Class 10 Science Notes Chapter 2 (Chapter 2) – Examplar Problems (Hindi) Book
चलिए, आज हम कक्षा 10 विज्ञान के अध्याय 2 - 'अम्ल, क्षारक एवं लवण' का अध्ययन करेंगे, जो आपकी सरकारी परीक्षाओं की तैयारी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हम इसके मुख्य बिंदुओं को विस्तार से समझेंगे और अंत में कुछ बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) भी हल करेंगे।
अध्याय 2: अम्ल, क्षारक एवं लवण (Acids, Bases and Salts) - विस्तृत नोट्स
1. अम्ल (Acids):
- परिभाषा: वे पदार्थ जो स्वाद में खट्टे होते हैं और नीले लिटमस पत्र को लाल कर देते हैं, अम्ल कहलाते हैं।
- रासायनिक गुण:
- जलीय विलयन में H⁺ आयन (या हाइड्रोनियम आयन, H₃O⁺) उत्पन्न करते हैं। (उदाहरण: HCl → H⁺ + Cl⁻; H⁺ + H₂O → H₃O⁺)
- धातुओं के साथ अभिक्रिया: अम्ल धातुओं से अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस (H₂) और संगत लवण बनाते हैं।
- अम्ल + धातु → लवण + हाइड्रोजन गैस
- उदाहरण: Zn(s) + 2HCl(aq) → ZnCl₂(aq) + H₂(g)
- H₂ गैस की उपस्थिति का परीक्षण: जलती हुई मोमबत्ती ले जाने पर 'पॉप' ध्वनि उत्पन्न होती है।
- धातु कार्बोनेट तथा धातु हाइड्रोजनकार्बोनेट के साथ अभिक्रिया: अम्ल इनसे अभिक्रिया करके संगत लवण, कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) गैस तथा जल बनाते हैं।
- अम्ल + धातु कार्बोनेट → लवण + कार्बन डाइऑक्साइड + जल
- उदाहरण: Na₂CO₃(s) + 2HCl(aq) → 2NaCl(aq) + H₂O(l) + CO₂(g)
- अम्ल + धातु हाइड्रोजनकार्बोनेट → लवण + कार्बन डाइऑक्साइड + जल
- उदाहरण: NaHCO₃(s) + HCl(aq) → NaCl(aq) + H₂O(l) + CO₂(g)
- CO₂ गैस का परीक्षण: इसे चूने के पानी [Ca(OH)₂] में प्रवाहित करने पर पानी दूधिया हो जाता है (CaCO₃ बनने के कारण)। अधिक CO₂ प्रवाहित करने पर दूधियापन गायब हो जाता है [Ca(HCO₃)₂ बनने के कारण]।
- क्षारकों के साथ अभिक्रिया (उदासीनीकरण अभिक्रिया): अम्ल क्षारक के साथ अभिक्रिया करके लवण तथा जल बनाते हैं। इस अभिक्रिया को उदासीनीकरण कहते हैं।
- अम्ल + क्षारक → लवण + जल
- उदाहरण: HCl(aq) + NaOH(aq) → NaCl(aq) + H₂O(l)
- धात्विक ऑक्साइडों के साथ अभिक्रिया: अम्ल धात्विक ऑक्साइडों (जो क्षारीय प्रकृति के होते हैं) से अभिक्रिया करके लवण और जल बनाते हैं।
- धात्विक ऑक्साइड + अम्ल → लवण + जल
- उदाहरण: CuO(s) + 2HCl(aq) → CuCl₂(aq) + H₂O(l)
- प्रबल अम्ल: वे अम्ल जो जल में पूर्णतः आयनित होकर अधिक मात्रा में H⁺ आयन देते हैं (जैसे HCl, H₂SO₄, HNO₃)।
- दुर्बल अम्ल: वे अम्ल जो जल में आंशिक रूप से आयनित होकर कम मात्रा में H⁺ आयन देते हैं (जैसे CH₃COOH, H₂CO₃)।
- सांद्र अम्ल: जिसमें अम्ल की मात्रा अधिक और जल की मात्रा कम होती है।
- तनु अम्ल: जिसमें अम्ल की मात्रा कम और जल की मात्रा अधिक होती है। (अम्ल को तनु करते समय हमेशा अम्ल को धीरे-धीरे जल में मिलाना चाहिए, न कि जल को अम्ल में)।
2. क्षारक (Bases):
- परिभाषा: वे पदार्थ जो स्वाद में कड़वे होते हैं, स्पर्श करने पर साबुन जैसे लगते हैं और लाल लिटमस पत्र को नीला कर देते हैं, क्षारक कहलाते हैं।
- रासायनिक गुण:
- जलीय विलयन में OH⁻ (हाइड्रॉक्साइड) आयन उत्पन्न करते हैं। (उदाहरण: NaOH → Na⁺ + OH⁻)
- अम्लों के साथ अभिक्रिया (उदासीनीकरण अभिक्रिया): क्षारक अम्ल के साथ अभिक्रिया करके लवण तथा जल बनाते हैं।
- क्षारक + अम्ल → लवण + जल
- उदाहरण: NaOH(aq) + HCl(aq) → NaCl(aq) + H₂O(l)
- कुछ धातुओं के साथ अभिक्रिया: कुछ सक्रिय धातुएँ (जैसे जिंक, एल्युमिनियम) प्रबल क्षारकों से अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करती हैं।
- उदाहरण: 2NaOH(aq) + Zn(s) → Na₂ZnO₂(aq) (सोडियम जिंकेट) + H₂(g)
- अधात्विक ऑक्साइडों के साथ अभिक्रिया: क्षारक अधात्विक ऑक्साइडों (जो अम्लीय प्रकृति के होते हैं) से अभिक्रिया करके लवण और जल बनाते हैं।
- अधात्विक ऑक्साइड + क्षारक → लवण + जल
- उदाहरण: CO₂(g) + Ca(OH)₂(aq) → CaCO₃(s) + H₂O(l)
- क्षार (Alkalis): जल में घुलनशील क्षारकों को क्षार कहते हैं। (उदाहरण: NaOH, KOH, Ca(OH)₂) सभी क्षार क्षारक होते हैं, परन्तु सभी क्षारक क्षार नहीं होते।
- प्रबल क्षारक: वे क्षारक जो जल में पूर्णतः आयनित होकर अधिक मात्रा में OH⁻ आयन देते हैं (जैसे NaOH, KOH)।
- दुर्बल क्षारक: वे क्षारक जो जल में आंशिक रूप से आयनित होकर कम मात्रा में OH⁻ आयन देते हैं (जैसे NH₄OH, Mg(OH)₂)।
3. सूचक (Indicators):
- परिभाषा: वे पदार्थ जो किसी विलयन में अम्ल या क्षारक की उपस्थिति को अपने रंग या गंध में परिवर्तन द्वारा सूचित करते हैं।
- प्रकार:
- प्राकृतिक सूचक: लिटमस (लाइकेन से प्राप्त), हल्दी, लाल पत्ता गोभी, पेटुनिया, जेरेनियम।
- लिटमस: अम्ल में लाल, क्षारक में नीला।
- हल्दी: अम्ल में पीला, क्षारक में लाल-भूरा।
- संश्लेषित (कृत्रिम) सूचक: मेथिल ऑरेंज, फिनॉल्फ्थेलिन।
- मेथिल ऑरेंज: अम्ल में लाल, क्षारक में पीला।
- फिनॉल्फ्थेलिन: अम्ल में रंगहीन, क्षारक में गुलाबी।
- गंधीय सूचक: वे पदार्थ जिनकी गंध अम्लीय या क्षारकीय माध्यम में बदल जाती है (जैसे प्याज का रस, वैनिला, लौंग का तेल)।
- प्राकृतिक सूचक: लिटमस (लाइकेन से प्राप्त), हल्दी, लाल पत्ता गोभी, पेटुनिया, जेरेनियम।
4. pH स्केल:
- परिभाषा: किसी विलयन में उपस्थित हाइड्रोजन आयन (H⁺) की सांद्रता मापने का पैमाना। 'p' जर्मन शब्द 'पोटेंज़' (Potenz) से लिया गया है, जिसका अर्थ है शक्ति।
- परास (Range): 0 से 14 तक।
- pH = 7 : उदासीन विलयन (शुद्ध जल)।
- pH < 7 : अम्लीय विलयन (pH मान जितना कम, अम्ल उतना प्रबल)।
- pH > 7 : क्षारकीय विलयन (pH मान जितना अधिक, क्षारक उतना प्रबल)।
- सार्वत्रिक सूचक (Universal Indicator): अनेक सूचकों का मिश्रण होता है, जो H⁺ आयन की विभिन्न सांद्रताओं पर भिन्न-भिन्न रंग प्रदर्शित करता है, जिससे pH का सटीक मान पता चलता है।
- दैनिक जीवन में pH का महत्व:
- पाचन तंत्र: हमारा उदर (पेट) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) उत्पन्न करता है (pH ≈ 1.2), जो भोजन पचाने में सहायक है। अपच की स्थिति में पेट में अम्ल की अधिकता हो जाती है, जिससे राहत पाने के लिए प्रतिअम्ल (Antacids) जैसे दुर्बल क्षारक [Mg(OH)₂, मिल्क ऑफ मैग्नीशिया] का उपयोग किया जाता है।
- दंत क्षय: मुँह का pH मान 5.5 से कम होने पर दाँतों का क्षय (इनेमल का संक्षारण) प्रारंभ हो जाता है। भोजन के बाद मुँह में उपस्थित बैक्टीरिया शर्करा का निम्नीकरण करके अम्ल बनाते हैं। क्षारकीय दंतमंजन का उपयोग इसे उदासीन करने में मदद करता है।
- पौधों एवं पशुओं की pH संवेदनशीलता: पौधे एक विशिष्ट pH परास में ही अच्छी वृद्धि करते हैं। मिट्टी का pH ज्ञात करके उपयुक्त उर्वरक उपयोग किए जाते हैं। जलीय जीवों के लिए भी जल का एक निश्चित pH परास आवश्यक है। अम्ल वर्षा नदियों के जल का pH कम कर देती है, जिससे जलीय जीवन प्रभावित होता है।
- आत्मरक्षा: मधुमक्खी का डंक मेथेनोइक अम्ल छोड़ता है, जिससे जलन व दर्द होता है। बेकिंग सोडा जैसे दुर्बल क्षारक लगाने से आराम मिलता है। नेटल पौधे के डंक वाले बाल भी मेथेनोइक अम्ल छोड़ते हैं।
5. लवण (Salts):
- परिभाषा: अम्ल एवं क्षारक की उदासीनीकरण अभिक्रिया से प्राप्त आयनिक यौगिक। इनमें एक धनायन (क्षारक से प्राप्त) और एक ऋणायन (अम्ल से प्राप्त) होता है।
- लवणों का परिवार: समान धनायन या समान ऋणायन वाले लवण एक ही परिवार के कहलाते हैं। (उदाहरण: NaCl, KCl - क्लोराइड परिवार; Na₂SO₄, K₂SO₄ - सल्फेट परिवार)।
- लवणों के विलयन का pH:
- प्रबल अम्ल + प्रबल क्षारक → उदासीन लवण (pH = 7) (उदाहरण: NaCl, KNO₃)
- प्रबल अम्ल + दुर्बल क्षारक → अम्लीय लवण (pH < 7) (उदाहरण: NH₄Cl, AlCl₃)
- दुर्बल अम्ल + प्रबल क्षारक → क्षारकीय लवण (pH > 7) (उदाहरण: CH₃COONa, Na₂CO₃)
- दुर्बल अम्ल + दुर्बल क्षारक → लवण का pH अम्ल और क्षारक की आपेक्षिक प्रबलता पर निर्भर करता है (उदासीन, अम्लीय या क्षारकीय हो सकता है)।
- साधारण नमक (Common Salt - NaCl):
- स्रोत: समुद्री जल, चट्टानी नमक (Rock Salt)।
- उपयोग: भोजन में, परिरक्षक के रूप में, विभिन्न रसायनों के निर्माण में।
- साधारण नमक से रसायन:
- सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH): सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन (लवण जल या ब्राइन) का विद्युत अपघटन करने पर (क्लोर-क्षार प्रक्रिया) एनोड पर क्लोरीन (Cl₂) गैस, कैथोड पर हाइड्रोजन (H₂) गैस तथा विलयन में सोडियम हाइड्रॉक्साइड बनता है।
- 2NaCl(aq) + 2H₂O(l) → 2NaOH(aq) + Cl₂(g) + H₂(g)
- उपयोग: NaOH (साबुन, अपमार्जक, कागज उद्योग), Cl₂ (जल स्वच्छता, PVC, कीटनाशक), H₂ (ईंधन, अमोनिया निर्माण)।
- विरंजक चूर्ण (Bleaching Powder - CaOCl₂): शुष्क बुझे हुए चूने [Ca(OH)₂] पर क्लोरीन गैस की क्रिया से बनता है।
- Ca(OH)₂(s) + Cl₂(g) → CaOCl₂(s) + H₂O(l)
- उपयोग: वस्त्र उद्योग में विरंजन, कागज उद्योग में विरंजन, पीने वाले जल को रोगाणुमुक्त करने, ऑक्सीकारक के रूप में।
- बेकिंग सोडा (Baking Soda - NaHCO₃): सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट।
- निर्माण (अमोनिया-सोडा या साल्वे विधि का मध्यवर्ती): NaCl + H₂O + CO₂ + NH₃ → NH₄Cl + NaHCO₃
- गुण: यह एक दुर्बल असंक्षारक क्षारक है। खाना पकाते समय गर्म करने पर यह सोडियम कार्बोनेट, जल और CO₂ में विघटित हो जाता है।
- 2NaHCO₃(s) --(ऊष्मा)--> Na₂CO₃(s) + H₂O(l) + CO₂(g)
- उपयोग: बेकिंग पाउडर बनाने में (बेकिंग सोडा + टार्टरिक अम्ल जैसा मंद खाद्य अम्ल), एंटासिड का घटक, सोडा-अम्ल अग्निशामक में।
- धोने का सोडा (Washing Soda - Na₂CO₃·10H₂O): सोडियम कार्बोनेट डेकाहाइड्रेट।
- निर्माण: बेकिंग सोडा को गर्म करने से प्राप्त सोडियम कार्बोनेट (सोडा ऐश) का जल के साथ पुनः क्रिस्टलीकरण करने पर।
- Na₂CO₃(s) + 10H₂O(l) → Na₂CO₃·10H₂O(s)
- उपयोग: काँच, साबुन एवं कागज उद्योगों में, बोरेक्स जैसे सोडियम यौगिकों के उत्पादन में, घरों में साफ-सफाई के लिए, जल की स्थायी कठोरता दूर करने में।
- निर्माण: बेकिंग सोडा को गर्म करने से प्राप्त सोडियम कार्बोनेट (सोडा ऐश) का जल के साथ पुनः क्रिस्टलीकरण करने पर।
- सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH): सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन (लवण जल या ब्राइन) का विद्युत अपघटन करने पर (क्लोर-क्षार प्रक्रिया) एनोड पर क्लोरीन (Cl₂) गैस, कैथोड पर हाइड्रोजन (H₂) गैस तथा विलयन में सोडियम हाइड्रॉक्साइड बनता है।
- क्रिस्टलन का जल (Water of Crystallisation): लवण के एक सूत्र इकाई में जल के निश्चित अणुओं की संख्या। ये लवण आर्द्र (hydrated) कहलाते हैं।
- उदाहरण: CuSO₄·5H₂O (नीला थोथा - कॉपर सल्फेट पेंटाहाइड्रेट), Na₂CO₃·10H₂O (धोने का सोडा), CaSO₄·2H₂O (जिप्सम)।
- गर्म करने पर ये क्रिस्टलन जल त्यागकर अनाNdr (anhydrous) लवण बनाते हैं और प्रायः अपना रंग बदल देते हैं (जैसे नीला CuSO₄·5H₂O गर्म करने पर सफेद अनाNdr CuSO₄ बनता है)।
- प्लास्टर ऑफ पेरिस (Plaster of Paris - CaSO₄·½H₂O): कैल्शियम सल्फेट हेमिहाइड्रेट (या अर्धहाइड्रेट)।
- निर्माण: जिप्सम (CaSO₄·2H₂O) को 373 K (100 °C) पर सावधानीपूर्वक गर्म करने पर यह जल के अणुओं का त्याग कर प्लास्टर ऑफ पेरिस बनाता है।
- CaSO₄·2H₂O --(373 K)--> CaSO₄·½H₂O + 1½H₂O
- गुण: यह सफेद चूर्ण है जो जल मिलाने पर पुनः जिप्सम बनकर कठोर ठोस पदार्थ में बदल जाता है।
- CaSO₄·½H₂O + 1½H₂O → CaSO₄·2H₂O (जिप्सम)
- उपयोग: टूटी हड्डियों को स्थिर रखने के लिए प्लास्टर चढ़ाने में, मूर्तियाँ व खिलौने बनाने में, सजावटी सामान बनाने में, सतहों को चिकना बनाने में।
- निर्माण: जिप्सम (CaSO₄·2H₂O) को 373 K (100 °C) पर सावधानीपूर्वक गर्म करने पर यह जल के अणुओं का त्याग कर प्लास्टर ऑफ पेरिस बनाता है।
अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):
प्रश्न 1: कोई विलयन लाल लिटमस को नीला कर देता है, इसका pH संभवतः क्या होगा?
(a) 1
(b) 4
(c) 5
(d) 10
प्रश्न 2: अपच का उपचार करने के लिए निम्न में से किस औषधि का उपयोग होता है?
(a) एंटीबायोटिक (प्रतिजैविक)
(b) एनालजेसिक (पीड़ाहारी)
(c) ऐन्टैसिड (प्रतिअम्ल)
(d) एंटीसेप्टिक (रोगाणुरोधी)
प्रश्न 3: जिंक धातु की तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से अभिक्रिया पर कौन सी गैस उत्सर्जित होती है?
(a) कार्बन डाइऑक्साइड
(b) हाइड्रोजन
(c) ऑक्सीजन
(d) क्लोरीन
प्रश्न 4: विरंजक चूर्ण का रासायनिक सूत्र क्या है?
(a) NaHCO₃
(b) Na₂CO₃·10H₂O
(c) CaOCl₂
(d) CaSO₄·½H₂O
प्रश्न 5: हमारे उदर में भोजन के पाचन के लिए कौन सा अम्ल उत्पन्न होता है?
(a) सल्फ्यूरिक अम्ल
(b) एसिटिक अम्ल
(c) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
(d) नाइट्रिक अम्ल
प्रश्न 6: धावन सोडा (Washing Soda) का रासायनिक नाम क्या है?
(a) सोडियम क्लोराइड
(b) सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट
(c) सोडियम कार्बोनेट डेकाहाइड्रेट
(d) कैल्शियम सल्फेट हेमिहाइड्रेट
प्रश्न 7: जब CO₂ गैस को चूने के पानी में प्रवाहित किया जाता है, तो वह दूधिया क्यों हो जाता है?
(a) कैल्शियम हाइड्रोजनकार्बोनेट बनने के कारण
(b) कैल्शियम कार्बोनेट बनने के कारण
(c) कैल्शियम ऑक्साइड बनने के कारण
(d) जल बनने के कारण
प्रश्न 8: क्रिस्टलन जल युक्त लवण का उदाहरण है:
(a) NaCl
(b) CuSO₄·5H₂O
(c) Na₂CO₃ (अनाNdr)
(d) CaO
प्रश्न 9: प्लास्टर ऑफ पेरिस प्राप्त किया जाता है:
(a) साधारण नमक को गर्म करके
(b) जिप्सम को 373 K पर गर्म करके
(c) विरंजक चूर्ण को गर्म करके
(d) बेकिंग सोडा को गर्म करके
प्रश्न 10: निम्नलिखित में से कौन सा एक प्रबल अम्ल है?
(a) CH₃COOH (एसिटिक अम्ल)
(b) H₂CO₃ (कार्बोनिक अम्ल)
(c) HCl (हाइड्रोक्लोरिक अम्ल)
(d) NH₄OH (अमोनियम हाइड्रॉक्साइड)
उत्तरमाला:
- (d) 10 (क्षारकीय विलयन लाल लिटमस को नीला करते हैं और उनका pH > 7 होता है)
- (c) ऐन्टैसिड (प्रतिअम्ल)
- (b) हाइड्रोजन
- (c) CaOCl₂
- (c) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
- (c) सोडियम कार्बोनेट डेकाहाइड्रेट
- (b) कैल्शियम कार्बोनेट बनने के कारण
- (b) CuSO₄·5H₂O
- (b) जिप्सम को 373 K पर गर्म करके
- (c) HCl (हाइड्रोक्लोरिक अम्ल)
मुझे उम्मीद है कि ये नोट्स और प्रश्न आपकी परीक्षा की तैयारी में सहायक होंगे। इस अध्याय के सभी समीकरणों और महत्वपूर्ण यौगिकों के नाम व सूत्र अवश्य याद रखें। शुभकामनाएँ!