Class 11 Biology Notes Chapter 14 (पादप में श्वसन) – Jeev Vigyan Book

विद्यार्थियों, आज हम कक्षा 11 जीव विज्ञान के अध्याय 14, 'पादप में श्वसन' का विस्तृत अध्ययन करेंगे। यह अध्याय प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। हम इसके मुख्य बिंदुओं को समझेंगे और अंत में कुछ बहुविकल्पीय प्रश्नों का अभ्यास भी करेंगे।
अध्याय 14: पादप में श्वसन (Respiration in Plants)
परिचय:
- सभी जीवित कोशिकाओं को विभिन्न जैविक क्रियाओं (जैसे संश्लेषण, परिवहन, गति आदि) को करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
- यह ऊर्जा भोजन के ऑक्सीकरण से प्राप्त होती है। हरे पौधे प्रकाश संश्लेषण द्वारा अपना भोजन (मुख्यतः ग्लूकोज) बनाते हैं, जबकि अन्य जीव भोजन के लिए पौधों या अन्य जीवों पर निर्भर रहते हैं।
- श्वसन (Respiration): वह उपापचयी प्रक्रिया है जिसमें जटिल कार्बनिक यौगिकों (जैसे ग्लूकोज) का कोशिका के अंदर ऑक्सीकरण होता है, जिससे कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) और जल (H2O) बनते हैं तथा ऊर्जा (ATP के रूप में) मुक्त होती है।
- C₆H₁₂O₆ + 6O₂ → 6CO₂ + 6H₂O + ऊर्जा (ATP)
- पादपों में गैसीय आदान-प्रदान: पौधों में प्राणियों की तरह विशिष्ट श्वसन अंग नहीं होते। गैसों का विनिमय मुख्यतः रंध्रों (Stomata - पत्तियों और तनों में) और वातरंध्रों (Lenticels - पुराने तनों और जड़ों में) द्वारा विसरण (Diffusion) के माध्यम से होता है। जड़ें मृदा कणों के बीच उपस्थित वायु से ऑक्सीजन ग्रहण करती हैं।
श्वसन के प्रकार:
श्वसन मुख्यतः दो प्रकार का होता है:
- ऑक्सी श्वसन (Aerobic Respiration): यह ऑक्सीजन की उपस्थिति में होता है। इसमें ग्लूकोज का पूर्ण ऑक्सीकरण होता है तथा अधिक मात्रा में ऊर्जा (लगभग 36-38 ATP) मुक्त होती है।
- अनॉक्सी श्वसन (Anaerobic Respiration) या किण्वन (Fermentation): यह ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में होता है। इसमें ग्लूकोज का अपूर्ण ऑक्सीकरण होता है तथा बहुत कम मात्रा में ऊर्जा (केवल 2 ATP) मुक्त होती है।
ऑक्सी श्वसन के चरण:
ऑक्सी श्वसन एक जटिल प्रक्रिया है जो मुख्यतः तीन चरणों में पूरी होती है:
1. ग्लाइकोलिसिस (Glycolysis):
- स्थान: कोशिकाद्रव्य (Cytoplasm) में।
- प्रक्रिया: यह ऑक्सी और अनॉक्सी दोनों प्रकार के श्वसन का प्रथम चरण है। इसमें ग्लूकोज (6-कार्बन अणु) का आंशिक ऑक्सीकरण होकर पाइरुविक अम्ल (Pyruvic acid - 3-कार्बन अणु) के दो अणु बनते हैं।
- इसे EMP पाथवे (Embden-Meyerhof-Parnas pathway) भी कहते हैं।
- उत्पाद:
- 2 अणु पाइरुविक अम्ल
- 2 अणु ATP (शुद्ध लाभ) (4 बनते हैं, 2 खर्च होते हैं)
- 2 अणु NADH + H⁺
2. क्रेब्स चक्र (Krebs Cycle) या सिट्रिक अम्ल चक्र (Citric Acid Cycle) या TCA चक्र (Tricarboxylic Acid Cycle):
-
स्थान: माइटोकॉन्ड्रिया के मैट्रिक्स (Matrix) में।
-
प्रक्रिया: ग्लाइकोलिसिस में बना पाइरुविक अम्ल माइटोकॉन्ड्रिया में प्रवेश करता है। यहाँ यह पहले एसिटाइल को-एंजाइम ए (Acetyl CoA - 2-कार्बन अणु) में परिवर्तित होता है (इस चरण को लिंक अभिक्रिया या पाइरुवेट ऑक्सीकरण कहते हैं, जिसमें CO₂ और NADH भी बनते हैं)।
-
एसिटाइल CoA क्रेब्स चक्र में प्रवेश करता है और ऑक्सेलोएसिटिक अम्ल (OAA - 4-कार्बन अणु) के साथ मिलकर सिट्रिक अम्ल (6-कार्बन अणु) बनाता है।
-
यह एक चक्रीय पथ है जिसमें विभिन्न कार्बनिक अम्लों का निर्माण और ऑक्सीकरण होता है।
-
उत्पाद (प्रति ग्लूकोज अणु, यानी 2 पाइरुवेट के लिए):
- 6 अणु NADH + H⁺ (2 लिंक अभिक्रिया से + 4 क्रेब्स चक्र से) - Correction Note: Actual Krebs cycle yields 3 NADH per Acetyl CoA, so 6 NADH total from the cycle itself. Plus 2 NADH from link reaction. Total 8 NADH.
- 2 अणु FADH₂
- 2 अणु ATP (या GTP)
- 4 अणु CO₂ (2 लिंक अभिक्रिया से + 2 क्रेब्स चक्र से) - Correction Note: 2 CO2 from link reaction + 4 CO2 from Krebs cycle = 6 CO2 total.
Let's re-state Krebs Cycle products per Glucose (2 turns):
- लिंक अभिक्रिया (2 पाइरुवेट → 2 एसिटाइल CoA): 2 NADH + 2 CO₂
- क्रेब्स चक्र (2 एसिटाइल CoA): 6 NADH + 2 FADH₂ + 2 ATP/GTP + 4 CO₂
- कुल (लिंक + क्रेब्स): 8 NADH + 2 FADH₂ + 2 ATP/GTP + 6 CO₂
3. इलेक्ट्रॉन परिवहन तंत्र (Electron Transport System - ETS) और ऑक्सीकारी फॉस्फोरिलीकरण (Oxidative Phosphorylation):
- स्थान: माइटोकॉन्ड्रिया की आंतरिक झिल्ली (Inner mitochondrial membrane) पर।
- प्रक्रिया: ग्लाइकोलिसिस और क्रेब्स चक्र में बने NADH और FADH₂ के अणुओं का ऑक्सीकरण होता है। इनसे निकले इलेक्ट्रॉन विभिन्न इलेक्ट्रॉन वाहकों (जैसे साइटोक्रोम) से होते हुए गुजरते हैं।
- इलेक्ट्रॉनों के परिवहन के दौरान मुक्त हुई ऊर्जा का उपयोग प्रोटॉन (H⁺) को मैट्रिक्स से अंतर-झिल्ली अवकाश (Intermembrane space) में पंप करने के लिए किया जाता है, जिससे प्रोटॉन प्रवणता (Proton gradient) उत्पन्न होती है।
- इस प्रोटॉन प्रवणता का उपयोग ATP सिंथेज एंजाइम द्वारा ATP निर्माण में होता है (ऑक्सीकारी फॉस्फोरिलीकरण)।
- इलेक्ट्रॉन परिवहन श्रृंखला के अंत में इलेक्ट्रॉन ऑक्सीजन (O₂) द्वारा ग्रहण किए जाते हैं, जो प्रोटॉन के साथ मिलकर जल (H₂O) बनाती है। ऑक्सीजन अंतिम इलेक्ट्रॉन ग्राही है।
- उत्पाद:
- 1 NADH से लगभग 3 ATP बनते हैं।
- 1 FADH₂ से लगभग 2 ATP बनते हैं।
- जल (H₂O)
श्वसनीय संतुलन चार्ट (Respiratory Balance Sheet):
एक ग्लूकोज अणु के पूर्ण ऑक्सीकरण से ATP की कुल गणना:
- ग्लाइकोलिसिस: 2 ATP (सीधे) + 2 NADH (= 6 ATP ETS से) = 8 ATP
- लिंक अभिक्रिया: 2 NADH (= 6 ATP ETS से) = 6 ATP
- क्रेब्स चक्र: 2 ATP/GTP (सीधे) + 6 NADH (= 18 ATP ETS से) + 2 FADH₂ (= 4 ATP ETS से) = 24 ATP
- कुल योग: 8 + 6 + 24 = 38 ATP (कुछ गणनाओं में यह 36 ATP आता है, जो NADH के माइटोकॉन्ड्रिया में परिवहन पर निर्भर करता है)। NCERT अक्सर 38 ATP का उल्लेख करता है।
अनॉक्सी श्वसन (Anaerobic Respiration) / किण्वन (Fermentation):
- ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में होता है।
- स्थान: कोशिकाद्रव्य में।
- इसमें केवल ग्लाइकोलिसिस होता है, जिससे पाइरुविक अम्ल बनता है।
- पाइरुविक अम्ल का आगे अपूर्ण ऑक्सीकरण होता है।
- प्रकार:
- एल्कोहॉलिक किण्वन (Alcoholic Fermentation): यीस्ट (Yeast) जैसे जीवों में होता है। पाइरुविक अम्ल पहले एसिटैल्डिहाइड और CO₂ में बदलता है, फिर एसिटैल्डिहाइड इथेनॉल (Ethanol) में अपचयित हो जाता है। NADH का उपयोग होता है।
- C₆H₁₂O₆ → 2 C₂H₅OH + 2 CO₂ + 2 ATP
- लैक्टिक अम्ल किण्वन (Lactic Acid Fermentation): कुछ जीवाणुओं और प्राणियों की मांसपेशियों की कोशिकाओं में (ऑक्सीजन की कमी होने पर) होता है। पाइरुविक अम्ल सीधे लैक्टिक अम्ल (Lactic acid) में अपचयित हो जाता है। NADH का उपयोग होता है।
- C₆H₁₂O₆ → 2 CH₃CH(OH)COOH + 2 ATP
- एल्कोहॉलिक किण्वन (Alcoholic Fermentation): यीस्ट (Yeast) जैसे जीवों में होता है। पाइरुविक अम्ल पहले एसिटैल्डिहाइड और CO₂ में बदलता है, फिर एसिटैल्डिहाइड इथेनॉल (Ethanol) में अपचयित हो जाता है। NADH का उपयोग होता है।
- ऊर्जा उत्पादन: बहुत कम (केवल 2 ATP, जो ग्लाइकोलिसिस से प्राप्त होते हैं)।
एम्फीबोलिक पथ (Amphibolic Pathway):
- श्वसन पथ (विशेषकर क्रेब्स चक्र) केवल अपचयी (Catabolic) प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह उपचयी (Anabolic) प्रक्रियाओं से भी जुड़ा है।
- श्वसन के मध्यवर्ती यौगिक (जैसे एसिटाइल CoA, अल्फा-कीटोग्लूटेरिक अम्ल, ऑक्सेलोएसिटिक अम्ल) अन्य अणुओं (जैसे वसा अम्ल, अमीनो अम्ल) के संश्लेषण के लिए उपयोग किए जा सकते हैं।
- इसी प्रकार, वसा और प्रोटीन भी टूटकर श्वसन पथ में प्रवेश कर सकते हैं। वसा टूटकर वसा अम्ल और ग्लिसरॉल बनाते हैं (जो आगे एसिटाइल CoA या ग्लाइकोलिसिस में प्रवेश करते हैं), जबकि प्रोटीन टूटकर अमीनो अम्ल बनाते हैं (जो पाइरुविक अम्ल या क्रेब्स चक्र के मध्यवर्ती में परिवर्तित होते हैं)।
- इसलिए, श्वसन पथ को अपचय और उपचय दोनों से संबंधित होने के कारण एम्फीबोलिक पथ कहा जाता है।
श्वसन गुणांक (Respiratory Quotient - RQ):
- परिभाषा: श्वसन के दौरान मुक्त हुई CO₂ के आयतन तथा उपयोग की गई O₂ के आयतन के अनुपात को श्वसन गुणांक कहते हैं।
- RQ = मुक्त CO₂ का आयतन / उपयोग की गई O₂ का आयतन
- महत्व: यह श्वसन क्रियाधार (Respiratory substrate) के प्रकार को इंगित करता है।
- विभिन्न क्रियाधारों के लिए RQ मान:
- कार्बोहाइड्रेट (जैसे ग्लूकोज): RQ = 1 (क्योंकि 6CO₂ / 6O₂ = 1)
- वसा (जैसे ट्राइपामिटिन): RQ < 1 (लगभग 0.7) (क्योंकि इन्हें ऑक्सीकृत करने के लिए अधिक O₂ चाहिए)
- प्रोटीन: RQ < 1 (लगभग 0.9)
- कार्बनिक अम्ल (जैसे मैलिक अम्ल): RQ > 1
- अनॉक्सी श्वसन: RQ = अनंत (∞) (क्योंकि O₂ का उपयोग नहीं होता, पर CO₂ मुक्त होती है - एल्कोहॉलिक किण्वन में)।
निष्कर्ष:
पादप श्वसन एक अनिवार्य जैविक प्रक्रिया है जो पौधों को उनके जीवन की विभिन्न गतिविधियों के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करती है। यह प्रक्रिया कोशिका के विभिन्न भागों में चरणों में पूरी होती है और ऑक्सीजन की उपस्थिति या अनुपस्थिति के आधार पर भिन्न होती है।
अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):
प्रश्न 1: ग्लाइकोलिसिस की प्रक्रिया कोशिका के किस भाग में संपन्न होती है?
(क) माइटोकॉन्ड्रिया के मैट्रिक्स
(ख) कोशिकाद्रव्य (साइटोप्लाज्म)
(ग) माइटोकॉन्ड्रिया की आंतरिक झिल्ली
(घ) हरित लवक
प्रश्न 2: ऑक्सी श्वसन का अंतिम इलेक्ट्रॉन ग्राही कौन है?
(क) हाइड्रोजन
(ख) कार्बन डाइऑक्साइड
(ग) ऑक्सीजन
(घ) जल
प्रश्न 3: क्रेब्स चक्र (TCA चक्र) कहाँ होता है?
(क) कोशिकाद्रव्य
(ख) राइबोसोम
(ग) माइटोकॉन्ड्रिया के मैट्रिक्स
(घ) माइटोकॉन्ड्रिया की बाहरी झिल्ली
प्रश्न 4: एक ग्लूकोज अणु के पूर्ण ऑक्सीकरण से (ऑक्सी श्वसन में) कुल कितने ATP अणु प्राप्त होते हैं (लगभग)?
(क) 2
(ख) 8
(ग) 38
(घ) 10
प्रश्न 5: एल्कोहॉलिक किण्वन का अंतिम उत्पाद क्या है?
(क) लैक्टिक अम्ल
(ख) इथेनॉल और कार्बन डाइऑक्साइड
(ग) एसिटिक अम्ल
(घ) पाइरुविक अम्ल
प्रश्न 6: श्वसन गुणांक (RQ) का मान 1 किसके लिए होता है?
(क) वसा
(ख) प्रोटीन
(ग) कार्बोहाइड्रेट
(घ) कार्बनिक अम्ल
प्रश्न 7: ग्लाइकोलिसिस और क्रेब्स चक्र को जोड़ने वाली कड़ी कौन सी है?
(क) पाइरुविक अम्ल
(ख) सिट्रिक अम्ल
(ग) एसिटाइल को-एंजाइम ए (Acetyl CoA)
(घ) ऑक्सेलोएसिटिक अम्ल
प्रश्न 8: इलेक्ट्रॉन परिवहन तंत्र (ETS) में ATP का संश्लेषण किस एंजाइम द्वारा होता है?
(क) हेक्सोकाइनेज
(ख) पाइरुवेट डिहाइड्रोजनेज
(ग) ATP सिंथेज
(घ) सक्सिनेट डिहाइड्रोजनेज
प्रश्न 9: अनॉक्सी श्वसन में ग्लूकोज के एक अणु से कितने शुद्ध ATP प्राप्त होते हैं?
(क) 38
(ख) 36
(ग) 4
(घ) 2
प्रश्न 10: निम्नलिखित में से कौन सा पथ एम्फीबोलिक पथ कहलाता है?
(क) ग्लाइकोलिसिस
(ख) क्रेब्स चक्र
(ग) किण्वन
(घ) इलेक्ट्रॉन परिवहन तंत्र
उत्तरमाला:
- (ख) कोशिकाद्रव्य (साइटोप्लाज्म)
- (ग) ऑक्सीजन
- (ग) माइटोकॉन्ड्रिया के मैट्रिक्स
- (ग) 38
- (ख) इथेनॉल और कार्बन डाइऑक्साइड
- (ग) कार्बोहाइड्रेट
- (ग) एसिटाइल को-एंजाइम ए (Acetyl CoA)
- (ग) ATP सिंथेज
- (घ) 2
- (ख) क्रेब्स चक्र
इन नोट्स और प्रश्नों का अच्छे से अध्ययन करें। यह आपकी परीक्षा की तैयारी में सहायक होंगे। शुभकामनाएँ!