Class 11 Biology Notes Chapter 8 (कोशिका: जीवन की इकाई) – Jeev Vigyan Book

चलिए, आज हम जीव विज्ञान के एक बहुत ही महत्वपूर्ण अध्याय - 'कोशिका: जीवन की इकाई' का अध्ययन करेंगे। यह अध्याय न केवल आपकी कक्षा 11 की परीक्षा के लिए, बल्कि विभिन्न सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि जीव विज्ञान के आधारभूत सिद्धांतों की समझ यहीं से शुरू होती है।
अध्याय 8: कोशिका: जीवन की इकाई (Cell: The Unit of Life)
परिचय (Introduction)
- कोशिका क्या है? कोशिका सभी ज्ञात जीवों की संरचनात्मक और कार्यात्मक इकाई है। यह जीवन की सबसे छोटी इकाई है जो स्वतंत्र रूप से अस्तित्व में रह सकती है और जीवन के सभी आवश्यक कार्य कर सकती है।
- खोज:
- रॉबर्ट हुक (1665): कॉर्क की पतली परत में मृत कोशिकाओं (कोष्ठकों जैसी संरचना) को सबसे पहले देखा और उन्हें 'सेल' (Cell) नाम दिया।
- एंटोन वॉन ल्यूवेनहॉक: पहली बार जीवित कोशिकाओं (जैसे बैक्टीरिया, प्रोटोजोआ) को देखा और उनका वर्णन किया।
- कोशिका सिद्धांत (Cell Theory):
- मैथियास श्लाइडेन (1838, वनस्पतिशास्त्री) और थियोडोर श्वान (1839, प्राणीशास्त्री): ने मिलकर कोशिका सिद्धांत प्रतिपादित किया, जिसके अनुसार सभी पौधे और जानवर कोशिकाओं से बने होते हैं और कोशिका जीवन की मूल इकाई है।
- रुडोल्फ विरचो (1855): ने इसे विस्तार दिया और बताया कि सभी कोशिकाएँ पूर्व-मौजूदा कोशिकाओं से उत्पन्न होती हैं (Omnis cellula-e cellula)।
- आधुनिक कोशिका सिद्धांत के मुख्य बिंदु:
- सभी जीव कोशिकाओं या उनके उत्पादों से बने होते हैं।
- सभी कोशिकाएँ पूर्व-मौजूदा कोशिकाओं से उत्पन्न होती हैं।
- कोशिका जीवन की संरचनात्मक और कार्यात्मक इकाई है।
- सभी कोशिकाओं की रासायनिक संरचना और उपापचयी क्रियाएँ मूल रूप से समान होती हैं।
- आनुवंशिक जानकारी कोशिकाओं में DNA के रूप में संग्रहीत होती है और कोशिका विभाजन के माध्यम से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरित होती है।
कोशिका का समग्र अवलोकन (An Overview of Cell)
- आकार और आकृति: कोशिकाएँ आकार और आकृति में बहुत भिन्न होती हैं (जैसे, माइकोप्लाज्मा सबसे छोटी कोशिका, शुतुरमुर्ग का अंडा सबसे बड़ी कोशिका; तंत्रिका कोशिका सबसे लंबी)। आकृति कार्य के अनुसार बदलती है (जैसे, गोल, अंडाकार, बहुभुजीय, स्तंभकार, आदि)।
- प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक कोशिकाएँ: संरचनात्मक जटिलता के आधार पर कोशिकाएँ दो मुख्य प्रकार की होती हैं।
प्रोकैरियोटिक कोशिकाएँ (Prokaryotic Cells)
- विशेषताएँ:
- इनमें झिल्ली-बद्ध केन्द्रक (Membrane-bound nucleus) नहीं होता है। आनुवंशिक पदार्थ (DNA) कोशिका द्रव्य में नग्न रूप से स्थित होता है, जिसे केन्द्रकाभ (Nucleoid) कहते हैं।
- इनमें झिल्ली-बद्ध कोशिकांग (जैसे माइटोकॉन्ड्रिया, गॉल्जीकाय, अंतर्द्रव्यी जालिका आदि) अनुपस्थित होते हैं।
- राइबोसोम 70S प्रकार के होते हैं (50S और 30S उपइकाइयों से बने)।
- कोशिका भित्ति आमतौर पर मौजूद होती है (पेप्टिडोग्लाइकन से बनी, माइकोप्लाज्मा को छोड़कर)।
- उदाहरण: जीवाणु (Bacteria), नील-हरित शैवाल (Blue-green algae/Cyanobacteria), माइकोप्लाज्मा (Mycoplasma), PPLO (Pleuropneumonia-like organisms)।
- संरचना:
- कोशिका आवरण (Cell Envelope): यह 3 परतों का बना होता है -
- ग्लाइकोकैलिक्स (Glycocalyx): सबसे बाहरी परत, कैप्सूल (मोटी) या अवपंक परत (पतली) हो सकती है।
- कोशिका भित्ति (Cell Wall): कोशिका को आकार और संरचनात्मक समर्थन देती है, फटने से बचाती है।
- जीवद्रव्य झिल्ली (Plasma Membrane): अर्ध-पारगम्य, कोशिका में पदार्थों के प्रवेश और निकास को नियंत्रित करती है।
- मीसोसोम (Mesosome): जीवद्रव्य झिल्ली के अंतर्वलन (invagination) से बनी संरचना। श्वसन, DNA प्रतिकृति, कोशिका भित्ति निर्माण और संतति कोशिकाओं में वितरण में सहायता करती है।
- कोशिका द्रव्य (Cytoplasm): झिल्ली रहित क्षेत्र जिसमें राइबोसोम और अंतर्विष्ट पिंड होते हैं।
- राइबोसोम (Ribosomes): प्रोटीन संश्लेषण का स्थल। 70S प्रकार के। कई राइबोसोम एक mRNA से जुड़कर पॉलिसोम (Polysome) बनाते हैं।
- अंतर्विष्ट पिंड (Inclusion Bodies): आरक्षित खाद्य पदार्थ (जैसे फॉस्फेट कणिकाएँ, साइनोफाइसियन कणिकाएँ, ग्लाइकोजन कणिकाएँ) कोशिका द्रव्य में बिखरे रहते हैं, ये झिल्ली-बद्ध नहीं होते।
- कशाभिका (Flagella), पक्ष्माभ (Pili), झालर (Fimbriae): सतह संरचनाएँ जो गतिशीलता (कशाभिका) और आसंजन (पिलि, झालर) में मदद करती हैं।
- कोशिका आवरण (Cell Envelope): यह 3 परतों का बना होता है -
यूकैरियोटिक कोशिकाएँ (Eukaryotic Cells)
- विशेषताएँ:
- इनमें सुसंगठित, झिल्ली-बद्ध केन्द्रक (Nucleus) होता है जिसमें आनुवंशिक पदार्थ (DNA) गुणसूत्रों के रूप में व्यवस्थित होता है।
- इनमें विभिन्न झिल्ली-बद्ध कोशिकांग (Organelles) पाए जाते हैं जैसे माइटोकॉन्ड्रिया, गॉल्जीकाय, अंतर्द्रव्यी जालिका, लाइसोसोम, रसधानी आदि।
- राइबोसोम 80S (कोशिका द्रव्य में) और 70S (माइटोकॉन्ड्रिया और क्लोरोप्लास्ट में) प्रकार के होते हैं।
- पादप कोशिकाओं में कोशिका भित्ति (सेल्युलोज से बनी) और बड़ी केंद्रीय रसधानी होती है। जंतु कोशिकाओं में कोशिका भित्ति अनुपस्थित होती है और तारककाय (Centrosome) उपस्थित होता है।
- उदाहरण: प्रोटिस्टा, कवक, पादप, जंतु।
- संरचना:
- कोशिका झिल्ली (Cell Membrane):
- संरचना: सिंगर और निकोलसन (1972) द्वारा प्रस्तावित तरल मोजेक मॉडल (Fluid Mosaic Model) सर्वमान्य है। इसके अनुसार, प्रोटीन अणु फॉस्फोलिपिड की द्वि-सतह (bilayer) में मोजेक पैटर्न में अंतःस्थापित (integral) या परिधीय (peripheral) रूप से धंसे रहते हैं। लिपिड और प्रोटीन पार्श्व गति कर सकते हैं, जिससे झिल्ली की प्रकृति तरल (quasi-fluid) होती है। इसमें कोलेस्ट्रॉल (जंतु कोशिका में) और कार्बोहाइड्रेट भी होते हैं।
- कार्य: चयनात्मक पारगम्यता (Selective permeability), पदार्थों का परिवहन (निष्क्रिय परिवहन - विसरण, परासरण; सक्रिय परिवहन - ATP का उपयोग), कोशिका वृद्धि, अंतर्कोशिकीय संयोजन, स्रावण, अंतर्ग्रहण (endocytosis), कोशिका विभाजन।
- कोशिका भित्ति (Cell Wall):
- केवल पादप कोशिकाओं, कवक और कुछ प्रोटिस्ट में पाई जाती है। जंतु कोशिकाओं में अनुपस्थित।
- संरचना: पादपों में मुख्यतः सेल्युलोज की बनी होती है। कवक में काइटिन (Chitin) की बनी होती है। शैवाल में सेल्युलोज, गैलेक्टन्स, मैनन्स और कैल्शियम कार्बोनेट हो सकते हैं।
- कार्य: कोशिका को निश्चित आकृति और संरचनात्मक दृढ़ता प्रदान करना, यांत्रिक आघात और संक्रमण से रक्षा करना, कोशिकाओं के बीच संपर्क बनाए रखना (प्लाज्मोडेस्मेटा द्वारा), अवांछनीय वृहत् अणुओं के प्रवेश को रोकना।
- अंतः झिल्ली तंत्र (Endomembrane System): कोशिका के भीतर झिल्ली-बद्ध अंगक जिनके कार्य एक-दूसरे से समन्वित होते हैं। इसमें शामिल हैं:
- अंतर्द्रव्यी जालिका (Endoplasmic Reticulum - ER): कोशिका द्रव्य में फैली झिल्लीदार नलिकाओं और सिस्टर्नी का जाल।
- खुरदरी ER (Rough ER - RER): सतह पर राइबोसोम जुड़े होते हैं। प्रोटीन संश्लेषण और स्रावण में सक्रिय।
- चिकनी ER (Smooth ER - SER): सतह पर राइबोसोम नहीं होते। लिपिड संश्लेषण, स्टेरॉयड हार्मोन संश्लेषण, और विषहरण (detoxification) में महत्वपूर्ण।
- गॉल्जी उपकरण/गॉल्जीकाय (Golgi Apparatus/Complex): कैमिलो गॉल्जी (1898) द्वारा खोजा गया। चपटी, झिल्ली-बद्ध कुंडिकाओं (Cisternae) का ढेर। दो सिरे होते हैं - सिस (निर्माणकारी सतह) और ट्रांस (परिपक्व सतह)।
- कार्य: ER से प्राप्त पदार्थों की पैकेजिंग, रूपांतरण (glycosylation, glycolipid formation), और उन्हें कोशिका के अंदर या बाहर उनके गंतव्य तक भेजना। लाइसोसोम और रसधानी का निर्माण।
- लाइसोसोम (Lysosomes): एकल झिल्ली-बद्ध थैलीनुमा संरचनाएँ, जिनमें जल-अपघटकीय एंजाइम (हाइड्रोलेज - lipases, proteases, carbohydrases) भरे होते हैं। अम्लीय pH (लगभग 5) पर सक्रिय।
- कार्य: अंतर्कोशिकीय पाचन, मृत या पुराने कोशिकांगों का पाचन (स्वभक्षिता - autophagy), कोशिका का आत्मघाती थैला (autolysis)। गॉल्जीकाय में पैकेजिंग द्वारा बनते हैं।
- रसधानियाँ (Vacuoles): एकल झिल्ली (टोनोप्लास्ट - Tonoplast) से घिरी थैलीनुमा संरचना।
- पादप कोशिका: एक बड़ी केंद्रीय रसधानी होती है जो कोशिका का 90% आयतन घेर सकती है। इसमें जल, रस, उत्सर्जी पदार्थ और अन्य अनुपयोगी उत्पाद भरे होते हैं। टोनोप्लास्ट आयनों और अन्य पदार्थों के सांद्रण प्रवणता के विरुद्ध रसधानी में परिवहन को सुगम बनाता है। कोशिका को स्फीति (turgidity) प्रदान करती है।
- अन्य: अमीबा में संकुचनशील रसधानी (परासरण नियंत्रण) और खाद्य रसधानी होती है।
- अंतर्द्रव्यी जालिका (Endoplasmic Reticulum - ER): कोशिका द्रव्य में फैली झिल्लीदार नलिकाओं और सिस्टर्नी का जाल।
- माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria): (एकवचन: माइटोकॉन्ड्रियान)
- दोहरी झिल्ली से घिरा कोशिकांग। बाहरी झिल्ली चिकनी, आंतरिक झिल्ली वलित होकर क्रिस्टी (Cristae) बनाती है, जो सतह क्षेत्र बढ़ाती है। आंतरिक झिल्ली के अंदर के स्थान को आधात्री (Matrix) कहते हैं।
- कार्य: कोशिकीय श्वसन (एरोबिक) का मुख्य स्थल, ATP संश्लेषण (ऊर्जा उत्पादन)। इसलिए इसे कोशिका का 'पावर हाउस' (Powerhouse) कहते हैं।
- विशेषता: इनमें अपना वृत्ताकार DNA अणु, कुछ RNA अणु और 70S राइबोसोम होते हैं, जिससे ये स्वयं प्रोटीन बना सकते हैं। इन्हें अर्ध-स्वायत्त (semi-autonomous) अंगक माना जाता है।
- लवक (Plastids):
- केवल पादप कोशिकाओं और कुछ प्रोटिस्ट (जैसे यूग्लीना) में पाए जाते हैं।
- वर्णकों के आधार पर तीन प्रकार:
- हरितलवक (Chloroplasts): हरे रंग के वर्णक (क्लोरोफिल और कैरोटीनॉयड) होते हैं। प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) का स्थल।
- संरचना: दोहरी झिल्ली से घिरा। आंतरिक झिल्ली से घिरे स्थान को पीठिका (Stroma) कहते हैं। स्ट्रोमा में चपटे, झिल्लीदार थैलीनुमा संरचनाएँ थाइलेकॉइड (Thylakoids) होती हैं। थाइलेकॉइड सिक्कों के ढेर के समान व्यवस्थित होकर ग्रेनम (Granum) (बहुवचन: ग्रेना) बनाते हैं। ग्रेना स्ट्रोमा पटलिकाओं (Stroma lamellae) द्वारा जुड़े रहते हैं। क्लोरोफिल वर्णक थाइलेकॉइड झिल्ली में पाए जाते हैं। स्ट्रोमा में एंजाइम, वृत्ताकार DNA, 70S राइबोसोम होते हैं।
- वर्णीलवक (Chromoplasts): वसा-विलेय कैरोटीनॉयड वर्णक (कैरोटीन, जैंथोफिल) होते हैं। ये फूलों और फलों को पीला, नारंगी या लाल रंग प्रदान करते हैं।
- अवर्णीलवक (Leucoplasts): रंगहीन लवक, खाद्य संचय का कार्य करते हैं।
- मंड लवक (Amyloplasts): स्टार्च संचय।
- तैल लवक (Elaioplasts): वसा/तेल संचय।
- प्रोटीन लवक (Aleuroplasts): प्रोटीन संचय।
- हरितलवक (Chloroplasts): हरे रंग के वर्णक (क्लोरोफिल और कैरोटीनॉयड) होते हैं। प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) का स्थल।
- राइबोसोम (Ribosomes):
- जॉर्ज पैलाडे (1953) द्वारा खोजा गया। झिल्ली रहित कणिकामय संरचनाएँ। राइबोन्यूक्लिक एसिड (rRNA) और प्रोटीन से बने होते हैं।
- कार्य: प्रोटीन संश्लेषण का स्थल ('प्रोटीन फैक्ट्री')।
- प्रकार: यूकैरियोटिक कोशिका द्रव्य में 80S (60S + 40S उपइकाइयाँ), जबकि माइटोकॉन्ड्रिया और क्लोरोप्लास्ट में 70S (50S + 30S उपइकाइयाँ)। ('S' स्वेडबर्ग इकाई, अवसादन गुणांक)।
- साइटोपंजर (Cytoskeleton):
- कोशिका द्रव्य में फैला प्रोटीनयुक्त तंतुओं का जाल।
- घटक: सूक्ष्मनलिकाएँ (Microtubules), सूक्ष्म तंतु (Microfilaments), मध्यवर्ती तंतु (Intermediate filaments)।
- कार्य: यांत्रिक सहायता, कोशिका की आकृति बनाए रखना, गतिशीलता (अमीबीय गति, कोशिकांगों का परिवहन), कोशिका विभाजन (तर्कु निर्माण)।
- पक्ष्माभिका और कशाभिका (Cilia and Flagella):
- कोशिका झिल्ली पर रोम सदृश उपांग। कशाभिका लंबी, संख्या में कम; पक्ष्माभिका छोटी, संख्या में अधिक।
- संरचना: कोर (अक्षसूत्र - Axoneme) सूक्ष्मनलिकाओं का बना होता है जो 9+2 व्यवस्था में होते हैं (परिधि पर 9 द्विक, केंद्र में 2 एकल)। अक्षसूत्र कोशिका झिल्ली से ढका रहता है। आधार पर तारककाय जैसी संरचना आधार काय (Basal body) से निकलते हैं।
- कार्य: गतिशीलता, तरल माध्यम को गति देना।
- तारककाय और तारककेंद्र (Centrosome and Centrioles):
- मुख्यतः जंतु कोशिकाओं में केन्द्रक के पास पाया जाता है। पादप कोशिकाओं में अनुपस्थित।
- तारककाय (Centrosome): दो बेलनाकार संरचनाओं तारककेंद्र (Centrioles) से मिलकर बना होता है, जो एक-दूसरे के लंबवत स्थित होते हैं और अक्रिस्टलीय परिकेंद्रीय द्रव्य (pericentriolar material) से घिरे होते हैं।
- तारककेंद्र (Centriole): संरचना 'बैलगाड़ी के पहिये' जैसी। परिधि पर ट्रिपलेट (त्रिक) के रूप में 9 सूक्ष्मनलिकाएँ (9+0 व्यवस्था) होती हैं। केंद्रीय भाग प्रोटीनी होता है (धुरी - hub)।
- कार्य: कोशिका विभाजन के दौरान तर्कु तंतुओं (spindle fibres) का निर्माण, पक्ष्माभिका/कशाभिका के आधार काय का निर्माण।
- केन्द्रक (Nucleus):
- रॉबर्ट ब्राउन (1831) द्वारा खोजा गया। कोशिका का नियंत्रक केंद्र।
- संरचना:
- केन्द्रक झिल्ली (Nuclear Envelope): दोहरी झिल्ली (बाहरी और आंतरिक) से घिरा, जो केन्द्रक द्रव्य को कोशिका द्रव्य से अलग करती है। बाहरी झिल्ली प्रायः RER से सतत होती है। झिल्ली के बीच के स्थान को परिकेन्द्रीय अवकाश (perinuclear space) कहते हैं। झिल्ली पर केन्द्रक छिद्र (Nuclear pores) होते हैं जो कोशिका द्रव्य और केन्द्रक द्रव्य के बीच पदार्थों के आवागमन को नियंत्रित करते हैं।
- केन्द्रक द्रव्य (Nucleoplasm): केन्द्रक के अंदर भरा तरल पदार्थ, जिसमें केन्द्रिका और क्रोमेटिन होते हैं।
- केन्द्रिका (Nucleolus): झिल्ली रहित, गोलाकार संरचना। राइबोसोमल RNA (rRNA) संश्लेषण का सक्रिय स्थल।
- क्रोमेटिन (Chromatin): धागेनुमा संरचनाओं का जाल, जो DNA और हिस्टोन प्रोटीन (और कुछ नॉन-हिस्टोन प्रोटीन, RNA) से बना होता है। कोशिका विभाजन के समय संघनित होकर गुणसूत्र (Chromosomes) बनाता है।
- कार्य: कोशिका की सभी उपापचयी क्रियाओं का नियंत्रण, आनुवंशिक सूचना का भंडारण और अगली पीढ़ी में स्थानांतरण।
- गुणसूत्र (Chromosomes):
- कोशिका विभाजन की मध्यावस्था (Metaphase) में स्पष्ट दिखाई देते हैं।
- प्रत्येक गुणसूत्र में एक प्राथमिक संकीर्णन गुणसूत्रबिंदु (Centromere) होता है, जिस पर बिंब रूपी संरचना काइनेटोकोर (Kinetochore) लगी होती है (तर्कु तंतु यहीं जुड़ते हैं)।
- गुणसूत्रबिंदु की स्थिति के आधार पर गुणसूत्र चार प्रकार के होते हैं:
- मध्यकेंद्री (Metacentric): गुणसूत्रबिंदु ठीक मध्य में, दोनों भुजाएँ बराबर।
- उप-मध्यकेंद्री (Sub-metacentric): गुणसूत्रबिंदु मध्य से थोड़ा हटकर, एक भुजा छोटी, एक बड़ी।
- अग्रबिंदु (Acrocentric): गुणसूत्रबिंदु किनारे के पास, एक भुजा अत्यंत छोटी, एक बहुत बड़ी।
- अंत्यकेंद्री (Telocentric): गुणसूत्रबिंदु बिल्कुल सिरे पर।
- कभी-कभी गुणसूत्रों में द्वितीयक संकीर्णन (Secondary constriction) भी पाया जाता है। कुछ द्वितीयक संकीर्णन के बाद का छोटा खंड सैटेलाइट (Satellite) कहलाता है।
- सूक्ष्मकाय (Microbodies):
- छोटी, झिल्ली-बद्ध पुटिकाएँ जिनमें विभिन्न एंजाइम होते हैं।
- उदाहरण: परऑक्सीसोम (Peroxisomes) (H₂O₂ उपापचय), ग्लाइऑक्सीसोम (Glyoxysomes) (पादपों में वसा का कार्बोहाइड्रेट में परिवर्तन)।
- कोशिका झिल्ली (Cell Membrane):
कोशिकाओं के माप की इकाई: माइक्रोन (µm) या माइक्रोमीटर (1 µm = 10⁻⁶ m) और नैनोमीटर (nm) (1 nm = 10⁻⁹ m)।
अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):
-
'Omnis cellula-e cellula' (सभी कोशिकाएँ पूर्ववर्ती कोशिकाओं से उत्पन्न होती हैं) का सिद्धांत किसने प्रतिपादित किया?
(a) श्लाइडेन और श्वान
(b) रॉबर्ट हुक
(c) रुडोल्फ विरचो
(d) एंटोन वॉन ल्यूवेनहॉक -
निम्नलिखित में से कौन सा कोशिकांग प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक दोनों कोशिकाओं में पाया जाता है?
(a) माइटोकॉन्ड्रिया
(b) राइबोसोम
(c) गॉल्जीकाय
(d) लाइसोसोम -
पादप कोशिका भित्ति मुख्य रूप से किसकी बनी होती है?
(a) काइटिन
(b) पेप्टिडोग्लाइकन
(c) सेल्युलोज
(d) लिपिड -
कोशिका झिल्ली का 'तरल मोजेक मॉडल' किसने प्रस्तुत किया?
(a) रॉबर्टसन
(b) सिंगर और निकोलसन
(c) डेनियली और डेवसन
(d) वॉटसन और क्रिक -
कोशिका का 'पावर हाउस' किसे कहा जाता है और क्यों?
(a) केन्द्रक, क्योंकि यह कोशिका को नियंत्रित करता है।
(b) राइबोसोम, क्योंकि यह प्रोटीन बनाता है।
(c) माइटोकॉन्ड्रिया, क्योंकि यह ATP उत्पादन करता है।
(d) हरितलवक, क्योंकि यह भोजन बनाता है। -
लाइसोसोम को 'आत्मघाती थैली' क्यों कहा जाता है?
(a) क्योंकि वे प्रोटीन संश्लेषण करते हैं।
(b) क्योंकि उनमें जल-अपघटकीय एंजाइम होते हैं जो कोशिका को पचा सकते हैं।
(c) क्योंकि वे ऊर्जा उत्पादन करते हैं।
(d) क्योंकि वे कोशिका विभाजन में मदद करते हैं। -
यूकैरियोटिक कोशिका के कोशिका द्रव्य में पाए जाने वाले राइबोसोम किस प्रकार के होते हैं?
(a) 70S
(b) 80S
(c) 50S
(d) 30S -
निम्नलिखित में से कौन अंतः झिल्ली तंत्र (Endomembrane system) का हिस्सा नहीं है?
(a) अंतर्द्रव्यी जालिका (ER)
(b) गॉल्जी उपकरण
(c) लाइसोसोम
(d) माइटोकॉन्ड्रिया -
पक्ष्माभिका (Cilia) और कशाभिका (Flagella) के अक्षसूत्र (Axoneme) में सूक्ष्मनलिकाओं की व्यवस्था क्या होती है?
(a) 9 + 0
(b) 9 + 2
(c) 8 + 2
(d) 7 + 0 -
केन्द्रिका (Nucleolus) किसका सक्रिय संश्लेषण स्थल है?
(a) DNA
(b) mRNA
(c) tRNA
(d) rRNA (राइबोसोमल RNA)
उत्तर कुंजी:
- (c)
- (b)
- (c)
- (b)
- (c)
- (b)
- (b)
- (d)
- (b)
- (d)
यह विस्तृत नोट्स और प्रश्न आपको सरकारी परीक्षाओं की तैयारी में निश्चित रूप से मदद करेंगे। महत्वपूर्ण शब्दों, वैज्ञानिकों के नाम, संरचनाओं और उनके कार्यों पर विशेष ध्यान दें। शुभकामनाएं!