Class 11 Accountancy Notes Chapter 5 (Chapter 5) – Lekhashashtra-II Book

Lekhashashtra-II
चलिए, आज हम लेखाशास्त्र-II के अध्याय 5, 'बैंक समाधान विवरण' (Bank Reconciliation Statement - BRS) का विस्तृत अध्ययन करेंगे। यह अध्याय सरकारी परीक्षाओं की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे संबंधित प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं।

अध्याय 5: बैंक समाधान विवरण (Bank Reconciliation Statement - BRS)

1. परिचय (Introduction):
व्यवसाय अपने सभी बैंकिंग लेन-देनों का लेखा रोकड़ बही (Cash Book) के बैंक खाने (Bank Column) में रखता है। इसी प्रकार, बैंक भी अपने ग्राहक (व्यवसाय) के सभी लेन-देनों का लेखा ग्राहक के खाते में रखता है, जिसकी एक प्रति ग्राहक को पास बुक (Pass Book) या बैंक विवरण (Bank Statement) के रूप में दी जाती है।

सैद्धांतिक रूप से, किसी निश्चित तिथि पर रोकड़ बही के बैंक खाने का शेष और पास बुक का शेष समान होना चाहिए। परन्तु व्यवहार में, कई कारणों से इन दोनों शेषों में अंतर पाया जाता है। इन्हीं अंतरों के कारणों का पता लगाने और रोकड़ बही तथा पास बुक के शेष का मिलान करने के लिए जो विवरण तैयार किया जाता है, उसे 'बैंक समाधान विवरण' कहते हैं।

2. बैंक समाधान विवरण का अर्थ (Meaning of BRS):
बैंक समाधान विवरण एक ऐसा विवरण है जो किसी निश्चित तिथि को रोकड़ बही के बैंक शेष तथा बैंक पास बुक के शेष के बीच अंतर के कारणों को दर्शाते हुए दोनों शेषों का मिलान करने के लिए तैयार किया जाता है। यह रोकड़ बही का हिस्सा नहीं है, बल्कि एक अलग से तैयार किया जाने वाला कार्य-पत्र (Working Paper) है।

3. रोकड़ बही तथा पास बुक के शेष में अंतर के कारण (Reasons for Difference):
अंतर के मुख्य कारणों को निम्न श्रेणियों में बांटा जा सकता है:

  • (क) समय अंतराल के कारण अंतर (Difference due to Timing Gap):

    • निर्गमित चेक जिनका भुगतान अभी तक बैंक द्वारा नहीं किया गया (Cheques issued but not yet presented for payment): व्यवसायी चेक जारी कर देता है और तुरंत रोकड़ बही में क्रेडिट (जमा) कर देता है, जिससे रोकड़ बही का शेष कम हो जाता है। परन्तु जब तक चेक प्राप्तकर्ता उसे बैंक में भुगतान के लिए प्रस्तुत नहीं करता, तब तक बैंक पास बुक का शेष कम नहीं होता।
    • संग्रहण हेतु जमा किये गए चेक जिनका संग्रहण अभी तक बैंक द्वारा नहीं किया गया (Cheques deposited but not yet collected/credited by the bank): व्यवसायी चेक बैंक में जमा करते ही रोकड़ बही में डेबिट (नाम) कर देता है, जिससे रोकड़ बही का शेष बढ़ जाता है। परन्तु बैंक ग्राहक के खाते में राशि तभी क्रेडिट करता है जब वह चेक वास्तव में संग्रहित (Collect) हो जाता है। इसमें कुछ दिन लग सकते हैं।
  • (ख) बैंक द्वारा किये गए लेन-देन जिनकी जानकारी व्यवसायी को नहीं है (Transactions recorded only by the Bank):

    • बैंक द्वारा ब्याज क्रेडिट किया जाना (Interest credited by the bank): बैंक ग्राहक के खाते में जमा शेष पर ब्याज देता है और पास बुक में क्रेडिट कर देता है, जिससे पास बुक का शेष बढ़ जाता है। इसकी जानकारी व्यवसायी को बैंक विवरण मिलने पर ही होती है।
    • बैंक द्वारा व्यय/शुल्क डेबिट किया जाना (Bank charges debited by the bank): बैंक अपनी सेवाओं (जैसे चेक बुक जारी करना, ड्राफ्ट बनाना, खाते का रखरखाव आदि) के लिए शुल्क लेता है और ग्राहक के खाते से डेबिट कर देता है, जिससे पास बुक का शेष कम हो जाता है। इसकी जानकारी भी व्यवसायी को बाद में मिलती है।
    • बैंक द्वारा सीधे संग्रहित आय (जैसे ब्याज, लाभांश) (Interest and dividends collected by the bank): यदि व्यवसायी ने बैंक को स्थायी निर्देश दे रखे हैं, तो बैंक सीधे ग्राहक की ओर से ब्याज, लाभांश आदि संग्रहित करके खाते में क्रेडिट कर देता है, जिससे पास बुक का शेष बढ़ जाता है।
    • बैंक द्वारा स्थायी निर्देशों के अनुसार सीधे भुगतान (Direct payments made by the bank as per standing instructions): बैंक स्थायी निर्देशों (जैसे बीमा प्रीमियम, किराया) के अनुसार ग्राहक की ओर से भुगतान करके खाते से डेबिट कर देता है, जिससे पास बुक का शेष कम हो जाता है।
    • ग्राहकों द्वारा सीधे बैंक में जमा (Direct deposits by customers into the bank): कभी-कभी ग्राहक सीधे व्यवसायी के बैंक खाते में पैसा जमा कर देते हैं। बैंक इसे पास बुक में क्रेडिट कर देता है, जिससे पास बुक का शेष बढ़ जाता है। व्यवसायी को इसकी सूचना मिलने तक रोकड़ बही में लेखा नहीं होता।
    • जमा किये गए/भुनाये गए चेकों/बिलों का अनादरण (Dishonour of cheques/bills deposited/discounted): जब कोई जमा किया गया चेक या बैंक से भुनाया गया बिल अनादरित (Dishonour) हो जाता है, तो बैंक ग्राहक के खाते को डेबिट कर देता है, जिससे पास बुक का शेष कम हो जाता है।
  • (ग) लेखा करने में हुई गलतियाँ (Errors in Recording):

    • व्यवसायी द्वारा रोकड़ बही में की गई गलतियाँ (Errors committed by the firm in cash book): जैसे गलत राशि लिखना, किसी लेन-देन को लिखना भूल जाना, एक ही लेन-देन को दो बार लिख देना, गलत पक्ष में लिख देना आदि।
    • बैंक द्वारा पास बुक में की गई गलतियाँ (Errors committed by the bank in pass book): यद्यपि बैंक में गलतियों की संभावना कम होती है, फिर भी हो सकती हैं, जैसे गलत राशि लिखना, किसी अन्य ग्राहक के लेन-देन को भूल से व्यवसायी के खाते में लिख देना आदि।

4. बैंक समाधान विवरण की आवश्यकता/महत्व (Need/Importance of BRS):

  • रोकड़ बही और पास बुक के शेष में अंतर के कारणों का पता लगाना।
  • रोकड़ बही या पास बुक में हुई अशुद्धियों का पता लगाना और उन्हें सुधारना।
  • रोकड़ बही के बैंक खाने की शुद्धता की जांच करना।
  • वास्तविक बैंक शेष का ज्ञान प्राप्त करना।
  • कर्मचारियों द्वारा की जा सकने वाली धोखाधड़ी या गबन को रोकना या उसका शीघ्र पता लगाना।
  • लेखांकन अभिलेखों को अद्यतन (Update) रखने में सहायक।

5. बैंक समाधान विवरण तैयार करना (Preparation of BRS):
BRS बनाने के लिए किसी एक पुस्तक (रोकड़ बही या पास बुक) के शेष को आधार (Starting Point) मानकर शुरुआत की जाती है और उसमें अंतर के कारणों का समायोजन (जोड़ना या घटाना) करके दूसरी पुस्तक के शेष तक पहुँचा जाता है।

  • प्रारंभिक शेष (Starting Balance): यह रोकड़ बही या पास बुक का शेष हो सकता है। यह शेष अनुकूल (Favourable - रोकड़ बही का डेबिट शेष या पास बुक का क्रेडिट शेष) या प्रतिकूल (Unfavourable/Overdraft - रोकड़ बही का क्रेडिट शेष या पास बुक का डेबिट शेष) हो सकता है।

  • समायोजन (Adjustments):

    • यदि रोकड़ बही के शेष से शुरुआत करें:
      • जोड़ें (+): वे सभी मदें जिनसे पास बुक का शेष बढ़ा है या रोकड़ बही का शेष कम हुआ है (जैसे - चेक निर्गमित परन्तु प्रस्तुत नहीं, बैंक द्वारा ब्याज क्रेडिट, ग्राहकों द्वारा सीधे जमा)।
      • घटाएं (-): वे सभी मदें जिनसे पास बुक का शेष कम हुआ है या रोकड़ बही का शेष बढ़ा है (जैसे - चेक जमा परन्तु संग्रहित नहीं, बैंक शुल्क, बैंक द्वारा सीधे भुगतान, चेक अनादरण)।
    • यदि पास बुक के शेष से शुरुआत करें:
      • जोड़ें (+): वे सभी मदें जिनसे रोकड़ बही का शेष बढ़ा है या पास बुक का शेष कम हुआ है (जैसे - चेक जमा परन्तु संग्रहित नहीं, बैंक शुल्क, बैंक द्वारा सीधे भुगतान, चेक अनादरण)।
      • घटाएं (-): वे सभी मदें जिनसे रोकड़ बही का शेष कम हुआ है या पास बुक का शेष बढ़ा है (जैसे - चेक निर्गमित परन्तु प्रस्तुत नहीं, बैंक द्वारा ब्याज क्रेडिट, ग्राहकों द्वारा सीधे जमा)।
  • अंतिम शेष (Ending Balance): समायोजन करने के बाद जो शेष आता है, वह दूसरी पुस्तक के शेष के बराबर होना चाहिए।

उदाहरण:
यदि रोकड़ बही के अनुकूल शेष (Debit Balance) से शुरुआत करते हैं:

  • चेक निर्गमित किये पर भुगतान हेतु प्रस्तुत नहीं हुए (+)
  • बैंक द्वारा ब्याज दिया गया (+)
  • बैंक ने शुल्क लगाया (-)
  • चेक जमा किये पर संग्रहित नहीं हुए (-)

6. संशोधित रोकड़ बही (Adjusted Cash Book):
कभी-कभी BRS बनाने से पहले, रोकड़ बही को संशोधित (Adjust) किया जाता है। इसमें केवल वे समायोजन रोकड़ बही में किये जाते हैं जिनकी प्रविष्टि रोकड़ बही में होनी चाहिए थी पर हुई नहीं (जैसे बैंक शुल्क, बैंक द्वारा दिया ब्याज, सीधे जमा, सीधे भुगतान, रोकड़ बही में हुई गलतियाँ)। रोकड़ बही को संशोधित करने के बाद जो नया शेष आता है, उसे लेकर BRS बनाया जाता है। इस स्थिति में, BRS में केवल समय अंतराल वाली मदें (चेक निर्गमित पर प्रस्तुत नहीं, चेक जमा पर संग्रहित नहीं) और बैंक द्वारा की गई गलतियाँ ही दिखाई जाती हैं।

7. प्रारूप (Format):
BRS सामान्यतः एक विवरण (Statement) के रूप में बनाया जाता है।

बैंक समाधान विवरण (तिथि) को

विवरण राशि (+) राशि (-)
रोकड़ बही के अनुसार शेष (डेबिट) xxxx
जोड़ें:
चेक निर्गमित पर प्रस्तुत नहीं xxxx
बैंक द्वारा क्रेडिट किया गया ब्याज xxxx
... (अन्य जोड़ने वाली मदें) xxxx
घटाएं:
चेक जमा पर संग्रहित नहीं xxxx
बैंक द्वारा डेबिट किये गए शुल्क xxxx
... (अन्य घटाने वाली मदें) xxxx
पास बुक के अनुसार शेष (क्रेडिट) xxxx
या
पास बुक के अनुसार अधिविकर्ष (डेबिट) xxxx

(नोट: प्रारूप प्रारंभिक शेष (रोकड़ बही/पास बुक, अनुकूल/प्रतिकूल) के अनुसार बदल सकता है)


अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):

  1. बैंक समाधान विवरण तैयार किया जाता है:
    (क) रोकड़ बही के शेष और पास बुक के शेष का मिलान करने के लिए
    (ख) रोकड़ बही में त्रुटियों का पता लगाने के लिए
    (ग) पास बुक में त्रुटियों का पता लगाने के लिए
    (घ) उपरोक्त सभी

  2. जब बैंक द्वारा ग्राहक के खाते में ब्याज क्रेडिट किया जाता है, तो पास बुक का शेष:
    (क) बढ़ता है
    (ख) घटता है
    (ग) अपरिवर्तित रहता है
    (घ) इनमें से कोई नहीं

  3. निर्गमित किये गए चेक जो अभी तक भुगतान हेतु प्रस्तुत नहीं हुए हैं, उन्हें रोकड़ बही के शेष से शुरू होने वाले बैंक समाधान विवरण में:
    (क) जोड़ा जाता है
    (ख) घटाया जाता है
    (ग) कोई समायोजन नहीं किया जाता
    (घ) पास बुक में जोड़ा जाता है

  4. रोकड़ बही के अनुसार बैंक अधिविकर्ष (Overdraft) का अर्थ है:
    (क) रोकड़ बही का डेबिट शेष
    (ख) रोकड़ बही का क्रेडिट शेष
    (ग) पास बुक का क्रेडिट शेष
    (घ) पास बुक का शून्य शेष

  5. पास बुक के अनुसार अनुकूल शेष का अर्थ है:
    (क) पास बुक का डेबिट शेष
    (ख) पास बुक का क्रेडिट शेष
    (ग) रोकड़ बही का क्रेडिट शेष
    (घ) इनमें से कोई नहीं

  6. बैंक समाधान विवरण कौन तैयार करता है?
    (क) बैंक
    (ख) बैंक का ग्राहक (व्यवसायी)
    (ग) देनदार
    (घ) लेनदार

  7. निम्नलिखित में से कौन सा मद रोकड़ बही और पास बुक के शेष में अंतर का कारण नहीं है?
    (क) चेक निर्गमित पर प्रस्तुत नहीं
    (ख) बैंक द्वारा लगाया गया शुल्क
    (ग) नकद बिक्री
    (घ) ग्राहकों द्वारा सीधे बैंक में जमा

  8. यदि बैंक समाधान विवरण पास बुक के शेष से शुरू किया जाता है, तो बैंक द्वारा सीधे किये गए भुगतान (जैसे बीमा प्रीमियम) को:
    (क) जोड़ा जाएगा
    (ख) घटाया जाएगा
    (ग) अनदेखा किया जाएगा
    (घ) रोकड़ बही में जोड़ा जाएगा

  9. संशोधित रोकड़ बही तैयार करते समय निम्नलिखित में से किसका लेखा रोकड़ बही में नहीं किया जाता है?
    (क) बैंक द्वारा दिया गया ब्याज
    (ख) बैंक द्वारा लगाया गया शुल्क
    (ग) चेक जमा किये पर संग्रहित नहीं हुए
    (घ) ग्राहक द्वारा सीधे बैंक में जमा

  10. बैंक समाधान विवरण है:
    (क) रोकड़ बही का एक भाग
    (ख) पास बुक का एक भाग
    (ग) एक वित्तीय विवरण
    (घ) रोकड़ बही और पास बुक के शेष का मिलान करने वाला एक विवरण

उत्तरमाला (Answer Key):

  1. (घ)
  2. (क)
  3. (क)
  4. (ख)
  5. (ख)
  6. (ख)
  7. (ग)
  8. (क)
  9. (ग)
  10. (घ)

यह अध्याय महत्वपूर्ण है, इसलिए इसके विभिन्न कारणों और समायोजनों को ध्यानपूर्वक समझें और अभ्यास करें। शुभकामनाएँ!

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