Class 11 Chemistry Notes Chapter 11 (Chapter 11) – Examplar Problems (Hindi) Book

Examplar Problems (Hindi)
चलिए, आज हम कक्षा 11 रसायन विज्ञान के NCERT Exemplar के अध्याय 11, 'p-ब्लॉक के तत्व' (The p-Block Elements) के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे। यह अध्याय सरकारी परीक्षाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, खासकर समूह 13 और 14 के तत्वों से संबंधित प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं।

अध्याय 11: p-ब्लॉक के तत्व (Groups 13 & 14)

परिचय:

  • आवर्त सारणी में समूह 13 से 18 तक के तत्व p-ब्लॉक के तत्व कहलाते हैं।
  • इन तत्वों के संयोजी कोश का सामान्य इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ns²np¹⁻⁶ होता है।
  • कक्षा 11 में हम समूह 13 (बोरॉन परिवार) और समूह 14 (कार्बन परिवार) का अध्ययन करते हैं।
  • p-ब्लॉक में धातु, अधातु और उपधातु सभी प्रकार के तत्व शामिल हैं।

समूह 13 के तत्व (बोरॉन परिवार - Boron Family)

  • तत्व: बोरॉन (B), ऐलुमिनियम (Al), गैलियम (Ga), इंडियम (In), थैलियम (Tl)।
  • इलेक्ट्रॉनिक विन्यास: ns²np¹
  • भौतिक गुणधर्मों में आवर्तिता:
    • परमाणु त्रिज्या: सामान्यतः समूह में नीचे जाने पर बढ़ती है, परन्तु Ga की त्रिज्या Al से थोड़ी कम होती है (d-इलेक्ट्रॉनों के दुर्बल परिरक्षण प्रभाव के कारण)।
    • आयनन एन्थैल्पी (IE): समूह में नीचे जाने पर घटती है, परन्तु इसमें अनियमितताएँ पाई जाती हैं (ΔiH₁: B > Tl > Ga > Al > In)। Tl की उच्च IE का कारण लैंथेनाइड संकुचन के बाद प्रभावी नाभिकीय आवेश का बढ़ना है।
    • विद्युत्ऋणात्मकता: पहले B से Al तक घटती है, फिर लगभग स्थिर रहती है या थोड़ी बढ़ती है।
    • गलनांक व क्वथनांक: अनियमित प्रवृत्ति दर्शाते हैं। बोरॉन का गलनांक अत्यंत उच्च होता है (ठोस जालक संरचना)। गैलियम का गलनांक बहुत कम (29.78 °C) होता है।
    • घनत्व: समूह में नीचे जाने पर बढ़ता है।
  • रासायनिक गुणधर्म:
    • ऑक्सीकरण अवस्था: सामान्य ऑक्सीकरण अवस्था +3 है। समूह में नीचे जाने पर +1 ऑक्सीकरण अवस्था का स्थायित्व बढ़ता है (अक्रिय युग्म प्रभाव - Inert Pair Effect के कारण)। Tl के लिए +1 अवस्था +3 से अधिक स्थायी होती है।
    • अम्लीय/क्षारीय प्रवृत्ति: B के ऑक्साइड और हाइड्रॉक्साइड अम्लीय होते हैं। Al और Ga के उभयधर्मी होते हैं। In और Tl के ऑक्साइड/हाइड्रॉक्साइड क्षारीय होते हैं।
    • हैलोजन के प्रति क्रियाशीलता: M + 3X₂ → 2MX₃ (त्रिसंयोजी हैलाइड)। बोरॉन के हैलाइड (BX₃) इलेक्ट्रॉन न्यून होने के कारण लुईस अम्ल की तरह व्यवहार करते हैं। लुईस अम्लीयता का क्रम: BI₃ > BBr₃ > BCl₃ > BF₃ (पश्च आबंधन - Back Bonding के कारण)।
    • वायु के प्रति क्रियाशीलता: बोरॉन क्रिस्टलीय रूप में अक्रियाशील होता है। ऐलुमिनियम सतह पर ऑक्साइड की पतली परत बनने के कारण संक्षारण प्रतिरोधी होता है। उच्च ताप पर ये N₂ और O₂ से क्रिया करते हैं (नाइट्राइड और ऑक्साइड बनाते हैं)।
    • अम्ल एवं क्षार के प्रति क्रियाशीलता: बोरॉन सामान्यतः अम्लों से क्रिया नहीं करता, परन्तु गर्म सांद्र HNO₃ से बोरिक अम्ल बनाता है। ऐलुमिनियम अम्ल और क्षार दोनों से क्रिया कर H₂ गैस मुक्त करता है (उभयधर्मी प्रकृति)।
  • बोरॉन का असंगत व्यवहार:
    • छोटा आकार, उच्च आयनन एन्थैल्पी, उच्च विद्युत्ऋणात्मकता।
    • d-कक्षकों की अनुपस्थिति (अधिकतम सहसंयोजकता 4)।
    • अधातु प्रकृति।
    • ऑक्साइड (B₂O₃) अम्लीय।
    • हैलाइड (BF₃) गैसीय और लुईस अम्ल।
  • बोरॉन के महत्वपूर्ण यौगिक:
    • बोरेक्स (Borax - Na₂[B₄O₅(OH)₄]·8H₂O या Na₂B₄O₇·10H₂O):
      • निर्माण: कोलेमैनाइट (Ca₂B₆O₁₁) अयस्क की Na₂CO₃ विलयन से क्रिया द्वारा।
      • गुण: सफेद क्रिस्टलीय ठोस, जल में विलेय, क्षारीय विलयन (जल-अपघटन के कारण)। गर्म करने पर पहले जल के अणु त्यागकर फूलता है, फिर पिघलकर पारदर्शी मनका (Bead) बनाता है (Na₂B₄O₇ → 2NaBO₂ + B₂O₃)।
      • बोरेक्स मनका परीक्षण (Borax Bead Test): संक्रमण धातुओं के लवणों की पहचान में प्रयुक्त। रंगीन मेटाबोरेट बनने के कारण मनका रंगीन हो जाता है (जैसे कॉपर के लिए नीला)।
    • ऑर्थोबोरिक अम्ल (Orthoboric Acid - H₃BO₃):
      • निर्माण: बोरेक्स के जलीय विलयन को अम्लीकृत करके।
      • गुण: सफेद क्रिस्टलीय ठोस, ठंडे जल में कम विलेय, गर्म जल में अधिक। यह एक दुर्बल एकक्षारकीय अम्ल है, परन्तु यह प्रोटॉन दाता (प्रोटिक अम्ल) न होकर हाइड्रॉक्साइड आयन (OH⁻) ग्राही (लुईस अम्ल) है: B(OH)₃ + 2H₂O ⇌ [B(OH)₄]⁻ + H₃O⁺।
      • संरचना: परतदार संरचना, जिसमें B(OH)₃ इकाइयाँ हाइड्रोजन बंधों द्वारा जुड़ी रहती हैं।
    • डाइबोरेन (Diborane - B₂H₆):
      • निर्माण: 4BF₃ + 3LiAlH₄ → 2B₂H₆ + 3LiF + 3AlF₃ (औद्योगिक विधि)।
      • गुण: रंगहीन, अत्यंत विषैली गैस। वायु के संपर्क में स्वतः जल उठती है। जल द्वारा अपघटित होकर बोरिक अम्ल और H₂ गैस देती है।
      • संरचना: इसमें दो बोरॉन परमाणु दो हाइड्रोजन परमाणुओं (सेतु हाइड्रोजन - Bridging Hydrogen) द्वारा जुड़े होते हैं। इसमें दो प्रकार के B-H बंध होते हैं: चार अंतस्थ (Terminal) B-H बंध (सामान्य 2c-2e बंध) और दो सेतु (Bridging) B-H बंध (3 केंद्र-2 इलेक्ट्रॉन बंध, 3c-2e बंध, केला बंध - Banana Bond)। बोरॉन sp³ संकरित होता है।

समूह 14 के तत्व (कार्बन परिवार - Carbon Family)

  • तत्व: कार्बन (C), सिलिकन (Si), जर्मेनियम (Ge), टिन (Sn), लेड (Pb)।
  • इलेक्ट्रॉनिक विन्यास: ns²np²
  • भौतिक गुणधर्मों में आवर्तिता:
    • परमाणु त्रिज्या: समूह में नीचे जाने पर बढ़ती है।
    • आयनन एन्थैल्पी (IE): समूह में नीचे जाने पर घटती है, परन्तु Sn से Pb तक थोड़ी वृद्धि होती है (लैंथेनाइड संकुचन के कारण)।
    • विद्युत्ऋणात्मकता: कार्बन की सबसे अधिक, फिर Si से Pb तक लगभग समान।
    • गलनांक व क्वथनांक: C और Si के बहुत उच्च, फिर Ge से Pb तक घटते हैं।
    • धात्विक गुण: C (अधातु), Si, Ge (उपधातु), Sn, Pb (धातु)।
  • रासायनिक गुणधर्म:
    • ऑक्सीकरण अवस्था: सामान्य ऑक्सीकरण अवस्थाएँ +4 और +2 हैं। समूह में नीचे जाने पर +2 ऑक्सीकरण अवस्था का स्थायित्व बढ़ता है (अक्रिय युग्म प्रभाव)। C, Si मुख्य रूप से +4 दर्शाते हैं। Ge में +4 स्थायी है, परन्तु +2 भी पाया जाता है। Sn में +4 और +2 दोनों सामान्य हैं (Sn²⁺ अपचायक है)। Pb में +2 अवस्था +4 से अधिक स्थायी होती है (Pb⁴⁺ प्रबल ऑक्सीकारक है)।
    • शृंखलन (Catenation): स्वयं के परमाणुओं से जुड़कर लंबी शृंखला या वलय बनाने की प्रवृत्ति। कार्बन में यह गुण सर्वाधिक होता है (C-C बंध की उच्च ऊर्जा के कारण)। समूह में नीचे जाने पर यह प्रवृत्ति तेजी से घटती है: C >> Si > Ge ≈ Sn >> Pb।
    • अपररूपता (Allotropy): सभी तत्व अपररूपता दर्शाते हैं।
      • कार्बन: क्रिस्टलीय (हीरा, ग्रेफाइट, फुलरीन), अक्रिस्टलीय (कोक, चारकोल, कार्बन ब्लैक)।
      • सिलिकन, जर्मेनियम: क्रिस्टलीय (हीरे जैसी संरचना)।
      • टिन: श्वेत टिन (धात्विक), धूसर टिन (अधात्विक), β-टिन, γ-टिन।
    • वायु/ऑक्सीजन के प्रति क्रियाशीलता: सभी तत्व गर्म करने पर ऑक्सीजन से क्रिया कर ऑक्साइड बनाते हैं (मुख्यतः MO और MO₂ प्रकार के)। CO₂ अम्लीय, SiO₂ अम्लीय, GeO₂ अम्लीय, SnO₂, PbO₂ उभयधर्मी। CO उदासीन।
    • जल के प्रति क्रियाशीलता: C, Si, Ge जल से अप्रभावित रहते हैं। टिन भाप से क्रिया कर SnO₂ और H₂ बनाता है। लेड ठंडे जल से अप्रभावित (ऑक्साइड की परत बनने के कारण)।
    • हैलोजन के प्रति क्रियाशीलता: MX₂ और MX₄ प्रकार के हैलाइड बनाते हैं। स्थायित्व का क्रम: F > Cl > Br > I। SiX₄ आसानी से जल अपघटित हो जाते हैं (Si पर रिक्त d-कक्षक होने के कारण), परन्तु CCl₄ जल अपघटित नहीं होता (C पर रिक्त d-कक्षक नहीं होते)। PbI₄ का अस्तित्व नहीं है (Pb⁴⁺ ऑक्सीकारक और I⁻ अपचायक)।
  • कार्बन का असंगत व्यवहार:
    • छोटा आकार, उच्च आयनन एन्थैल्पी, उच्च विद्युत्ऋणात्मकता।
    • d-कक्षकों की अनुपस्थिति (अधिकतम सहसंयोजकता 4)।
    • अद्वितीय शृंखलन क्षमता।
    • pπ-pπ बहुल बंध बनाने की क्षमता (जैसे CO₂, C₂H₄, C₂H₂)। अन्य तत्व pπ-pπ बंध नहीं बनाते, कुछ dπ-pπ बंध बना सकते हैं।
  • कार्बन के महत्वपूर्ण यौगिक:
    • कार्बन मोनोऑक्साइड (CO):
      • निर्माण: कार्बन के अपूर्ण दहन से, फार्मिक अम्ल को सांद्र H₂SO₄ के साथ गर्म करके।
      • गुण: रंगहीन, गंधहीन, अत्यंत विषैली गैस। जल में अविलेय, उदासीन ऑक्साइड। प्रबल अपचायक। हीमोग्लोबिन के साथ ऑक्सीजन की तुलना में ~300 गुना अधिक स्थायी कार्बोक्सीहीमोग्लोबिन बनाती है, जिससे ऑक्सीजन परिवहन बाधित होता है।
      • संरचना: C≡O (त्रिबंध, जिसमें एक उपसहसंयोजी बंध O→C होता है)।
    • कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂):
      • निर्माण: कार्बनिक यौगिकों के पूर्ण दहन से, कार्बोनेटों पर अम्ल की क्रिया से।
      • गुण: रंगहीन, गंधहीन गैस। जल में कम विलेय होकर कार्बोनिक अम्ल (H₂CO₃, दुर्बल द्विप्रोटिक अम्ल) बनाती है। अम्लीय ऑक्साइड। प्रकाश संश्लेषण में प्रयुक्त। ग्रीनहाउस प्रभाव के लिए उत्तरदायी।
      • संरचना: रैखिक अणु (O=C=O), कार्बन sp संकरित।
  • सिलिकन के महत्वपूर्ण यौगिक:
    • सिलिकन डाइऑक्साइड (सिलिका - SiO₂):
      • प्रकृति में क्वार्ट्ज, क्रिस्टोबेलाइट, ट्राइडिमाइट रूपों में पाया जाता है।
      • संरचना: त्रिविमीय जालक संरचना, जिसमें प्रत्येक सिलिकन परमाणु चार ऑक्सीजन परमाणुओं से और प्रत्येक ऑक्सीजन परमाणु दो सिलिकन परमाणुओं से चतुष्फलकीय रूप से जुड़ा होता है (Si-O-Si बंध)। अत्यधिक स्थायी, उच्च गलनांक वाला ठोस।
      • गुण: अम्लीय ऑक्साइड, केवल HF और NaOH/KOH से क्रिया करता है।
    • सिलिकेट (Silicates):
      • आधारभूत संरचनात्मक इकाई [SiO₄]⁴⁻ चतुष्फलक है।
      • ये चतुष्फलक ऑक्सीजन परमाणुओं को साझा करके विभिन्न संरचनाएं बनाते हैं: ऑर्थोसिलिकेट (एकल इकाई), पायरोसिलिकेट (Si₂O₇⁶⁻), चक्रीय सिलिकेट, शृंखला सिलिकेट (पाइरॉक्सीन, एम्फीबोल), परतदार सिलिकेट (अभ्रक, क्ले), त्रिविमीय सिलिकेट (क्वार्ट्ज, फेल्डस्पार, जिओलाइट)।
    • जिओलाइट (Zeolites):
      • त्रिविमीय एल्युमिनोसिलिकेट होते हैं, जिनमें कुछ Si⁴⁺ आयनों का स्थान Al³⁺ आयन ले लेते हैं। ऋण आवेश को संतुलित करने के लिए Na⁺, K⁺, Ca²⁺ जैसे धनायन उपस्थित होते हैं।
      • मधुमक्खी के छत्ते जैसी सरंध्र (Porous) संरचना।
      • उपयोग: पेट्रोरसायन उद्योग में समावयवन और भंजन में उत्प्रेरक (जैसे ZSM-5 एल्कोहॉल को गैसोलीन में बदलता है), कठोर जल को मृदु करने में आयन विनिमयक के रूप में।
    • सिलिकोन (Silicones):
      • बहुलक यौगिक जिनमें R₂SiO पुनरावृत्ति इकाई होती है (R = एल्किल या एरिल समूह)।
      • निर्माण: एल्किल/एरिल प्रतिस्थापित सिलिकन क्लोराइड (जैसे R₂SiCl₂, RSiCl₃, R₃SiCl) के जल-अपघटन और उसके बाद संघनन बहुलकन द्वारा। शृंखला की लम्बाई और क्रॉस-लिंकिंग को नियंत्रित करके विभिन्न प्रकार के सिलिकोन (तेल, रबर, रेजिन) बनाए जा सकते हैं।
      • गुण: जल प्रतिकर्षी, तापीय स्थायी, अच्छे विद्युत् रोधी, रासायनिक रूप से अक्रिय।
      • उपयोग: सीलेंट, ग्रीस, विद्युत् रोधी, जलसह कपड़े बनाने में, शल्य चिकित्सा उपकरणों में।

अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):

प्रश्न 1: समूह 13 के तत्वों में, गैलियम (Ga) की परमाणु त्रिज्या ऐलुमिनियम (Al) से कम होने का कारण है:
(क) लैंथेनाइड संकुचन
(ख) अक्रिय युग्म प्रभाव
(ग) d-इलेक्ट्रॉनों का दुर्बल परिरक्षण प्रभाव
(घ) उच्च प्रभावी नाभिकीय आवेश

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा बोरॉन हैलाइड सबसे प्रबल लुईस अम्ल है?
(क) BF₃
(ख) BCl₃
(ग) BBr₃
(घ) BI₃

प्रश्न 3: डाइबोरेन (B₂H₆) की संरचना में उपस्थित होते हैं:
(क) केवल 2 केंद्र-2 इलेक्ट्रॉन (2c-2e) बंध
(ख) केवल 3 केंद्र-2 इलेक्ट्रॉन (3c-2e) बंध
(ग) चार 2c-2e बंध और दो 3c-2e बंध
(घ) दो 2c-2e बंध और चार 3c-2e बंध

प्रश्न 4: बोरेक्स मनका परीक्षण (Borax Bead Test) में रंगीन मनका बनने का कारण है:
(क) धातु बोराइड का बनना
(ख) धातु ऑक्साइड का बनना
(ग) धातु मेटाबोरेट का बनना
(घ) धातु ऑर्थोबोरेट का बनना

प्रश्न 5: समूह 14 में, +2 ऑक्सीकरण अवस्था का स्थायित्व किस तत्व के लिए सर्वाधिक है?
(क) कार्बन (C)
(ख) सिलिकन (Si)
(ग) टिन (Sn)
(घ) लेड (Pb)

प्रश्न 6: निम्नलिखित में से किस तत्व में शृंखलन (Catenation) की प्रवृत्ति अधिकतम होती है?
(क) कार्बन (C)
(ख) सिलिकन (Si)
(ग) जर्मेनियम (Ge)
(घ) टिन (Sn)

प्रश्न 7: कार्बन का कौन सा अपररूप विद्युत् का सुचालक है?
(क) हीरा
(ख) ग्रेफाइट
(ग) फुलरीन
(घ) कोक

प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन सा यौगिक जल-अपघटित नहीं होता है?
(क) CCl₄
(ख) SiCl₄
(ग) GeCl₄
(घ) SnCl₄

प्रश्न 9: सिलिकोन (Silicones) के निर्माण में प्रयुक्त प्रारंभिक पदार्थ है:
(क) सिलिकन डाइऑक्साइड (SiO₂)
(ख) सिलिकेट्स
(ग) एल्किल/एरिल प्रतिस्थापित क्लोरोसिलेन
(घ) सिलिकन कार्बाइड (SiC)

प्रश्न 10: जिओलाइट (Zeolites) का उपयोग पेट्रोरसायन उद्योग में उत्प्रेरक के रूप में क्यों किया जाता है?
(क) उनकी उच्च अम्लीयता के कारण
(ख) उनकी क्षारीय प्रकृति के कारण
(ग) उनकी सरंध्र संरचना और आकार-चयनात्मकता (Shape-selectivity) के कारण
(घ) उनकी उच्च तापीय स्थिरता के कारण


उत्तर कुंजी:

  1. (ग)
  2. (घ)
  3. (ग)
  4. (ग)
  5. (घ)
  6. (क)
  7. (ख)
  8. (क)
  9. (ग)
  10. (ग)

इन नोट्स का ध्यानपूर्वक अध्ययन करें और दिए गए प्रश्नों को हल करने का प्रयास करें। p-ब्लॉक के तत्वों की आवर्तिता, अक्रिय युग्म प्रभाव, बोरॉन और कार्बन के असंगत व्यवहार, तथा महत्वपूर्ण यौगिकों (बोरेक्स, बोरिक अम्ल, डाइबोरेन, CO, CO₂, सिलिका, सिलिकेट, जिओलाइट, सिलिकोन) की संरचना और गुणों पर विशेष ध्यान दें। शुभकामनाएँ!

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