Class 11 Biology Notes Chapter 13 (Chapter 13) – Examplar Problems (Hindi) Book

प्रिय विद्यार्थियों,
सरकारी परीक्षाओं में जीव विज्ञान के महत्वपूर्ण अध्यायों में से एक है 'प्रकाश संश्लेषण: उच्च पादपों में'। यह अध्याय न केवल अवधारणात्मक समझ के लिए आवश्यक है, बल्कि इससे सीधे प्रश्न भी पूछे जाते हैं। आइए, हम इस अध्याय को विस्तार से समझते हैं ताकि आपकी तैयारी पुख्ता हो सके।
अध्याय 13: प्रकाश संश्लेषण: उच्च पादपों में (Photosynthesis in Higher Plants)
परिचय:
प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा हरे पौधे और कुछ अन्य जीव सूर्य के प्रकाश ऊर्जा का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और जल से ग्लूकोज (भोजन) और ऑक्सीजन का निर्माण करते हैं। यह पृथ्वी पर जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण जैव-रासायनिक प्रक्रिया है।
1. प्रकाश संश्लेषण कहाँ होता है? (Where does photosynthesis occur?)
- प्रकाश संश्लेषण मुख्य रूप से पादपों की पत्तियों की पर्णमध्योतक (mesophyll) कोशिकाओं में स्थित क्लोरोप्लास्ट (हरितलवक) में होता है।
- क्लोरोप्लास्ट के भीतर, प्रकाश अभिक्रियाएँ थाइलाकोइड (thylakoid) झिल्लियों में होती हैं, जबकि अप्रकाशिक अभिक्रियाएँ स्ट्रोमा (stroma) में होती हैं।
- थाइलाकोइड के ढेर को ग्रेना (grana) कहते हैं।
2. प्रकाश संश्लेषण में क्या होता है? (What happens during photosynthesis?)
प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया को दो मुख्य चरणों में बांटा गया है:
A. प्रकाश अभिक्रिया (Light Dependent Reaction):
- यह अभिक्रिया सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में होती है।
- स्थान: क्लोरोप्लास्ट की थाइलाकोइड झिल्ली।
- इसमें प्रकाश ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा (ATP और NADPH) में परिवर्तित किया जाता है।
- प्रकाश-अवशोषी वर्णक (Photosynthetic Pigments):
- क्लोरोफिल a (Chlorophyll a): मुख्य वर्णक, नीले-हरे रंग का। प्रकाश ऊर्जा को सीधे रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
- क्लोरोफिल b (Chlorophyll b): सहायक वर्णक, पीले-हरे रंग का।
- कैरोटीनॉइड्स (Carotenoids): सहायक वर्णक, पीले से नारंगी रंग के (कैरोटीन और ज़ैंथोफिल)।
- सहायक वर्णक प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित करके क्लोरोफिल a को स्थानांतरित करते हैं और क्लोरोफिल a को फोटो-ऑक्सीकरण से बचाते हैं।
- प्रकाश-तंत्र (Photosystems): वर्णक अणु प्रोटीन के साथ मिलकर प्रकाश-तंत्र बनाते हैं।
- प्रकाश-तंत्र I (PS I): अभिक्रिया केंद्र P700 (700 nm पर अधिकतम अवशोषण)।
- प्रकाश-तंत्र II (PS II): अभिक्रिया केंद्र P680 (680 nm पर अधिकतम अवशोषण)।
- इलेक्ट्रॉन परिवहन (Electron Transport System - ETS):
- अचक्रीय प्रकाश-फॉस्फोरिलीकरण (Non-cyclic Photophosphorylation / Z-स्कीम):
- इसमें PS II और PS I दोनों शामिल होते हैं।
- PS II द्वारा अवशोषित प्रकाश ऊर्जा इलेक्ट्रॉनों को उत्तेजित करती है, जो ETS से गुजरते हुए PS I तक पहुँचते हैं।
- जल का प्रकाश-अपघटन (Photolysis of water) होता है (H2O → 2H+ + 2e- + ½O2), जिससे इलेक्ट्रॉन PS II को मिलते हैं और ऑक्सीजन मुक्त होती है।
- ATP और NADPH दोनों का उत्पादन होता है।
- इलेक्ट्रॉन का प्रवाह एक दिशा में होता है और इलेक्ट्रॉन वापस PS II में नहीं आते।
- चक्रीय प्रकाश-फॉस्फोरिलीकरण (Cyclic Photophosphorylation):
- इसमें केवल PS I शामिल होता है।
- इलेक्ट्रॉन PS I से उत्तेजित होकर ETS से गुजरते हैं और वापस PS I में लौट आते हैं।
- केवल ATP का उत्पादन होता है, NADPH का नहीं।
- जल का प्रकाश-अपघटन नहीं होता, इसलिए ऑक्सीजन भी मुक्त नहीं होती।
- यह तब होता है जब NADP+ उपलब्ध नहीं होता या प्रकाश की तीव्रता कम होती है।
- अचक्रीय प्रकाश-फॉस्फोरिलीकरण (Non-cyclic Photophosphorylation / Z-स्कीम):
- कीमियोस्मोटिक परिकल्पना (Chemiosmotic Hypothesis):
- पीटर मिशेल द्वारा प्रस्तावित।
- ATP संश्लेषण के लिए प्रोटॉन प्रवणता (proton gradient) का उपयोग होता है।
- थाइलाकोइड झिल्ली के पार प्रोटॉन (H+) की सांद्रता में अंतर पैदा होता है (थाइलाकोइड ल्यूमेन में अधिक, स्ट्रोमा में कम)।
- यह प्रवणता ATP सिंथेज एंजाइम के माध्यम से प्रोटॉन के स्ट्रोमा में वापस आने पर ATP ऊर्जा उत्पन्न करती है।
B. अप्रकाशिक अभिक्रिया (Light Independent Reaction / Calvin Cycle / C3 Cycle):
- यह अभिक्रिया सीधे प्रकाश पर निर्भर नहीं करती, बल्कि प्रकाश अभिक्रिया में बने ATP और NADPH का उपयोग करती है।
- स्थान: क्लोरोप्लास्ट का स्ट्रोमा।
- इसमें CO2 का स्थिरीकरण करके ग्लूकोज का संश्लेषण किया जाता है।
- C3 चक्र (Calvin Cycle):
- अधिकांश पौधों (जैसे चावल, गेहूं) में होता है।
- पहला स्थायी उत्पाद 3-कार्बन यौगिक 3-फॉस्फोग्लिसरिक अम्ल (3-PGA) होता है। इसलिए इन्हें C3 पौधे कहते हैं।
- मुख्य एंजाइम: रुबिस्को (RuBisCO - Ribulose-1,5-bisphosphate carboxylase-oxygenase)। यह CO2 और RuBP (राइबुलोज-1,5-बिसफॉस्फेट) को जोड़ता है।
- चरण:
- कार्बोक्सिलीकरण (Carboxylation): CO2 का RuBP के साथ जुड़ना, जिससे 2 अणु 3-PGA बनते हैं।
- अपचयन (Reduction): ATP और NADPH का उपयोग करके 3-PGA का ग्लूकोज में अपचयन।
- पुनर्जनन (Regeneration): RuBP का पुनर्जनन, जिसके लिए ATP की आवश्यकता होती है।
- एक CO2 अणु के स्थिरीकरण के लिए: 3 ATP और 2 NADPH की आवश्यकता होती है।
- एक ग्लूकोज अणु (6 CO2) के संश्लेषण के लिए: 18 ATP और 12 NADPH की आवश्यकता होती है।
C. C4 पथ (C4 Pathway / Hatch-Slack Pathway):
- कुछ पौधों (जैसे मक्का, गन्ना, ज्वार) में पाया जाता है, जो शुष्क उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगते हैं।
- विशेषता: क्रैन्ज़ शारीरिकी (Kranz Anatomy):
- पर्णमध्योतक कोशिकाएँ शिथिल रूप से व्यवस्थित होती हैं।
- संवहन बंडल के चारों ओर बड़े आकार की बंडल शीथ कोशिकाएँ (bundle sheath cells) एक वलय में व्यवस्थित होती हैं। इन कोशिकाओं में क्लोरोप्लास्ट बड़े होते हैं और इनमें स्टार्च पाया जाता है।
- पहला स्थायी उत्पाद: 4-कार्बन यौगिक ऑक्सैलोएसिटिक अम्ल (OAA) होता है। इसलिए इन्हें C4 पौधे कहते हैं।
- दोहरी कार्बोक्सिलीकरण:
- पर्णमध्योतक कोशिकाओं में: PEP कार्बोक्सिलेज (PEPcase) एंजाइम CO2 को 3-कार्बन यौगिक PEP (फॉस्फोएनॉलपाइरूवेट) के साथ जोड़कर OAA बनाता है। PEPcase की CO2 के प्रति बंधुता RuBisCO से अधिक होती है और यह ऑक्सीजन से प्रभावित नहीं होता।
- बंडल शीथ कोशिकाओं में: OAA मैलेट या एस्पार्टेट में परिवर्तित होकर बंडल शीथ कोशिकाओं में जाता है, जहाँ CO2 मुक्त होता है। यह CO2 फिर C3 चक्र (केल्विन चक्र) में प्रवेश करता है, जो RuBisCO द्वारा संचालित होता है।
- लाभ: C4 पौधे उच्च तापमान और तीव्र प्रकाश में अधिक दक्षता से प्रकाश संश्लेषण करते हैं, और इनमें प्रकाश श्वसन (Photorespiration) कम या नगण्य होता है।
- एक CO2 अणु के स्थिरीकरण के लिए: 5 ATP और 2 NADPH की आवश्यकता होती है (C3 चक्र के 3 ATP + C4 पथ के 2 ATP)।
D. प्रकाश श्वसन (Photorespiration):
- यह एक अपव्ययी प्रक्रिया है जो C3 पौधों में होती है।
- उच्च ऑक्सीजन सांद्रता और उच्च तापमान पर, RuBisCO एंजाइम CO2 के बजाय O2 के साथ RuBP को जोड़ता है।
- इससे 3-PGA और 2-फॉस्फोग्लाइकोलेट बनते हैं। 2-फॉस्फोग्लाइकोलेट का उपयोग नहीं होता और यह CO2 मुक्त करता है।
- इसमें ATP या NADPH का उत्पादन नहीं होता, बल्कि ऊर्जा का नुकसान होता है।
- C4 पौधों में प्रकाश श्वसन नहीं होता क्योंकि PEPcase CO2 को प्रभावी ढंग से बंडल शीथ कोशिकाओं में केंद्रित करता है, जिससे RuBisCO को ऑक्सीजन के बजाय CO2 के साथ प्रतिक्रिया करने का मौका मिलता है।
3. प्रकाश संश्लेषण को प्रभावित करने वाले कारक (Factors affecting Photosynthesis):
- ब्लैकमैन का सीमाकारी कारकों का नियम (Blackman's Law of Limiting Factors): जब कोई प्रक्रिया एक से अधिक कारकों से प्रभावित होती है, तो उसकी दर उस कारक द्वारा निर्धारित होती है जो अपनी न्यूनतम मात्रा में होता है (अर्थात, सीमाकारी कारक)।
- बाह्य कारक (External Factors):
- प्रकाश (Light):
- प्रकाश की तीव्रता: कम प्रकाश में प्रकाश संश्लेषण की दर बढ़ती है, लेकिन बहुत अधिक तीव्रता पर यह संतृप्त हो जाती है।
- प्रकाश की गुणवत्ता (तरंगदैर्ध्य): नीले और लाल प्रकाश में दर अधिकतम होती है।
- प्रकाश की अवधि: प्रकाश की अवधि भी महत्वपूर्ण है।
- कार्बन डाइऑक्साइड सांद्रता (CO2 Concentration):
- यह अक्सर प्रकाश संश्लेषण के लिए सबसे महत्वपूर्ण सीमाकारी कारक होता है।
- CO2 की सांद्रता बढ़ने पर प्रकाश संश्लेषण की दर बढ़ती है, लेकिन एक निश्चित बिंदु पर संतृप्त हो जाती है।
- C3 पौधों की तुलना में C4 पौधों को CO2 की उच्च सांद्रता की आवश्यकता होती है।
- तापमान (Temperature):
- एंजाइमों की गतिविधि को प्रभावित करता है।
- इष्टतम तापमान पर दर अधिकतम होती है, बहुत कम या बहुत अधिक तापमान पर दर घट जाती है।
- C4 पौधे उच्च तापमान के प्रति अधिक सहनशील होते हैं।
- जल (Water):
- जल की कमी से स्टोमेटा बंद हो जाते हैं, जिससे CO2 का प्रवेश बाधित होता है।
- यह अप्रत्यक्ष रूप से प्रकाश संश्लेषण को प्रभावित करता है।
- प्रकाश (Light):
- आंतरिक कारक (Internal Factors):
- पत्तियों की संख्या, आकार, आयु।
- क्लोरोफिल की मात्रा।
- पर्णमध्योतक कोशिकाओं और क्लोरोप्लास्ट की संख्या।
- आनुवंशिक प्रवृत्ति।
10 बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
1. प्रकाश संश्लेषण के दौरान ऑक्सीजन का स्रोत क्या है?
a) कार्बन डाइऑक्साइड
b) जल
c) ग्लूकोज
d) क्लोरोफिल
2. C3 पौधों में CO2 स्थिरीकरण का पहला स्थायी उत्पाद क्या है?
a) ऑक्सैलोएसिटिक अम्ल (OAA)
b) फॉस्फोग्लिसरिक अम्ल (PGA)
c) राइबुलोज-1,5-बिसफॉस्फेट (RuBP)
d) फॉस्फोएनॉलपाइरूवेट (PEP)
3. प्रकाश श्वसन (Photorespiration) किस एंजाइम की ऑक्सीजिनेस गतिविधि के कारण होता है?
a) PEP कार्बोक्सिलेज
b) ATP सिंथेज
c) RuBisCO
d) NADP रिडक्टेज
4. क्रैन्ज़ शारीरिकी (Kranz Anatomy) किस प्रकार के पौधों की विशेषता है?
a) C3 पौधे
b) C4 पौधे
c) CAM पौधे
d) जलीय पौधे
5. प्रकाश अभिक्रिया (Light Reaction) कहाँ होती है?
a) स्ट्रोमा
b) माइटोकॉन्ड्रिया
c) थाइलाकोइड झिल्ली
d) राइबोसोम
6. चक्रीय प्रकाश-फॉस्फोरिलीकरण (Cyclic Photophosphorylation) में क्या उत्पादित होता है?
a) ATP और NADPH
b) केवल ATP
c) केवल NADPH
d) ATP, NADPH और O2
7. निम्नलिखित में से कौन सा कारक प्रकाश संश्लेषण के लिए सबसे महत्वपूर्ण सीमाकारी कारक है?
a) प्रकाश
b) तापमान
c) जल
d) कार्बन डाइऑक्साइड सांद्रता
8. C4 पौधों में CO2 का प्राथमिक ग्राही (primary acceptor) कौन है?
a) RuBP
b) PGA
c) PEP
d) OAA
9. प्रकाश संश्लेषण में जल के प्रकाश-अपघटन (Photolysis of water) का मुख्य कार्य क्या है?
a) CO2 का अपचयन
b) ATP का उत्पादन
c) इलेक्ट्रॉनों की आपूर्ति और ऑक्सीजन का मुक्त होना
d) NADPH का संश्लेषण
10. कीमियोस्मोटिक परिकल्पना (Chemiosmotic Hypothesis) किस प्रक्रिया से संबंधित है?
a) CO2 का स्थिरीकरण
b) जल का अवशोषण
c) ATP संश्लेषण
d) प्रकाश श्वसन
उत्तर कुंजी:
- b) जल
- b) फॉस्फोग्लिसरिक अम्ल (PGA)
- c) RuBisCO
- b) C4 पौधे
- c) थाइलाकोइड झिल्ली
- b) केवल ATP
- d) कार्बन डाइऑक्साइड सांद्रता
- c) PEP
- c) इलेक्ट्रॉनों की आपूर्ति और ऑक्सीजन का मुक्त होना
- c) ATP संश्लेषण
मुझे आशा है कि ये विस्तृत नोट्स और बहुविकल्पीय प्रश्न आपकी सरकारी परीक्षाओं की तैयारी में अत्यंत सहायक सिद्ध होंगे। इस अध्याय की अवधारणाओं को बार-बार दोहराएँ और अभ्यास करें। शुभकामनाएँ!