Class 10 Science Notes Chapter 18 (Chapter 18) – Examplar Problems (Hindi) Book
नमस्ते बच्चो। आज हम कक्षा 10 विज्ञान की एक्सेम्पलर पुस्तक के अध्याय 18, 'हमारा पर्यावरण' का अध्ययन करेंगे। यह अध्याय सरकारी परीक्षाओं की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि पर्यावरण से संबंधित प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं। चलिए, इसके मुख्य बिंदुओं को विस्तार से समझते हैं।
अध्याय 18: हमारा पर्यावरण (Our Environment) - विस्तृत नोट्स
1. पारितंत्र (Ecosystem):
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परिभाषा: किसी क्षेत्र के सभी जीव (जैविक घटक) तथा वातावरण के अजैविक कारक (जैसे तापमान, वर्षा, वायु, मृदा) संयुक्त रूप से पारितंत्र का निर्माण करते हैं। जीव एक-दूसरे के साथ तथा अपने भौतिक पर्यावरण के साथ परस्पर क्रिया करते हैं।
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घटक:
- अजैविक घटक (Abiotic Components): इसमें भौतिक कारक जैसे तापमान, आर्द्रता, प्रकाश, वायुमंडलीय दाब, स्थलाकृति, तथा रासायनिक कारक जैसे कार्बन डाइऑक्साइड, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, जल, खनिज लवण, मिट्टी आदि शामिल हैं।
- जैविक घटक (Biotic Components): इसमें सभी सजीव शामिल होते हैं। इन्हें पोषण विधि के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है:
- उत्पादक (Producers): वे जीव जो सूर्य के प्रकाश का उपयोग करके प्रकाश संश्लेषण द्वारा अपना भोजन स्वयं बनाते हैं (स्वपोषी)। उदाहरण: हरे पौधे, नील-हरित शैवाल। ये खाद्य श्रृंखला का आधार हैं।
- उपभोक्ता (Consumers): वे जीव जो अपने भोजन के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उत्पादकों पर निर्भर रहते हैं (विषमपोषी)। इन्हें निम्न श्रेणियों में बांटा जाता है:
- प्राथमिक उपभोक्ता (Primary Consumers): शाकाहारी जीव जो सीधे उत्पादकों (पौधों) को खाते हैं। उदाहरण: हिरण, खरगोश, टिड्डा।
- द्वितीयक उपभोक्ता (Secondary Consumers): मांसाहारी जीव जो शाकाहारियों को खाते हैं। उदाहरण: मेंढक, लोमड़ी, छिपकली।
- तृतीयक उपभोक्ता (Tertiary Consumers): वे मांसाहारी जो अन्य मांसाहारियों (द्वितीयक उपभोक्ताओं) को खाते हैं। उदाहरण: साँप (जो मेंढक को खाता है), बाज।
- सर्वाहारी (Omnivores): वे जीव जो पौधे और जंतु दोनों को खाते हैं। उदाहरण: मनुष्य, कौआ, भालू।
- अपघटक (Decomposers): वे सूक्ष्मजीव (मुख्यतः जीवाणु और कवक) जो मृत पौधों और जंतुओं के जटिल कार्बनिक पदार्थों को सरल अकार्बनिक पदार्थों में तोड़ देते हैं। ये पदार्थ वापस मिट्टी, जल और वायु में मिल जाते हैं और उत्पादकों द्वारा पुनः उपयोग कर लिए जाते हैं। इन्हें प्रकृति का सफाईकर्मी भी कहते हैं।
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पारितंत्र के प्रकार:
- प्राकृतिक पारितंत्र (Natural Ecosystem): ये प्रकृति में स्वतः कार्य करते हैं। उदाहरण: वन, तालाब, झील, मरुस्थल, घास का मैदान, समुद्र।
- कृत्रिम (मानव निर्मित) पारितंत्र (Artificial Ecosystem): इन्हें मनुष्य द्वारा बनाया और प्रबंधित किया जाता है। उदाहरण: बगीचा, खेत, जलजीवशाला (एक्वेरियम)।
2. आहार श्रृंखला एवं आहार जाल (Food Chain and Food Web):
- आहार श्रृंखला (Food Chain): जीवों की एक श्रृंखला जिसमें प्रत्येक जीव अगले जीव का भोजन बनता है, जिससे ऊर्जा का प्रवाह एक दिशा में होता है। उदाहरण: घास → टिड्डा → मेंढक → साँप → बाज।
- पोषी स्तर (Trophic Level): आहार श्रृंखला का प्रत्येक चरण या कड़ी एक पोषी स्तर बनाता है।
- प्रथम पोषी स्तर: उत्पादक (हरे पौधे)
- द्वितीय पोषी स्तर: प्राथमिक उपभोक्ता (शाकाहारी)
- तृतीय पोषी स्तर: द्वितीयक उपभोक्ता (मांसाहारी)
- चतुर्थ पोषी स्तर: तृतीयक उपभोक्ता (उच्च मांसाहारी)
- ऊर्जा प्रवाह (Energy Flow):
- पारितंत्र में ऊर्जा का प्रवाह एकदिशीय (Unidirectional) होता है - सूर्य से उत्पादक, उत्पादक से उपभोक्ता और फिर अपघटकों तक।
- 10% नियम (Lindeman's 10% Law): एक पोषी स्तर से अगले पोषी स्तर तक केवल 10% ऊर्जा ही स्थानांतरित होती है। शेष 90% ऊर्जा ऊष्मा के रूप में पर्यावरण में क्षय हो जाती है या जैविक क्रियाओं (श्वसन, वृद्धि) में उपयोग हो जाती है। इसी कारण आहार श्रृंखला सामान्यतः 3-4 पोषी स्तरों तक ही सीमित रहती है।
- आहार जाल (Food Web): प्रकृति में अनेक आहार श्रृंखलाएं आपस में जुड़ी होती हैं और एक जटिल जाल बनाती हैं, जिसे आहार जाल कहते हैं। यह पारितंत्र में ऊर्जा प्रवाह के वैकल्पिक मार्ग प्रदान करता है और स्थिरता बढ़ाता है।
3. पर्यावरणीय समस्याएं (Environmental Problems):
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ओजोन परत का अपक्षय (Ozone Layer Depletion):
- ओजोन (O3): ऑक्सीजन का एक समस्थानिक है, जिसके अणु में ऑक्सीजन के तीन परमाणु होते हैं।
- ओजोन परत: यह समतापमंडल (Stratosphere) में पृथ्वी की सतह से लगभग 15-30 किमी ऊपर स्थित ओजोन गैस की एक परत है।
- कार्य: यह सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी (UV) विकिरणों को अवशोषित करके पृथ्वी पर जीवन की रक्षा करती है।
- अपक्षय के कारण: मुख्य कारण क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFCs) नामक मानव निर्मित रसायन हैं, जिनका उपयोग रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशनर, अग्निशमन यंत्रों और एयरोसोल स्प्रे में होता था। CFCs समतापमंडल में पहुंचकर ओजोन अणुओं को नष्ट कर देते हैं।
- प्रभाव: ओजोन परत के क्षीण होने से अधिक UV विकिरण पृथ्वी तक पहुँचती है, जिससे मनुष्यों में त्वचा कैंसर, मोतियाबिंद, प्रतिरक्षा तंत्र का कमजोर होना तथा पौधों और जलीय जीवों को हानि पहुँचती है।
- रोकथाम: 1987 में मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल (Montreal Protocol) नामक अंतर्राष्ट्रीय संधि हुई, जिसके तहत CFCs और अन्य ओजोन-क्षयकारी पदार्थों के उत्पादन और उपयोग को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने पर सहमति बनी।
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कचरा प्रबंधन (Waste Management):
- कचरा (अपशिष्ट): अनुपयोगी और त्यागी गई वस्तुएं।
- कचरे के प्रकार:
- जैव निम्नीकरणीय (Biodegradable): वे पदार्थ जो जैविक प्रक्रमों (जीवाणुओं, कवकों की क्रिया) द्वारा अपघटित हो जाते हैं। उदाहरण: सब्जियों और फलों के छिलके, कागज, गोबर, सूती कपड़ा, जूट।
- अजैव निम्नीकरणीय (Non-biodegradable): वे पदार्थ जो जैविक प्रक्रमों द्वारा अपघटित नहीं होते हैं और पर्यावरण में लंबे समय तक बने रहते हैं, प्रदूषण फैलाते हैं। उदाहरण: प्लास्टिक, पॉलीथीन, काँच, धातु के टुकड़े, DDT (कीटनाशक)।
- कचरा निपटान की विधियाँ:
- भराव क्षेत्र (Landfills): निचले क्षेत्रों में कचरे को डालकर मिट्टी से ढक देना।
- भस्मीकरण (Incineration): कचरे को उच्च तापमान पर जलाना (इससे वायु प्रदूषण हो सकता है)।
- कम्पोस्टिंग (Composting): जैव निम्नीकरणीय कचरे को गड्ढों में दबाकर खाद बनाना।
- पुनर्चक्रण (Recycling): अजैव निम्नीकरणीय कचरे (जैसे प्लास्टिक, कागज, काँच, धातु) से नई वस्तुएं बनाना।
- पुनः उपयोग (Reuse): वस्तुओं को फेंकने के बजाय बार-बार उपयोग करना (जैसे प्लास्टिक के डिब्बे, बोतलें)।
- कमी करना (Reduce): कचरा उत्पन्न ही कम करना, जैसे प्लास्टिक थैलों की जगह कपड़े के थैले इस्तेमाल करना।
परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण:
- पारितंत्र के जैविक और अजैविक घटकों के उदाहरण।
- उत्पादक, उपभोक्ता और अपघटक की भूमिका।
- आहार श्रृंखला और आहार जाल में अंतर।
- ऊर्जा प्रवाह की दिशा और 10% नियम।
- ओजोन परत का महत्व, क्षय के कारण और प्रभाव।
- CFCs का पूरा नाम और स्रोत।
- मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल का उद्देश्य।
- जैव निम्नीकरणीय और अजैव निम्नीकरणीय कचरे के उदाहरण और अंतर।
- कचरा निपटान की विभिन्न विधियाँ।
अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन एक कृत्रिम पारितंत्र का उदाहरण है?
(A) तालाब
(B) वन
(C) झील
(D) खेत
प्रश्न 2: आहार श्रृंखला में तृतीय पोषी स्तर पर सामान्यतः कौन होते हैं?
(A) उत्पादक
(B) शाकाहारी
(C) मांसाहारी
(D) अपघटक
प्रश्न 3: पारितंत्र में ऊर्जा का मुख्य स्रोत क्या है?
(A) हरे पौधे
(B) सूर्य का प्रकाश
(C) वायु
(D) जल
प्रश्न 4: ओजोन परत वायुमंडल की किस परत में पाई जाती है?
(A) क्षोभमंडल (Troposphere)
(B) समतापमंडल (Stratosphere)
(C) मध्यमंडल (Mesosphere)
(D) आयनमंडल (Ionosphere)
प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन सा पदार्थ जैव निम्नीकरणीय है?
(A) प्लास्टिक की बोतल
(B) कांच का टुकड़ा
(C) सब्जी के छिलके
(D) पॉलीथीन बैग
प्रश्न 6: एक आहार श्रृंखला में, यदि मेंढक टिड्डे को खाता है, तो ऊर्जा का स्थानांतरण होगा:
(A) उत्पादक से अपघटक तक
(B) उत्पादक से प्राथमिक उपभोक्ता तक
(C) प्राथमिक उपभोक्ता से द्वितीयक उपभोक्ता तक
(D) द्वितीयक उपभोक्ता से प्राथमिक उपभोक्ता तक
प्रश्न 7: ओजोन परत के क्षय के लिए मुख्य रूप से उत्तरदायी रसायन समूह कौन सा है?
(A) कार्बन डाइऑक्साइड (CO2)
(B) सल्फर डाइऑक्साइड (SO2)
(C) क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFCs)
(D) मीथेन (CH4)
प्रश्न 8: 10% नियम किससे संबंधित है?
(A) जल चक्र से
(B) नाइट्रोजन चक्र से
(C) एक पोषी स्तर से दूसरे पोषी स्तर तक ऊर्जा प्रवाह से
(D) अपशिष्ट प्रबंधन से
प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन पारितंत्र का अजैविक घटक नहीं है?
(A) तापमान
(B) जीवाणु
(C) मृदा
(D) सूर्य का प्रकाश
प्रश्न 10: मृत जीवों पर कार्य करके उन्हें सरल अकार्बनिक पदार्थों में तोड़ने वाले जीव कहलाते हैं:
(A) उत्पादक
(B) प्राथमिक उपभोक्ता
(C) द्वितीयक उपभोक्ता
(D) अपघटक
उत्तरमाला:
- (D)
- (C)
- (B)
- (B)
- (C)
- (C)
- (C)
- (C)
- (B)
- (D)
इन नोट्स और प्रश्नों का अच्छे से अध्ययन करें। यह आपकी परीक्षा की तैयारी में सहायक होगा। कोई शंका हो तो अवश्य पूछें।