Class 11 Business Studies Notes Chapter 6 (व्यवसाय का सामाजिक उत्तरदायित्व एव व्यावसायिक नैतिकता) – Vyavsay Adhyayan Book

प्रिय विद्यार्थियों,
आज हम कक्षा 11 के व्यवसाय अध्ययन के अत्यंत महत्वपूर्ण अध्याय 'व्यवसाय का सामाजिक उत्तरदायित्व एवं व्यावसायिक नैतिकता' का विस्तृत अध्ययन करेंगे। यह अध्याय न केवल आपकी सैद्धांतिक समझ को बढ़ाता है, बल्कि आपको एक जिम्मेदार नागरिक और भविष्य के व्यवसायी के रूप में भी तैयार करता है। सरकारी परीक्षाओं की तैयारी के लिए हमें इसके हर पहलू को गहराई से समझना होगा।
अध्याय 6: व्यवसाय का सामाजिक उत्तरदायित्व एवं व्यावसायिक नैतिकता
परिचय:
व्यवसाय समाज का एक अभिन्न अंग है। यह समाज के संसाधनों का उपयोग करता है, समाज के लोगों को रोजगार देता है, और समाज की आवश्यकताओं को पूरा करता है। ऐसे में, व्यवसाय का केवल लाभ कमाना ही एकमात्र उद्देश्य नहीं हो सकता। उसे समाज के प्रति भी कुछ जिम्मेदारियाँ निभानी होती हैं, जिसे 'सामाजिक उत्तरदायित्व' कहा जाता है। इसके साथ ही, व्यवसाय को कुछ नैतिक सिद्धांतों और मूल्यों का भी पालन करना होता है, जिसे 'व्यावसायिक नैतिकता' कहते हैं।
भाग 1: व्यवसाय का सामाजिक उत्तरदायित्व (Social Responsibility of Business)
1. अर्थ (Meaning):
व्यवसाय का सामाजिक उत्तरदायित्व उन नीतियों को अपनाने, उन निर्णयों को लेने या उन कार्यों की पंक्तियों का पालन करने के लिए व्यावसायिक फर्म के दायित्व को संदर्भित करता है जो समाज के लक्ष्यों और मूल्यों के संदर्भ में वांछनीय हैं। इसका अर्थ है कि व्यवसाय को केवल अपने मालिकों के हितों को ही नहीं, बल्कि समाज के अन्य वर्गों जैसे कर्मचारियों, उपभोक्ताओं, सरकार और पर्यावरण के हितों को भी ध्यान में रखना चाहिए।
2. सामाजिक उत्तरदायित्व की आवश्यकता के पक्ष में तर्क (Arguments for Social Responsibility):
व्यवसाय के सामाजिक उत्तरदायित्व को अपनाने के पक्ष में कई तर्क दिए जाते हैं:
- व्यवसाय का दीर्घकालिक हित (Long-term Interest of the Firm): यदि व्यवसाय समाज की आवश्यकताओं और अपेक्षाओं को पूरा करता है, तो उसे समाज से बेहतर प्रतिक्रिया मिलती है, जिससे उसकी छवि सुधरती है और दीर्घकाल में लाभ बढ़ता है।
- सरकारी नियमन से बचाव (Avoidance of Government Regulation): यदि व्यवसाय स्वेच्छा से सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाते हैं, तो सरकार द्वारा कठोर कानून और नियम बनाने की संभावना कम हो जाती है।
- समाज के संसाधनों का उचित उपयोग (Proper Use of Societal Resources): व्यवसाय समाज के संसाधनों (भूमि, श्रम, पूंजी) का उपयोग करता है। इन संसाधनों का उचित और जिम्मेदार उपयोग करना उसका दायित्व है।
- सामाजिक समस्याओं को हल करने की जिम्मेदारी (Responsibility for Social Problems): कई सामाजिक समस्याएं (जैसे प्रदूषण, बेरोजगारी) व्यवसायों की गतिविधियों के कारण उत्पन्न होती हैं। अतः, इन समस्याओं को हल करने में व्यवसाय की भी जिम्मेदारी है।
- नैतिक औचित्य (Moral Justification): नैतिक रूप से, व्यवसाय को केवल लाभ कमाने वाली इकाई के रूप में नहीं देखा जा सकता, बल्कि उसे समाज के कल्याण में भी योगदान देना चाहिए।
- बेहतर व्यावसायिक वातावरण (Better Business Environment): एक स्वस्थ और जिम्मेदार समाज एक बेहतर व्यावसायिक वातावरण प्रदान करता है।
- सार्वजनिक छवि में सुधार (Improvement in Public Image): सामाजिक रूप से जिम्मेदार व्यवसाय की सार्वजनिक छवि बेहतर होती है, जिससे ग्राहकों, निवेशकों और कर्मचारियों का विश्वास बढ़ता है।
3. सामाजिक उत्तरदायित्व की आवश्यकता के विपक्ष में तर्क (Arguments against Social Responsibility):
कुछ लोग सामाजिक उत्तरदायित्व के विचार का विरोध भी करते हैं:
- लाभ अधिकतमकरण का उल्लंघन (Violation of Profit Maximization Objective): उनका मानना है कि व्यवसाय का प्राथमिक उद्देश्य लाभ कमाना है। सामाजिक उत्तरदायित्वों पर खर्च करने से लाभ कम होता है।
- सामाजिक लागत (Social Costs): सामाजिक उत्तरदायित्वों को पूरा करने में लागत आती है, जिसे अंततः उपभोक्ताओं पर कीमतों में वृद्धि के रूप में थोपा जा सकता है।
- अक्षमता (Inefficiency): व्यवसायी सामाजिक समस्याओं को हल करने के लिए प्रशिक्षित नहीं होते हैं; यह सरकार या अन्य सामाजिक संगठनों का काम है।
- सार्वजनिक जवाबदेही का अभाव (Lack of Public Accountability): व्यवसायी उन सामाजिक निर्णयों के लिए सीधे तौर पर जनता के प्रति जवाबदेह नहीं होते हैं जो वे लेते हैं।
- व्यवसाय पर बोझ (Burden on Business): व्यवसाय पहले से ही कई आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है; सामाजिक जिम्मेदारियों का अतिरिक्त बोझ उन पर भारी पड़ सकता है।
4. सामाजिक उत्तरदायित्व के प्रकार (Types of Social Responsibility):
आर्ची कैरोल (Archie Carroll) ने सामाजिक उत्तरदायित्व को चार श्रेणियों में बांटा है:
- आर्थिक उत्तरदायित्व (Economic Responsibility): समाज से अपेक्षा की जाती है कि व्यवसाय लाभ कमाए। यह व्यवसाय का मूल और प्राथमिक उत्तरदायित्व है, क्योंकि लाभ के बिना व्यवसाय जीवित नहीं रह सकता।
- कानूनी उत्तरदायित्व (Legal Responsibility): व्यवसाय को देश के कानूनों और नियमों का पालन करना चाहिए। ये कानून समाज द्वारा स्थापित खेल के नियम हैं जिनका पालन करना अनिवार्य है।
- नैतिक उत्तरदायित्व (Ethical Responsibility): इसमें वे मानक और व्यवहार शामिल हैं जिनकी समाज द्वारा अपेक्षा की जाती है, भले ही वे कानून द्वारा अनिवार्य न हों। उदाहरण के लिए, कर्मचारियों के साथ निष्पक्ष व्यवहार, ईमानदार विज्ञापन।
- विवेकाधीन/परोपकारी उत्तरदायित्व (Discretionary/Philanthropic Responsibility): यह पूरी तरह से स्वैच्छिक है और इसमें वे गतिविधियां शामिल हैं जो व्यवसाय द्वारा समाज के कल्याण के लिए की जाती हैं, जैसे दान देना, शिक्षा या कला का समर्थन करना।
5. विभिन्न हितधारकों के प्रति उत्तरदायित्व (Responsibility towards different Interest Groups):
व्यवसाय के विभिन्न हितधारकों के प्रति अलग-अलग उत्तरदायित्व होते हैं:
- शेयरधारकों या मालिकों के प्रति (Towards Shareholders/Owners):
- निवेश पर उचित प्रतिफल प्रदान करना।
- निवेश की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
- व्यवसाय की कुशल और प्रभावी ढंग से चलाना।
- पारदर्शी और सही वित्तीय जानकारी प्रदान करना।
- कर्मचारियों के प्रति (Towards Employees):
- उचित वेतन और भत्ते प्रदान करना।
- सुरक्षित और स्वस्थ कार्य वातावरण प्रदान करना।
- भेदभाव रहित भर्ती और पदोन्नति नीतियां।
- कौशल विकास और प्रशिक्षण के अवसर।
- कर्मचारियों के अधिकारों का सम्मान करना।
- उपभोक्ताओं के प्रति (Towards Consumers):
- उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद और सेवाएं उचित मूल्य पर प्रदान करना।
- उत्पादों के बारे में सही और पूरी जानकारी देना।
- अनुचित व्यापार प्रथाओं से बचना (जैसे जमाखोरी, कालाबाजारी)।
- शिकायतों का प्रभावी ढंग से निपटारा करना।
- सुरक्षित उत्पाद प्रदान करना।
- सरकार और समुदाय के प्रति (Towards Government and Community):
- कानूनों और नियमों का पालन करना।
- समय पर करों का भुगतान करना।
- पर्यावरण प्रदूषण को रोकना।
- समुदाय के विकास में योगदान देना (जैसे स्कूल, अस्पताल बनाना)।
- राष्ट्रीय प्राथमिकताओं का समर्थन करना।
भाग 2: व्यवसाय और पर्यावरण संरक्षण (Business and Environmental Protection)
1. पर्यावरण प्रदूषण के कारण (Causes of Environmental Pollution):
पर्यावरण प्रदूषण मुख्य रूप से औद्योगिक और शहरी गतिविधियों के कारण होता है:
- औद्योगिक अपशिष्ट (Industrial Waste): कारखानों से निकलने वाला कचरा और रासायनिक पदार्थ।
- रासायनिक और कीटनाशकों का उपयोग (Use of Chemicals and Pesticides): कृषि में अत्यधिक उपयोग।
- वाहनों से उत्सर्जन (Vehicular Emissions): जीवाश्म ईंधन के जलने से निकलने वाली गैसें।
- वनोन्मूलन (Deforestation): उद्योगों और शहरीकरण के लिए पेड़ों की कटाई।
- अनुचित अपशिष्ट निपटान (Improper Waste Disposal): ठोस कचरे का गलत तरीके से निपटान।
2. प्रदूषण के प्रकार (Types of Pollution):
- वायु प्रदूषण (Air Pollution): उद्योगों और वाहनों से निकलने वाली जहरीली गैसें (कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड)।
- जल प्रदूषण (Water Pollution): औद्योगिक अपशिष्ट, सीवेज और कृषि रसायनों का जल निकायों में मिलना।
- भूमि प्रदूषण (Land Pollution): ठोस कचरा, औद्योगिक कचरा और रासायनिक अपशिष्ट द्वारा भूमि का दूषित होना।
- ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution): मशीनों, वाहनों और औद्योगिक गतिविधियों से उत्पन्न अत्यधिक शोर।
3. पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता (Need for Environmental Protection):
- मानव स्वास्थ्य की रक्षा (Protection of Human Health): प्रदूषण से विभिन्न बीमारियाँ होती हैं।
- प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण (Conservation of Natural Resources): भविष्य की पीढ़ियों के लिए संसाधनों को बचाना।
- जीवन की गुणवत्ता में सुधार (Improvement in Quality of Life): स्वच्छ पर्यावरण बेहतर जीवन स्तर प्रदान करता है।
- कानूनी और नैतिक दायित्व (Legal and Moral Obligation): पर्यावरण की रक्षा करना कानूनी और नैतिक दोनों रूप से आवश्यक है।
4. पर्यावरण संरक्षण में व्यवसाय की भूमिका (Role of Business in Environmental Protection):
- प्रदूषण नियंत्रण उपकरण स्थापित करना (Installing Pollution Control Equipment): चिमनियों में फिल्टर, जल शोधन संयंत्र।
- पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकियों का उपयोग (Using Eco-friendly Technologies): कम प्रदूषणकारी उत्पादन विधियाँ अपनाना।
- अपशिष्ट प्रबंधन (Waste Management): कचरे को कम करना, पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग करना।
- पर्यावरण ऑडिट (Environmental Audit): नियमित रूप से अपनी पर्यावरणीय गतिविधियों का मूल्यांकन करना।
- कर्मचारियों को प्रशिक्षित करना (Training Employees): उन्हें पर्यावरण संरक्षण के महत्व और तरीकों के बारे में शिक्षित करना।
- सामाजिक जागरूकता अभियान (Social Awareness Campaigns): पर्यावरण संरक्षण के लिए समाज को शिक्षित करना।
- सरकारी नियमों का पालन करना (Complying with Government Regulations): पर्यावरण कानूनों का सख्ती से पालन करना।
भाग 3: व्यावसायिक नैतिकता (Business Ethics)
1. अर्थ (Meaning):
व्यावसायिक नैतिकता उन नैतिक सिद्धांतों और मूल्यों का समूह है जो व्यवसाय के संचालन में सही और गलत के बीच अंतर करने में मार्गदर्शन करते हैं। यह उन मानकों को संदर्भित करता है जो यह निर्धारित करते हैं कि व्यवसाय को अपने हितधारकों (कर्मचारियों, ग्राहकों, आपूर्तिकर्ताओं, समुदाय) के साथ कैसे व्यवहार करना चाहिए।
2. व्यावसायिक नैतिकता के तत्व (Elements of Business Ethics):
- शीर्ष प्रबंधन की प्रतिबद्धता (Top Management's Commitment): नैतिक व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए शीर्ष प्रबंधन की स्पष्ट और दृढ़ प्रतिबद्धता आवश्यक है।
- आचार संहिता का प्रकाशन (Publication of a "Code of Conduct"): एक लिखित दस्तावेज जो नैतिक सिद्धांतों और अपेक्षाओं को स्पष्ट रूप से बताता है।
- अनुपालन तंत्र की स्थापना (Establishing Compliance Mechanisms): यह सुनिश्चित करने के लिए कि नैतिक मानकों का पालन किया जा रहा है, एक प्रणाली बनाना (जैसे शिकायत निवारण तंत्र)।
- कर्मचारियों को शामिल करना (Involving Employees at all Levels): नैतिक निर्णय लेने की प्रक्रिया में कर्मचारियों को शामिल करना।
- परिणामों का मापन (Measuring Results): नैतिक कार्यक्रमों के प्रभाव का मूल्यांकन करना।
3. व्यावसायिक नैतिकता की आवश्यकता (Need for Business Ethics):
- सार्वजनिक विश्वास बनाए रखना (Maintaining Public Trust): नैतिक व्यवहार से जनता का विश्वास बढ़ता है।
- बेहतर निर्णय लेना (Making Better Decisions): नैतिक ढांचा व्यवसायों को सही निर्णय लेने में मदद करता है।
- कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाना (Boosting Employee Morale): एक नैतिक कार्यस्थल कर्मचारियों को प्रेरित करता है।
- कानूनी समस्याओं से बचाव (Avoiding Legal Problems): नैतिक व्यवहार कानूनी उल्लंघनों की संभावना को कम करता है।
- दीर्घकालिक सफलता (Long-term Success): नैतिक व्यवसाय दीर्घकाल में अधिक सफल होते हैं।
4. नैतिकता के महत्व (Importance of Ethics):
- समाज को लाभ (Benefits to Society): नैतिक व्यवसाय समाज के कल्याण में योगदान करते हैं।
- व्यवसाय की प्रतिष्ठा में वृद्धि (Enhances Business Reputation): अच्छी नैतिक प्रथाएँ व्यवसाय की प्रतिष्ठा को बढ़ाती हैं।
- निवेशकों को आकर्षित करना (Attracts Investors): निवेशक नैतिक रूप से जिम्मेदार कंपनियों में निवेश करना पसंद करते हैं।
- कर्मचारियों को बनाए रखना (Retains Employees): कर्मचारी उन संगठनों में काम करना पसंद करते हैं जो नैतिक मूल्यों का सम्मान करते हैं।
5. नैतिकता के कार्यान्वयन के उपाय (Measures for Implementing Ethics):
- नैतिक प्रशिक्षण कार्यक्रम (Ethical Training Programs): कर्मचारियों को नैतिक दुविधाओं को पहचानने और उनसे निपटने के लिए प्रशिक्षित करना।
- नैतिक समितियों का गठन (Formation of Ethics Committees): नैतिक मुद्दों पर मार्गदर्शन और सलाह देने के लिए।
- व्हिसल-ब्लोइंग नीति (Whistle-Blowing Policy): कर्मचारियों को बिना किसी डर के अनैतिक व्यवहार की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित करना।
- नैतिक नेतृत्व (Ethical Leadership): शीर्ष प्रबंधन द्वारा नैतिक मूल्यों का उदाहरण प्रस्तुत करना।
भाग 4: सामाजिक उत्तरदायित्व और व्यावसायिक नैतिकता में संबंध (Relationship between Social Responsibility and Business Ethics)
सामाजिक उत्तरदायित्व और व्यावसायिक नैतिकता एक-दूसरे से घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं। नैतिकता एक व्यापक अवधारणा है जो व्यक्तिगत और संगठनात्मक व्यवहार के सही और गलत पहलुओं से संबंधित है। सामाजिक उत्तरदायित्व नैतिकता का एक बाहरी प्रकटीकरण है, जहाँ व्यवसाय अपने नैतिक सिद्धांतों को समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने में लागू करता है। एक नैतिक व्यवसाय स्वाभाविक रूप से सामाजिक रूप से जिम्मेदार होगा।
मुझे आशा है कि ये विस्तृत नोट्स आपको इस अध्याय की गहन समझ प्रदान करेंगे और आपकी सरकारी परीक्षा की तैयारी में अत्यंत सहायक सिद्ध होंगे।
बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions - MCQs)
यहाँ इस अध्याय पर आधारित 10 बहुविकल्पीय प्रश्न दिए गए हैं:
1. निम्न में से कौन सा व्यवसाय के सामाजिक उत्तरदायित्व के पक्ष में एक तर्क नहीं है?
अ) सरकारी नियमन से बचाव
ब) व्यवसाय का दीर्घकालिक हित
स) लाभ अधिकतमकरण का उल्लंघन
द) समाज के संसाधनों का उचित उपयोग
2. आर्ची कैरोल के अनुसार, व्यवसाय का प्राथमिक और मूल उत्तरदायित्व क्या है?
अ) नैतिक उत्तरदायित्व
ब) विवेकाधीन उत्तरदायित्व
स) आर्थिक उत्तरदायित्व
द) कानूनी उत्तरदायित्व
3. कर्मचारियों के प्रति व्यवसाय का सामाजिक उत्तरदायित्व क्या है?
अ) उच्च लाभांश का भुगतान करना
ब) सुरक्षित और स्वस्थ कार्य वातावरण प्रदान करना
स) उत्पादों को उचित मूल्य पर बेचना
द) सरकार को समय पर करों का भुगतान करना
4. यदि कोई व्यवसाय पर्यावरण को प्रदूषित करता है, तो वह किस प्रकार के सामाजिक उत्तरदायित्व का उल्लंघन कर रहा है?
अ) आर्थिक उत्तरदायित्व
ब) कानूनी उत्तरदायित्व
स) नैतिक उत्तरदायित्व
द) विवेकाधीन उत्तरदायित्व
5. 'आचार संहिता' (Code of Conduct) का प्रकाशन व्यावसायिक नैतिकता के किस तत्व से संबंधित है?
अ) शीर्ष प्रबंधन की प्रतिबद्धता
ब) अनुपालन तंत्र की स्थापना
स) नैतिक मानकों को स्पष्ट करना
द) परिणामों का मापन
6. निम्न में से कौन सा जल प्रदूषण का एक मुख्य कारण है?
अ) वाहनों से उत्सर्जन
ब) औद्योगिक अपशिष्ट का जल निकायों में मिलना
स) अत्यधिक शोर
द) वनोन्मूलन
7. व्यावसायिक नैतिकता का मुख्य उद्देश्य क्या है?
अ) केवल लाभ कमाना
ब) कानूनी दायित्वों से बचना
स) व्यवसाय संचालन में सही और गलत के बीच मार्गदर्शन करना
द) सरकारी हस्तक्षेप को बढ़ावा देना
8. शेयरधारकों के प्रति व्यवसाय का प्राथमिक उत्तरदायित्व क्या है?
अ) कर्मचारियों को प्रशिक्षण देना
ब) उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करना
स) निवेश पर उचित प्रतिफल प्रदान करना
द) पर्यावरण संरक्षण में योगदान देना
9. निम्न में से कौन सा पर्यावरण संरक्षण में व्यवसाय की भूमिका नहीं है?
अ) प्रदूषण नियंत्रण उपकरण स्थापित करना
ब) पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करना
स) केवल लाभ अधिकतमकरण पर ध्यान केंद्रित करना
द) अपशिष्ट प्रबंधन और पुनर्चक्रण को बढ़ावा देना
10. 'व्हिसल-ब्लोइंग नीति' (Whistle-Blowing Policy) का संबंध किससे है?
अ) उत्पादों की गुणवत्ता नियंत्रण
ब) कर्मचारियों को अनैतिक व्यवहार की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित करना
स) नए कर्मचारियों की भर्ती
द) वित्तीय लेखा-जोखा तैयार करना
उत्तरमाला (Answer Key):
- स
- स
- ब
- ब
- स
- ब
- स
- स
- स
- ब