Class 10 Science Notes Chapter 17 (Chapter 17) – Examplar Problems (Hindi) Book

Examplar Problems (Hindi)
चलिए, आज हम कक्षा 10 विज्ञान के अध्याय 17 'प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन' का अध्ययन करेंगे, जो सरकारी परीक्षाओं की तैयारी के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।

अध्याय 17: प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन - विस्तृत नोट्स

1. परिचय

  • प्राकृतिक संसाधन: वे सभी पदार्थ और ऊर्जा स्रोत जो हमें प्रकृति से प्राप्त होते हैं और जिनका उपयोग हम अपनी विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए करते हैं, प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं। उदाहरण: वन, वन्यजीव, जल, कोयला, पेट्रोलियम, मृदा, वायु आदि।
  • संसाधनों के प्रकार:
    • समाप्य (अनवीकरणीय) संसाधन: ये सीमित मात्रा में उपलब्ध हैं और इनके निर्माण में लाखों वर्ष लगते हैं। इनका अत्यधिक उपयोग इन्हें समाप्त कर सकता है। उदाहरण: कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस।
    • अक्षय (नवीकरणीय) संसाधन: ये प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं या शीघ्रता से पुनः पूरित हो सकते हैं। उदाहरण: सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल, वन (यदि उचित प्रबंधन हो)।
  • संपोषित प्रबंधन (Sustainable Management): संसाधनों का इस प्रकार विवेकपूर्ण उपयोग करना कि वे वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ-साथ भावी पीढ़ियों के लिए भी संरक्षित रहें। इसका उद्देश्य आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाना है।

2. वन एवं वन्य जीवन

  • जैव विविधता के तप्त स्थल (Biodiversity Hotspots): वन ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ अत्यधिक जैव विविधता पाई जाती है।
  • वन संसाधनों के दावेदार (Stakeholders):
    • स्थानीय लोग: अपनी आवश्यकताओं (ईंधन, चारा, फल, औषधि) के लिए वनों पर निर्भर।
    • वन विभाग: सरकार की ओर से वनों का स्वामित्व और नियंत्रण।
    • उद्योगपति: वनों से प्राप्त उत्पादों (लकड़ी, तेंदू पत्ता, कागज उद्योग के लिए कच्चा माल) का उपयोग करते हैं।
    • प्रकृति एवं वन्यजीव प्रेमी: जो वनों का संरक्षण उनकी प्राकृतिक अवस्था में करना चाहते हैं।
  • वन संरक्षण के प्रयास:
    • चिपको आंदोलन (गढ़वाल, उत्तराखंड): पेड़ों को कटने से बचाने के लिए स्थानीय महिलाओं द्वारा पेड़ों से चिपक कर विरोध प्रदर्शन। यह आंदोलन सामुदायिक भागीदारी का उत्कृष्ट उदाहरण है।
    • अमृता देवी बिश्नोई राष्ट्रीय पुरस्कार: वन्यजीव संरक्षण के लिए भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला पुरस्कार। यह जोधपुर (राजस्थान) के खेजड़ली गाँव की अमृता देवी बिश्नोई के बलिदान की याद में है, जिन्होंने खेजड़ी वृक्षों को बचाने के लिए अपने प्राण दे दिए थे।
    • वन प्रबंधन में स्थानीय भागीदारी: पश्चिम बंगाल के अराबारी वन क्षेत्र में साल वनों के संरक्षण में स्थानीय समुदाय की भागीदारी सफल रही।
  • वनोन्मूलन (Deforestation): वनों की कटाई। इसके कारण: कृषि भूमि का विस्तार, आवास निर्माण, औद्योगीकरण, सड़क निर्माण, ईंधन की लकड़ी। प्रभाव: मृदा अपरदन, बाढ़, जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता का ह्रास।

3. सबके लिए जल

  • जल का महत्व: जीवन के लिए अनिवार्य, कृषि, उद्योग, परिवहन आदि में उपयोगी।
  • वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting): वर्षा के जल को एकत्रित कर उसका उपयोग करना या भूजल स्तर को बढ़ाना।
    • पारंपरिक विधियाँ: खादिन और नाड़ी (राजस्थान), बंधारस और ताल (महाराष्ट्र), बुंधिस (मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश), अहार तथा पाइन (बिहार), कुलह (हिमाचल प्रदेश), तालाब (जलीय पोखर), बावड़ी (टैंक) आदि। ये विधियाँ स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल होती हैं और पर्यावरण हितैषी हैं।
  • बांध (Dams): बड़ी नदियों पर जल भंडारण और प्रबंधन के लिए बनाए जाते हैं।
    • लाभ: सिंचाई, विद्युत उत्पादन, बाढ़ नियंत्रण।
    • हानियाँ/समस्याएँ:
      • सामाजिक समस्याएँ: बड़ी संख्या में किसानों और आदिवासियों का विस्थापन, मुआवजे की समस्या।
      • आर्थिक समस्याएँ: निर्माण में अत्यधिक सार्वजनिक धन का व्यय, लाभ का असमान वितरण।
      • पर्यावरणीय समस्याएँ: वनों और जैव विविधता का विनाश, पारिस्थितिक संतुलन बिगड़ना।
  • भौमजल (Groundwater): एक महत्वपूर्ण जल स्रोत। इसका अत्यधिक दोहन चिंता का विषय है। वर्षा जल संचयन से भौमजल का पुनर्भरण होता है।
  • गंगा प्रदूषण: औद्योगिक कचरा, अपमार्जक, वाहित मल, मृत शरीर आदि के कारण गंगा नदी अत्यधिक प्रदूषित हुई है। गंगा कार्य परियोजना (Ganga Action Plan) 1985 में शुरू की गई थी। जल की गुणवत्ता मापने के लिए कोलिफॉर्म जीवाणु (मानव की आंत्र में पाया जाने वाला) की उपस्थिति जाँची जाती है।

4. कोयला एवं पेट्रोलियम

  • जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuels): कोयला और पेट्रोलियम लाखों वर्ष पूर्व जीवों के मृत अवशेषों के अपघटन से बने हैं। ये ऊर्जा के प्रमुख स्रोत हैं।
  • सीमित भंडार: ये अनवीकरणीय संसाधन हैं और इनके भंडार सीमित हैं। वर्तमान दर से उपयोग करने पर ये शीघ्र समाप्त हो सकते हैं।
  • पर्यावरणीय प्रभाव:
    • वायु प्रदूषण: इनके दहन से कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी गैसें निकलती हैं, जो वायु प्रदूषण और अम्ल वर्षा का कारण बनती हैं।
    • वैश्विक ऊष्मण (Global Warming): कार्बन डाइऑक्साइड एक ग्रीनहाउस गैस है, जिसकी बढ़ती मात्रा पृथ्वी के तापमान को बढ़ा रही है, जिससे वैश्विक ऊष्मण हो रहा है।
  • प्रबंधन और संरक्षण:
    • इनका विवेकपूर्ण उपयोग करना।
    • ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों (सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल विद्युत) का उपयोग बढ़ाना।
    • सार्वजनिक परिवहन का उपयोग, व्यक्तिगत वाहनों का कम प्रयोग।
    • बिजली बचाना (CFL, LED का प्रयोग)।

5. संपोषित प्रबंधन के लिए 5 'R' सिद्धांत

संसाधनों के संरक्षण और कचरा प्रबंधन के लिए यह सिद्धांत महत्वपूर्ण है:

  1. इनकार (Refuse): जिन वस्तुओं की आवश्यकता नहीं है, उन्हें लेने से मना करें (जैसे प्लास्टिक थैली)।
  2. कम उपयोग (Reduce): संसाधनों का उपयोग कम करें (जैसे बिजली, पानी बचाना)।
  3. पुनः उपयोग (Reuse): वस्तुओं को फेंकने के बजाय बार-बार उपयोग करें (जैसे कांच/प्लास्टिक की बोतलें)।
  4. पुनः प्रयोजन (Repurpose): किसी वस्तु को उसके मूल उद्देश्य के बजाय किसी अन्य कार्य के लिए उपयोग करना (जैसे टूटे कप में पौधे लगाना)।
  5. पुनः चक्रण (Recycle): प्लास्टिक, कागज, कांच, धातु जैसी वस्तुओं को गलाकर नई वस्तुएँ बनाना। इसके लिए कचरे को अलग-अलग करना आवश्यक है।

6. निष्कर्ष

प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन केवल सरकारों या कुछ संस्थाओं की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। हमें अपनी जीवनशैली में बदलाव लाकर संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करना होगा ताकि ये भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी उपलब्ध रहें और पर्यावरण भी सुरक्षित रहे। संपोषित विकास ही एकमात्र रास्ता है।


अभ्यास हेतु 10 बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन वन उत्पाद पर आधारित उद्योग नहीं है?
(a) कागज उद्योग
(b) खेल सामग्री उद्योग
(c) सीमेंट उद्योग
(d) लाख उद्योग

प्रश्न 2: 'चिपको आंदोलन' का मुख्य उद्देश्य क्या था?
(a) जल संरक्षण
(b) मृदा संरक्षण
(c) वृक्षों को कटने से बचाना
(d) वन्यजीवों का संरक्षण

प्रश्न 3: अमृता देवी बिश्नोई ने किस वृक्ष की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था?
(a) आम
(b) पीपल
(c) साल
(d) खेजड़ी

प्रश्न 4: बड़े बांधों के निर्माण से उत्पन्न होने वाली एक प्रमुख पर्यावरणीय समस्या है:
(a) वायु प्रदूषण में वृद्धि
(b) जैव विविधता का विनाश
(c) अम्ल वर्षा
(d) मरुस्थलीकरण

प्रश्न 5: 'खादिन', 'कुलह', 'अहार' तथा 'पाइन' किससे संबंधित पारंपरिक संरचनाएँ हैं?
(a) मृदा संरक्षण
(b) जल संग्रहण
(c) अनाज भंडारण
(d) वन्यजीव आश्रय

प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन सा संसाधन अनवीकरणीय (समाप्य) है?
(a) सौर ऊर्जा
(b) पवन ऊर्जा
(c) पेट्रोलियम
(d) वन

प्रश्न 7: गंगा नदी में प्रचुर मात्रा में कोलिफॉर्म जीवाणु की उपस्थिति क्या दर्शाती है?
(a) जल की उच्च ऑक्सीजन मात्रा
(b) जल का उच्च खनिज स्तर
(c) जल का मानव मल द्वारा संदूषण
(d) जल की उच्च शुद्धता

प्रश्न 8: 5 'R' सिद्धांत में 'Refuse' (इनकार) का क्या अर्थ है?
(a) वस्तुओं का पुनः चक्रण करना
(b) वस्तुओं का कम उपयोग करना
(c) अनावश्यक वस्तुओं को लेने से मना करना
(d) वस्तुओं का पुनः उपयोग करना

प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सी गैस वैश्विक ऊष्मण (Global Warming) के लिए मुख्य रूप से उत्तरदायी है?
(a) ऑक्सीजन
(b) नाइट्रोजन
(c) कार्बन डाइऑक्साइड
(d) हाइड्रोजन

प्रश्न 10: संपोषित विकास की अवधारणा का उद्देश्य क्या है?
(a) केवल तीव्र आर्थिक विकास
(b) केवल पर्यावरण संरक्षण
(c) वर्तमान आवश्यकताओं की पूर्ति और भविष्य के लिए संसाधनों का संरक्षण
(d) संसाधनों का अधिकतम उपयोग


उत्तर कुंजी:

  1. (c) सीमेंट उद्योग
  2. (c) वृक्षों को कटने से बचाना
  3. (d) खेजड़ी
  4. (b) जैव विविधता का विनाश
  5. (b) जल संग्रहण
  6. (c) पेट्रोलियम
  7. (c) जल का मानव मल द्वारा संदूषण
  8. (c) अनावश्यक वस्तुओं को लेने से मना करना
  9. (c) कार्बन डाइऑक्साइड
  10. (c) वर्तमान आवश्यकताओं की पूर्ति और भविष्य के लिए संसाधनों का संरक्षण

इन नोट्स और प्रश्नों का अच्छे से अध्ययन करें, यह आपकी परीक्षा की तैयारी में सहायक होगा। कोई और प्रश्न हो तो पूछ सकते हैं।

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