Class 10 Science Notes Chapter 2 (Chapter 2) – Lab Manual (Hindi) Book
नमस्ते बच्चों!
आज हम कक्षा 10 विज्ञान के प्रयोगशाला पुस्तिका (Lab Manual) के अध्याय 2, जो अम्ल, क्षारक एवं लवण से संबंधित प्रायोगिक कार्यों पर आधारित है, उसके महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा करेंगे। ये नोट्स आपकी सरकारी परीक्षा की तैयारी में बहुत सहायक होंगे। प्रयोगशाला में किए गए प्रयोगों से सम्बंधित प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं।
अध्याय 2: अम्ल, क्षारक एवं लवण (प्रायोगिक पहलू) - विस्तृत नोट्स
1. सूचक (Indicators):
ये वे पदार्थ होते हैं जो अम्लीय या क्षारकीय विलयन में अपना रंग बदलकर पदार्थ की प्रकृति (अम्लीय या क्षारकीय) बताते हैं।
- लिटमस (Litmus):
- यह प्राकृतिक सूचक है (लाइकेन पौधे से प्राप्त)।
- अम्लीय विलयन में: नीला लिटमस लाल हो जाता है।
- क्षारकीय विलयन में: लाल लिटमस नीला हो जाता है।
- उदासीन विलयन में: कोई रंग परिवर्तन नहीं (बैंगनी रहता है)।
- फेनॉफ्थेलिन (Phenolphthalein):
- यह संश्लेषित सूचक है।
- अम्लीय विलयन में: रंगहीन रहता है।
- क्षारकीय विलयन में: गुलाबी रंग का हो जाता है।
- उदासीन विलयन में: रंगहीन रहता है।
- मिथाइल ऑरेंज (Methyl Orange):
- यह संश्लेषित सूचक है।
- अम्लीय विलयन में: लाल रंग का हो जाता है।
- क्षारकीय विलयन में: पीला रंग का हो जाता है।
- उदासीन विलयन में: नारंगी रहता है।
- हल्दी (Turmeric):
- प्राकृतिक सूचक।
- अम्लीय/उदासीन विलयन में: पीला रहता है।
- क्षारकीय विलयन में: लाल-भूरा हो जाता है (जैसे साबुन लगने पर)।
- सार्वत्रिक सूचक (Universal Indicator) / pH पेपर:
- यह अनेक सूचकों का मिश्रण होता है।
- विलयन में H⁺ आयन की विभिन्न सांद्रता के आधार पर अलग-अलग रंग दिखाता है।
- इसका उपयोग विलयन की अम्लता या क्षारकता की प्रबलता (pH मान) ज्ञात करने में होता है। pH स्केल 0 (अत्यधिक अम्लीय) से 14 (अत्यधिक क्षारकीय) तक होता है, 7 उदासीन होता है।
2. अम्लों के रासायनिक गुणधर्म (प्रयोगशाला प्रेक्षण):
- धातुओं के साथ अभिक्रिया:
- अम्ल सक्रिय धातुओं (जैसे जिंक, आयरन, मैग्नीशियम) से अभिक्रिया करके लवण और हाइड्रोजन गैस (H₂) बनाते हैं।
- प्रयोग: परखनली में जिंक के दाने लेकर उसमें तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) या तनु सल्फ्यूरिक अम्ल (H₂SO₄) डालने पर गैस के बुलबुले निकलते हैं।
- समीकरण: Zn(s) + 2HCl(aq) → ZnCl₂(aq) + H₂(g)↑
- H₂ गैस का परीक्षण: गैस के पास जलती हुई तीली ले जाने पर 'पॉप' (फट-फट) की ध्वनि उत्पन्न होती है।
- धातु कार्बोनेट तथा धातु हाइड्रोजनकार्बोनेट के साथ अभिक्रिया:
- अम्ल धातु कार्बोनेट (जैसे सोडियम कार्बोनेट - Na₂CO₃) और धातु हाइड्रोजनकार्बोनेट (जैसे सोडियम बाइकार्बोनेट/बेकिंग सोडा - NaHCO₃) से अभिक्रिया करके संगत लवण, कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) गैस और जल बनाते हैं।
- प्रयोग: परखनली में सोडियम कार्बोनेट या सोडियम बाइकार्बोनेट लेकर उसमें तनु HCl डालने पर तीव्र बुदबुदाहट के साथ गैस निकलती है।
- समीकरण:
- Na₂CO₃(s) + 2HCl(aq) → 2NaCl(aq) + H₂O(l) + CO₂(g)↑
- NaHCO₃(s) + HCl(aq) → NaCl(aq) + H₂O(l) + CO₂(g)↑
- CO₂ गैस का परीक्षण: इस गैस को चूने के पानी (कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड विलयन - Ca(OH)₂) में प्रवाहित करने पर चूने का पानी दूधिया (Milky) हो जाता है (कैल्शियम कार्बोनेट - CaCO₃ बनने के कारण)। अधिक CO₂ प्रवाहित करने पर दूधियापन गायब हो जाता है (कैल्शियम बाइकार्बोनेट बनने के कारण)।
- Ca(OH)₂(aq) + CO₂(g) → CaCO₃(s) (सफेद अवक्षेप) + H₂O(l)
- CaCO₃(s) + H₂O(l) + CO₂(g) (अधिक) → Ca(HCO₃)₂(aq) (विलेयशील)
3. क्षारकों के रासायनिक गुणधर्म (प्रयोगशाला प्रेक्षण):
- धातुओं के साथ अभिक्रिया:
- कुछ क्षारक (जैसे सोडियम हाइड्रॉक्साइड - NaOH) कुछ सक्रिय धातुओं (जैसे जिंक - Zn) से अभिक्रिया करके लवण और हाइड्रोजन गैस बनाते हैं।
- प्रयोग: परखनली में जिंक के दाने लेकर उसमें सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन डालकर गर्म करने पर हाइड्रोजन गैस निकलती है।
- समीकरण: Zn(s) + 2NaOH(aq) → Na₂ZnO₂(aq) (सोडियम जिंकेट) + H₂(g)↑
- H₂ गैस का परीक्षण: 'पॉप' ध्वनि।
- अम्लों के साथ अभिक्रिया (उदासीनीकरण): नीचे देखें।
4. उदासीनीकरण अभिक्रिया (Neutralization Reaction):
- जब अम्ल और क्षारक परस्पर अभिक्रिया करते हैं, तो वे एक-दूसरे के प्रभाव को उदासीन कर देते हैं तथा लवण और जल का निर्माण करते हैं।
- प्रयोग: परखनली में तनु NaOH विलयन लेकर उसमें फेनॉफ्थेलिन की कुछ बूँदें डालें (विलयन गुलाबी हो जाएगा)। अब ड्रॉपर की सहायता से बूँद-बूँद करके तनु HCl डालें। एक निश्चित मात्रा में HCl डालने पर विलयन का गुलाबी रंग गायब हो जाता है (उदासीन हो जाता है)।
- समीकरण: HCl(aq) + NaOH(aq) → NaCl(aq) + H₂O(l) + ऊष्मा
- यह अभिक्रिया ऊष्माक्षेपी होती है (परखनली गर्म हो जाती है)।
5. लवणों के विलयन की प्रकृति:
- प्रबल अम्ल और प्रबल क्षारक से बने लवण (जैसे NaCl, KNO₃) के जलीय विलयन उदासीन (pH ≈ 7) होते हैं।
- प्रबल अम्ल और दुर्बल क्षारक से बने लवण (जैसे NH₄Cl, CuSO₄) के जलीय विलयन अम्लीय (pH < 7) होते हैं (जल-अपघटन के कारण)।
- दुर्बल अम्ल और प्रबल क्षारक से बने लवण (जैसे CH₃COONa, Na₂CO₃) के जलीय विलयन क्षारकीय (pH > 7) होते हैं (जल-अपघटन के कारण)।
- प्रयोग: विभिन्न लवणों (NaCl, NH₄Cl, CH₃COONa) के जलीय विलयन बनाकर उनका pH पेपर या सार्वत्रिक सूचक से परीक्षण करना।
6. क्रिस्टलन का जल (Water of Crystallization):
- लवण के क्रिस्टल के एक सूत्र इकाई में जल के निश्चित अणुओं की संख्या को क्रिस्टलन का जल कहते हैं।
- प्रयोग: नीले रंग के कॉपर सल्फेट क्रिस्टल (CuSO₄·5H₂O) को एक सूखी परखनली में गर्म करने पर उसका नीला रंग गायब हो जाता है और वह सफेद चूर्ण (निर्जल कॉपर सल्फेट - CuSO₄) में बदल जाता है। परखनली की दीवारों पर जल की बूँदें दिखाई देती हैं।
- CuSO₄·5H₂O(s) (नीला) --(ऊष्मा)--> CuSO₄(s) (सफेद) + 5H₂O(g)
- इस सफेद चूर्ण पर वापस जल की कुछ बूँदें डालने पर उसका नीला रंग पुनः आ जाता है।
- CuSO₄(s) (सफेद) + 5H₂O(l) → CuSO₄·5H₂O(s) (नीला)
- यह प्रयोग दर्शाता है कि कॉपर सल्फेट क्रिस्टल में क्रिस्टलन का जल उपस्थित होता है।
7. प्रयोगशाला में सावधानियाँ:
- अम्ल और क्षारक का प्रयोग करते समय सावधानी बरतें, ये संक्षारक (corrosive) होते हैं। त्वचा के संपर्क में आने पर तुरंत जल से धोएं।
- अम्ल को तनु करते समय, अम्ल को धीरे-धीरे जल में मिलाना चाहिए, न कि जल को अम्ल में। यह एक ऊष्माक्षेपी प्रक्रिया है।
- गैसों का परीक्षण करते समय परखनली के मुँह को अपनी या किसी अन्य की तरफ न रखें।
- रासायनिक पदार्थों को चखना या सूंघना नहीं चाहिए।
अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):
प्रश्न 1: जब लिटमस विलयन न तो अम्लीय होता है और न ही क्षारकीय, तब यह किस रंग का होता है?
(A) लाल
(B) नीला
(C) बैंगनी
(D) रंगहीन
प्रश्न 2: जिंक धातु की तनु सल्फ्यूरिक अम्ल से अभिक्रिया पर कौन सी गैस उत्पन्न होती है?
(A) ऑक्सीजन (O₂)
(B) कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)
(C) हाइड्रोजन (H₂)
(D) सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂)
प्रश्न 3: फेनॉफ्थेलिन सूचक क्षारकीय विलयन में कौन सा रंग देता है?
(A) पीला
(B) गुलाबी
(C) लाल
(D) रंगहीन
प्रश्न 4: सोडियम कार्बोनेट (Na₂CO₃) की तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) से अभिक्रिया पर निकलने वाली गैस को चूने के पानी में प्रवाहित करने पर क्या प्रेक्षण मिलता है?
(A) चूने का पानी नीला हो जाता है।
(B) चूने का पानी दूधिया हो जाता है।
(C) कोई परिवर्तन नहीं होता।
(D) गैस जलने लगती है।
प्रश्न 5: उदासीनीकरण अभिक्रिया में उत्पाद क्या बनते हैं?
(A) अम्ल और क्षारक
(B) लवण और हाइड्रोजन
(C) लवण और जल
(D) क्षारक और जल
प्रश्न 6: कॉपर सल्फेट क्रिस्टल (CuSO₄·5H₂O) को गर्म करने पर उसका नीला रंग क्यों गायब हो जाता है?
(A) अपघटन के कारण
(B) ऑक्सीकरण के कारण
(C) क्रिस्टलन जल निकलने के कारण
(D) निर्जलीकरण के कारण (C और D समानार्थक हैं, C अधिक सटीक शब्द है)
प्रश्न 7: एक विलयन लाल लिटमस को नीला कर देता है। इसका pH मान संभवतः क्या होगा?
(A) 1
(B) 4
(C) 5
(D) 10
प्रश्न 8: हाइड्रोजन गैस का परीक्षण करने के लिए जलती हुई तीली गैस के पास ले जाने पर क्या होता है?
(A) तीली बुझ जाती है।
(B) तीली तेजी से जलने लगती है।
(C) 'पॉप' की ध्वनि उत्पन्न होती है।
(D) कोई प्रभाव नहीं होता।
प्रश्न 9: मिथाइल ऑरेंज सूचक अम्लीय विलयन में कौन सा रंग देता है?
(A) पीला
(B) नारंगी
(C) लाल
(D) नीला
प्रश्न 10: सोडियम जिंकेट का रासायनिक सूत्र क्या है, जो जिंक की सोडियम हाइड्रॉक्साइड से अभिक्रिया पर बनता है?
(A) NaZnO₂
(B) Na₂ZnO
(C) Na₂ZnO₂
(D) NaZn(OH)₃
उत्तर कुंजी (MCQs):
- (C) बैंगनी
- (C) हाइड्रोजन (H₂)
- (B) गुलाबी
- (B) चूने का पानी दूधिया हो जाता है।
- (C) लवण और जल
- (C) क्रिस्टलन जल निकलने के कारण
- (D) 10 (क्योंकि विलयन क्षारकीय है)
- (C) 'पॉप' की ध्वनि उत्पन्न होती है।
- (C) लाल
- (C) Na₂ZnO₂
इन नोट्स और प्रश्नों का अच्छे से अध्ययन करें। ये आपके प्रयोगशाला कौशल और सैद्धांतिक ज्ञान दोनों को मजबूत करेंगे। शुभकामनाएँ!