Class 11 Accountancy Notes Chapter 3 (Chapter 3) – Lekhashashtra-II Book

Lekhashashtra-II
चलिए, आज हम कक्षा 11 लेखाशास्त्र-II के अध्याय 3, 'बैंक समाधान विवरण' (Bank Reconciliation Statement - BRS) का विस्तृत अध्ययन करेंगे। यह अध्याय सरकारी परीक्षाओं की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे अक्सर प्रश्न पूछे जाते हैं।

अध्याय 3: बैंक समाधान विवरण (Bank Reconciliation Statement - BRS)

परिचय:
व्यवसाय अपने सभी बैंक लेन-देनों का लेखांकन रोकड़ बही (Cash Book) के बैंक कॉलम में करता है। वहीं दूसरी ओर, बैंक भी ग्राहक के खाते का लेखा अपनी पुस्तकों में रखता है, जिसकी एक प्रति ग्राहक को 'पास बुक' (Pass Book) या 'बैंक विवरण' (Bank Statement) के रूप में दी जाती है। सैद्धांतिक रूप से, किसी निश्चित तिथि पर रोकड़ बही के बैंक कॉलम का शेष और पास बुक का शेष समान होना चाहिए। परन्तु व्यवहार में, विभिन्न कारणों से इन दोनों शेषों में अंतर पाया जाता है। इन अंतरों के कारणों का पता लगाने और दोनों शेषों का मिलान करने के लिए जो विवरण तैयार किया जाता है, उसे 'बैंक समाधान विवरण' कहते हैं।

बैंक समाधान विवरण की आवश्यकता एवं महत्व (Need and Importance of BRS):

  1. अंतरों के कारणों का ज्ञान: यह विवरण रोकड़ बही और पास बुक के शेषों में अंतर के कारणों को स्पष्ट करता है।
  2. त्रुटियों का पता लगाना: इसे बनाने से रोकड़ बही या पास बुक में हुई गणितीय या सैद्धांतिक अशुद्धियों का पता चल जाता है।
  3. रोकड़ बही के शेष का समायोजन: बैंक द्वारा किए गए कुछ लेन-देन (जैसे ब्याज जमा, बैंक शुल्क) जिनकी जानकारी व्यवसायी को BRS बनाने पर मिलती है, उन्हें रोकड़ बही में दर्ज करने में मदद मिलती है।
  4. वास्तविक बैंक शेष का ज्ञान: BRS सही बैंक शेष को जानने में सहायक होता है।
  5. धोखाधड़ी पर नियंत्रण: नियमित रूप से BRS बनाने से बैंक लेन-देनों में होने वाली धोखाधड़ी या गबन की संभावना कम हो जाती है।
  6. आंतरिक नियंत्रण: यह रोकड़ प्रबंधन और बैंक लेन-देनों पर प्रभावी आंतरिक नियंत्रण स्थापित करने में सहायक है।

रोकड़ बही तथा पास बुक के शेषों में अंतर के कारण (Causes of Difference between Cash Book and Pass Book Balances):

इन अंतरों को मुख्यतः तीन श्रेणियों में बांटा जा सकता है:

  1. समय अंतराल के कारण अंतर (Differences due to Timing Gap):

    • निर्गमित चेक किन्तु भुगतान के लिए प्रस्तुत नहीं (Cheques issued but not yet presented for payment): जब व्यवसायी चेक जारी करता है, तो वह तुरंत रोकड़ बही के बैंक कॉलम में क्रेडिट (कमी) कर देता है। परन्तु बैंक अपने यहाँ से भुगतान तभी करता है जब वह चेक वास्तव में भुगतान के लिए प्रस्तुत होता है। इस बीच की अवधि में रोकड़ बही का शेष पास बुक के शेष से कम होता है।
    • संग्रहण हेतु भेजे गए चेक किन्तु अभी तक संग्रहित नहीं (Cheques deposited into the bank but not yet collected/credited): जब व्यवसायी चेक बैंक में जमा करता है, तो वह तुरंत रोकड़ बही के बैंक कॉलम में डेबिट (वृद्धि) कर देता है। परन्तु बैंक ग्राहक के खाते में राशि तभी जमा करता है जब वह चेक वास्तव में संग्रहित (collect) हो जाता है। इस बीच की अवधि में रोकड़ बही का शेष पास बुक के शेष से अधिक होता है।
  2. केवल बैंक द्वारा किए गए लेन-देन (Transactions recorded only by the Bank):

    • बैंक द्वारा दिया गया ब्याज (Interest credited by the bank): बैंक ग्राहक के खाते में जमा शेष पर ब्याज देता है और पास बुक में क्रेडिट कर देता है। इसकी सूचना मिलने पर ही व्यवसायी इसे रोकड़ बही में डेबिट करता है।
    • बैंक द्वारा लिए गए शुल्क/कमीशन (Bank charges/commission debited by the bank): बैंक अपनी सेवाओं के बदले शुल्क या कमीशन लेता है और पास बुक में डेबिट कर देता है। इसकी सूचना मिलने पर ही व्यवसायी इसे रोकड़ बही में क्रेडिट करता है।
    • बैंक द्वारा सीधे ग्राहक के खाते में जमा राशि (Direct deposits into the bank by customers): कभी-कभी देनदार सीधे व्यवसायी के बैंक खाते में रकम जमा कर देते हैं। बैंक इसे पास बुक में क्रेडिट कर देता है, परन्तु व्यवसायी को सूचना मिलने पर ही वह इसे रोकड़ बही में डेबिट करता है।
    • बैंक द्वारा स्थायी आदेशों के अनुसार सीधे भुगतान (Direct payments made by the bank as per standing instructions): व्यवसायी के स्थायी आदेशों (जैसे बीमा प्रीमियम, किराया आदि का भुगतान) के अनुसार बैंक भुगतान करके पास बुक में डेबिट कर देता है। व्यवसायी सूचना मिलने पर ही इसे रोकड़ बही में क्रेडिट करता है।
    • चेकों/बिलों का अनादरण (Dishonour of cheques/bills discounted): जब जमा किया गया चेक या भुनाया गया बिल अनादरित हो जाता है, तो बैंक पास बुक में डेबिट कर देता है। व्यवसायी को सूचना मिलने पर ही वह इसे रोकड़ बही में क्रेडिट करता है।
  3. अभिलेखन में त्रुटियाँ (Errors in Recording):

    • फर्म द्वारा की गई त्रुटियाँ (Errors committed by the firm): ये त्रुटियाँ रोकड़ बही में हो सकती हैं, जैसे - गलत राशि लिखना, किसी प्रविष्टि को छोड़ देना, गलत पक्ष में प्रविष्टि करना, योग में गलती आदि।
    • बैंक द्वारा की गई त्रुटियाँ (Errors committed by the bank): ये त्रुटियाँ पास बुक में हो सकती हैं, जैसे - गलत राशि लिखना, गलत खाते में प्रविष्टि करना, किसी प्रविष्टि को छोड़ देना आदि।

बैंक समाधान विवरण तैयार करना (Preparation of BRS):

BRS बनाने के लिए किसी एक पुस्तक (रोकड़ बही या पास बुक) के शेष को आधार माना जाता है और उसमें अंतर के कारणों का समायोजन (जोड़ या घटाव) करके दूसरी पुस्तक के शेष तक पहुँचा जाता है।

  • प्रारंभिक बिंदु (Starting Point):

    • रोकड़ बही के अनुसार शेष (Balance as per Cash Book) - यह अनुकूल (Debit Balance) या अधिविकर्ष (Credit Balance/Overdraft) हो सकता है।
    • पास बुक के अनुसार शेष (Balance as per Pass Book) - यह अनुकूल (Credit Balance) या अधिविकर्ष (Debit Balance/Overdraft) हो सकता है।
  • समायोजन का तरीका (Method of Adjustment):

    • यदि रोकड़ बही के शेष से प्रारंभ करें:
      • जोड़ें (+): वे सभी मदें जिनसे पास बुक का शेष रोकड़ बही के शेष से अधिक है (जैसे - निर्गमित चेक जो प्रस्तुत नहीं हुए, बैंक द्वारा जमा ब्याज, ग्राहक द्वारा सीधे जमा)।
      • घटाएं (-): वे सभी मदें जिनसे पास बुक का शेष रोकड़ बही के शेष से कम है (जैसे - जमा चेक जो संग्रहित नहीं हुए, बैंक शुल्क, बैंक द्वारा सीधे भुगतान, चेक अनादरण)।
    • यदि पास बुक के शेष से प्रारंभ करें:
      • जोड़ें (+): वे सभी मदें जिनसे रोकड़ बही का शेष पास बुक के शेष से अधिक है (जैसे - जमा चेक जो संग्रहित नहीं हुए, बैंक द्वारा गलत डेबिट)।
      • घटाएं (-): वे सभी मदें जिनसे रोकड़ बही का शेष पास बुक के शेष से कम है (जैसे - निर्गमित चेक जो प्रस्तुत नहीं हुए, बैंक द्वारा जमा ब्याज, बैंक द्वारा गलत क्रेडिट)।
  • ध्यान दें:

    • रोकड़ बही का डेबिट शेष = अनुकूल शेष (Favourable Balance) = बैंक में जमा राशि।
    • रोकड़ बही का क्रेडिट शेष = अधिविकर्ष (Overdraft) = बैंक से लिया गया ऋण।
    • पास बुक का क्रेडिट शेष = अनुकूल शेष (Favourable Balance) = बैंक में जमा राशि।
    • पास बुक का डेबिट शेष = अधिविकर्ष (Overdraft) = बैंक से लिया गया ऋण।

बैंक समाधान विवरण का प्रारूप (Format of BRS):

(तिथि) को बैंक समाधान विवरण
(Bank Reconciliation Statement as on [Date])

विवरण (Particulars) राशि (+) (Amount +) राशि (-) (Amount -)
रोकड़ बही के अनुसार शेष (डेबिट/अनुकूल) XXX
या रोकड़ बही के अनुसार अधिविकर्ष (क्रेडिट) XXX
जोड़ें (Add):
निर्गमित चेक जो प्रस्तुत नहीं हुए XXX
बैंक द्वारा जमा ब्याज XXX
ग्राहक द्वारा सीधे बैंक में जमा XXX
बैंक द्वारा गलत डेबिट (Wrong debit by bank) XXX
रोकड़ बही में कम डेबिट की त्रुटि XXX
(अन्य मदें जो पास बुक शेष को बढ़ाती हैं) XXX
घटाएं (Less):
जमा चेक जो संग्रहित नहीं हुए XXX
बैंक द्वारा लगाए गए शुल्क XXX
बैंक द्वारा स्थायी आदेश पर भुगतान XXX
चेक/बिल का अनादरण XXX
बैंक द्वारा गलत क्रेडिट (Wrong credit by bank) XXX
रोकड़ बही में कम क्रेडिट की त्रुटि XXX
(अन्य मदें जो पास बुक शेष को घटाती हैं) XXX
पास बुक के अनुसार शेष (क्रेडिट/अनुकूल) XXX
या पास बुक के अनुसार अधिविकर्ष (डेबिट) XXX
योग (Total) XXX XXX

(नोट: उपरोक्त प्रारूप रोकड़ बही के शेष से शुरू करने पर आधारित है। पास बुक से शुरू करने पर मदों का जोड़/घटाव विपरीत होगा।)

सरकारी परीक्षा हेतु विशेष ध्यान:

  • अंतर के कारणों को अच्छी तरह समझें।
  • किस कारण से रोकड़ बही का शेष बढ़ता/घटता है और पास बुक का शेष बढ़ता/घटता है, यह स्पष्ट होना चाहिए।
  • BRS बनाते समय किसी विशेष मद को जोड़ा जाएगा या घटाया जाएगा, यह प्रारंभिक शेष (रोकड़ बही या पास बुक) पर निर्भर करता है। इस अवधारणा पर आधारित प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं।
  • अनुकूल शेष और अधिविकर्ष की अवधारणा स्पष्ट रखें।

अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):

प्रश्न 1: बैंक समाधान विवरण तैयार किया जाता है:
(a) रोकड़ बही के शेष को पास बुक के शेष से मिलाने के लिए
(b) लाभ-हानि ज्ञात करने के लिए
(c) वित्तीय स्थिति जानने के लिए
(d) त्रुटियों को ठीक करने के लिए

प्रश्न 2: रोकड़ बही के अनुसार बैंक अधिविकर्ष का अर्थ है:
(a) रोकड़ बही का डेबिट शेष
(b) रोकड़ बही का क्रेडिट शेष
(c) पास बुक का क्रेडिट शेष
(d) पास बुक का शून्य शेष

प्रश्न 3: जब बैंक द्वारा ग्राहक के खाते में ब्याज जमा किया जाता है, तो पास बुक का शेष ________ है।
(a) बढ़ता
(b) घटता
(c) अपरिवर्तित रहता
(d) शून्य हो जाता

प्रश्न 4: यदि बैंक समाधान विवरण रोकड़ बही के अनुकूल शेष से शुरू किया जाता है, तो 'निर्गमित चेक जो भुगतान हेतु प्रस्तुत नहीं हुए' को:
(a) जोड़ा जाएगा
(b) घटाया जाएगा
(c) अनदेखा किया जाएगा
(d) रोकड़ बही में दर्ज किया जाएगा

प्रश्न 5: पास बुक का डेबिट शेष दर्शाता है:
(a) बैंक में जमा राशि
(b) बैंक अधिविकर्ष (Overdraft)
(c) रोकड़ बही का अनुकूल शेष
(d) रोकड़ बही का क्रेडिट शेष

प्रश्न 6: ग्राहक द्वारा सीधे बैंक में जमा की गई राशि के कारण:
(a) रोकड़ बही का शेष पास बुक से अधिक होता है
(b) पास बुक का शेष रोकड़ बही से अधिक होता है
(c) दोनों शेष समान रहते हैं
(d) रोकड़ बही का शेष घटता है

प्रश्न 7: बैंक शुल्क (Bank Charges) के कारण:
(a) रोकड़ बही का शेष बढ़ता है
(b) पास बुक का शेष बढ़ता है
(c) पास बुक का शेष घटता है
(d) रोकड़ बही और पास बुक दोनों का शेष बढ़ता है

प्रश्न 8: यदि बैंक समाधान विवरण पास बुक के अधिविकर्ष (डेबिट शेष) से शुरू किया जाता है, तो 'जमा किये गए चेक जो संग्रहित नहीं हुए' को:
(a) जोड़ा जाएगा
(b) घटाया जाएगा
(c) अनदेखा किया जाएगा
(d) पास बुक में दर्ज किया जाएगा

प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सा समय अंतराल के कारण होने वाला अंतर नहीं है?
(a) निर्गमित चेक जो प्रस्तुत नहीं हुए
(b) जमा चेक जो संग्रहित नहीं हुए
(c) बैंक द्वारा लगाया गया शुल्क
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं

प्रश्न 10: बैंक समाधान विवरण मुख्यतः मदद करता है:
(a) रोकड़ बही और पास बुक के अंतरों के कारणों को जानने में
(b) रोकड़ प्रवाह जानने में
(c) देनदारों से वसूली में
(d) सम्पत्तियों के मूल्यांकन में


उत्तर कुंजी (Answer Key):

  1. (a)
  2. (b)
  3. (a)
  4. (a)
  5. (b)
  6. (b)
  7. (c)
  8. (a)
  9. (c)
  10. (a)

मुझे उम्मीद है कि ये नोट्स और प्रश्न आपके लिए उपयोगी सिद्ध होंगे। इस अध्याय का अच्छी तरह से अभ्यास करें, विशेषकर विभिन्न मदों के समायोजन का। शुभकामनाएँ!

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