Class 11 Biology Notes Chapter 4 (प्राणि जगत) – Jeev Vigyan Book

चलिए, आज हम कक्षा 11 जीव विज्ञान के अध्याय 4, 'प्राणि जगत' का गहराई से अध्ययन करते हैं। यह अध्याय प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें प्राणियों के वर्गीकरण के आधार और विभिन्न संघों की विशेषताओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
अध्याय 4: प्राणि जगत (Animal Kingdom)
वर्गीकरण का आधार (Basis of Classification)
प्राणियों को उनकी संरचना और कार्यों में समानता और असमानता के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। वर्गीकरण के मुख्य आधार निम्नलिखित हैं:
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संगठन के स्तर (Levels of Organisation):
- कोशिकीय स्तर (Cellular Level): कोशिकाएँ ढीले समूहों में होती हैं, ऊतक नहीं बनातीं। उदाहरण: संघ पोरीफेरा (स्पंज)।
- ऊतक स्तर (Tissue Level): समान कार्य करने वाली कोशिकाएँ ऊतकों में संगठित होती हैं। उदाहरण: संघ सीलेन्ट्रेटा (नाइडेरिया), टीनोफोरा।
- अंग स्तर (Organ Level): ऊतक मिलकर अंगों का निर्माण करते हैं, प्रत्येक अंग एक विशेष कार्य करता है। उदाहरण: संघ प्लेटीहेल्मिन्थीज।
- अंग तंत्र स्तर (Organ System Level): विभिन्न अंग मिलकर अंग तंत्र बनाते हैं जो विशिष्ट शारीरिक कार्य करते हैं (जैसे पाचन तंत्र, श्वसन तंत्र)। उदाहरण: एस्केल्मिन्थीज से कॉर्डेटा तक के सभी संघ।
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सममिति (Symmetry):
- असममित (Asymmetrical): शरीर को किसी भी केंद्रीय अक्ष से गुजरने वाली रेखा द्वारा दो बराबर भागों में विभाजित नहीं किया जा सकता। उदाहरण: अधिकांश स्पंज।
- अरीय सममिति (Radial Symmetry): शरीर को किसी भी केंद्रीय अक्ष से गुजरने वाली रेखा द्वारा दो समान भागों में विभाजित किया जा सकता है। उदाहरण: सीलेन्ट्रेटा, टीनोफोरा, वयस्क इकाइनोडर्मेटा।
- द्विपार्श्व सममिति (Bilateral Symmetry): शरीर को केवल एक ही अक्ष से दो समरूप दाएँ और बाएँ भागों में विभाजित किया जा सकता है। उदाहरण: प्लेटीहेल्मिन्थीज से कॉर्डेटा तक।
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द्विकोरकी तथा त्रिकोरकी संगठन (Diploblastic and Triploblastic Organisation):
- द्विकोरकी (Diploblastic): भ्रूणीय विकास के दौरान कोशिकाएँ दो परतों में व्यवस्थित होती हैं - बाहरी एक्टोडर्म (ectoderm) और आंतरिक एंडोडर्म (endoderm)। इन दोनों के बीच एक अविभेदित परत मीजोग्लिया (mesoglea) हो सकती है। उदाहरण: सीलेन्ट्रेटा, टीनोफोरा।
- त्रिकोरकी (Triploblastic): भ्रूणीय विकास के दौरान तीन जनन स्तर होते हैं - बाहरी एक्टोडर्म, मध्य मीजोडर्म (mesoderm) और आंतरिक एंडोडर्म। उदाहरण: प्लेटीहेल्मिन्थीज से कॉर्डेटा तक।
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प्रगुहा (Coelom):
- शरीर भित्ति और आहार नाल के बीच गुहा की उपस्थिति या अनुपस्थिति वर्गीकरण का महत्वपूर्ण आधार है। यह गुहा मीजोडर्म द्वारा आस्तरित होती है।
- अगुहिक (Acoelomate): शरीर गुहा अनुपस्थित होती है। उदाहरण: प्लेटीहेल्मिन्थीज।
- कूटगुहिक (Pseudocoelomate): मीजोडर्म एक्टोडर्म और एंडोडर्म के बीच बिखरी हुई थैलियों के रूप में होती है, वास्तविक गुहा नहीं बनती। उदाहरण: एस्केल्मिन्थीज।
- प्रगुहिक/सगुहिक (Coelomate): वास्तविक देहगुहा उपस्थित होती है जो मीजोडर्म द्वारा आस्तरित होती है। उदाहरण: ऐनेलिडा, मोलस्का, आर्थ्रोपोडा, इकाइनोडर्मेटा, हेमीकॉर्डेटा, कॉर्डेटा।
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खंडीभवन (Segmentation):
- कुछ प्राणियों में शरीर बाहरी और आंतरिक रूप से खंडों में विभाजित होता है, जिनमें कुछ अंगों की क्रमिक पुनरावृत्ति होती है। इस प्रक्रिया को खंडीभवन कहते हैं।
- वास्तविक विखंडी खंडीभवन (Metameric Segmentation): उदाहरण: ऐनेलिडा (केंचुआ), आर्थ्रोपोडा, कॉर्डेटा।
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पृष्ठरज्जु (Notochord):
- यह मीजोडर्म से उत्पन्न छड़ जैसी संरचना होती है जो भ्रूणीय विकास के दौरान पृष्ठ सतह पर पाई जाती है।
- जिन प्राणियों में पृष्ठरज्जु पाई जाती है, उन्हें कॉर्डेटा (Chordata) कहते हैं।
- जिन प्राणियों में पृष्ठरज्जु नहीं पाई जाती है, उन्हें नॉन-कॉर्डेटा (Non-chordata) कहते हैं। (पोरीफेरा से इकाइनोडर्मेटा तक)।
प्राणियों का वर्गीकरण (Classification of Animals)
संघ पोरीफेरा (Phylum Porifera):
- सामान्यतः स्पंज कहलाते हैं।
- अधिकांश समुद्री, कुछ स्वच्छ जलीय।
- कोशिकीय स्तर का संगठन। असममित।
- जल नाल तंत्र (Water Canal System) या जल परिवहन तंत्र: ऑस्टिया (Ostia) द्वारा जल प्रवेश करता है, स्पंजगुहा (Spongocoel) से होते हुए ऑस्कुलम (Osculum) द्वारा बाहर निकलता है। यह भोजन ग्रहण, श्वसन और उत्सर्जन में सहायक है।
- कॉलर कोशिकाएँ या कोएनोसाइट्स (Choanocytes): स्पंजगुहा और नालों को आस्तरित करती हैं।
- कंकाल कंटिकाओं (Spicules) या स्पंजिन तंतुओं (Spongin fibres) का बना होता है।
- उभयलिंगाश्रयी (Hermaphrodite)। अलैंगिक (विखंडन) व लैंगिक जनन। आंतरिक निषेचन, अप्रत्यक्ष परिवर्धन (लार्वा अवस्था)।
- उदाहरण: साइकॉन (स्काइफा), स्पंजिला (स्वच्छ जलीय स्पंज), यूस्पंजिया (बाथ स्पंज)।
संघ सीलेन्ट्रेटा (नाइडेरिया) (Phylum Coelenterata / Cnidaria):
- अधिकांश समुद्री, कुछ स्वच्छ जलीय (हाइड्रा)।
- ऊतक स्तर का संगठन। अरीय सममिति। द्विकोरकी।
- दंश कोशिकाएँ या नीडोब्लास्ट (Cnidoblasts / Nematocysts): स्पर्शकों तथा शरीर पर उपस्थित। शिकार पकड़ने, रक्षा और स्थिर होने में सहायक।
- केंद्रीय जठर संवहनी गुहा (Gastrovascular cavity) जो अधोमुख (Hypostome) पर स्थित मुख द्वारा खुलती है।
- दो मूलभूत शारीरिक रूप - पॉलिप (Polyp) (स्थावर, बेलनाकार जैसे हाइड्रा, एडम्सिया) और मेड्यूसा (Medusa) (छतरीनुमा, मुक्त प्लावी जैसे ऑरेलिया/जेलीफ़िश)।
- पीढ़ी एकान्तरण (Metagenesis): कुछ नाइडेरियनों (जैसे ओबेलिया) में पॉलिप (अलैंगिक जनन द्वारा मेड्यूसा उत्पन्न करता है) और मेड्यूसा (लैंगिक जनन द्वारा पॉलिप उत्पन्न करता है) के बीच एकान्तरण होता है।
- कंकाल कैल्शियम कार्बोनेट का (प्रवाल/Corals)।
- उदाहरण: फाइसेलिया (पुर्तगाली युद्ध मानव), एडम्सिया (समुद्री एनीमोन), पेनाट्यूला (समुद्री पिच्छ), गॉर्गोनिया (समुद्री पंखा), मीएन्ड्रिना (ब्रेन कोरल), हाइड्रा, ऑरेलिया।
संघ टीनोफोरा (Phylum Ctenophora):
- सामान्यतः समुद्री अखरोट (Sea walnuts) या कंकत जैली (Comb jellies) कहलाते हैं।
- पूर्णतः समुद्री। अरीय सममिति। द्विकोरकी। ऊतक स्तर का संगठन।
- शरीर पर आठ बाह्य कंकत पट्टिकाएँ (Comb plates) होती हैं जो चलन में सहायक हैं।
- जीव संदीप्ति (Bioluminescence): प्रकाश उत्सर्जन करना इनका मुख्य गुण है।
- केवल लैंगिक जनन। बाह्य निषेचन। अप्रत्यक्ष परिवर्धन।
- उदाहरण: प्लूरोब्रैकिया (Pleurobrachia), टीनोप्लाना (Ctenoplana)।
संघ प्लेटीहेल्मिन्थीज (Phylum Platyhelminthes):
- पृष्ठाधर रूप से चपटे कृमि (Flatworms)।
- अधिकांशतः अंतःपरजीवी। द्विपार्श्व सममिति। त्रिकोरकी। अगुहिक। अंग स्तर का संगठन।
- ज्वाला कोशिकाएँ (Flame cells): परासरण नियंत्रण तथा उत्सर्जन में सहायक।
- पाचन तंत्र अपूर्ण (केवल एक मुख)।
- उभयलिंगाश्रयी। आंतरिक निषेचन। अप्रत्यक्ष परिवर्धन (अनेक लार्वा अवस्थाएँ)।
- कुछ सदस्यों (जैसे प्लेनेरिया) में पुनरुद्भवन की उच्च क्षमता।
- उदाहरण: टीनिया (फीता कृमि), फैसिओला (पर्ण कृमि), प्लेनेरिया।
संघ एस्केल्मिन्थीज (निमेटोडा) (Phylum Aschelminthes / Nematoda):
- गोल कृमि (Roundworms) क्योंकि अनुप्रस्थ काट में गोलाकार होते हैं।
- स्वतंत्रजीवी या परजीवी (पौधों और प्राणियों में)।
- द्विपार्श्व सममिति। त्रिकोरकी। कूटगुहिक (Pseudocoelomate)। अंग तंत्र स्तर का संगठन।
- पूर्ण आहार नाल (मुख और गुदा)। सुविकसित पेशीय ग्रसनी।
- उत्सर्जन नाल द्वारा अपशिष्ट पदार्थ उत्सर्जन रंध्र से बाहर निकलते हैं।
- एकलिंगाश्रयी (नर और मादा अलग)। नर प्रायः मादा से छोटा। आंतरिक निषेचन। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष परिवर्धन।
- उदाहरण: एस्केरिस (गोल कृमि), वुचेरेरिया (फाइलेरिया कृमि), एंसाइलोस्टोमा (अंकुश कृमि)।
संघ ऐनेलिडा (Phylum Annelida):
- शरीर खंडों या विखंडों (Metameres) में बंटा होता है (विखंडी खंडीभवन)।
- जलीय (समुद्री और स्वच्छ जलीय) या स्थलीय। स्वतंत्रजीवी या परजीवी।
- द्विपार्श्व सममिति। त्रिकोरकी। प्रगुहिक (Coelomate)। अंग तंत्र स्तर का संगठन।
- वृक्कक (Nephridia): परासरण नियमन तथा उत्सर्जन में सहायक।
- तंत्रिका तंत्र में एक जोड़ी गुच्छिकाएँ (Ganglia) और एक दोहरी अधर तंत्रिका रज्जु।
- बंद परिसंचरण तंत्र (Closed circulatory system)।
- चलन में शूक (Setae) (केंचुए में) या पार्श्वपाद (Parapodia) (नेरीस में) सहायक।
- अधिकांश उभयलिंगाश्रयी (केंचुआ, जोंक), कुछ एकलिंगाश्रयी (नेरीस)। लैंगिक जनन।
- उदाहरण: नेरीस, फेरेटिमा (केंचुआ), हिरुडिनेरिया (रक्तचूषक जोंक)।
संघ आर्थ्रोपोडा (Phylum Arthropoda):
- प्राणि जगत का सबसे बड़ा संघ।
- द्विपार्श्व सममिति। त्रिकोरकी। विखंडित। प्रगुहिक। अंग तंत्र स्तर का संगठन।
- संधियुक्त पाद (Jointed appendages) इनकी मुख्य विशेषता है।
- शरीर सिर, वक्ष और उदर में विभाजित।
- काइटिनी बाह्यकंकाल (Chitinous exoskeleton)।
- खुला परिसंचरण तंत्र (Open circulatory system)। रक्त (हीमोलिम्फ) देहगुहा (हीमोसील) में बहता है।
- श्वसन अंग: क्लोम (Gills), पुस्तक क्लोम (Book gills), पुस्तक फुप्फुस (Book lungs) या श्वसनिकाओं (Tracheal system) द्वारा।
- उत्सर्जन मैल्पीघी नलिकाओं (Malpighian tubules) द्वारा।
- संवेदी अंग: श्रृंगिकाएँ (Antennae), सामान्य तथा संयुक्त नेत्र, संतुलन पुटी (Statocysts)।
- अधिकांश एकलिंगाश्रयी। आंतरिक निषेचन। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष परिवर्धन।
- आर्थिक महत्व के कीट: एपिस (मधुमक्खी), बॉम्बिक्स (रेशम कीट), लैसिफर (लाख कीट)।
- रोग वाहक: एनोफेलीज, क्यूलेक्स, एडीज (मच्छर)।
- जीवित जीवाश्म: लिमुलस (राज कर्कट/King crab)।
- अन्य उदाहरण: टिड्डी, तितली, बिच्छू, झींगा, केकड़ा।
संघ मोलस्का (Phylum Mollusca):
- दूसरा सबसे बड़ा प्राणि संघ। स्थलीय या जलीय (समुद्री और स्वच्छ जलीय)।
- द्विपार्श्व सममिति (कुछ में असममिति)। त्रिकोरकी। प्रगुहिक। अंग तंत्र स्तर का संगठन।
- शरीर अखंडित, कोमल, कैल्शियम कार्बोनेट के कवच (Shell) से ढका रहता है।
- शरीर तीन भागों में विभक्त: सिर, पेशीय पाद और अंतरंग ककुद् (Visceral hump)।
- ककुद् के ऊपर त्वचा की नरम परत प्रावार (Mantle) बनाती है। प्रावार और ककुद् के बीच के स्थान को प्रावार गुहा कहते हैं, जिसमें पंख समान क्लोम होते हैं।
- मुख गुहा में भोजन हेतु घिसने का अंग रेडुला (Radula) होता है।
- खुला परिसंचरण तंत्र (सिफेलोपोड्स को छोड़कर)।
- उत्सर्जन वृक्कक समान अंगों द्वारा।
- एकलिंगाश्रयी। बाह्य या आंतरिक निषेचन। अप्रत्यक्ष परिवर्धन (लार्वा)।
- उदाहरण: पाइला (घोंघा), पिंकटाडा (मोती सीप), सीपिया (कटलफिश), लोलिगो (स्क्विड), ऑक्टोपस (डेविल फिश), एप्लाइसिया (समुद्री खरगोश), डेंटेलियम (गजदंत)।
संघ इकाइनोडर्मेटा (Phylum Echinodermata):
- सभी समुद्री। अंग तंत्र स्तर का संगठन।
- वयस्क अरीय सममित, लार्वा द्विपार्श्व सममित। त्रिकोरकी। प्रगुहिक।
- शरीर पर कैल्शियम युक्त कंटिकाएँ (Spines) होती हैं, अतः नाम इकाइनोडर्मेटा (शूलचर्मी)।
- जल संवहन तंत्र (Water Vascular System) विशिष्ट लक्षण है। यह चलन, भोजन पकड़ने और श्वसन में सहायक है। नाल पाद (Tube feet) इसी तंत्र का भाग हैं।
- पाचन तंत्र पूर्ण। मुख अधर तल पर, मलद्वार पृष्ठ तल पर।
- उत्सर्जन तंत्र का अभाव।
- एकलिंगाश्रयी। बाह्य निषेचन। अप्रत्यक्ष परिवर्धन (मुक्त प्लावी लार्वा)।
- पुनरुद्भवन की क्षमता।
- उदाहरण: एस्टेरियस (तारा मछली), इकाइनस (समुद्री अर्चिन), एंटीडोन (समुद्री लिली), कुकुमेरिया (समुद्री कर्केटी), ओफियूरा (भंगुर तारा)।
संघ हेमीकॉर्डेटा (Phylum Hemichordata):
- पहले कॉर्डेटा के उपसंघ में रखा गया था, अब नॉन-कॉर्डेटा में अलग संघ।
- कृमि समान समुद्री जीव। अंग तंत्र स्तर का संगठन। द्विपार्श्व सममिति। त्रिकोरकी। प्रगुहिक।
- शरीर बेलनाकार; शुंड (Proboscis), कॉलर (Collar) और धड़ (Trunk) में विभाजित।
- स्टोमोकॉर्ड (Stomochord): कॉलर क्षेत्र में पृष्ठरज्जु जैसी संरचना (वास्तविक पृष्ठरज्जु नहीं)।
- खुला परिसंचरण तंत्र।
- श्वसन क्लोम द्वारा। उत्सर्जन शुंड ग्रंथि (Proboscis gland) द्वारा।
- एकलिंगाश्रयी। बाह्य निषेचन। अप्रत्यक्ष परिवर्धन (टॉर्नेरिया लार्वा)।
- उदाहरण: बैलेनोग्लोसस, सैक्कोग्लोसस।
संघ कॉर्डेटा (Phylum Chordata):
- मूलभूत लक्षण:
- पृष्ठरज्जु (Notochord) की उपस्थिति (जीवन की किसी अवस्था में)।
- पृष्ठीय खोखली तंत्रिका रज्जु (Dorsal hollow nerve cord)।
- युग्मित ग्रसनी क्लोम दरारें (Pharyngeal gill slits)।
- पश्च गुदीय पूंछ (Post-anal tail)।
- द्विपार्श्व सममिति। त्रिकोरकी। प्रगुहिक। अंग तंत्र स्तर का संगठन। बंद परिसंचरण तंत्र।
कॉर्डेटा का वर्गीकरण:
संघ कॉर्डेटा को तीन उपसंघों में बांटा गया है:
- यूरोकॉर्डेटा / ट्यूनिकेटा (Urochordata / Tunicata): पृष्ठरज्जु केवल लार्वा की पूंछ में। उदाहरण: एसिडिया, साल्पा, डोलिओलम।
- सेफैलोकॉर्डेटा (Cephalochordata): पृष्ठरज्जु सिर से पूंछ तक फैली रहती है और जीवनपर्यंत बनी रहती है। उदाहरण: ब्रैंकिओस्टोमा (एम्फिऑक्सस या लैंसलेट)।
- वर्टिब्रेटा (कशेरुकी) (Vertebrata): भ्रूणीय अवस्था में पृष्ठरज्जु उपस्थित, वयस्क में उपास्थिल या अस्थिल मेरुदंड (Vertebral column) में परिवर्तित हो जाती है। इनमें पेशीय हृदय (2, 3 या 4 कक्षीय), वृक्क (उत्सर्जन व परासरण नियंत्रण हेतु) और उपांग (फिन या पाद) होते हैं।
वर्टिब्रेटा का वर्गीकरण:
A. एग्नेथा (जबड़ा रहित) (Agnatha - Jawless)
- वर्ग साइक्लोस्टोमेटा (Class Cyclostomata):
- सभी बाह्य परजीवी (कुछ मछलियों पर)।
- लंबा शरीर, चूषक और वृत्ताकार मुख (बिना जबड़े)।
- त्वचा शल्करहित, चिकनी।
- 6-15 जोड़ी क्लोम दरारें।
- कपाल और मेरुदंड उपास्थिल। बंद परिसंचरण तंत्र।
- समुद्री, किंतु जनन के लिए स्वच्छ जल में प्रवास करते हैं (एनाड्रोमस)। लार्वा कायांतरण के बाद समुद्र में लौट जाते हैं।
- उदाहरण: पेट्रोमाइजोन (लैम्प्रे), मिक्सीन (हैगफिश)।
B. ग्नेथोस्टोमाटा (जबड़ा सहित) (Gnathostomata - Jawed)
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महावर्ग पिसीज (मछलियाँ) (Superclass Pisces - Fishes):
- वर्ग कॉन्ड्रिक्थीज (Class Chondrichthyes - Cartilaginous fishes):
- समुद्री। अंतःकंकाल उपास्थिल।
- मुख अधर तल पर। पृष्ठरज्जु चिरस्थायी।
- क्लोम दरारें पृथक, बिना प्रच्छद (Operculum) के।
- त्वचा पर सूक्ष्म पट्टाभ शल्क (Placoid scales)।
- वायु कोष (Air bladder) अनुपस्थित, अतः डूबने से बचने के लिए लगातार तैरते रहते हैं।
- हृदय द्विकक्षीय (1 आलिंद, 1 निलय)। असमतापी (Poikilothermous)।
- नर में श्रोणि फिन पर आलिंगक (Claspers)। आंतरिक निषेचन। अधिकांश जरायुज (Viviparous)।
- कुछ में विद्युत अंग (टॉरपीडो), कुछ में विष दंश (ट्राइगोन)।
- उदाहरण: स्कोलिओडोन (कुत्ता मछली), प्रिस्टिस (आरा मछली), कारकेरोडोन (विशाल सफेद शार्क), ट्राइगोन (व्हेल शार्क)।
- वर्ग ऑस्टिक्थीज (Class Osteichthyes - Bony fishes):
- समुद्री तथा स्वच्छ जलीय। अंतःकंकाल अस्थिल।
- मुख प्रायः अग्र सिरे पर।
- चार जोड़ी क्लोम दरारें प्रच्छद (Operculum) से ढकी।
- त्वचा पर साइक्लोइड/टीनोइड शल्क (Cycloid/Ctenoid scales)।
- वायु कोष (Air bladder) उपस्थित, जो उत्प्लावन में सहायक।
- हृदय द्विकक्षीय। असमतापी।
- बाह्य निषेचन। अधिकांश अंडज (Oviparous)। प्रत्यक्ष परिवर्धन।
- उदाहरण: समुद्री - एक्सोसीटस (उड़न मछली), हिप्पोकैम्पस (समुद्री घोड़ा); स्वच्छ जलीय - लेबिओ (रोहू), कतला (कतला), क्लैरियस (मांगुर); एक्वेरियम - बेटा (फाइटिंग फिश), टेरोफाइलम (एन्जल फिश)।
- वर्ग कॉन्ड्रिक्थीज (Class Chondrichthyes - Cartilaginous fishes):
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महावर्ग टेट्रापोडा (चतुष्पाद) (Superclass Tetrapoda - Four limbs):
- वर्ग एम्फीबिया (उभयचर) (Class Amphibia):
- जल तथा स्थल दोनों पर रह सकते हैं।
- शरीर सिर और धड़ में विभाजित (कुछ में पूंछ)। त्वचा नम, शल्करहित।
- दो जोड़ी पाद। नेत्र पलक युक्त। बाह्य कर्ण की जगह कर्ण पटल (Tympanum)।
- आहार नाल, मूत्राशय तथा जनन पथ एक कोष्ठ अवस्कर (Cloaca) में खुलते हैं।
- श्वसन क्लोम (लार्वा), फुप्फुस और त्वचा द्वारा।
- हृदय त्रिकक्षीय (2 आलिंद, 1 निलय)। असमतापी।
- बाह्य निषेचन। अंडज। अप्रत्यक्ष परिवर्धन (टेडपोल लार्वा)।
- उदाहरण: बुफो (टोड), राना (मेंढक), हाइला (वृक्ष मेंढक), सैलामैंड्रा (सैलामैंडर), इक्थियोफिस (पादहीन उभयचर)।
- वर्ग रेप्टीलिया (सरीसृप) (Class Reptilia):
- रेंगकर या सरककर चलन। अधिकांश स्थलीय।
- शरीर शुष्क शल्कीय त्वचा (Epidermal scales or scutes) से ढका।
- बाह्य कर्ण छिद्र अनुपस्थित, कर्ण पटल प्रतिनिधित्व करता है।
- पाद दो जोड़ी (यदि उपस्थित)।
- हृदय सामान्यतः त्रिकक्षीय, मगरमच्छ में चार कक्षीय। असमतापी।
- सांप और छिपकली अपनी शल्की केंचुली (Skin cast) छोड़ते हैं।
- आंतरिक निषेचन। अंडज। प्रत्यक्ष परिवर्धन। अंडे कैल्शियम युक्त कवच से ढके।
- उदाहरण: कीलोन (टर्टल), टेस्टूडो (टॉरटॉइज), कैमेलिओन (वृक्ष छिपकली), कैलोटस (बगीचा छिपकली), क्रोकोडाइलस (मगरमच्छ), एलिगेटर, हेमीडैक्टाइलस (घरेलू छिपकली), विषैले सर्प - नाजा (कोबरा), बैंगरस (करैत), वाइपेरा (वाइपर)।
- वर्ग एवीज (पक्षी) (Class Aves):
- पंखों (Feathers) की उपस्थिति। उड़ने की क्षमता (ऑस्ट्रिच को छोड़कर)।
- चोंच (Beak) उपस्थित। अग्रपाद पंखों में रूपांतरित। पश्च पाद पर शल्क, चलने/पकड़ने में सहायक।
- त्वचा शुष्क, पूंछ के आधार पर तेल ग्रंथि को छोड़कर कोई ग्रंथि नहीं।
- अंतःकंकाल अस्थिल, लंबी अस्थियाँ खोखली (वायवीय/Pneumatic)।
- पाचन पथ में क्रॉप (Crop) और गिज़र्ड (Gizzard) अतिरिक्त कक्ष।
- हृदय पूर्ण चार कक्षीय। समतापी (Homeothermous / Warm-blooded)।
- श्वसन फुप्फुस द्वारा। वायु कोष (Air sacs) फुप्फुस से जुड़कर श्वसन में सहायक।
- आंतरिक निषेचन। अंडज। प्रत्यक्ष परिवर्धन।
- उदाहरण: कॉर्वस (कौआ), कोलंबा (कबूतर), सिटैकुला (तोता), स्ट्रूथियो (ऑस्ट्रिच), पैवो (मोर), एप्टेनोडाइट्स (पेंगुइन), नियोफ्रॉन (गिद्ध)।
- वर्ग मैमेलिया (स्तनधारी) (Class Mammalia):
- सभी प्रकार के वातावरण में पाए जाते हैं।
- स्तन ग्रंथियों (Mammary glands) की उपस्थिति (दूध उत्पादन हेतु)।
- त्वचा पर बाल (Hair)। दो जोड़ी पाद। बाह्य कर्ण या पिन्ना (Pinna) उपस्थित।
- जबड़े में विभिन्न प्रकार के दांत (Heterodont, Thecodont, Diphyodont)।
- हृदय चार कक्षीय। समतापी।
- श्वसन फुप्फुस द्वारा।
- आंतरिक निषेचन। अधिकांश जरायुज (Viviparous), कुछ अंडज (Ornithorhynchus - प्लैटिपस) और कुछ अविकसित बच्चों को जन्म देने वाले (Macropus - कंगारू)। प्रत्यक्ष परिवर्धन।
- उदाहरण: अंडज - ऑर्निथोरिंकस (प्लैटिपस); शिशुधानी - मैक्रोपस (कंगारू); जरायुज - टेरोपस (उड़न लोमड़ी), कैमेलस (ऊंट), मकाका (बंदर), रैटस (चूहा), कैनिस (कुत्ता), फेलिस (बिल्ली), एलिफस (हाथी), इक्वस (घोड़ा), डेल्फिनस (डॉल्फिन), बैलीनोप्टेरा (ब्लू व्हेल), पैंथेरा टिग्रिस (बाघ), पैंथेरा लियो (शेर), होमो सेपियन्स (मानव)।
- वर्ग एम्फीबिया (उभयचर) (Class Amphibia):
अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):
-
जल नाल तंत्र (Water Canal System) किस संघ की अद्वितीय विशेषता है?
(a) पोरीफेरा
(b) सीलेन्ट्रेटा
(c) इकाइनोडर्मेटा
(d) मोलस्का -
निम्नलिखित में से कौन सा प्राणी कूटगुहिक (Pseudocoelomate) है?
(a) प्लेनेरिया
(b) एस्केरिस
(c) केंचुआ
(d) तारा मछली -
पृष्ठाधर रूप से चपटा शरीर, द्विपार्श्व सममिति और ज्वाला कोशिकाएँ किस संघ के लक्षण हैं?
(a) टीनोफोरा
(b) प्लेटीहेल्मिन्थीज
(c) ऐनेलिडा
(d) आर्थ्रोपोडा -
प्राणि जगत का सबसे बड़ा संघ कौन सा है?
(a) मोलस्का
(b) कॉर्डेटा
(c) आर्थ्रोपोडा
(d) ऐनेलिडा -
निम्नलिखित में से कौन सा एक समतापी (Warm-blooded) प्राणी है?
(a) शार्क
(b) मेंढक
(c) कबूतर
(d) मगरमच्छ -
कंकत पट्टिकाएँ (Comb plates) चलन अंग के रूप में किस संघ में पाई जाती हैं?
(a) सीलेन्ट्रेटा
(b) टीनोफोरा
(c) इकाइनोडर्मेटा
(d) हेमीकॉर्डेटा -
निम्नलिखित में से किस वर्ग के प्राणियों का हृदय चार कक्षीय होता है?
(a) एम्फीबिया
(b) रेप्टीलिया (मगरमच्छ को छोड़कर)
(c) ऑस्टिक्थीज
(d) एवीज -
रेडुला (Radula) नामक घिसने का अंग किस संघ के प्राणियों में पाया जाता है?
(a) आर्थ्रोपोडा
(b) मोलस्का
(c) ऐनेलिडा
(d) प्लेटीहेल्मिन्थीज -
वयस्क इकाइनोडर्म में किस प्रकार की सममिति पाई जाती है?
(a) अरीय
(b) द्विपार्श्व
(c) असममित
(d) द्वि-अरीय -
निम्नलिखित में से कौन सा एक अंडज स्तनधारी (Oviparous mammal) है?
(a) कंगारू
(b) व्हेल
(c) प्लैटिपस
(d) चमगादड़
उत्तर:
- (a) पोरीफेरा
- (b) एस्केरिस
- (b) प्लेटीहेल्मिन्थीज
- (c) आर्थ्रोपोडा
- (c) कबूतर
- (b) टीनोफोरा
- (d) एवीज (पक्षी) (और स्तनधारी तथा मगरमच्छ)
- (b) मोलस्का
- (a) अरीय
- (c) प्लैटिपस
यह विस्तृत नोट्स और प्रश्न आपको 'प्राणि जगत' अध्याय को समझने और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद करेंगे। प्रत्येक संघ की मुख्य विशेषताओं और उदाहरणों को याद रखना महत्वपूर्ण है।