Class 10 Science Notes Chapter 5 (Chapter 5) – Lab Manual (Hindi) Book
चलिए, आज हम कक्षा 10 विज्ञान के प्रयोगशाला पुस्तिका (Lab Manual) के अध्याय 5 के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे, जो आपकी सरकारी परीक्षा की तैयारी में सहायक होंगे। प्रयोगशाला पुस्तिका का अध्याय 5 सामान्यतः अम्ल, क्षारक एवं लवण से संबंधित प्रयोगों पर केंद्रित होता है, विशेषकर सूचकों का उपयोग और रासायनिक अभिक्रियाओं का प्रेक्षण।
अध्याय 5: अम्ल, क्षारक एवं सूचक (प्रयोगशाला कार्य)
मुख्य उद्देश्य:
इस अध्याय के प्रयोगों का मुख्य उद्देश्य छात्रों को अम्ल और क्षारक की पहचान करने, उनके गुणों का अध्ययन करने और विभिन्न सूचकों के साथ उनके व्यवहार को समझने में मदद करना है।
महत्वपूर्ण बिंदु (परीक्षा की दृष्टि से):
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सूचक (Indicators):
- परिभाषा: सूचक वे पदार्थ होते हैं जो अम्लीय या क्षारकीय विलयन में अपना रंग बदलकर या गंध बदलकर उस विलयन की प्रकृति (अम्लीय या क्षारकीय) दर्शाते हैं।
- प्रकार:
- प्राकृतिक सूचक: ये प्रकृति में पाए जाते हैं। उदाहरण: लिटमस (लाइकेन से प्राप्त), हल्दी, लाल पत्ता गोभी का रस, गुड़हल के फूल की पंखुड़ियाँ।
- संश्लेषित (कृत्रिम) सूचक: ये प्रयोगशाला में बनाए जाते हैं। उदाहरण: फीनॉल्फ्थेलिन (Phenolphthalein), मेथिल ऑरेंज (Methyl Orange)।
- गंधीय सूचक: जिनकी गंध अम्लीय या क्षारकीय माध्यम में बदल जाती है। उदाहरण: प्याज का रस, वैनिला एसेंस, लौंग का तेल।
- विभिन्न सूचकों का रंग परिवर्तन:
- लिटमस:
- अम्ल: नीला लिटमस लाल हो जाता है।
- क्षारक: लाल लिटमस नीला हो जाता है।
- उदासीन: कोई परिवर्तन नहीं।
- फीनॉल्फ्थेलिन:
- अम्ल: रंगहीन रहता है।
- क्षारक: गुलाबी रंग का हो जाता है।
- उदासीन: रंगहीन रहता है।
- मेथिल ऑरेंज:
- अम्ल: लाल रंग का हो जाता है।
- क्षारक: पीला रंग का हो जाता है।
- उदासीन: नारंगी रहता है।
- हल्दी:
- अम्ल: पीला रहता है।
- क्षारक: लाल-भूरा हो जाता है।
- उदासीन: पीला रहता है।
- लिटमस:
- सार्वत्रिक सूचक (Universal Indicator) / pH पेपर: यह अनेक सूचकों का मिश्रण होता है और विलयन की अम्लता या क्षारकता की प्रबलता (pH मान) बताने के लिए विभिन्न रंग प्रदर्शित करता है।
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pH स्केल:
- किसी विलयन में हाइड्रोजन आयन (H⁺) की सांद्रता मापने का पैमाना।
- परास (Range): 0 से 14 तक।
- pH = 7: उदासीन विलयन (जैसे शुद्ध जल)।
- pH < 7: अम्लीय विलयन (pH जितना कम, अम्लता उतनी अधिक)।
- pH > 7: क्षारकीय विलयन (pH जितना अधिक, क्षारकता उतनी अधिक)।
- दैनिक जीवन में pH का महत्व (पाचन, दंत क्षय, मिट्टी की pH, आदि) भी महत्वपूर्ण है।
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अम्लों के रासायनिक गुणधर्म (प्रयोगशाला प्रेक्षण):
- धातुओं के साथ अभिक्रिया: अम्ल सक्रिय धातुओं (जैसे जिंक, आयरन) से अभिक्रिया करके लवण और हाइड्रोजन गैस (H₂) बनाते हैं।
- Zn(s) + H₂SO₄(aq) → ZnSO₄(aq) + H₂(g)
- H₂ गैस का परीक्षण: जलती हुई तीली ले जाने पर 'पॉप' (Pop) ध्वनि के साथ जलती है।
- धातु कार्बोनेट और धातु हाइड्रोजनकार्बोनेट के साथ अभिक्रिया: अम्ल इनसे अभिक्रिया करके संगत लवण, कार्बन डाइऑक्साइड गैस (CO₂) और जल बनाते हैं।
- Na₂CO₃(s) + 2HCl(aq) → 2NaCl(aq) + H₂O(l) + CO₂(g)
- NaHCO₃(s) + HCl(aq) → NaCl(aq) + H₂O(l) + CO₂(g)
- CO₂ गैस का परीक्षण: चूने के पानी (Calcium Hydroxide solution) में प्रवाहित करने पर वह दूधिया (milky) हो जाता है (CaCO₃ बनने के कारण)। अधिक CO₂ प्रवाहित करने पर दूधियापन समाप्त हो जाता है (Ca(HCO₃)₂ बनने के कारण)।
- धातुओं के साथ अभिक्रिया: अम्ल सक्रिय धातुओं (जैसे जिंक, आयरन) से अभिक्रिया करके लवण और हाइड्रोजन गैस (H₂) बनाते हैं।
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क्षारकों के रासायनिक गुणधर्म (प्रयोगशाला प्रेक्षण):
- धातुओं के साथ अभिक्रिया: कुछ क्षारक (जैसे NaOH) कुछ धातुओं (जैसे जिंक, एल्युमिनियम) से अभिक्रिया करके लवण और हाइड्रोजन गैस बनाते हैं।
- Zn(s) + 2NaOH(aq) → Na₂ZnO₂(aq) (सोडियम जिंकेट) + H₂(g)
- अम्लों के साथ अभिक्रिया (उदासीनीकरण): क्षारक अम्लों से अभिक्रिया करके लवण और जल बनाते हैं। इस अभिक्रिया को उदासीनीकरण कहते हैं।
- NaOH(aq) + HCl(aq) → NaCl(aq) + H₂O(l)
- इस अभिक्रिया में ऊष्मा निकलती है (ऊष्माक्षेपी)।
- धातुओं के साथ अभिक्रिया: कुछ क्षारक (जैसे NaOH) कुछ धातुओं (जैसे जिंक, एल्युमिनियम) से अभिक्रिया करके लवण और हाइड्रोजन गैस बनाते हैं।
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अम्ल एवं क्षारक विलयनों की प्रबलता:
- विलयन में H⁺ आयनों की सांद्रता अम्ल की प्रबलता निर्धारित करती है।
- विलयन में OH⁻ आयनों की सांद्रता क्षारक की प्रबलता निर्धारित करती है।
- प्रबल अम्ल (जैसे HCl, H₂SO₄) और दुर्बल अम्ल (जैसे CH₃COOH, H₂CO₃)।
- प्रबल क्षारक (जैसे NaOH, KOH) और दुर्बल क्षारक (जैसे NH₄OH, Mg(OH)₂)।
प्रयोगशाला सुरक्षा:
अम्ल और क्षारक संक्षारक (corrosive) प्रकृति के होते हैं, इसलिए प्रयोगशाला में काम करते समय सावधानी बरतनी चाहिए, जैसे दस्ताने और चश्मे पहनना।
अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):
प्रश्न 1: लिटमस विलयन, जो बैंगनी रंग का रंजक होता है, किस पौधे से निकाला जाता है?
(क) गुड़हल
(ख) लाइकेन
(ग) पेटुनिया
(घ) जेरेनियम
प्रश्न 2: कोई विलयन लाल लिटमस को नीला कर देता है, इसका pH संभवतः क्या होगा?
(क) 1
(ख) 4
(ग) 5
(घ) 10
प्रश्न 3: अपच का उपचार करने के लिए निम्न में से किस औषधि का उपयोग होता है?
(क) एंटीबायोटिक
(ख) एनालजेसिक
(ग) ऐन्टैसिड
(घ) एंटीसेप्टिक
प्रश्न 4: जिंक धातु की तनु सल्फ्यूरिक अम्ल से अभिक्रिया पर कौन सी गैस उत्सर्जित होती है?
(क) कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)
(ख) हाइड्रोजन (H₂)
(ग) सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂)
(घ) ऑक्सीजन (O₂)
प्रश्न 5: उत्सर्जित हाइड्रोजन गैस (H₂) का पता लगाने के लिए किस परीक्षण का उपयोग किया जाता है?
(क) यह चूने के पानी को दूधिया कर देती है।
(ख) यह जलती हुई तीली को बुझा देती है।
(ग) यह जलती हुई तीली ले जाने पर 'पॉप' ध्वनि उत्पन्न करती है।
(घ) इसकी गंध तीखी होती है।
प्रश्न 6: फीनॉल्फ्थेलिन सूचक क्षारकीय विलयन में कौन सा रंग देता है?
(क) पीला
(ख) नीला
(ग) गुलाबी
(घ) रंगहीन
प्रश्न 7: सोडियम कार्बोनेट (Na₂CO₃) की तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) से अभिक्रिया पर निकलने वाली गैस कौन सी है?
(क) H₂
(ख) O₂
(ग) Cl₂
(घ) CO₂
प्रश्न 8: कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) गैस का मानक परीक्षण क्या है?
(क) यह नीले लिटमस को लाल कर देती है।
(ख) यह चूने के पानी को दूधिया कर देती है।
(ग) यह जलती हुई तीली को और तेजी से जलाती है।
(घ) यह 'पॉप' ध्वनि उत्पन्न करती है।
प्रश्न 9: हल्दी का रंग क्षारकीय विलयन में कैसा हो जाता है?
(क) पीला
(ख) लाल-भूरा
(ग) हरा
(घ) नीला
प्रश्न 10: अम्ल और क्षारक के बीच होने वाली अभिक्रिया क्या कहलाती है?
(क) संयोजन अभिक्रिया
(ख) वियोजन अभिक्रिया
(ग) उदासीनीकरण अभिक्रिया
(घ) विस्थापन अभिक्रिया
उत्तरमाला:
- (ख) लाइकेन
- (घ) 10 (क्योंकि विलयन क्षारकीय है)
- (ग) ऐन्टैसिड (ये दुर्बल क्षारक होते हैं)
- (ख) हाइड्रोजन (H₂)
- (ग) यह जलती हुई तीली ले जाने पर 'पॉप' ध्वनि उत्पन्न करती है।
- (ग) गुलाबी
- (घ) CO₂
- (ख) यह चूने के पानी को दूधिया कर देती है।
- (ख) लाल-भूरा
- (ग) उदासीनीकरण अभिक्रिया
इन नोट्स और प्रश्नों का अच्छे से अध्ययन करें। ये आपकी परीक्षा की तैयारी के लिए बहुत उपयोगी साबित होंगे। शुभकामनाएँ!