Class 11 Biology Notes Chapter 1 (जीव जगत) – Jeev Vigyan Book

नमस्ते विद्यार्थियों।
आज हम कक्षा 11 जीव विज्ञान के पहले अध्याय 'जीव जगत' (The Living World) का अध्ययन करेंगे। यह अध्याय जीव विज्ञान की नींव रखता है और प्रतियोगी परीक्षाओं, विशेषकर सरकारी परीक्षाओं की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसमें हम समझेंगे कि वास्तव में 'जीव' क्या है, सजीवों के विशिष्ट लक्षण क्या हैं, और पृथ्वी पर मौजूद अपार जैव विविधता को कैसे समझा और वर्गीकृत किया जाता है।
अध्याय 1: जीव जगत (The Living World) - विस्तृत नोट्स
1. जीव क्या है? (What is Living?)
सजीवों को निर्जीवों से अलग करने वाले कुछ विशिष्ट लक्षण होते हैं।
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वृद्धि (Growth):
- सभी जीव वृद्धि करते हैं। वृद्धि का अर्थ है कोशिका विभाजन द्वारा संख्या में वृद्धि या जीव के भार/आकार में वृद्धि।
- पौधों में वृद्धि जीवनपर्यंत होती है, जबकि प्राणियों में एक निश्चित आयु तक।
- महत्वपूर्ण: वृद्धि सजीवों का विशिष्ट लक्षण नहीं है, क्योंकि निर्जीव वस्तुएँ (जैसे पर्वत, रेत के टीले) भी बाहरी पदार्थों के जमाव से वृद्धि कर सकती हैं (बाह्य वृद्धि)। सजीवों में वृद्धि आंतरिक होती है।
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जनन (Reproduction):
- जीवों द्वारा अपने समान संतति उत्पन्न करने की प्रक्रिया जनन कहलाती है।
- जनन लैंगिक (sexual) या अलैंगिक (asexual) हो सकता है।
- महत्वपूर्ण: जनन भी सजीवों का समग्र रूप से परिभाषित लक्षण नहीं है, क्योंकि कुछ जीव (जैसे खच्चर, बंध्य श्रमिक मधुमक्खी, बंध्य मानव युगल) जनन नहीं कर सकते, फिर भी वे सजीव हैं।
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उपापचय (Metabolism):
- जीवों के शरीर में होने वाली सभी रासायनिक क्रियाओं का योग उपापचय कहलाता है। इसमें अपचय (catabolism - टूटना) और उपचय (anabolism - बनना) दोनों शामिल हैं।
- सभी सजीवों (पौधों, प्राणियों, कवकों, सूक्ष्मजीवों) में उपापचय होता है। निर्जीवों में उपापचय नहीं होता।
- महत्वपूर्ण: उपापचय सजीवों का विशिष्ट लक्षण है। शरीर के बाहर परखनली में की जाने वाली उपापचयी क्रियाएं (in vitro) जैविक क्रियाएं हैं, परन्तु वे 'जीवित वस्तु' नहीं हैं।
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कोशिकीय संगठन (Cellular Organization):
- सभी सजीवों का शरीर कोशिकाओं (cells) से बना होता है। कोशिका जीवन की संरचनात्मक और क्रियात्मक इकाई है।
- एककोशिकीय (unicellular) या बहुकोशिकीय (multicellular) हो सकते हैं।
- महत्वपूर्ण: कोशिकीय संगठन सजीवों का सुपरिभाषित लक्षण है।
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चेतना या संवेदनशीलता (Consciousness/Sensitivity):
- अपने परिवेश या पर्यावरण के उद्दीपनों (भौतिक, रासायनिक, जैविक) के प्रति संवेदनशीलता और प्रतिक्रिया व्यक्त करना चेतना कहलाता है।
- सभी जीव अपने पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होते हैं और प्रतिक्रिया करते हैं।
- महत्वपूर्ण: चेतना सजीवों का सुपरिभाषित और विशिष्ट लक्षण है। मानव ही एकमात्र जीव है जिसमें स्व-चेतना (self-consciousness) पाई जाती है।
निष्कर्ष: उपापचय, कोशिकीय संगठन और चेतना सजीवों के परिभाषित (defining) लक्षण हैं, जबकि वृद्धि और जनन सजीवों के लक्षण तो हैं, परन्तु परिभाषित लक्षण नहीं।
2. जीव जगत में विविधता (Diversity in the Living World)
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जैव विविधता (Biodiversity): पृथ्वी पर पाए जाने वाले जीवों की संख्या और प्रकारों की विशाल श्रृंखला को जैव विविधता कहते हैं। अब तक ज्ञात और वर्णित स्पीशीज की संख्या लगभग 1.7 से 1.8 मिलियन (17-18 लाख) है।
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वर्गीकरण की आवश्यकता (Need for Classification): इतनी विशाल विविधता का अध्ययन करने के लिए जीवों को उनकी समानताओं और असमानताओं के आधार पर समूहों में व्यवस्थित करना आवश्यक है, जिसे वर्गीकरण कहते हैं।
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नामकरण (Nomenclature):
- प्रत्येक जीव का एक मानक नाम होता है जिससे वह उसी नाम से सारे विश्व में जाना जाता है।
- द्विपद नाम पद्धति (Binomial Nomenclature): इसे कैरोलस लीनियस (Carolus Linnaeus) ने प्रस्तुत किया। इसके अनुसार, प्रत्येक जीव के वैज्ञानिक नाम के दो घटक होते हैं - पहला वंश (Genus) नाम और दूसरा जाति (Species) संकेत पद।
- नियम:
- जैविक नाम प्रायः लैटिन भाषा में होते हैं और तिरछे अक्षरों (italics) में लिखे जाते हैं। हाथ से लिखने पर वंश तथा जाति को अलग-अलग रेखांकित (underline) करते हैं।
- वंश का नाम बड़े अक्षर (Capital letter) से शुरू होता है, जबकि जाति का नाम छोटे अक्षर (small letter) से।
- उदाहरण: आम - Mangifera indica (मैंगीफेरा इंडिका)। यहाँ Mangifera वंश है और indica जाति है।
- नाम के अंत में लेखक (जिसने वर्णन किया) का नाम संक्षिप्त में लिखा जाता है, जैसे Mangifera indica Linn. (Linn. का अर्थ है लीनियस)।
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वर्गिकी (Taxonomy): यह जीव विज्ञान की वह शाखा है जिसमें जीवों की पहचान (Identification), नामकरण (Nomenclature) और वर्गीकरण (Classification) के सिद्धांतों और प्रक्रियाओं का अध्ययन किया जाता है।
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वर्गीकरण विज्ञान या सिस्टमैटिक्स (Systematics): यह जीवों के प्रकारों, उनकी विविधता और उनके बीच पाए जाने वाले विकासीय संबंधों (evolutionary relationships) का अध्ययन है। इसमें वर्गिकी के साथ-साथ जीवों के बीच विकासीय संबंध (phylogeny) भी शामिल होते हैं। लीनियस ने अपनी पुस्तक का शीर्षक 'सिस्टेमा नेचुरी' (Systema Naturae) रखा था।
3. वर्गिकी संवर्ग (Taxonomic Categories)
वर्गीकरण एकल सोपान प्रक्रम नहीं है, बल्कि इसमें पदानुक्रम सोपान (hierarchical steps) होते हैं जिसमें प्रत्येक सोपान एक पद अथवा वर्ग (rank or category) को दर्शाता है। इन सभी वर्गों को मिलाकर वर्गिकी पदानुक्रम (Taxonomic Hierarchy) बनता है।
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मुख्य वर्गिकी संवर्ग (आरोही क्रम में):
- जाति (Species): वर्गीकरण की मूलभूत इकाई। मौलिक समानताओं वाले जीवों का समूह जो आपस में अंतःप्रजनन (interbreed) कर जननक्षम संतति उत्पन्न कर सकें। उदा. indica (आम में), leo (शेर में), tuberosum (आलू में)।
- वंश (Genus): संबंधित जातियों का समूह। उदा. शेर (Panthera leo), बाघ (Panthera tigris), तेंदुआ (Panthera pardus) - ये सभी जातियाँ वंश Panthera में आती हैं। इसी प्रकार, आलू (Solanum tuberosum), टमाटर (Solanum lycopersicum), बैंगन (Solanum melongena) वंश Solanum में आते हैं।
- कुल (Family): संबंधित वंशों का समूह। इनमें कायिक और जनन लक्षण अधिक समान होते हैं। पौधों में कुल के नाम के अंत में प्रायः '-एसी' (-aceae) प्रत्यय लगता है (जैसे Solanaceae, Poaceae)। प्राणियों में '-इडी' (-idae) प्रत्यय लगता है (जैसे Felidae - बिल्ली कुल, Canidae - कुत्ता कुल)। वंश Panthera और Felis (बिल्ली) कुल Felidae में आते हैं। वंश Solanum, Petunia, Datura कुल Solanaceae में आते हैं।
- गण (Order): संबंधित कुलों का समूह। उदा. कुल Felidae (बिल्ली) और Canidae (कुत्ता) गण Carnivora (मांसाहारी) में आते हैं। कुल Solanaceae (आलू) और Convolvulaceae (शकरकंद) गण Polymoniales में आते हैं।
- वर्ग (Class): संबंधित गणों का समूह। उदा. गण Carnivora (मांसाहारी) और Primata (बंदर, गोरिल्ला, मनुष्य) वर्ग Mammalia (स्तनधारी) में आते हैं।
- संघ (Phylum - प्राणियों हेतु) / प्रभाग या डिवीजन (Division - पादपों हेतु): संबंधित वर्गों का समूह। उदा. वर्ग Mammalia (स्तनधारी), Aves (पक्षी), Reptilia (सरीसृप), Amphibia (उभयचर), Pisces (मछलियाँ) - ये सभी संघ Chordata (कॉर्डेटा) में आते हैं (इनमें नोटोकॉर्ड पाई जाती है)।
- जगत (Kingdom): वर्गीकरण का उच्चतम संवर्ग। सभी प्राणियों को जगत Animalia (एनिमेलिया) में और सभी पादपों को जगत Plantae (प्लांटी) में रखा जाता है। (बाद में अन्य जगत जैसे Monera, Protista, Fungi भी प्रस्तावित किए गए)।
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पदानुक्रम: जगत → संघ/प्रभाग → वर्ग → गण → कुल → वंश → जाति (Kingdom → Phylum/Division → Class → Order → Family → Genus → Species)
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जैसे-जैसे हम जाति से जगत की ओर बढ़ते हैं, समान लक्षणों की संख्या घटती जाती है।
4. वर्गिकी सहायता साधन (Taxonomical Aids)
जीवों की पहचान, नामकरण और वर्गीकरण में सहायता करने वाले साधन।
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हर्बेरियम (Herbarium):
- यह पादप नमूनों का संग्रहालय है जिन्हें सुखाकर (dried), दबाकर (pressed) शीटों पर परिरक्षित (preserved) किया जाता है।
- इन शीटों को विश्वव्यापी मान्य वर्गीकरण प्रणाली के अनुसार व्यवस्थित किया जाता है।
- हर्बेरियम शीट पर एक लेबल लगा होता है जिस पर पौधे को एकत्र करने की तिथि व स्थान, पौधे का अंग्रेजी, स्थानीय तथा वानस्पतिक नाम, कुल, एकत्र करने वाले का नाम आदि सूचनाएं अंकित होती हैं।
- यह त्वरित संदर्भ तंत्र (quick referral system) के रूप में कार्य करता है।
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वानस्पतिक उद्यान (Botanical Gardens):
- इन विशिष्ट उद्यानों में संदर्भ के लिए जीवित पौधों (living plants) का संग्रहण होता है।
- पौधों की स्पीशीज को पहचान के उद्देश्य से उगाया जाता है और प्रत्येक पौधे पर उसका वानस्पतिक/वैज्ञानिक नाम तथा कुल का नाम लिखा होता है।
- प्रसिद्ध वानस्पतिक उद्यान: क्यू (इंग्लैंड), भारतीय वानस्पतिक उद्यान (हावड़ा, भारत), नेशनल बोटैनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (लखनऊ, भारत)।
- ये स्व-स्थाने संरक्षण (ex-situ conservation) में भी सहायक हैं।
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संग्रहालय (Museum):
- शैक्षणिक संस्थानों जैसे स्कूल व कॉलेजों में स्थापित।
- अध्ययन व संदर्भ के लिए परिरक्षित पादप व प्राणि नमूनों का संग्रहण।
- नमूने परिरक्षक घोलों (preservative solutions) में डालकर जारों में रखे जाते हैं।
- पादप व प्राणि नमूने सुखाकर भी परिरक्षित किए जाते हैं।
- कीटों को एकत्र कर, मारकर व पिन लगाकर कीट बॉक्स में रखते हैं।
- बड़े प्राणी जैसे पक्षी व स्तनधारी प्रायः भरकर (stuffed) परिरक्षित किए जाते हैं।
- प्राणियों के कंकाल (skeletons) भी रखे जाते हैं।
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प्राणि उपवन अथवा चिड़ियाघर (Zoological Parks/Zoos):
- वे स्थान जहाँ अधिकांशतः वन्य (wild) जीवित प्राणियों को मानव की देखरेख में सुरक्षित वातावरण में रखा जाता है।
- इनसे हमें वन्य जीवों की आहार प्रकृति तथा व्यवहार सीखने का अवसर मिलता है।
- ये भी स्व-स्थाने संरक्षण (ex-situ conservation) के साधन हैं।
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कुंजी अथवा चाबी (Key):
- यह एक अन्य वर्गिकी सहायता साधन है जिसका उपयोग समानताओं व असमानताओं पर आधारित होकर पौधों तथा प्राणियों की पहचान में किया जाता है।
- यह विपर्यासी लक्षणों (contrasting characters) पर आधारित होती है, जो प्रायः जोड़ों (couplets) में होते हैं।
- प्रत्येक जोड़े में से एक लक्षण को स्वीकार (accepted) और दूसरे को अस्वीकार (rejected) किया जाता है।
- कुंजी में प्रत्येक कथन मार्गदर्शक (lead) कहलाता है।
- अलग-अलग वर्गिकी संवर्ग (जैसे कुल, वंश, जाति) के लिए अलग-अलग कुंजी की आवश्यकता होती है।
- कुंजियाँ स्वभाव में विश्लेषणात्मक (analytical) होती हैं।
अन्य साधन: इनके अतिरिक्त मोनोग्राफ (Monograph - किसी एक टैक्सॉन की पूरी जानकारी), फ्लोरा (Flora - किसी क्षेत्र के पौधों और उनके वासस्थानों की सूची), मैनुअल (Manual - किसी क्षेत्र में पाई जाने वाली स्पीशीज की पहचान हेतु जानकारी) भी वर्गिकी अध्ययन में सहायक हैं।
अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा लक्षण सजीवों का एक परिभाषित (defining) लक्षण नहीं है?
(a) उपापचय
(b) कोशिकीय संगठन
(c) वृद्धि
(d) चेतना
प्रश्न 2: द्विपद नाम पद्धति किसके द्वारा दी गई थी?
(a) अरस्तू
(b) थियोफ्रेस्टस
(c) कैरोलस लीनियस
(d) चार्ल्स डार्विन
प्रश्न 3: वैज्ञानिक नाम Mangifera indica में, 'Mangifera' और 'indica' क्रमशः दर्शाते हैं:
(a) जाति और वंश
(b) वंश और जाति
(c) कुल और वंश
(d) गण और कुल
प्रश्न 4: वर्गीकरण की आधारभूत इकाई क्या है?
(a) वंश
(b) कुल
(c) जाति
(d) गण
प्रश्न 5: वर्गिकी पदानुक्रम का सही क्रम (आरोही) कौन सा है?
(a) जगत → संघ → गण → वर्ग → कुल → वंश → जाति
(b) जाति → वंश → कुल → गण → वर्ग → संघ → जगत
(c) जगत → वर्ग → संघ → गण → कुल → वंश → जाति
(d) जाति → कुल → वंश → गण → वर्ग → संघ → जगत
प्रश्न 6: सुखाए और दबाए गए पादप नमूनों का संग्रह केंद्र, जो वर्गीकरण के लिए त्वरित संदर्भ तंत्र प्रदान करता है, कहलाता है:
(a) संग्रहालय
(b) वानस्पतिक उद्यान
(c) हर्बेरियम
(d) प्राणि उपवन
प्रश्न 7: जीवित पौधों का संग्रह, जहाँ पहचान के उद्देश्य से पौधों को उगाया जाता है, कहलाता है:
(a) हर्बेरियम
(b) संग्रहालय
(c) वानस्पतिक उद्यान
(d) प्राणि उपवन
प्रश्न 8: वर्गिकी कुंजी (Taxonomic Key) का उपयोग किस लिए किया जाता है?
(a) पौधों और प्राणियों के नामकरण के लिए
(b) पौधों और प्राणियों के परिरक्षण के लिए
(c) समानताओं और असमानताओं के आधार पर पौधों और प्राणियों की पहचान के लिए
(d) पौधों और प्राणियों के बीच विकासीय संबंध जानने के लिए
प्रश्न 9: वर्गिकी (Taxonomy) में क्या शामिल है?
(a) केवल पहचान और नामकरण
(b) केवल नामकरण और वर्गीकरण
(c) पहचान, नामकरण और वर्गीकरण
(d) केवल वर्गीकरण और विकासीय संबंध
प्रश्न 10: जीवों की विविधता और उनके बीच विकासीय संबंधों का अध्ययन कहलाता है:
(a) वर्गिकी (Taxonomy)
(b) जैव विविधता (Biodiversity)
(c) वर्गीकरण विज्ञान (Systematics)
(d) नामकरण (Nomenclature)
उत्तर कुंजी (Answer Key):
- (c) वृद्धि
- (c) कैरोलस लीनियस
- (b) वंश और जाति
- (c) जाति
- (b) जाति → वंश → कुल → गण → वर्ग → संघ → जगत
- (c) हर्बेरियम
- (c) वानस्पतिक उद्यान
- (c) समानताओं और असमानताओं के आधार पर पौधों और प्राणियों की पहचान के लिए
- (c) पहचान, नामकरण और वर्गीकरण
- (c) वर्गीकरण विज्ञान (Systematics)
इन नोट्स को ध्यान से पढ़ें और समझें। ये आपकी परीक्षा की तैयारी में बहुत सहायक होंगे। यदि कोई प्रश्न हो तो पूछ सकते हैं।