Class 11 Business Studies Notes Chapter 4 (व्यावसायिक सेवाएँ) – Vyavsay Adhyayan Book

प्रिय विद्यार्थियों,
आज हम कक्षा 11 के व्यावसायिक अध्ययन के अध्याय 4 'व्यावसायिक सेवाएँ' का गहन अध्ययन करेंगे। यह अध्याय आपकी बोर्ड परीक्षाओं के साथ-साथ विभिन्न सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। हम इस अध्याय के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं, अवधारणाओं और तथ्यों को विस्तार से समझेंगे ताकि आप किसी भी प्रश्न का उत्तर आत्मविश्वास के साथ दे सकें।
अध्याय 4: व्यावसायिक सेवाएँ (Business Services)
परिचय:
आधुनिक व्यवसाय केवल वस्तुओं के उत्पादन और वितरण तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें सेवाओं का आदान-प्रदान भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। व्यावसायिक सेवाएँ वे सहायक सेवाएँ हैं जो व्यवसाय को सुचारू रूप से चलाने और उसके लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करती हैं। ये सेवाएँ माल के उत्पादन, वितरण और बिक्री की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाती हैं।
सेवाओं की विशेषताएँ (Characteristics of Services):
वस्तुओं से भिन्न, सेवाओं की कुछ विशिष्ट विशेषताएँ होती हैं:
- अमूर्तता (Intangibility): सेवाओं को देखा, छुआ या महसूस नहीं किया जा सकता। वे केवल अनुभव की जा सकती हैं (जैसे डॉक्टर की सेवा, बैंकिंग सेवा)।
- असंगतता/गैर-समरूपता (Inconsistency/Heterogeneity): सेवाएँ एक समान नहीं होतीं। एक ही सेवा प्रदाता द्वारा दी गई सेवा की गुणवत्ता हर बार अलग हो सकती है (जैसे एक ही नाई की कटिंग हर बार थोड़ी भिन्न हो सकती है)।
- अविभाज्यता (Inseparability): सेवाओं का उत्पादन और उपभोग एक साथ होता है। सेवा प्रदाता और सेवा प्राप्तकर्ता का एक ही समय पर उपस्थित होना आवश्यक है (जैसे डॉक्टर मरीज का इलाज करते समय ही सेवा देता है)।
- नाशवानता (Perishability): सेवाओं को संग्रहीत नहीं किया जा सकता। यदि उनका तुरंत उपभोग नहीं किया जाता तो वे नष्ट हो जाती हैं (जैसे खाली पड़ी बस सीट या खाली होटल का कमरा)।
- स्वामित्व का अभाव (Lack of Ownership): सेवाओं का उपभोग करने के बाद भी उपभोक्ता उसका स्वामी नहीं बनता। वह केवल उसके उपयोग का अधिकार प्राप्त करता है।
व्यावसायिक सेवाओं के प्रकार (Types of Business Services):
प्रमुख व्यावसायिक सेवाएँ निम्नलिखित हैं:
- बैंकिंग (Banking)
- बीमा (Insurance)
- डाक एवं तार सेवाएँ (Postal and Telegraph Services)
- भंडारण (Warehousing)
- परिवहन (Transportation)
1. बैंकिंग (Banking)
बैंक एक वित्तीय संस्था है जो जनता से जमा स्वीकार करती है और उन्हें ऋण प्रदान करती है। यह धन के लेन-देन, हस्तांतरण और निवेश से संबंधित विभिन्न सेवाएँ प्रदान करता है।
बैंकों के प्रकार (Types of Banks):
- वाणिज्यिक बैंक (Commercial Banks): लाभ कमाने के उद्देश्य से काम करते हैं। (जैसे SBI, PNB, ICICI, HDFC)
- सहकारी बैंक (Cooperative Banks): सहकारिता के सिद्धांत पर काम करते हैं।
- विशिष्ट बैंक (Specialized Banks): विशेष उद्देश्यों के लिए स्थापित (जैसे निर्यात-आयात बैंक - EXIM Bank, औद्योगिक विकास बैंक - IDBI)।
- केंद्रीय बैंक (Central Bank): देश का शीर्ष बैंक, मौद्रिक नीति नियंत्रित करता है। (भारत में RBI - भारतीय रिज़र्व बैंक)।
वाणिज्यिक बैंकों के कार्य (Functions of Commercial Banks):
अ. प्राथमिक कार्य (Primary Functions):
-
जमाएँ स्वीकार करना (Accepting Deposits):
- बचत जमा खाता (Savings Account): आम जनता के लिए, सीमित लेन-देन, कम ब्याज।
- चालू जमा खाता (Current Account): व्यापारियों के लिए, असीमित लेन-देन, कोई ब्याज नहीं (या बहुत कम), ओवरड्राफ्ट की सुविधा।
- सावधि जमा खाता (Fixed Deposit Account - FD): निश्चित अवधि के लिए जमा, उच्च ब्याज दर, अवधि से पहले निकासी पर दंड।
- आवर्ती जमा खाता (Recurring Deposit Account - RD): हर महीने एक निश्चित राशि जमा करना, सावधि जमा के समान ब्याज।
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ऋण प्रदान करना (Granting Loans):
- नकद साख (Cash Credit): व्यापारिक फर्मों को उनकी प्रतिभूतियों के बदले एक निश्चित सीमा तक नकद निकालने की अनुमति।
- ओवरड्राफ्ट (Overdraft): चालू खाता धारकों को उनके खाते में जमा राशि से अधिक निकालने की अनुमति (अल्पकालिक ऋण)।
- ऋण एवं अग्रिम (Loans and Advances): दीर्घकालिक और मध्यकालिक ऋण, बंधक के बदले।
- विनिमय बिलों का भुनाना (Discounting Bills of Exchange): बिल की परिपक्वता तिथि से पहले ही बैंक द्वारा भुगतान करना, बदले में कुछ राशि काटकर।
ब. सहायक कार्य/एजेंसी कार्य (Agency Functions):
- निधियों का हस्तांतरण (Transfer of Funds): चेक, ड्राफ्ट, RTGS, NEFT, IMPS, UPI आदि के माध्यम से।
- चेक, बिल और लाभांश का संग्रह (Collection of Cheques, Bills and Dividends): ग्राहकों की ओर से।
- भुगतान करना (Making Payments): ग्राहकों की ओर से बीमा प्रीमियम, किराया, कर आदि का भुगतान।
- प्रतिभूतियों का क्रय-विक्रय (Purchase and Sale of Securities): ग्राहकों की ओर से शेयर, डिबेंचर आदि खरीदना और बेचना।
- न्यासधारी और निष्पादक के रूप में कार्य करना (Acting as Trustee and Executor): ग्राहकों की संपत्ति का प्रबंधन।
स. सामान्य उपयोगिता कार्य (General Utility Functions):
- लॉकर सुविधा (Locker Facility): कीमती सामान सुरक्षित रखने के लिए।
- यात्री चेक और साख पत्र (Traveller's Cheques and Letters of Credit): यात्रा के दौरान सुविधा के लिए।
- एटीएम (ATM - Automated Teller Machine): किसी भी समय नकद निकालने/जमा करने की सुविधा।
- क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड (Credit Card and Debit Card): नकद रहित लेन-देन के लिए।
- इंटरनेट बैंकिंग (Internet Banking): ऑनलाइन बैंकिंग सेवाएँ।
- मोबाइल बैंकिंग (Mobile Banking): स्मार्टफोन के माध्यम से बैंकिंग सेवाएँ।
- RTGS (Real Time Gross Settlement): बड़ी राशि के तत्काल हस्तांतरण के लिए।
- NEFT (National Electronic Funds Transfer): छोटी राशि के बैच-वार हस्तांतरण के लिए।
- IMPS (Immediate Payment Service): तत्काल अंतर-बैंक इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर।
- UPI (Unified Payments Interface): मोबाइल ऐप के माध्यम से तत्काल भुगतान।
ई-बैंकिंग (E-Banking):
इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करना।
लाभ: 24x7 उपलब्धता, कम लागत, ग्राहक संतुष्टि, पारदर्शिता, धोखाधड़ी में कमी।
2. बीमा (Insurance)
बीमा एक अनुबंध है जिसके तहत एक पक्ष (बीमाकर्ता) दूसरे पक्ष (बीमाधारक) को भविष्य में होने वाली किसी निश्चित हानि के लिए क्षतिपूर्ति करने का वचन देता है, बदले में बीमाधारक एक निश्चित राशि (प्रीमियम) का भुगतान करता है। यह जोखिम के हस्तांतरण का एक साधन है।
बीमा के सिद्धांत (Principles of Insurance):
- परम सद्भाव का सिद्धांत (Principle of Utmost Good Faith - Uberrimae Fidei): बीमा अनुबंध में दोनों पक्षों (बीमाकर्ता और बीमाधारक) को एक-दूसरे के प्रति पूर्ण ईमानदारी बरतनी चाहिए और सभी महत्वपूर्ण तथ्यों का खुलासा करना चाहिए।
- बीमा योग्य हित का सिद्धांत (Principle of Insurable Interest): बीमाधारक का बीमा की विषय-वस्तु में वित्तीय हित होना चाहिए। जीवन बीमा में यह हित अनुबंध के समय और मृत्यु के समय होना चाहिए, जबकि सामान्य बीमा में हानि के समय।
- क्षतिपूर्ति का सिद्धांत (Principle of Indemnity): यह सिद्धांत सामान्य बीमा पर लागू होता है। इसका अर्थ है कि बीमाधारक को हानि होने पर उसे उसी स्थिति में वापस लाया जाएगा जो हानि से पहले थी, और उसे हानि से अधिक लाभ कमाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जीवन बीमा पर लागू नहीं होता।
- निकटतम कारण का सिद्धांत (Principle of Proximate Cause): हानि का कारण वही होना चाहिए जिसके लिए बीमा लिया गया है। यदि हानि के कई कारण हैं, तो सबसे निकटतम और प्रभावी कारण को देखा जाता है।
- स्थान-ग्रहण का सिद्धांत (Principle of Subrogation): हानि की क्षतिपूर्ति होने के बाद, बीमाकर्ता को क्षतिग्रस्त संपत्ति के अवशेषों पर बीमाधारक के सभी अधिकार प्राप्त हो जाते हैं, ताकि बीमाधारक हानि से लाभ न कमा सके। यह जीवन बीमा पर लागू नहीं होता।
- अंशदान का सिद्धांत (Principle of Contribution): यदि एक ही विषय-वस्तु का बीमा एक से अधिक बीमाकर्ताओं से कराया गया है, तो हानि होने पर सभी बीमाकर्ता अपनी-अपनी हिस्सेदारी के अनुपात में क्षतिपूर्ति करेंगे। यह भी क्षतिपूर्ति के सिद्धांत का पूरक है।
- हानि कम करने का सिद्धांत (Principle of Mitigation of Loss): बीमाधारक का यह कर्तव्य है कि हानि होने पर वह उसे कम करने के लिए हर संभव प्रयास करे, जैसे कि वह बीमाकृत न होता।
बीमा के प्रकार (Types of Insurance):
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जीवन बीमा (Life Insurance):
- यह बीमाकर्ता और बीमाधारक के बीच एक अनुबंध है, जहाँ बीमाकर्ता बीमाधारक की मृत्यु या एक निश्चित अवधि पूरी होने पर एक निश्चित राशि का भुगतान करने का वचन देता है।
- यह क्षतिपूर्ति का अनुबंध नहीं है क्योंकि जीवन का मूल्य नहीं लगाया जा सकता।
- प्रकार: पूर्ण जीवन बीमा (Whole Life Policy), बंदोबस्ती बीमा (Endowment Policy), वार्षिकी योजना (Annuity Policy), बाल योजना (Children's Policy), यूनिट लिंक्ड बीमा योजना (ULIP) आदि।
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सामान्य बीमा (General Insurance):
- जीवन बीमा के अलावा सभी प्रकार के बीमा सामान्य बीमा में आते हैं।
- यह क्षतिपूर्ति का अनुबंध है।
- प्रमुख प्रकार:
- अग्नि बीमा (Fire Insurance): आग से होने वाली हानि से सुरक्षा।
- समुद्री बीमा (Marine Insurance): समुद्री यात्रा के दौरान होने वाली हानि से सुरक्षा।
- जहाज बीमा (Hull Insurance): जहाज को होने वाली हानि।
- माल बीमा (Cargo Insurance): जहाज पर लदे माल को होने वाली हानि।
- भाड़ा बीमा (Freight Insurance): भाड़े के नुकसान से सुरक्षा।
- स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance): चिकित्सा खर्चों के लिए।
- मोटर वाहन बीमा (Motor Vehicle Insurance): वाहन को और तीसरे पक्ष को होने वाली हानि के लिए।
- चोरी बीमा (Burglary Insurance): चोरी से होने वाली हानि के लिए।
- फसल बीमा (Crop Insurance): फसल को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली हानि के लिए।
भारत में बीमा नियामक: IRDAI (Insurance Regulatory and Development Authority of India) - भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण।
3. डाक एवं तार सेवाएँ (Postal and Telegraph Services)
भारत में डाक विभाग (India Post) विभिन्न प्रकार की सेवाएँ प्रदान करता है, जो व्यक्तियों और व्यवसायों दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं। (तार सेवाएँ अब बंद कर दी गई हैं)।
डाक विभाग द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएँ:
अ. वित्तीय सेवाएँ (Financial Services):
- डाकघर बचत योजनाएँ (Post Office Savings Schemes): NSC (राष्ट्रीय बचत पत्र), KVP (किसान विकास पत्र), PPF (लोक भविष्य निधि), सुकन्या समृद्धि योजना आदि।
- मनी ऑर्डर (Money Order): एक स्थान से दूसरे स्थान पर धन भेजने की सुविधा।
- डाक जीवन बीमा (Postal Life Insurance - PLI): सरकारी और अर्ध-सरकारी कर्मचारियों के लिए जीवन बीमा।
- ग्रामीण डाक जीवन बीमा (Rural Postal Life Insurance - RPLI): ग्रामीण क्षेत्रों के लिए।
ब. मेल सेवाएँ (Mail Services):
- स्पीड पोस्ट (Speed Post): तीव्र गति से डाक भेजने की सेवा।
- पंजीकृत डाक (Registered Post): महत्वपूर्ण दस्तावेजों को सुरक्षित भेजने की सेवा, रसीद के साथ।
- पार्सल (Parcel): वस्तुओं को भेजने की सेवा।
- बिजनेस पोस्ट (Business Post): थोक मेल के लिए।
- मीडिया पोस्ट (Media Post): विज्ञापन के लिए डाक वस्तुओं का उपयोग।
- एक्सप्रेस पार्सल पोस्ट (Express Parcel Post): तीव्र पार्सल सेवा।
- ग्रीटिंग पोस्ट (Greeting Post): शुभकामना कार्ड भेजने के लिए।
स. अन्य सेवाएँ (Other Services):
- पासपोर्ट आवेदन स्वीकार करना।
- बिल संग्रह सेवाएँ (बिजली, टेलीफोन आदि)।
- ई-पोस्ट (E-Post): इलेक्ट्रॉनिक रूप से संदेश भेजना।
- रेलवे टिकट बुकिंग।
- आधार नामांकन।
4. भंडारण (Warehousing)
भंडारण वस्तुओं को सुरक्षित रखने और उनकी गुणवत्ता बनाए रखने की प्रक्रिया है, जब तक कि उनकी आवश्यकता न हो। यह समय उपयोगिता (Time Utility) का सृजन करता है।
भंडारण के कार्य (Functions of Warehousing):
- एकीकरण (Consolidation): विभिन्न आपूर्तिकर्ताओं से छोटे-छोटे शिपमेंट को एक बड़े शिपमेंट में एकत्रित करना।
- भंग करना (Break-bulk): बड़े शिपमेंट को छोटे-छोटे शिपमेंट में तोड़ना और उन्हें ग्राहकों तक पहुँचाना।
- स्टॉक जमा करना (Stock Piling): वस्तुओं को भविष्य की मांग के लिए या मौसमी उत्पादन के लिए संग्रहीत करना।
- मूल्य संवर्धित सेवाएँ (Value-added Services): ग्रेडिंग, पैकेजिंग, लेबलिंग, मिश्रण आदि।
- मूल्य स्थिरीकरण (Price Stabilization): आपूर्ति और मांग के बीच संतुलन बनाकर कीमतों को स्थिर करना।
- वित्तपोषण (Financing): भंडारित वस्तुओं की रसीदों के आधार पर बैंकों से ऋण प्राप्त करना।
भंडारगृहों के प्रकार (Types of Warehouses):
- निजी भंडारगृह (Private Warehouses): बड़े निर्माता या व्यापारी अपने स्वयं के उपयोग के लिए रखते हैं।
- सार्वजनिक भंडारगृह (Public Warehouses): वे भंडारगृह जो जनता के लिए किराए पर उपलब्ध होते हैं। ये सरकार द्वारा लाइसेंस प्राप्त होते हैं।
- बंधक भंडारगृह (Bonded Warehouses): ये वे भंडारगृह होते हैं जहाँ आयातित वस्तुओं को तब तक संग्रहीत किया जाता है जब तक उन पर सीमा शुल्क (Custom Duty) का भुगतान नहीं किया जाता। ये सरकार के नियंत्रण में होते हैं।
- सहकारी भंडारगृह (Cooperative Warehouses): सहकारी समितियों द्वारा अपने सदस्यों के लिए चलाए जाते हैं।
- सरकारी भंडारगृह (Government Warehouses): सरकार द्वारा चलाए जाते हैं। (जैसे भारतीय खाद्य निगम - FCI)।
5. परिवहन (Transportation)
परिवहन वस्तुओं और व्यक्तियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने की प्रक्रिया है। यह स्थान उपयोगिता (Place Utility) का सृजन करता है।
परिवहन के साधन (Modes of Transportation):
- सड़क परिवहन (Road Transport): लचीला, घर-घर सेवा, छोटी दूरी के लिए उपयुक्त।
- रेल परिवहन (Rail Transport): भारी और थोक वस्तुओं के लिए, लंबी दूरी के लिए उपयुक्त, सस्ता।
- वायु परिवहन (Air Transport): तीव्र, महंगी, खराब होने वाली वस्तुओं और आपातकालीन स्थितियों के लिए।
- जल परिवहन (Water Transport): सबसे सस्ता, भारी और बड़ी वस्तुओं के लिए, धीमी गति।
- पाइपलाइन परिवहन (Pipeline Transport): तरल और गैसीय पदार्थों के लिए (जैसे तेल, गैस, पानी)।
सरकारी परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण बिंदु:
- सेवाओं की विशेषताओं को उदाहरणों के साथ समझें।
- बैंकों के प्राथमिक, सहायक और सामान्य उपयोगिता कार्यों को याद रखें। विशेष रूप से RTGS, NEFT, IMPS, UPI का पूर्ण रूप और कार्य।
- बीमा के सभी सिद्धांतों को उनकी परिभाषा और अनुप्रयोग के साथ समझें। क्षतिपूर्ति का सिद्धांत और बीमा योग्य हित का सिद्धांत विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं।
- जीवन बीमा और सामान्य बीमा के बीच अंतर।
- डाक विभाग की विभिन्न वित्तीय और मेल सेवाओं के नाम।
- भंडारण के कार्य और विभिन्न प्रकार के भंडारगृह, विशेष रूप से बंधक भंडारगृह।
बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions - MCQs)
-
निम्नलिखित में से कौन-सी सेवा की विशेषता नहीं है?
क) अमूर्तता
ख) अविभाज्यता
ग) समरूपता
घ) नाशवानता -
बैंक द्वारा चालू खाता धारकों को उनके खाते में जमा राशि से अधिक निकालने की अनुमति देना क्या कहलाता है?
क) नकद साख
ख) सावधि जमा
ग) ओवरड्राफ्ट
घ) आवर्ती जमा -
RTGS का पूर्ण रूप क्या है?
क) Real Time Gross Settlement
ख) Reserve Transfer General System
ग) Rapid Transaction Global Service
घ) Retail Trade Gross Sum -
बीमा का कौन सा सिद्धांत कहता है कि बीमाधारक को हानि होने पर उसे हानि से अधिक लाभ कमाने की अनुमति नहीं दी जाएगी?
क) परम सद्भाव का सिद्धांत
ख) बीमा योग्य हित का सिद्धांत
ग) क्षतिपूर्ति का सिद्धांत
घ) निकटतम कारण का सिद्धांत -
यदि एक ही वस्तु का बीमा एक से अधिक बीमाकर्ताओं से कराया गया है, तो हानि होने पर सभी बीमाकर्ता अपनी हिस्सेदारी के अनुपात में क्षतिपूर्ति करेंगे। यह बीमा का कौन सा सिद्धांत है?
क) स्थान-ग्रहण का सिद्धांत
ख) अंशदान का सिद्धांत
ग) परम सद्भाव का सिद्धांत
घ) हानि कम करने का सिद्धांत -
निम्नलिखित में से कौन-सी डाक विभाग द्वारा प्रदान की जाने वाली वित्तीय सेवा है?
क) स्पीड पोस्ट
ख) मनी ऑर्डर
ग) बिजनेस पोस्ट
घ) ग्रीटिंग पोस्ट -
वे भंडारगृह जहाँ आयातित वस्तुओं को तब तक संग्रहीत किया जाता है जब तक उन पर सीमा शुल्क का भुगतान नहीं किया जाता, क्या कहलाते हैं?
क) निजी भंडारगृह
ख) सार्वजनिक भंडारगृह
ग) बंधक भंडारगृह
घ) सहकारी भंडारगृह -
परिवहन द्वारा किस प्रकार की उपयोगिता का सृजन होता है?
क) समय उपयोगिता
ख) स्थान उपयोगिता
ग) रूप उपयोगिता
घ) स्वामित्व उपयोगिता -
भारत में बीमा क्षेत्र को कौन-सा प्राधिकरण विनियमित करता है?
क) SEBI
ख) RBI
ग) IRDAI
घ) NITI Aayog -
निम्नलिखित में से कौन-सा जीवन बीमा का प्रकार नहीं है?
क) पूर्ण जीवन बीमा
ख) बंदोबस्ती बीमा
ग) अग्नि बीमा
घ) वार्षिकी योजना
उत्तर कुंजी (Answer Key):
- ग) समरूपता
- ग) ओवरड्राफ्ट
- क) Real Time Gross Settlement
- ग) क्षतिपूर्ति का सिद्धांत
- ख) अंशदान का सिद्धांत
- ख) मनी ऑर्डर
- ग) बंधक भंडारगृह
- ख) स्थान उपयोगिता
- ग) IRDAI
- ग) अग्नि बीमा
मुझे आशा है कि यह विस्तृत नोट्स और बहुविकल्पीय प्रश्न आपको अध्याय 'व्यावसायिक सेवाएँ' की गहन समझ प्रदान करेंगे और आपकी सरकारी परीक्षाओं की तैयारी में सहायक होंगे। अपनी पढ़ाई जारी रखें और किसी भी संदेह के लिए पूछने में संकोच न करें। शुभकामनाएँ!