Class 11 Accountancy Notes Chapter 5 (बैंक समाधान विवरण) – Lekhashashtra-I Book

नमस्ते विद्यार्थियो,
आज हम लेखाशास्त्र के एक महत्वपूर्ण अध्याय - 'बैंक समाधान विवरण' (Bank Reconciliation Statement - BRS) का अध्ययन करेंगे। यह अध्याय न केवल आपकी कक्षा 11 की परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि विभिन्न सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं के लेखांकन खंड के लिए भी अत्यंत उपयोगी है। चलिए, विस्तार से इसके मुख्य बिंदुओं को समझते हैं।
अध्याय 5: बैंक समाधान विवरण (Bank Reconciliation Statement)
1. परिचय एवं अर्थ (Introduction and Meaning)
प्रत्येक व्यवसायी अपनी रोकड़ बही (Cash Book) में एक बैंक खाना (Bank Column) रखता है, जिसमें वह बैंक के साथ हुए सभी लेन-देनों का लेखा करता है। इसी प्रकार, बैंक भी अपने ग्राहक (व्यवसायी) के खाते का लेखा अपनी बहियों में रखता है, जिसकी एक प्रति ग्राहक को 'पास बुक' (Pass Book) या 'बैंक विवरण' (Bank Statement) के रूप में दी जाती है।
सैद्धांतिक रूप से, किसी निश्चित तिथि पर रोकड़ बही के बैंक खाने का शेष और पास बुक का शेष समान होना चाहिए। परन्तु व्यवहार में, कई कारणों से इन दोनों शेषों में अंतर पाया जाता है।
बैंक समाधान विवरण एक ऐसा विवरण है जो किसी निश्चित तिथि को रोकड़ बही के बैंक शेष तथा पास बुक के शेष में अंतर के कारणों को दर्शाता है और उनका समाधान करता है। यह रोकड़ बही या पास बुक का हिस्सा नहीं है, बल्कि एक अलग से तैयार किया जाने वाला प्रपत्र या विवरण है।
2. बैंक समाधान विवरण की आवश्यकता या उद्देश्य (Need or Objectives of BRS)
- रोकड़ बही तथा पास बुक के शेषों में अंतर के कारणों का पता लगाना।
- रोकड़ बही या पास बुक में हुई अशुद्धियों (Errors) को खोजना।
- रोकड़ बही को अद्यतन (Update) करने में सहायता करना (उन लेन-देनों को दर्ज करना जो केवल पास बुक में हैं)।
- चेकों के संग्रहण या भुगतान में होने वाले अनावश्यक विलम्ब का पता लगाना।
- कर्मचारियों द्वारा की गई धोखाधड़ी या गबन को रोकने में सहायक।
- सही बैंक शेष का निर्धारण कर वित्तीय विवरणों की सत्यता सुनिश्चित करना।
3. रोकड़ बही तथा पास बुक के शेषों में अंतर के कारण (Reasons for Difference between Cash Book and Pass Book Balances)
अंतर के कारणों को मुख्यतः तीन श्रेणियों में बांटा जा सकता है:
(क) समय अंतराल के कारण अंतर (Difference due to Timing Gap):
- निर्गमित चेक जिनका भुगतान हेतु प्रस्तुतीकरण नहीं हुआ (Cheques issued but not yet presented for payment): व्यवसायी चेक जारी करते ही अपनी रोकड़ बही के बैंक खाने के क्रेडिट पक्ष में लेखा कर देता है (शेष कम हो जाता है), परन्तु जब तक वह चेक बैंक में भुगतान के लिए प्रस्तुत नहीं होता, बैंक पास बुक में कोई प्रविष्टि नहीं करता (शेष कम नहीं होता)।
- संग्रहण हेतु बैंक में जमा किये गए चेक जिनका संग्रहण नहीं हुआ (Cheques deposited into the bank but not yet collected/credited): व्यवसायी चेक जमा करते ही रोकड़ बही के बैंक खाने के डेबिट पक्ष में लेखा कर देता है (शेष बढ़ जाता है), परन्तु बैंक ग्राहक के खाते में राशि तभी जमा (Credit) करता है जब वह चेक वास्तव में संग्रहित हो जाता है। इस बीच की अवधि में अंतर रहता है।
(ख) बैंक द्वारा किये गए लेन-देन जिनकी सूचना व्यवसायी को नहीं है (Transactions recorded by the Bank but not yet in the Cash Book):
- बैंक द्वारा नामे किये गए व्यय (Expenses debited by the Bank): बैंक अपनी सेवाओं के बदले कुछ शुल्क (Bank Charges), ऋण पर ब्याज आदि ग्राहक के खाते से काट लेता है (Debit करता है), जिससे पास बुक का शेष कम हो जाता है। इसकी सूचना मिलने पर ही व्यवसायी रोकड़ बही में लेखा करता है।
- बैंक द्वारा जमा की गई आय (Income credited by the Bank): बैंक ग्राहक के खाते में ब्याज जमा (Credit) कर सकता है, या ग्राहक की ओर से लाभांश, ब्याज आदि सीधे संग्रहित कर खाते में जमा कर सकता है, जिससे पास बुक का शेष बढ़ जाता है। सूचना मिलने पर ही व्यवसायी रोकड़ बही में लेखा करता है।
- ग्राहकों (देनदारों) द्वारा सीधे बैंक खाते में जमा (Direct deposit by customers into the bank account): जब कोई देनदार सीधे व्यवसायी के बैंक खाते में राशि जमा कर देता है, तो पास बुक का शेष बढ़ जाता है। व्यवसायी को इसकी सूचना मिलने पर ही वह रोकड़ बही में प्रविष्टि करता है।
- बैंक द्वारा स्थायी आदेशों के अनुसार किये गए भुगतान (Direct payments made by the bank as per standing instructions): व्यवसायी के स्थायी आदेश (जैसे बीमा प्रीमियम, किराया आदि का भुगतान) पर बैंक भुगतान कर देता है और खाते को नामे (Debit) कर देता है, जिससे पास बुक का शेष कम हो जाता है। सूचना मिलने पर व्यवसायी रोकड़ बही में लेखा करता है।
- संग्रहण हेतु भेजे गए बिलों/चेकों का अनादरण (Dishonour of cheques/bills sent for collection): जब जमा किया गया कोई चेक या बिल अनादरित (Dishonour) हो जाता है, तो बैंक उसे ग्राहक के खाते से नामे (Debit) कर देता है, जिससे पास बुक का शेष कम हो जाता है। व्यवसायी को सूचना मिलने पर ही रोकड़ बही में सुधार प्रविष्टि करनी होती है।
(ग) लेखा करने में हुई अशुद्धियाँ (Errors in Recording):
- व्यवसायी द्वारा रोकड़ बही में की गई अशुद्धियाँ (Errors committed in the Cash Book): जैसे गलत राशि लिखना, किसी लेन-देन को लिखना भूल जाना, गलत पक्ष में लिखना, जोड़ लगाने में गलती आदि।
- बैंक द्वारा पास बुक में की गई अशुद्धियाँ (Errors committed by the Bank): यद्यपि यह कम होता है, पर बैंक द्वारा भी गलत खाते में प्रविष्टि, गलत राशि लिखना जैसी त्रुटियाँ हो सकती हैं।
4. बैंक समाधान विवरण तैयार करने की विधि (Method of Preparing BRS)
BRS बनाने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन किया जाता है:
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प्रारंभिक शेष (Starting Balance): रोकड़ बही या पास बुक में से किसी एक का शेष आधार के रूप में लिया जाता है। यह शेष अनुकूल (Favourable - रोकड़ बही का डेबिट शेष या पास बुक का क्रेडिट शेष) या प्रतिकूल/अधिविकर्ष (Unfavourable/Overdraft - रोकड़ बही का क्रेडिट शेष या पास बुक का डेबिट शेष) हो सकता है। 
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समायोजन (Adjustments): अंतर के कारणों का पता लगाकर उनका समायोजन किया जाता है। समायोजन का नियम इस बात पर निर्भर करता है कि आपने प्रारंभिक शेष किसका लिया है और वह अनुकूल है या प्रतिकूल। - 
यदि रोकड़ बही के शेष से प्रारम्भ किया जाए (Starting with Cash Book Balance): - जोड़ें (Add): वे सभी मदें जिनसे पास बुक का शेष बढ़ा है या रोकड़ बही का शेष कम हुआ है (जैसे: चेक निर्गमित परन्तु प्रस्तुत नहीं, बैंक द्वारा जमा ब्याज, ग्राहकों द्वारा सीधे जमा)।
- घटाएं (Subtract): वे सभी मदें जिनसे पास बुक का शेष कम हुआ है या रोकड़ बही का शेष बढ़ा है (जैसे: चेक जमा परन्तु संग्रहित नहीं, बैंक शुल्क, बैंक द्वारा सीधे भुगतान)।
 
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यदि पास बुक के शेष से प्रारम्भ किया जाए (Starting with Pass Book Balance): उपरोक्त नियम विपरीत हो जायेंगे। - जोड़ें (Add): वे सभी मदें जिनसे रोकड़ बही का शेष बढ़ा है या पास बुक का शेष कम हुआ है (जैसे: चेक जमा परन्तु संग्रहित नहीं, बैंक शुल्क, बैंक द्वारा सीधे भुगतान)।
- घटाएं (Subtract): वे सभी मदें जिनसे रोकड़ बही का शेष कम हुआ है या पास बुक का शेष बढ़ा है (जैसे: चेक निर्गमित परन्तु प्रस्तुत नहीं, बैंक द्वारा जमा ब्याज, ग्राहकों द्वारा सीधे जमा)।
 
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अधिविकर्ष (Overdraft) की स्थिति में: अधिविकर्ष का अर्थ है ऋणात्मक शेष। समायोजन करते समय विशेष ध्यान रखना होता है। - रोकड़ बही के अधिविकर्ष से प्रारम्भ:
- जोड़ें: वे मदें जो सामान्य शेष (अनुकूल) की स्थिति में घटाई जाती हैं (जैसे: चेक जमा परन्तु संग्रहित नहीं, बैंक शुल्क)। ये मदें अधिविकर्ष को और बढ़ाती हैं।
- घटाएं: वे मदें जो सामान्य शेष (अनुकूल) की स्थिति में जोड़ी जाती हैं (जैसे: चेक निर्गमित परन्तु प्रस्तुत नहीं, बैंक द्वारा जमा ब्याज)। ये मदें अधिविकर्ष को कम करती हैं।
 
- पास बुक के अधिविकर्ष से प्रारम्भ: नियम विपरीत हो जायेंगे।
 
- रोकड़ बही के अधिविकर्ष से प्रारम्भ:
 
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अंतिम शेष (Final Balance): समायोजन करने के बाद जो शेष आता है, वह दूसरी बही (जिससे प्रारम्भ नहीं किया था) के शेष के बराबर होना चाहिए। 
5. समायोजित रोकड़ बही (Adjusted Cash Book)
कभी-कभी बैंक समाधान विवरण बनाने से पहले, रोकड़ बही में उन सभी मदों का समायोजन कर लिया जाता है जो वास्तव में रोकड़ बही में लिखी जानी चाहिए थीं (जैसे बैंक शुल्क, बैंक द्वारा जमा ब्याज, रोकड़ बही की गलतियाँ)। इसे 'समायोजित रोकड़ बही' बनाना कहते हैं। इसके बाद, केवल समय अंतराल वाली मदों (जैसे चेक निर्गमित पर प्रस्तुत नहीं, चेक जमा पर संग्रहित नहीं) और बैंक की गलतियों को लेकर ही BRS बनाया जाता है। इससे रोकड़ बही का सही शेष ज्ञात हो जाता है।
निष्कर्ष: बैंक समाधान विवरण एक महत्वपूर्ण नियंत्रण तकनीक है जो रोकड़ बही और पास बुक के शेषों का मिलान करके त्रुटियों और विसंगतियों को उजागर करती है। यह व्यवसाय को अपने बैंक लेन-देनों पर बेहतर नियंत्रण रखने में मदद करता है।
अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs for Practice)
प्रश्न 1: बैंक समाधान विवरण तैयार किया जाता है:
(क) रोकड़ बही के शेष और पास बुक के शेष का मिलान करने के लिए
(ख) रोकड़ बही में त्रुटियों का पता लगाने के लिए
(ग) पास बुक में त्रुटियों का पता लगाने के लिए
(घ) उपरोक्त सभी
प्रश्न 2: जब बैंक द्वारा ग्राहक के खाते में ब्याज जमा किया जाता है, तो इसका प्रभाव होता है:
(क) रोकड़ बही का शेष बढ़ता है
(ख) पास बुक का शेष बढ़ता है
(ग) रोकड़ बही का शेष घटता है
(घ) पास बुक का शेष घटता है
प्रश्न 3: निर्गमित चेक जो अभी तक भुगतान के लिए प्रस्तुत नहीं हुए हैं, रोकड़ बही के शेष से बैंक समाधान विवरण बनाते समय:
(क) जोड़े जाते हैं
(ख) घटाए जाते हैं
(ग) कोई समायोजन नहीं होता
(घ) पास बुक के शेष में जोड़े जाते हैं
प्रश्न 4: रोकड़ बही के अनुसार अधिविकर्ष (Overdraft) का अर्थ है:
(क) रोकड़ बही का डेबिट शेष
(ख) रोकड़ बही का क्रेडिट शेष
(ग) पास बुक का क्रेडिट शेष
(घ) पास बुक का डेबिट शेष
प्रश्न 5: बैंक शुल्क (Bank Charges) का लेखा पहले कहाँ होता है?
(क) रोकड़ बही में
(ख) पास बुक में
(ग) जर्नल में
(घ) क्रय बही में
प्रश्न 6: यदि रोकड़ बही के शेष से बैंक समाधान विवरण शुरू किया जाता है, तो ग्राहकों द्वारा सीधे बैंक में जमा कराई गई राशि को:
(क) जोड़ा जाएगा
(ख) घटाया जाएगा
(ग) अनदेखा किया जाएगा
(घ) पास बुक शेष से घटाया जाएगा
प्रश्न 7: बैंक समाधान विवरण कौन तैयार करता है?
(क) बैंक
(ख) बैंक का ग्राहक (व्यवसायी)
(क) देनदार
(घ) लेनदार
प्रश्न 8: पास बुक के शेष से बैंक समाधान विवरण बनाते समय, जमा किये गए चेक जो अभी तक संग्रहित नहीं हुए हैं, उन्हें:
(क) जोड़ा जाएगा
(ख) घटाया जाएगा
(ग) कोई समायोजन नहीं होगा
(घ) रोकड़ बही शेष में जोड़ा जाएगा
प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सा मद समय अंतराल के कारण होने वाले अंतर का उदाहरण है?
(क) बैंक द्वारा लगाया गया शुल्क
(ख) चेक निर्गमित परन्तु प्रस्तुत नहीं
(ग) रोकड़ बही के जोड़ में गलती
(घ) बैंक द्वारा सीधे किया गया भुगतान
प्रश्न 10: यदि पास बुक के अनुसार अधिविकर्ष (Overdraft) से BRS प्रारम्भ किया जाए, तो बैंक द्वारा जमा किये गए ब्याज को:
(क) जोड़ा जाएगा (अधिविकर्ष बढ़ेगा)
(ख) घटाया जाएगा (अधिविकर्ष कम होगा)
(ग) जोड़ा जाएगा (अनुकूल शेष की तरह)
(घ) घटाया जाएगा (अनुकूल शेष की तरह)
उत्तरमाला (Answer Key):
- (घ)
- (ख)
- (क)
- (ख)
- (ख)
- (क)
- (ख)
- (क)
- (ख)
- (ख)
मुझे उम्मीद है कि ये नोट्स और प्रश्न आपकी परीक्षा की तैयारी में सहायक होंगे। इस अध्याय का अच्छी तरह से अभ्यास करें, विशेषकर विभिन्न मदों के समायोजन का। यदि कोई शंका हो तो अवश्य पूछें। शुभकामनाएँ!
 
            