Class 11 Biology Notes Chapter 23 (Chapter 23) – Examplar Problems (Hindi) Book

Examplar Problems (Hindi)
प्रिय विद्यार्थियों, सरकारी परीक्षाओं की तैयारी के लिए 'रासायनिक समन्वय तथा एकीकरण' (अध्याय 23) एक अत्यंत महत्वपूर्ण अध्याय है। इस अध्याय को गहराई से समझना आपके लिए बहुत लाभदायक सिद्ध होगा। आइए, हम इस अध्याय के विस्तृत नोट्स और कुछ महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्नों पर चर्चा करें।


अध्याय 23: रासायनिक समन्वय तथा एकीकरण (Chemical Coordination and Integration)

यह अध्याय शरीर में रासायनिक समन्वय और एकीकरण की प्रक्रिया का वर्णन करता है, जो मुख्य रूप से अंतःस्रावी तंत्र (Endocrine System) द्वारा नियंत्रित होती है।

1. अंतःस्रावी तंत्र का परिचय:

  • अंतःस्रावी ग्रंथियाँ (Endocrine Glands): ये नलिकाविहीन ग्रंथियाँ (Ductless glands) होती हैं जो अपने रासायनिक स्रावों, जिन्हें हार्मोन कहते हैं, को सीधे रक्त में छोड़ती हैं।
  • हार्मोन (Hormones): ये गैर-पोषक रसायन होते हैं जो अंतराकोशिकीय संदेशवाहक (Intercellular messengers) के रूप में कार्य करते हैं और बहुत कम मात्रा में उत्पादित होते हैं।
  • अंतःस्रावी तंत्र और तंत्रिका तंत्र मिलकर शरीर की सभी शारीरिक क्रियाओं का समन्वय और नियमन करते हैं।

2. प्रमुख अंतःस्रावी ग्रंथियाँ और उनके हार्मोन:

A. हाइपोथैलेमस (Hypothalamus):

  • यह अग्र मस्तिष्क (Forebrain) का आधारभूत भाग है और पीयूष ग्रंथि के कार्यों को नियंत्रित करता है।
  • यह न्यूरोस्रावी कोशिकाओं (Neurosecretory cells) से हार्मोन उत्पन्न करता है।
  • हार्मोन के प्रकार:
    • मोचक हार्मोन (Releasing Hormones): ये अग्र पीयूष ग्रंथि से हार्मोन के स्राव को उत्तेजित करते हैं।
      • उदाहरण: गोनैडोट्रॉपिन मोचक हार्मोन (GnRH) - LH और FSH के स्राव को उत्तेजित करता है।
    • निरोधी हार्मोन (Inhibiting Hormones): ये अग्र पीयूष ग्रंथि से हार्मोन के स्राव को रोकते हैं।
      • उदाहरण: सोमाटोस्टेटिन (Somatostatin) - वृद्धि हार्मोन (GH) के स्राव को रोकता है।
  • ये हार्मोन पोर्टल परिसंचरण तंत्र (Portal circulatory system) द्वारा पीयूष ग्रंथि तक पहुँचते हैं।

B. पीयूष ग्रंथि (Pituitary Gland):

  • यह स्फेनॉइड हड्डी के सेला टर्सिका (Sella turcica) नामक गड्ढे में स्थित होती है।
  • इसे "मास्टर ग्रंथि" (Master Gland) भी कहते हैं क्योंकि यह अन्य अंतःस्रावी ग्रंथियों के कार्यों को नियंत्रित करती है।
  • भाग:
    • अग्र पीयूष (Anterior Pituitary / Pars Distalis):
      • वृद्धि हार्मोन (GH): शरीर की वृद्धि को नियंत्रित करता है। इसकी कमी से बौनापन (Dwarfism) और अधिकता से भीमकायता (Gigantism) या वयस्कों में एक्रोमेगेली (Acromegaly) होती है।
      • प्रोलैक्टिन (PRL): स्तन ग्रंथियों के विकास और दुग्ध उत्पादन को प्रेरित करता है।
      • थायरॉइड प्रेरक हार्मोन (TSH): थायरॉइड ग्रंथि को थायरॉइड हार्मोन स्रावित करने के लिए उत्तेजित करता है।
      • एड्रिनोकोर्टिकोट्रॉपिक हार्मोन (ACTH): अधिवृक्क वल्कुट (Adrenal cortex) को ग्लूकोकॉर्टिकॉइड्स स्रावित करने के लिए उत्तेजित करता है।
      • ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH): पुरुषों में वृषण से एण्ड्रोजन स्राव और महिलाओं में अंडोत्सर्ग (Ovulation) व कॉर्पस ल्यूटियम के निर्माण को प्रेरित करता है।
      • पुटक प्रेरक हार्मोन (FSH): पुरुषों में शुक्राणुजनन (Spermatogenesis) और महिलाओं में अंडाशय पुटकों के विकास को प्रेरित करता है।
    • मध्य पीयूष (Pars Intermedia): मनुष्यों में यह अग्र पीयूष के साथ मिल जाता है।
      • मेलेनोसाइट प्रेरक हार्मोन (MSH): त्वचा के रंजकता (Pigmentation) को नियंत्रित करता है।
    • पश्च पीयूष (Posterior Pituitary / Pars Nervosa):
      • यह हाइपोथैलेमस द्वारा संश्लेषित हार्मोन को संग्रहीत और स्रावित करता है।
      • ऑक्सीटोसिन (Oxytocin): गर्भाशय के चिकनी पेशियों के संकुचन (प्रसव के दौरान) और दुग्ध निष्कासन को प्रेरित करता है।
      • वैसोप्रेसिन / प्रतिमूत्रल हार्मोन (ADH): वृक्क नलिकाओं में जल के पुनरावशोषण को बढ़ाता है, जिससे मूत्र में जल की हानि कम होती है। इसकी कमी से डायबिटीज इन्सिपिडस (Diabetes Insipidus) होता है।

C. पीनियल ग्रंथि (Pineal Gland):

  • यह अग्र मस्तिष्क के पृष्ठीय भाग में स्थित होती है।
  • हार्मोन:
    • मेलाटोनिन (Melatonin): शरीर की 24 घंटे की दैनिक लय (Circadian rhythm) जैसे सोने-जागने का चक्र, शरीर का तापमान आदि को नियंत्रित करता है। यह उपापचय, रंजकता और प्रतिरक्षा क्षमता को भी प्रभावित करता है।

D. थायरॉइड ग्रंथि (Thyroid Gland):

  • यह श्वास नली (Trachea) के दोनों ओर स्थित होती है।
  • हार्मोन:
    • थायरॉक्सिन (T4) और ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3): आयोडीन की उपस्थिति में संश्लेषित होते हैं। ये आधारभूत उपापचय दर (BMR) को नियंत्रित करते हैं, RBCs के निर्माण में सहायक, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा के उपापचय को नियंत्रित करते हैं, और जल व इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखते हैं।
    • थायरोकैल्सीटोनिन (TCT): रक्त में कैल्शियम के स्तर को कम करता है (हाइपोकैल्सीमिक हार्मोन)।
  • विकार:
    • हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism): आयोडीन की कमी से गॉइटर (Goitre) होता है। गर्भावस्था में इसकी कमी से बच्चों में क्रेटिनिज्म (Cretinism) होता है (मानसिक मंदता, कम बुद्धि)। वयस्कों में मिक्सोएडीमा (Myxedema) होता है।
    • हाइपरथायरायडिज्म (Hyperthyroidism): थायरॉइड हार्मोन के अत्यधिक स्राव से होता है, जिससे एक्सोफ्थैल्मिक गॉइटर (Exophthalmic Goitre) या ग्रेव्स रोग (Graves' disease) होता है (आँखों का बाहर निकलना, BMR में वृद्धि)।

E. पैराथायरॉइड ग्रंथियाँ (Parathyroid Glands):

  • थायरॉइड ग्रंथि के पीछे चार छोटी ग्रंथियाँ होती हैं।
  • हार्मोन:
    • पैराथायरॉइड हार्मोन (PTH): रक्त में कैल्शियम के स्तर को बढ़ाता है (हाइपरकैल्सीमिक हार्मोन)। यह हड्डियों से कैल्शियम को रक्त में मुक्त करता है (अस्थि अवशोषण), वृक्क नलिकाओं से कैल्शियम के पुनरावशोषण को बढ़ाता है और विटामिन D के साथ मिलकर आंतों से कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ाता है।

F. थाइमस ग्रंथि (Thymus Gland):

  • यह महाधमनी के पृष्ठीय भाग में और फेफड़ों के बीच स्थित होती है।
  • हार्मोन:
    • थाइमोसिन (Thymosins): T-लिम्फोसाइट्स के विभेदन (Differentiation) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो कोशिका-मध्यस्थ प्रतिरक्षा (Cell-mediated immunity) के लिए आवश्यक हैं। यह प्रतिपिंडों (Antibodies) के उत्पादन को भी बढ़ावा देता है, जिससे ह्यूमोरल प्रतिरक्षा (Humoral immunity) बढ़ती है।
  • यह ग्रंथि वृद्धावस्था में क्षीण हो जाती है, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है।

G. अधिवृक्क ग्रंथि (Adrenal Gland):

  • प्रत्येक वृक्क के ऊपरी भाग पर स्थित होती है।
  • इसके दो भाग होते हैं:
    • अधिवृक्क वल्कुट (Adrenal Cortex): बाहरी भाग, तीन परतों में विभाजित।
      • ग्लूकोकॉर्टिकॉइड्स (Glucocorticoids): मुख्य रूप से कोर्टिसोल (Cortisol)। कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा उपापचय को नियंत्रित करते हैं (ग्लूकोनियोजेनेसिस), प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को दबाते हैं और सूजन-रोधी होते हैं।
      • मिनरलोकॉर्टिकॉइड्स (Mineralocorticoids): मुख्य रूप से एल्डोस्टेरोन (Aldosterone)। वृक्क नलिकाओं में जल और इलेक्ट्रोलाइट (मुख्यतः सोडियम) के संतुलन को बनाए रखते हैं (RENIN-ANGIOTENSIN-ALDOSTERONE SYSTEM)।
      • एण्ड्रोजेनिक स्टेरॉइड्स (Androgenic Steroids): यौन विशेषताओं के विकास में भूमिका निभाते हैं।
    • अधिवृक्क मध्यांश (Adrenal Medulla): आंतरिक भाग।
      • एड्रिनलीन (Adrenaline / Epinephrine) और नॉरएड्रिनलीन (Noradrenaline / Norepinephrine): इन्हें "आपातकालीन हार्मोन" या "लड़ो या भागो" (Fight or Flight) हार्मोन कहते हैं। ये तनाव या आपातकालीन स्थितियों में स्रावित होते हैं। हृदय गति, रक्तचाप, ग्लूकोज स्तर बढ़ाते हैं, पुतलियों का फैलाव करते हैं।

H. अग्नाशय (Pancreas):

  • यह एक विषमग्रंथि (Heterocrine gland) है, जिसमें बहिःस्रावी और अंतःस्रावी दोनों भाग होते हैं।
  • अंतःस्रावी भाग: लैंगरहैंस के द्वीप (Islets of Langerhans)।
    • α-कोशिकाएँ: ग्लूकागॉन (Glucagon) स्रावित करती हैं। यह रक्त शर्करा स्तर को बढ़ाता है (हाइपरग्लाइसेमिक हार्मोन) - ग्लाइकोजेनोलिसिस (यकृत में ग्लाइकोजन का ग्लूकोज में टूटना) और ग्लूकोनियोजेनेसिस (गैर-कार्बोहाइड्रेट स्रोतों से ग्लूकोज बनाना) को प्रेरित करता है।
    • β-कोशिकाएँ: इन्सुलिन (Insulin) स्रावित करती हैं। यह रक्त शर्करा स्तर को कम करता है (हाइपोग्लाइसेमिक हार्मोन) - कोशिकाओं द्वारा ग्लूकोज के अवशोषण और उपयोग को बढ़ाता है, ग्लाइकोजेनेसिस (ग्लूकोज का ग्लाइकोजन में परिवर्तन) को प्रेरित करता है।
  • विकार:
    • मधुमेह (Diabetes Mellitus): इन्सुलिन की कमी या उसके प्रति कोशिकाओं की प्रतिक्रियाहीनता के कारण रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है।

I. जनद (Gonads):

  • वृषण (Testes) - पुरुषों में:
    • हार्मोन: एण्ड्रोजन (मुख्यतः टेस्टोस्टेरोन)।
    • कार्य: द्वितीयक लैंगिक लक्षणों का विकास (दाढ़ी, मूंछ, आवाज का भारी होना), शुक्राणुजनन, मांसपेशियों की वृद्धि, यौन व्यवहार।
  • अंडाशय (Ovaries) - महिलाओं में:
    • हार्मोन:
      • एस्ट्रोजन (Estrogen): अंडाशय पुटकों द्वारा स्रावित। द्वितीयक लैंगिक लक्षणों का विकास (स्तन विकास, आवाज का पतला होना), डिंबवाहिनी और गर्भाशय के विकास को प्रेरित करता है।
      • प्रोजेस्टेरोन (Progesterone): कॉर्पस ल्यूटियम द्वारा स्रावित। गर्भावस्था को बनाए रखता है, स्तन ग्रंथियों पर कार्य करता है।

3. हार्मोन क्रिया की क्रियाविधि (Mechanism of Hormone Action):

  • हार्मोन अपने लक्ष्य कोशिकाओं (Target cells) पर विशिष्ट ग्राही (Receptors) से बंधकर कार्य करते हैं। ग्राही प्रोटीन होते हैं।
  • झिल्ली-बद्ध ग्राही (Membrane-bound Receptors): प्रोटीन/पेप्टाइड हार्मोन (जैसे इन्सुलिन, FSH) कोशिका झिल्ली पर स्थित ग्राही से बंधते हैं। यह एक द्वितीयक संदेशवाहक (Secondary messenger) प्रणाली को सक्रिय करता है (जैसे cAMP, IP3, Ca2+), जो कोशिका के अंदर जैव रासायनिक प्रतिक्रियाओं को प्रेरित करता है।
  • अंतःकोशिकीय ग्राही (Intracellular Receptors): स्टेरॉयड हार्मोन (जैसे एस्ट्रोजन, टेस्टोस्टेरोन) और थायरॉइड हार्मोन (जो लिपिड में घुलनशील होते हैं) कोशिका झिल्ली को पार करके कोशिका द्रव्य या नाभिक में स्थित ग्राही से बंधते हैं। यह हार्मोन-ग्राही सम्मिश्र (Hormone-receptor complex) जीन अभिव्यक्ति और गुणसूत्र कार्यप्रणाली को नियंत्रित करता है, जिससे प्रोटीन और शारीरिक प्रतिक्रियाओं का उत्पादन होता है।

4. पुनर्निवेश नियंत्रण (Feedback Control):

  • हार्मोन स्राव का नियमन अक्सर पुनर्निवेश क्रियाविधि (Feedback mechanism) द्वारा होता है।
  • नकारात्मक पुनर्निवेश (Negative Feedback): जब हार्मोन का स्तर बढ़ता है, तो यह ग्रंथि को और अधिक हार्मोन स्रावित करने से रोकता है। अधिकांश हार्मोन इसी तरह नियंत्रित होते हैं।
  • सकारात्मक पुनर्निवेश (Positive Feedback): जब हार्मोन का स्तर बढ़ता है, तो यह ग्रंथि को और अधिक हार्मोन स्रावित करने के लिए उत्तेजित करता है। यह कम आम है (जैसे प्रसव के दौरान ऑक्सीटोसिन का स्राव)।

10 बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) - अध्याय 23: रासायनिक समन्वय तथा एकीकरण

1. निम्नलिखित में से कौन सा हार्मोन हाइपोथैलेमस द्वारा संश्लेषित होता है लेकिन पश्च पीयूष ग्रंथि से स्रावित होता है?
A) वृद्धि हार्मोन (GH)
B) प्रोलैक्टिन (PRL)
C) वैसोप्रेसिन (ADH)
D) थायरॉइड प्रेरक हार्मोन (TSH)
उत्तर: C) वैसोप्रेसिन (ADH)

2. रक्त में कैल्शियम के स्तर को बढ़ाने वाला हार्मोन कौन सा है?
A) थायरोकैल्सीटोनिन (TCT)
B) पैराथायरॉइड हार्मोन (PTH)
C) थायरॉक्सिन
D) इन्सुलिन
उत्तर: B) पैराथायरॉइड हार्मोन (PTH)

3. "आपातकालीन हार्मोन" के रूप में किसे जाना जाता है?
A) थायरॉक्सिन
B) इन्सुलिन
C) एड्रिनलीन और नॉरएड्रिनलीन
D) कोर्टिसोल
उत्तर: C) एड्रिनलीन और नॉरएड्रिनलीन

4. डायबिटीज मेलिटस का कारण क्या है?
A) ADH की कमी
B) इन्सुलिन की कमी या उसके प्रति प्रतिक्रियाहीनता
C) थायरॉक्सिन की अधिकता
D) ग्लूकागॉन की कमी
उत्तर: B) इन्सुलिन की कमी या उसके प्रति प्रतिक्रियाहीनता

5. निम्नलिखित में से कौन सा हार्मोन प्रोटीन प्रकृति का नहीं है?
A) FSH
B) LH
C) ऑक्सीटोसिन
D) टेस्टोस्टेरोन
उत्तर: D) टेस्टोस्टेरोन (यह एक स्टेरॉयड हार्मोन है)

6. थाइमस ग्रंथि द्वारा स्रावित हार्मोन, थाइमोसिन, मुख्य रूप से किसमें भूमिका निभाता है?
A) रक्तचाप विनियमन
B) कार्बोहाइड्रेट उपापचय
C) प्रतिरक्षा प्रणाली का विकास और परिपक्वन
D) जल और इलेक्ट्रोलाइट संतुलन
उत्तर: C) प्रतिरक्षा प्रणाली का विकास और परिपक्वन

7. एक्रोमेगेली नामक विकार किस हार्मोन के अत्यधिक स्राव के कारण होता है?
A) थायरॉक्सिन
B) वृद्धि हार्मोन (GH)
C) कोर्टिसोल
D) प्रोलैक्टिन
उत्तर: B) वृद्धि हार्मोन (GH)

8. कॉर्पस ल्यूटियम द्वारा स्रावित हार्मोन जो गर्भाशय की एंडोमेट्रियम को गर्भावस्था के लिए बनाए रखने में मदद करता है, वह कौन सा है?
A) एस्ट्रोजन
B) प्रोजेस्टेरोन
C) रिलैक्सिन
D) LH
उत्तर: B) प्रोजेस्टेरोन

9. निम्नलिखित में से कौन सा हार्मोन सीधे कोशिका झिल्ली को पार करके अंतःकोशिकीय ग्राही से बंधता है?
A) इन्सुलिन
B) थायरॉइड प्रेरक हार्मोन (TSH)
C) एस्ट्रोजन
D) ग्लूकागॉन
उत्तर: C) एस्ट्रोजन

10. यदि किसी व्यक्ति को गॉइटर है, तो उसे किस तत्व की कमी हो सकती है?
A) कैल्शियम
B) आयोडीन
C) आयरन
D) सोडियम
उत्तर: B) आयोडीन


मुझे आशा है कि ये विस्तृत नोट्स और बहुविकल्पीय प्रश्न आपकी सरकारी परीक्षाओं की तैयारी में अत्यंत सहायक सिद्ध होंगे। अपनी पढ़ाई को जारी रखें और सफलता प्राप्त करें!

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