Class 11 Accountancy Notes Chapter 4 (Chapter 4) – Lekhashashtra-II Book

चलिए, आज हम कक्षा 11 की लेखाशास्त्र-II पुस्तक के अध्याय 4, 'प्राप्य बिल तथा देय बिल' (Bills Receivable and Bills Payable), जिसे सामान्यतः 'विनिमय विपत्र' (Bills of Exchange) के नाम से जाना जाता है, का विस्तृत अध्ययन करेंगे। यह अध्याय व्यावसायिक लेन-देनों, विशेषकर उधार लेन-देनों के निपटान में प्रयोग होने वाले महत्वपूर्ण प्रपत्रों से सम्बंधित है और सरकारी परीक्षाओं की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
अध्याय 4: विनिमय विपत्र (Bills of Exchange)
1. परिचय (Introduction):
जब माल उधार बेचा या खरीदा जाता है, तो विक्रेता क्रेता से भुगतान प्राप्त करने का अधिकार रखता है और क्रेता भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होता है। इस भुगतान को सुनिश्चित करने और एक निश्चित तिथि पर भुगतान प्राप्त करने के लिए कुछ लिखित प्रपत्रों का उपयोग किया जाता है, जिन्हें 'विनिमय साध्य विलेख' (Negotiable Instruments) कहते हैं। इनमें प्रमुख हैं - विनिमय विपत्र और प्रतिज्ञा पत्र।
2. विनिमय विपत्र (Bill of Exchange):
- परिभाषा: विनिमय विपत्र अधिनियम, 1881 की धारा 5 के अनुसार, "विनिमय विपत्र एक शर्त रहित लिखित आज्ञापत्र है, जिस पर लिखने वाले के हस्ताक्षर होते हैं, जिसमें लिखने वाला एक निश्चित व्यक्ति को यह आज्ञा देता है कि वह एक निश्चित व्यक्ति को या उसके आदेशानुसार या प्रपत्र के वाहक को एक निश्चित धनराशि का भुगतान कर दे।"
- मुख्य विशेषताएँ:
- यह लिखित होता है।
- इसमें भुगतान करने की शर्त रहित आज्ञा होती है।
- यह लेखक (Drawer) द्वारा हस्ताक्षरित होता है।
- इसमें एक निश्चित राशि का भुगतान करने की आज्ञा होती है।
- भुगतान की राशि निश्चित होती है।
- भुगतान की तिथि निश्चित होती है या मांग पर देय होता है।
- यह किसी निश्चित व्यक्ति (Drawee/स्वीकर्ता) पर लिखा जाता है।
- भुगतान किसी निश्चित व्यक्ति (Payee/आदाता) को या उसके आदेशानुसार या वाहक को देय होता है।
- इस पर उचित मूल्य के स्टाम्प लगे होने चाहिए।
- विनिमय विपत्र के पक्षकार (Parties to a Bill of Exchange):
- लेखक/आहर्ता (Drawer): वह व्यक्ति जो बिल लिखता है और भुगतान प्राप्त करने का अधिकारी होता है (सामान्यतः विक्रेता)।
- स्वीकर्ता/आहार्यी (Drawee/Acceptor): वह व्यक्ति जिसे बिल का भुगतान करने की आज्ञा दी जाती है और जो बिल को स्वीकार करता है (सामान्यतः क्रेता)। स्वीकृति के बाद वह 'स्वीकर्ता' कहलाता है।
- आदाता (Payee): वह व्यक्ति जिसे बिल की राशि प्राप्त करने का अधिकार होता है। लेखक और आदाता एक ही व्यक्ति हो सकते हैं, या लेखक किसी अन्य व्यक्ति को भुगतान करने का निर्देश दे सकता है।
3. प्रतिज्ञा पत्र (Promissory Note):
- परिभाषा: विनिमय विपत्र अधिनियम, 1881 की धारा 4 के अनुसार, "प्रतिज्ञा पत्र एक लिखित प्रपत्र है (बैंक नोट या करेंसी नोट नहीं), जिसमें लिखने वाला एक निश्चित व्यक्ति को या उसके आदेशानुसार या प्रपत्र के वाहक को एक निश्चित धनराशि भुगतान करने की शर्त रहित प्रतिज्ञा करता है।"
- मुख्य विशेषताएँ:
- यह लिखित होता है।
- इसमें एक निश्चित राशि भुगतान करने की शर्त रहित प्रतिज्ञा होती है (आज्ञा नहीं)।
- यह लिखने वाले (Maker) द्वारा हस्ताक्षरित होता है।
- भुगतान की राशि निश्चित होती है।
- भुगतान की तिथि निश्चित होती है या मांग पर देय होता है।
- भुगतान किसी निश्चित व्यक्ति (Payee) को या उसके आदेशानुसार देय होता है।
- इस पर उचित मूल्य के स्टाम्प लगे होने चाहिए।
- प्रतिज्ञा पत्र के पक्षकार (Parties to a Promissory Note):
- निर्माता/लेखक (Maker): वह व्यक्ति जो प्रतिज्ञा पत्र लिखता है और भुगतान करने की प्रतिज्ञा करता है (सामान्यतः क्रेता)।
- आदाता (Payee): वह व्यक्ति जिसे राशि प्राप्त करने का अधिकार होता है (सामान्यतः विक्रेता)।
4. विनिमय विपत्र और प्रतिज्ञा पत्र में अंतर (Difference between Bill of Exchange and Promissory Note):
| आधार | विनिमय विपत्र (Bill of Exchange) | प्रतिज्ञा पत्र (Promissory Note) |
|---|---|---|
| आज्ञा/प्रतिज्ञा | इसमें भुगतान करने की आज्ञा होती है। | इसमें भुगतान करने की प्रतिज्ञा होती है। |
| लेखक | लेनदार (विक्रेता) द्वारा लिखा जाता है। | देनदार (क्रेता) द्वारा लिखा जाता है। |
| पक्षकार | तीन पक्षकार होते हैं (लेखक, स्वीकर्ता, आदाता)। | दो पक्षकार होते हैं (निर्माता, आदाता)। |
| स्वीकृति | स्वीकर्ता द्वारा स्वीकृति आवश्यक है। | स्वीकृति की आवश्यकता नहीं होती। |
| दायित्व | स्वीकर्ता का दायित्व प्राथमिक और लेखक का गौण होता है। | लेखक (निर्माता) का दायित्व प्राथमिक होता है। |
| नोटिंग | अनादरण पर नोटिंग आवश्यक हो सकती है। | अनादरण पर नोटिंग आवश्यक नहीं है। |
5. महत्वपूर्ण शब्दावली (Important Terms):
- विपत्र की अवधि (Term/Tenor of Bill): वह समय अवधि जिसके बाद बिल का भुगतान देय होता है। यह बिल लिखने की तिथि से या बिल देखने की तिथि से शुरू हो सकती है।
- अनुग्रह दिवस (Days of Grace): भुगतान तिथि की गणना करते समय बिल की अवधि में 3 दिन अतिरिक्त जोड़े जाते हैं, इन्हें अनुग्रह दिवस कहते हैं। (मांग पर देय बिलों पर अनुग्रह दिवस नहीं मिलते)।
- परिपक्वता तिथि (Date of Maturity): वह तिथि जिस पर बिल का भुगतान देय होता है। इसकी गणना बिल की अवधि में अनुग्रह दिवस जोड़कर की जाती है।
- गणना: यदि अवधि 'महीनों' में है, तो तिथि से तिथि गणना करें (जैसे 1 जनवरी + 2 महीने = 1 मार्च) और फिर 3 दिन जोड़ें। यदि अवधि 'दिनों' में है, तो लिखने की तिथि को छोड़कर दिनों की गणना करें और फिर 3 दिन जोड़ें।
- अवकाश: यदि परिपक्वता तिथि सार्वजनिक अवकाश (जैसे रविवार, 26 जनवरी) के दिन पड़ती है, तो देय तिथि उससे पिछला कार्य दिवस होगी। यदि यह आपातकालीन अवकाश के दिन पड़ती है, तो देय तिथि अगला कार्य दिवस होगी।
- बिल का भुनाना (Discounting of Bill): जब बिल का धारक (लेखक या आदाता) परिपक्वता तिथि से पहले नकदी की आवश्यकता होने पर बिल को बैंक से कुछ कटौती (Discount) पर भुना लेता है। बैंक कटौती काटकर शेष राशि धारक को दे देता है। कटौती (Discount) धारक के लिए व्यय है।
- बिल का बेचान (Endorsement of Bill): जब बिल का धारक अपना ऋण चुकाने के लिए बिल का स्वामित्व किसी अन्य व्यक्ति (लेनदार) को हस्तांतरित कर देता है, तो इसे बेचान कहते हैं। जो व्यक्ति बेचान करता है वह 'बेचानकर्ता' (Endorser) और जिसे बेचान किया जाता है वह 'बेचानपात्र' (Endorsee) कहलाता है।
- संग्रह के लिए भेजा गया बिल (Bill Sent for Collection): जब बिल का धारक परिपक्वता तिथि पर भुगतान प्राप्त करने के लिए बिल को अपने बैंक के पास भेज देता है, तो इसे संग्रह के लिए भेजा गया बिल कहते हैं। बैंक ग्राहक की ओर से राशि वसूल करता है।
- बिल का अनादरण (Dishonour of Bill): जब स्वीकर्ता परिपक्वता तिथि पर बिल का भुगतान करने में असफल रहता है, तो इसे बिल का अनादरण कहते हैं।
- नकराई व्यय (Noting Charges): बिल के अनादरण को प्रमाणित करने के लिए इसे 'नोटरी पब्लिक' नामक अधिकारी के पास प्रस्तुत किया जाता है। नोटरी पब्लिक द्वारा बिल के अनादरण का तथ्य दर्ज करने के लिए लिया जाने वाला शुल्क 'नकराई व्यय' कहलाता है। यह व्यय पहले धारक द्वारा चुकाया जाता है, परन्तु अंततः यह स्वीकर्ता से वसूला जाता है क्योंकि अनादरण उसी के कारण हुआ है।
- बिल का नवीनीकरण (Renewal of Bill): जब स्वीकर्ता परिपक्वता तिथि पर भुगतान करने में असमर्थ होता है, तो वह लेखक से पुराना बिल रद्द करके कुछ ब्याज सहित या रहित नई अवधि का नया बिल लिखने का अनुरोध कर सकता है। इसे बिल का नवीनीकरण कहते हैं।
- बिल का अवधि पूर्व भुगतान (Retirement of Bill): जब स्वीकर्ता परिपक्वता तिथि से पहले ही बिल का भुगतान कर देता है, तो लेखक उसे कुछ छूट (Rebate) दे सकता है। इसे बिल का अवधि पूर्व भुगतान कहते हैं। यह छूट स्वीकर्ता के लिए आय और लेखक के लिए व्यय है।
6. लेखांकन प्रविष्टियाँ (Accounting Entries):
(A) लेखक/आहर्ता (Drawer) की पुस्तकों में:
| स्थिति | डेबिट (Debit) | क्रेडिट (Credit) |
|---|---|---|
| 1. बिल लिखने और स्वीकृति मिलने पर | प्राप्य बिल खाता (Bills Receivable A/c) | स्वीकर्ता का व्यक्तिगत खाता (Drawee's A/c) |
| 2. परिपक्वता पर बिल का भुगतान मिलने पर | रोकड़/बैंक खाता (Cash/Bank A/c) | प्राप्य बिल खाता (Bills Receivable A/c) |
| 3. बिल को बैंक से भुनाने पर | बैंक खाता (Bank A/c) (राशि - कटौती) कटौती खाता (Discount A/c) |
प्राप्य बिल खाता (Bills Receivable A/c) |
| 4. बिल का बेचान करने पर | बेचानपात्र का खाता (Endorsee's A/c) | प्राप्य बिल खाता (Bills Receivable A/c) |
| 5. बिल संग्रह हेतु बैंक भेजने पर | बैंक संग्रह हेतु बिल खाता (Bill Sent for Collection A/c) | प्राप्य बिल खाता (Bills Receivable A/c) |
| 6. संग्रह हेतु भेजे बिल का भुगतान मिलने पर | बैंक खाता (Bank A/c) | बैंक संग्रह हेतु बिल खाता (Bill Sent for Collection A/c) |
| 7. बिल का अनादरण होने पर (यदि बिल लेखक के पास था) | स्वीकर्ता का खाता (Drawee's A/c) (बिल राशि + नकराई व्यय) | प्राप्य बिल खाता (Bills Receivable A/c) रोकड़/बैंक खाता (Cash/Bank A/c) (नकराई व्यय) |
| 8. बिल का अनादरण (यदि भुनाया गया था) | स्वीकर्ता का खाता (Drawee's A/c) (बिल राशि + नकराई व्यय) | बैंक खाता (Bank A/c) |
| 9. बिल का अनादरण (यदि बेचान किया था) | स्वीकर्ता का खाता (Drawee's A/c) (बिल राशि + नकराई व्यय) | बेचानपात्र का खाता (Endorsee's A/c) |
| 10. बिल का अनादरण (यदि संग्रह हेतु भेजा था) | स्वीकर्ता का खाता (Drawee's A/c) (बिल राशि + नकराई व्यय) | बैंक संग्रह हेतु बिल खाता (Bill Sent for Collection A/c) बैंक खाता (Bank A/c) (नकराई व्यय) |
| 11. नवीनीकरण पर ब्याज चार्ज करने पर | स्वीकर्ता का खाता (Drawee's A/c) | ब्याज खाता (Interest A/c) |
| 12. नया बिल स्वीकार होने पर (नवीनीकरण) | प्राप्य बिल खाता (Bills Receivable A/c) | स्वीकर्ता का खाता (Drawee's A/c) |
| 13. बिल का अवधि पूर्व भुगतान (छूट देकर) | रोकड़/बैंक खाता (Cash/Bank A/c) छूट खाता (Rebate on Bill A/c) |
प्राप्य बिल खाता (Bills Receivable A/c) |
(B) स्वीकर्ता/आहार्यी (Drawee) की पुस्तकों में:
| स्थिति | डेबिट (Debit) | क्रेडिट (Credit) |
|---|---|---|
| 1. बिल स्वीकार करने पर | लेखक का व्यक्तिगत खाता (Drawer's A/c) | देय बिल खाता (Bills Payable A/c) |
| 2. परिपक्वता पर बिल का भुगतान करने पर | देय बिल खाता (Bills Payable A/c) | रोकड़/बैंक खाता (Cash/Bank A/c) |
| 3. बिल का अनादरण होने पर | देय बिल खाता (Bills Payable A/c) नकराई व्यय खाता (Noting Charges A/c) |
लेखक का व्यक्तिगत खाता (Drawer's A/c) |
| 4. नवीनीकरण पर ब्याज देय होने पर | ब्याज खाता (Interest A/c) | लेखक का व्यक्तिगत खाता (Drawer's A/c) |
| 5. नया बिल स्वीकार करने पर (नवीनीकरण) | लेखक का व्यक्तिगत खाता (Drawer's A/c) | देय बिल खाता (Bills Payable A/c) |
| 6. बिल का अवधि पूर्व भुगतान (छूट पाकर) | देय बिल खाता (Bills Payable A/c) | रोकड़/बैंक खाता (Cash/Bank A/c) छूट खाता (Rebate/Discount Received A/c) |
ध्यान दें: ये सामान्य प्रविष्टियाँ हैं। प्रश्न की विशिष्ट परिस्थितियों के अनुसार इनमें थोड़ा बदलाव हो सकता है।
अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):
प्रश्न 1: विनिमय विपत्र में कितने पक्षकार होते हैं?
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) एक
उत्तर: (ख) तीन
प्रश्न 2: प्रतिज्ञा पत्र कौन लिखता है?
(क) लेनदार
(ख) देनदार
(ग) बैंक
(घ) आदाता
उत्तर: (ख) देनदार
प्रश्न 3: विनिमय विपत्र की परिपक्वता तिथि ज्ञात करने के लिए अवधि में कितने अनुग्रह दिवस जोड़े जाते हैं?
(क) 1 दिन
(ख) 2 दिन
(ग) 3 दिन
(घ) 4 दिन
उत्तर: (ग) 3 दिन
प्रश्न 4: जब लेखक परिपक्वता तिथि से पूर्व बैंक से बिल का भुगतान प्राप्त कर लेता है, तो इसे कहते हैं:
(क) बिल का बेचान
(ख) बिल का नवीनीकरण
(ग) बिल का भुनाना
(घ) बिल का अनादरण
उत्तर: (ग) बिल का भुनाना
प्रश्न 5: बिल के अनादरण पर 'नकराई व्यय' का भुगतान अंततः किसके द्वारा वहन किया जाता है?
(क) लेखक (Drawer)
(ख) स्वीकर्ता (Drawee)
(ग) बैंक
(घ) आदाता (Payee)
उत्तर: (ख) स्वीकर्ता (Drawee)
प्रश्न 6: निम्नलिखित में से किस पर स्वीकृति (Acceptance) की आवश्यकता होती है?
(क) प्रतिज्ञा पत्र
(ख) विनिमय विपत्र
(ग) बैंक ड्राफ्ट
(घ) चेक
उत्तर: (ख) विनिमय विपत्र
प्रश्न 7: एक बिल 1 अगस्त को 1 माह की अवधि के लिए लिखा गया। परिपक्वता तिथि क्या होगी?
(क) 1 सितम्बर
(ख) 3 सितम्बर
(ग) 4 सितम्बर
(घ) 31 अगस्त
उत्तर: (ग) 4 सितम्बर (1 अगस्त + 1 माह = 1 सितम्बर + 3 दिन = 4 सितम्बर)
प्रश्न 8: बिल का बेचान करने पर लेखक (Drawer) अपनी पुस्तकों में किस खाते को क्रेडिट करेगा?
(क) रोकड़ खाता
(ख) बैंक खाता
(ग) प्राप्य बिल खाता
(घ) बेचानपात्र का खाता
उत्तर: (ग) प्राप्य बिल खाता
प्रश्न 9: स्वीकर्ता (Drawee) द्वारा बिल का भुगतान परिपक्वता तिथि से पूर्व करने पर प्राप्त छूट उसके लिए क्या है?
(क) व्यय
(ख) आय
(ग) हानि
(घ) संपत्ति
उत्तर: (ख) आय
प्रश्न 10: यदि परिपक्वता तिथि सार्वजनिक अवकाश के दिन पड़ती है, तो बिल का भुगतान कब देय होगा?
(क) अगले कार्य दिवस पर
(ख) पिछले कार्य दिवस पर
(ग) उसी दिन
(घ) स्वीकर्ता की सुविधानुसार
उत्तर: (ख) पिछले कार्य दिवस पर
यह अध्याय परीक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। सभी परिभाषाओं, विशेषताओं, अंतरों, महत्वपूर्ण शब्दावली और विशेष रूप से लेखांकन प्रविष्टियों को ध्यानपूर्वक समझें और अभ्यास करें। शुभकामनाएँ!