Class 11 Biology Notes Chapter 25 (Chapter 25) – Examplar Problems (Hindi) Book

नमस्ते विद्यार्थियों।
आज हम कक्षा 11 जीव विज्ञान के अध्याय 25, 'रासायनिक समन्वय तथा एकीकरण' का अध्ययन करेंगे। यह अध्याय प्रतियोगी परीक्षाओं, जैसे NEET, और अन्य सरकारी परीक्षाओं के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसमें हम अंतःस्रावी ग्रंथियों और उनके द्वारा स्रावित हार्मोन के कार्यों एवं उनसे संबंधित विकारों को समझेंगे। चलिए, इसके मुख्य बिंदुओं को विस्तार से समझते हैं।
अध्याय 25: रासायनिक समन्वय तथा एकीकरण - विस्तृत नोट्स
1. परिचय: अंतःस्रावी तंत्र और हार्मोन
- तंत्रिकीय समन्वय तीव्र लेकिन अल्पकालिक होता है, जबकि रासायनिक समन्वय धीमा लेकिन दीर्घकालिक होता है।
- शरीर में रासायनिक समन्वय हार्मोन द्वारा होता है।
- अंतःस्रावी ग्रंथियाँ (Endocrine Glands): ये नलिकाविहीन ग्रंथियाँ होती हैं जो अपने स्राव (हार्मोन) को सीधे रक्त में छोड़ती हैं, जिससे वे लक्ष्य अंगों तक पहुँचते हैं।
- हार्मोन (Hormones): ये गैर-पोषक रसायन होते हैं जो अंतरकोशिकीय संदेशवाहक के रूप में कार्य करते हैं और बहुत कम मात्रा में उत्पन्न होते हैं।
2. मानव अंतःस्रावी तंत्र (Human Endocrine System)
मानव शरीर में मुख्य अंतःस्रावी ग्रंथियाँ इस प्रकार हैं:
I. हाइपोथैलेमस (Hypothalamus)
- स्थान: अग्रमस्तिष्क (Forebrain) के डाइएनसेफलॉन का भाग।
- कार्य: यह पीयूष ग्रंथि (Pituitary Gland) के स्राव को नियंत्रित करता है। इसे 'मास्टर की मास्टर ग्रंथि' भी कहते हैं।
- हार्मोन:
- मोचक हार्मोन (Releasing Hormones): ये पीयूष ग्रंथि को हार्मोन स्रावित करने के लिए प्रेरित करते हैं। उदाहरण: गोनैडोट्रॉपिन मोचक हार्मोन (GnRH)।
- निरोधी हार्मोन (Inhibiting Hormones): ये पीयूष ग्रंथि के हार्मोन स्राव को रोकते हैं। उदाहरण: सोमेटोस्टेटिन (जो वृद्धि हार्मोन के स्राव को रोकता है)।
II. पीयूष ग्रंथि (Pituitary Gland)
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स्थान: मस्तिष्क में स्फेनॉइड हड्डी के 'सेला टर्सिका' नामक गड्ढे में स्थित होती है।
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यह दो भागों में विभाजित है: एडेनोहाइपोफाइसिस (अग्र पीयूष) और न्यूरोहाइपोफाइसिस (पश्च पीयूष)।
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A) एडेनोहाइपोफाइसिस (अग्र पीयूष) से स्रावित हार्मोन:
- वृद्धि हार्मोन (GH): शरीर की वृद्धि को नियंत्रित करता है।
- अल्पस्राव: बौनापन (Dwarfism)।
- अतिस्राव: अतिकायता (Gigantism) और एक्रोमिगेली/अग्रअतिकायता (Acromegaly)।
- प्रोलैक्टिन (PRL): स्तन ग्रंथियों की वृद्धि और दुग्ध निर्माण को प्रेरित करता है।
- थायरॉइड-प्रेरक हार्मोन (TSH): थायरॉइड ग्रंथि को थायरॉइड हार्मोन स्रावित करने के लिए प्रेरित करता है।
- एड्रेनोकॉर्टिकोट्रॉपिक हार्मोन (ACTH): अधिवृक्क वल्कुट (Adrenal Cortex) को ग्लूकोकॉर्टिकॉइड्स स्रावित करने के लिए प्रेरित करता है।
- ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) और फॉलिकल-प्रेरक हार्मोन (FSH): इन्हें गोनैडोट्रॉपिन कहते हैं।
- नर में: LH (ICSH) लेडिग कोशिकाओं से एंड्रोजन का स्राव और FSH शुक्राणुजनन को प्रेरित करता है।
- मादा में: LH अंडोत्सर्ग (Ovulation) और कॉर्पस ल्यूटियम के निर्माण को प्रेरित करता है, जबकि FSH अंडाशयी पुटकों की वृद्धि करता है।
- वृद्धि हार्मोन (GH): शरीर की वृद्धि को नियंत्रित करता है।
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B) न्यूरोहाइपोफाइसिस (पश्च पीयूष) से स्रावित हार्मोन:
- ध्यान दें: ये हार्मोन हाइपोथैलेमस में बनते हैं और पश्च पीयूष में केवल संग्रहीत और स्रावित होते हैं।
- ऑक्सीटोसिन (Oxytocin): गर्भाशय की चिकनी पेशियों में संकुचन (प्रसव के समय) और दुग्ध स्राव को प्रेरित करता है।
- वैसोप्रेसिन या एंटीडाइयूरेटिक हार्मोन (ADH): वृक्क नलिकाओं से जल के पुन:अवशोषण को बढ़ाता है, जिससे मूत्र द्वारा जल की हानि कम होती है।
- कमी से: डायबिटीज इन्सिपिडस (उदकमेह) रोग होता है, जिसमें अत्यधिक मूत्रत्याग और प्यास लगती है।
III. पीनियल ग्रंथि (Pineal Gland)
- स्थान: अग्रमस्तिष्क के पृष्ठीय भाग में।
- हार्मोन: मेलाटोनिन (Melatonin)।
- कार्य: शरीर की 24-घंटे की लय (दैनिक लय) का नियमन, जैसे सोने-जागने का चक्र, शरीर का तापमान।
IV. थायरॉइड ग्रंथि (Thyroid Gland)
- स्थान: श्वास नली (Trachea) के दोनों ओर स्थित।
- हार्मोन:
- थायरॉक्सिन (T4) और ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3): आयोडीन की उपस्थिति में बनते हैं।
- कार्य: आधारीय उपापचयी दर (BMR) का नियमन, लाल रक्त कणिकाओं (RBC) के निर्माण में सहायक।
- अल्पस्राव (Hypothyroidism): घेंघा/गलगण्ड (Goitre), जड़वामनता (Cretinism), मिक्सोडीमा (Myxoedema)।
- अतिस्राव (Hyperthyroidism): नेत्रोत्सेधी गलगण्ड (Exophthalmic Goitre) या ग्रेव्स रोग।
- थायरोकैल्सिटोनिन (TCT): रक्त में कैल्शियम के स्तर को कम करता है।
- थायरॉक्सिन (T4) और ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3): आयोडीन की उपस्थिति में बनते हैं।
V. पैराथायरॉइड ग्रंथि (Parathyroid Gland)
- स्थान: थायरॉइड ग्रंथि की पश्च सतह पर (चार छोटी ग्रंथियाँ)।
- हार्मोन: पैराथायरॉइड हार्मोन (PTH) या पैराथॉर्मोन।
- कार्य: यह रक्त में कैल्शियम आयनों (Ca²⁺) के स्तर को बढ़ाता है (हाइपरकैल्सिमिक हार्मोन)। यह TCT के विपरीत कार्य करता है।
VI. थाइमस ग्रंथि (Thymus Gland)
- स्थान: महाधमनी के उदर पक्ष पर, उरोस्थि के पीछे।
- हार्मोन: थाइमोसिन (Thymosins)।
- कार्य: प्रतिरक्षा तंत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका। यह T-लिम्फोसाइट्स के विभेदन में मदद करता है। वृद्धावस्था में यह ग्रंथि अपघटित हो जाती है, जिससे प्रतिरक्षा कमजोर हो जाती है।
VII. अधिवृक्क ग्रंथि (Adrenal Gland)
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स्थान: प्रत्येक वृक्क (Kidney) के अग्र भाग पर स्थित।
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इसके दो भाग हैं: बाहरी अधिवृक्क वल्कुट (Adrenal Cortex) और भीतरी अधिवृक्क मध्यांश (Adrenal Medulla)।
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A) अधिवृक्क मध्यांश से स्रावित हार्मोन:
- एड्रेनालाईन (एपिनेफ्रीन) और नॉरएड्रेनालाईन (नॉरएपिनेफ्रीन)।
- इन्हें आपातकालीन हार्मोन या "लड़ो या भागो" (Fight or Flight) हार्मोन कहते हैं। ये संकटकालीन परिस्थितियों में शरीर को तैयार करते हैं।
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B) अधिवृक्क वल्कुट से स्रावित हार्मोन:
- ग्लूकोकॉर्टिकॉइड्स (मुख्यतः कॉर्टिसोल): कार्बोहाइड्रेट उपापचय का नियमन, सूजन-रोधी (anti-inflammatory) और प्रतिरक्षा-निरोधक (immunosuppressive) प्रभाव।
- मिनरलोकॉर्टिकॉइड्स (मुख्यतः एल्डोस्टेरॉन): शरीर में जल और इलेक्ट्रोलाइट्स (Na⁺, K⁺) का संतुलन बनाए रखना।
- अल्पस्राव से: एडिसन रोग (Addison's disease) होता है।
VIII. अग्न्याशय (Pancreas)
- यह एक मिश्रित ग्रंथि है (अंतःस्रावी और बहिःस्रावी दोनों)।
- अंतःस्रावी भाग को लैंगरहैंस के द्वीप (Islets of Langerhans) कहते हैं।
- कोशिकाएं और हार्मोन:
- α-कोशिकाएं: ग्लूकागॉन (Glucagon) स्रावित करती हैं। यह रक्त शर्करा स्तर को बढ़ाता है (हाइपरग्लाइसेमिक)।
- β-कोशिकाएं: इंसुलिन (Insulin) स्रावित करती हैं। यह रक्त शर्करा स्तर को कम करता है (हाइपोग्लाइसेमिक)।
- विकार: इंसुलिन की कमी से डायबिटीज मेलिटस (मधुमेह) रोग होता है।
IX. जनद (Gonads)
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A) वृषण (Testis) (नर में):
- लेडिग कोशिकाएं (Leydig cells) एंड्रोजन समूह के हार्मोन, मुख्यतः टेस्टोस्टेरोन, का स्राव करती हैं।
- कार्य: नर सहायक लैंगिक अंगों का विकास, द्वितीयक लैंगिक लक्षणों (दाढ़ी-मूंछ, भारी आवाज) का विकास और शुक्राणुजनन (spermatogenesis) को प्रेरित करना।
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B) अंडाशय (Ovary) (मादा में):
- एस्ट्रोजन (Estrogen): अंडाशयी पुटकों द्वारा स्रावित। मादा द्वितीयक लैंगिक लक्षणों और लैंगिक व्यवहार का नियमन करता है।
- प्रोजेस्टेरोन (Progesterone): कॉर्पस ल्यूटियम द्वारा स्रावित। गर्भावस्था को बनाए रखने में सहायक है।
3. हार्मोन क्रिया की क्रियाविधि (Mechanism of Hormone Action)
हार्मोन अपनी क्रिया लक्ष्य कोशिकाओं पर स्थित विशिष्ट प्रोटीन ग्राही (Receptors) से जुड़कर करते हैं।
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झिल्ली-बद्ध ग्राही (Membrane-bound receptors):
- पेप्टाइड, पॉलीपेप्टाइड और प्रोटीन हार्मोन (जैसे- इंसुलिन, ग्लूकागॉन, FSH) कोशिका झिल्ली पर स्थित ग्राही से जुड़ते हैं।
- ये कोशिका में प्रवेश नहीं करते, बल्कि द्वितीयक संदेशवाहक (Secondary messengers) (जैसे- cAMP, Ca²⁺) उत्पन्न करते हैं जो कोशिकीय उपापचय को नियंत्रित करते हैं।
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अंतःकोशिकीय ग्राही (Intracellular receptors):
- स्टेरॉयड हार्मोन (जैसे- कॉर्टिसोल, टेस्टोस्टेरोन, एस्ट्रोजन) और थायरॉइड हार्मोन कोशिका के अंदर प्रवेश कर जाते हैं।
- ये केंद्रक में स्थित ग्राही से जुड़कर जीन अभिव्यक्ति (gene expression) को नियंत्रित करते हैं, जिससे प्रोटीन संश्लेषण और शारीरिक क्रियाएं प्रभावित होती हैं।
अभ्यास हेतु महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सी ग्रंथि 'आपातकालीन हार्मोन' का स्राव करती है?
(क) पीयूष ग्रंथि
(ख) थायरॉइड ग्रंथि
(ग) अधिवृक्क मध्यांश
(घ) अग्न्याशय
प्रश्न 2: इंसुलिन की कमी से होने वाला रोग कौन-सा है?
(क) डायबिटीज इन्सिपिडस
(ख) डायबिटीज मेलिटस
(ग) घेंघा
(घ) एक्रोमिगेली
प्रश्न 3: रक्त में कैल्शियम के स्तर को बढ़ाने वाला हार्मोन कौन-सा है?
(क) थायरोकैल्सिटोनिन (TCT)
(ख) पैराथायरॉइड हार्मोन (PTH)
(ग) थायरॉक्सिन
(घ) एल्डोस्टेरॉन
प्रश्न 4: 'मास्टर ग्रंथि' के नाम से किस ग्रंथि को जाना जाता है?
(क) हाइपोथैलेमस
(ख) पीनियल ग्रंथि
(ग) पीयूष ग्रंथि
(घ) थाइमस ग्रंथि
प्रश्न 5: अंडोत्सर्ग (Ovulation) को प्रेरित करने वाला मुख्य हार्मोन है:
(क) FSH
(ख) LH
(ग) प्रोजेस्टेरोन
(घ) एस्ट्रोजन
प्रश्न 6: एक स्टेरॉयड हार्मोन अपनी लक्ष्य कोशिका को कैसे प्रभावित करता है?
(क) कोशिका झिल्ली पर एक ग्राही से जुड़कर
(ख) द्वितीयक संदेशवाहक उत्पन्न करके
(ग) कोशिका में प्रवेश कर केंद्रक में ग्राही से जुड़कर
(घ) कोशिका के बाहर एंजाइम को सक्रिय करके
प्रश्न 7: शरीर की दैनिक लय (सोने-जागने का चक्र) का नियमन कौन-सा हार्मोन करता है?
(क) थाइमोसिन
(ख) मेलाटोनिन
(ग) कॉर्टिसोल
(घ) एड्रेनालाईन
प्रश्न 8: ग्रेव्स रोग (Graves' disease) किस ग्रंथि के अतिस्राव के कारण होता है?
(क) अधिवृक्क ग्रंथि
(ख) अग्न्याशय
(ग) पीयूष ग्रंथि
(घ) थायरॉइड ग्रंथि
प्रश्न 9: नर में लेडिग कोशिकाएं (Leydig cells) कौन-सा हार्मोन स्रावित करती हैं?
(क) एस्ट्रोजन
(ख) प्रोजेस्टेरोन
(ग) टेस्टोस्टेरोन
(घ) प्रोलैक्टिन
प्रश्न 10: कौन-सा हार्मोन युग्म एक-दूसरे के विपरीत कार्य करता है?
(क) FSH और LH
(ख) एड्रेनालाईन और नॉरएड्रेनालाईन
(ग) इंसुलिन और ग्लूकागॉन
(घ) एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन
उत्तरमाला:
- (ग) अधिवृक्क मध्यांश - यह एड्रेनालाईन और नॉरएड्रेनालाईन स्रावित करता है।
- (ख) डायबिटीज मेलिटस - यह रक्त में शर्करा के उच्च स्तर की स्थिति है।
- (ख) पैराथायरॉइड हार्मोन (PTH) - यह हड्डियों से कैल्शियम को रक्त में मुक्त करता है।
- (ग) पीयूष ग्रंथि - क्योंकि यह अन्य कई अंतःस्रावी ग्रंथियों को नियंत्रित करती है।
- (ख) LH - LH सर्ज (LH surge) ही अंडोत्सर्ग का मुख्य कारण है।
- (ग) कोशिका में प्रवेश कर केंद्रक में ग्राही से जुड़कर - स्टेरॉयड हार्मोन लिपिड में घुलनशील होते हैं और आसानी से कोशिका में प्रवेश कर जाते हैं।
- (ख) मेलाटोनिन - यह पीनियल ग्रंथि द्वारा स्रावित होता है।
- (घ) थायरॉइड ग्रंथि - यह थायरॉइड हार्मोन के अतिस्राव (Hyperthyroidism) के कारण होता है।
- (ग) टेस्टोस्टेरोन - यह मुख्य नर हार्मोन है।
- (ग) इंसुलिन और ग्लूकागॉन - इंसुलिन रक्त शर्करा घटाता है, जबकि ग्लूकागॉन बढ़ाता है।