविस्थापन अभिक्रिया (अवक्षेपण अभिक्रिया) का अध्ययन करना।
  • आवश्यक सामग्री: सोडियम सल्फेट (Na₂SO₄) का विलयन, बेरियम क्लोराइड (BaCl₂) का विलयन, परखनलियाँ।
  • विधि:
    1. एक परखनली में सोडियम सल्फेट का जलीय विलयन लें।
    2. दूसरी परखनली में बेरियम क्लोराइड का जलीय विलयन लें।
    3. बेरियम क्लोराइड विलयन को सोडियम सल्फेट विलयन में मिलाएँ।
  • अवलोकन:
    • दोनों रंगहीन विलयनों को मिलाने पर सफेद रंग का अघुलनशील पदार्थ (अवक्षेप) बनता है।
  • रासायनिक समीकरण:
    Na₂SO₄(aq) + BaCl₂(aq) → BaSO₄(s) ↓ + 2NaCl(aq)
    (सोडियम सल्फेट) + (बेरियम क्लोराइड) → (बेरियम सल्फेट - सफेद अवक्षेप) + (सोडियम क्लोराइड)
  • निष्कर्ष:
    • सोडियम सल्फेट और बेरियम क्लोराइड के बीच अभिक्रिया से बेरियम सल्फेट का सफेद अवक्षेप बनता है।
    • यह एक द्विविस्थापन अभिक्रिया (अवक्षेपण अभिक्रिया) है।
  • सावधानियाँ: सामग्री का सही मात्रा में उपयोग करें।

प्रयोग 6: फेरस सल्फेट क्रिस्टलों को गर्म करना

  • उद्देश्य: वियोजन (अपघटन) अभिक्रिया का अध्ययन करना।
  • आवश्यक सामग्री: फेरस सल्फेट क्रिस्टल (FeSO₄·7H₂O), शुष्क क्वथन नली (boiling tube), बर्नर, होल्डर।
  • विधि:
    1. एक शुष्क क्वथन नली में लगभग 2 ग्राम फेरस सल्फेट क्रिस्टल लें। क्रिस्टलों के रंग पर ध्यान दें।
    2. क्वथन नली को बर्नर पर गर्म करें। निकलने वाली गैस की गंध का सावधानीपूर्वक अवलोकन करें।
  • अवलोकन:
    • गर्म करने पर फेरस सल्फेट क्रिस्टल (हरे रंग के) पहले जलवाष्प छोड़ते हैं और रंगहीन निर्जल FeSO₄ में बदलते हैं।
    • और अधिक गर्म करने पर, यह भूरे रंग के ठोस (फेरिक ऑक्साइड) में बदल जाता है।
    • जलते हुए सल्फर जैसी विशिष्ट गंध वाली गैसें (SO₂ और SO₃) निकलती हैं।
  • रासायनिक समीकरण:
    2FeSO₄(s) (हरा) --ऊष्मा--> Fe₂O₃(s) (भूरा) + SO₂(g) + SO₃(g)
    (पहले FeSO₄·7H₂O --ऊष्मा--> FeSO₄ + 7H₂O)
  • निष्कर्ष:
    • फेरस सल्फेट को गर्म करने पर यह फेरिक ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और सल्फर ट्राइऑक्साइड में वियोजित हो जाता है।
    • यह एक ऊष्मीय वियोजन अभिक्रिया है।
  • सावधानियाँ: क्वथन नली का मुँह अपनी या किसी और की तरफ न रखें। गैस को सीधे न सूंघें, हाथ से अपनी ओर हवा करके गंध लें।

प्रयोग 7: अम्ल एवं क्षारकों के गुणों का अध्ययन (लिटमस, जिंक धातु, सोडियम कार्बोनेट के साथ अभिक्रिया)

  • उद्देश्य: अम्ल (जैसे तनु HCl) और क्षारक (जैसे तनु NaOH) के सामान्य रासायनिक गुणों का अध्ययन करना।

  • आवश्यक सामग्री: तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl), तनु सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH) विलयन, नीला और लाल लिटमस पत्र, दानेदार जिंक, ठोस सोडियम कार्बोनेट (Na₂CO₃), परखनलियाँ, ड्रॉपर।

  • विधि और अवलोकन:

    परीक्षण तनु HCl के साथ तनु NaOH के साथ
    नीला लिटमस पत्र लाल हो जाता है। कोई परिवर्तन नहीं।
    लाल लिटमस पत्र कोई परिवर्तन नहीं। नीला हो जाता है।
    जिंक धातु (Zn) हाइड्रोजन गैस (H₂) निकलती है (पॉप ध्वनि परीक्षण)। हाइड्रोजन गैस (H₂) निकलती है (गर्म करने पर तीव्र)।
    ठोस सोडियम कार्बोनेट (Na₂CO₃) तीव्र बुदबुदाहट के साथ CO₂ गैस निकलती है। कोई अभिक्रिया नहीं।
  • रासायनिक समीकरण:

    • Zn + 2HCl → ZnCl₂ + H₂↑
    • Zn + 2NaOH → Na₂ZnO₂ (सोडियम जिंकेट) + H₂↑
    • Na₂CO₃ + 2HCl → 2NaCl + H₂O + CO₂↑
  • निष्कर्ष:

    • अम्ल नीले लिटमस को लाल करते हैं, सक्रिय धातुओं से क्रिया कर H₂ गैस देते हैं, और कार्बोनेट/बाइकार्बोनेट से क्रिया कर CO₂ गैस देते हैं।
    • क्षारक लाल लिटमस को नीला करते हैं, कुछ सक्रिय धातुओं (जैसे Zn, Al) से क्रिया कर H₂ गैस देते हैं, कार्बोनेट से सामान्यतः क्रिया नहीं करते।
  • सावधानियाँ: अम्ल और क्षारकों का प्रयोग सावधानी से करें।

प्रयोग 8: दिए गए नमूनों का pH ज्ञात करना

  • उद्देश्य: सार्वत्रिक सूचक या pH पत्र का उपयोग करके विभिन्न पदार्थों की अम्लीयता या क्षारीयता की प्रबलता ज्ञात करना।
  • आवश्यक सामग्री: दिए गए नमूने (जैसे तनु HCl, तनु NaOH, नींबू का रस, जल, तनु सोडियम बाइकार्बोनेट विलयन, तनु एसिटिक एसिड), pH पत्र या सार्वत्रिक सूचक विलयन, ड्रॉपर, वॉच ग्लास/परखनली, मानक pH रंग चार्ट।
  • विधि: प्रत्येक नमूने की एक बूँद अलग pH पत्र पर डालें या परखनली में नमूना लेकर उसमें सार्वत्रिक सूचक की कुछ बूँदें डालें। रंग परिवर्तन को मानक pH रंग चार्ट से मिलाएं।
  • अवलोकन (संभावित pH मान):
    • तनु HCl: pH 1-2 (लाल) - प्रबल अम्ल
    • तनु एसिटिक एसिड: pH 3-4 (नारंगी/पीला) - दुर्बल अम्ल
    • नींबू का रस: pH 2-3 (नारंगी-लाल) - अम्ल
    • शुद्ध जल: pH 7 (हरा) - उदासीन
    • तनु सोडियम बाइकार्बोनेट: pH 8-9 (हरा-नीला) - दुर्बल क्षारक
    • तनु NaOH: pH 13-14 (नीला/बैंगनी) - प्रबल क्षारक
  • निष्कर्ष: pH मान से पदार्थ की अम्लीय (pH < 7), क्षारीय (pH > 7) या उदासीन (pH = 7) प्रकृति का पता चलता है। pH मान 7 से जितना कम होगा, अम्ल उतना प्रबल होगा। pH मान 7 से जितना अधिक होगा, क्षारक उतना प्रबल होगा।
  • सावधानियाँ: प्रत्येक नमूने के लिए अलग ड्रॉपर का प्रयोग करें।

अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):

प्रश्न 1: जब दानेदार जिंक की तनु सल्फ्यूरिक अम्ल से अभिक्रिया कराई जाती है, तो निकलने वाली गैस कौन सी है और उसका परीक्षण कैसे किया जाता है?
(a) ऑक्सीजन, जलती तीली बुझ जाती है
(b) हाइड्रोजन, जलती तीली 'पॉप' ध्वनि के साथ जलती है
(c) सल्फर डाइऑक्साइड, जलते सल्फर की गंध आती है
(d) कार्बन डाइऑक्साइड, चूने के पानी को दूधिया कर देती है

प्रश्न 2: मैग्नीशियम रिबन को वायु में जलाने पर प्राप्त सफेद पाउडर का रासायनिक नाम क्या है?
(a) मैग्नीशियम कार्बोनेट
(b) मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड
(c) मैग्नीशियम ऑक्साइड
(d) मैग्नीशियम सल्फेट

प्रश्न 3: लेड नाइट्रेट और पोटैशियम आयोडाइड के जलीय विलयनों को मिलाने पर बनने वाले पीले अवक्षेप का सूत्र क्या है?
(a) KNO₃
(b) PbI₂
(c) Pb(NO₃)₂
(d) KI

प्रश्न 4: कॉपर सल्फेट के नीले विलयन में लोहे की कील डालने पर विलयन का रंग हल्का होकर हरा/मलिन क्यों हो जाता है?
(a) कॉपर सल्फेट बनने के कारण
(b) फेरस सल्फेट बनने के कारण
(c) फेरिक सल्फेट बनने के कारण
(d) कॉपर क्लोराइड बनने के कारण

प्रश्न 5: Na₂SO₄(aq) + BaCl₂(aq) → BaSO₄(s) ↓ + 2NaCl(aq) यह अभिक्रिया किसका उदाहरण है?
(a) संयोजन अभिक्रिया
(b) वियोजन अभिक्रिया
(c) विस्थापन अभिक्रिया
(d) द्विविस्थापन (अवक्षेपण) अभिक्रिया

प्रश्न 6: फेरस सल्फेट क्रिस्टलों (FeSO₄·7H₂O) को गर्म करने पर निकलने वाली गैसों की विशिष्ट गंध कैसी होती है?
(a) सड़े अंडे जैसी
(b) अमोनिया जैसी
(c) जलते हुए सल्फर जैसी
(d) कोई गंध नहीं

प्रश्न 7: एक विलयन लाल लिटमस पत्र को नीला कर देता है। इसका संभावित pH मान क्या होगा?
(a) 1
(b) 4
(c) 7
(d) 10

प्रश्न 8: तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) निम्नलिखित में से किसके साथ अभिक्रिया करके कार्बन डाइऑक्साइड गैस उत्पन्न करेगा?
(a) जिंक धातु
(b) ठोस सोडियम क्लोराइड
(c) ठोस सोडियम कार्बोनेट
(d) नीला लिटमस पत्र

प्रश्न 9: सार्वत्रिक सूचक विलयन में उदासीन विलयन (जैसे शुद्ध जल) कौन सा रंग दर्शाता है?
(a) लाल
(b) नीला
(c) हरा
(d) पीला

प्रश्न 10: लोहे की कील पर भूरे रंग की परत का जमना और कॉपर सल्फेट विलयन के रंग का बदलना, किस प्रकार की अभिक्रिया दर्शाता है?
(a) संयोजन
(b) वियोजन
(c) विस्थापन
(d) द्विविस्थापन


उत्तरमाला (MCQs):

  1. (b)
  2. (c)
  3. (b)
  4. (b)
  5. (d)
  6. (c)
  7. (d)
  8. (c)
  9. (c)
  10. (c)

मुझे उम्मीद है कि ये नोट्स और प्रश्न आपकी परीक्षा की तैयारी में सहायक होंगे। इन प्रयोगों से संबंधित अवलोकन, रंग परिवर्तन, गैसों की पहचान और रासायनिक समीकरणों को विशेष रूप से याद रखें। शुभकामनाएँ!

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