Class 11 Chemistry Notes Chapter 2 () – Rasayan Vigyan Bhag-I Book

चलिए, कक्षा 11 के रसायन विज्ञान के अध्याय 2, 'परमाणु की संरचना' (Structure of Atom) के विस्तृत नोट्स और महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) देखते हैं, जो आपकी सरकारी परीक्षा की तैयारी में सहायक होंगे।
अध्याय 2: परमाणु की संरचना (Structure of Atom)
परिचय:
डाल्टन के परमाणु सिद्धांत के अनुसार परमाणु अविभाज्य था, परन्तु बाद के प्रयोगों ने सिद्ध किया कि परमाणु स्वयं छोटे कणों से मिलकर बना है, जिन्हें अपरमाण्विक कण (Subatomic particles) कहते हैं। इनमें इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन प्रमुख हैं।
1. अपरमाण्विक कणों की खोज:
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इलेक्ट्रॉन (Electron):
- खोज: जे. जे. थॉमसन (J.J. Thomson) ने कैथोड किरण प्रयोग (Cathode Ray Experiment) द्वारा की।
- कैथोड किरणें: विसर्जन नलिका में कम दाब और उच्च विभव पर गैसों में विद्युत विसर्जन से उत्पन्न ऋणावेशित कणों की धारा।
- गुण: सीधी रेखा में गमन, ऋणावेशित (e = -1.602 x 10⁻¹⁹ C), द्रव्यमान (mₑ = 9.1 x 10⁻³¹ kg), विद्युत और चुंबकीय क्षेत्र में विक्षेपित होती हैं।
- e/m अनुपात: थॉमसन ने कैथोड किरणों के लिए आवेश/द्रव्यमान (e/m) अनुपात ज्ञात किया, जो गैस की प्रकृति पर निर्भर नहीं करता (1.758820 × 10¹¹ C kg⁻¹)।
- मिलिकन का तेल बूँद प्रयोग: आर. ए. मिलिकन ने इलेक्ट्रॉन पर आवेश का सटीक मान ज्ञात किया।
-
प्रोटॉन (Proton):
- खोज: गोल्डस्टीन (Goldstein) ने एनोड किरणों या कैनाल किरणों (Canal Rays) की खोज की, जो धनावेशित थीं। बाद में रदरफोर्ड ने इन्हें प्रोटॉन नाम दिया।
- गुण: धनावेशित (p = +1.602 x 10⁻¹⁹ C), द्रव्यमान (mₚ = 1.672 x 10⁻²⁷ kg), इनका e/m अनुपात गैस की प्रकृति पर निर्भर करता है। हाइड्रोजन गैस से प्राप्त प्रोटॉन का द्रव्यमान सबसे कम होता है।
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न्यूट्रॉन (Neutron):
- खोज: जेम्स चैडविक (James Chadwick) ने बेरिलियम पर अल्फा कणों की बमबारी द्वारा की।
- गुण: उदासीन कण (आवेश = 0), द्रव्यमान प्रोटॉन के लगभग बराबर (mₙ = 1.674 x 10⁻²⁷ kg)। परमाणु के नाभिक में स्थित होता है।
2. परमाणु मॉडल (Atomic Models):
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थॉमसन का परमाणु मॉडल (Thomson's Model):
- इसे 'प्लम पुडिंग' या 'तरबूज मॉडल' भी कहते हैं।
- इसके अनुसार, परमाणु एक धनावेशित गोला है जिसमें इलेक्ट्रॉन तरबूज के बीजों की तरह धँसे रहते हैं। परमाणु विद्युत उदासीन होता है।
- कमियाँ: यह मॉडल रदरफोर्ड के प्रकीर्णन प्रयोग की व्याख्या नहीं कर सका।
-
रदरफोर्ड का नाभिकीय मॉडल (Rutherford's Nuclear Model):
- प्रयोग: अल्फा कण प्रकीर्णन प्रयोग (α-particle scattering experiment) - सोने की पतली पन्नी पर अल्फा कणों की बमबारी।
- प्रेक्षण:
- अधिकांश α-कण सीधे निकल गए।
- कुछ कण छोटे कोणों से विक्षेपित हुए।
- बहुत कम (लगभग 1/20000) कण 180° पर वापस लौट आए।
- निष्कर्ष:
- परमाणु का अधिकांश भाग खोखला है।
- परमाणु का समस्त धनावेश और लगभग समस्त द्रव्यमान एक अत्यंत छोटे भाग में केंद्रित होता है, जिसे नाभिक (Nucleus) कहते हैं।
- इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर वृत्ताकार पथों (कक्षाओं) में चक्कर लगाते हैं।
- कमियाँ:
- परमाणु के स्थायित्व की व्याख्या नहीं कर सका (मैक्सवेल के अनुसार त्वरित आवेशित कण ऊर्जा उत्सर्जित करेगा और अंततः नाभिक में गिर जाएगा)।
- परमाणुओं के रेखिल स्पेक्ट्रम की व्याख्या नहीं कर सका।
-
बोर का परमाणु मॉडल (Bohr's Model - हाइड्रोजन परमाणु के लिए):
- यह मॉडल मैक्स प्लैंक के क्वांटम सिद्धांत पर आधारित था।
- मुख्य अभिगृहीत (Postulates):
- इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर निश्चित त्रिज्या और ऊर्जा वाली वृत्ताकार कक्षाओं (जिन्हें ऊर्जा स्तर या कोश कहते हैं) में घूमते हैं। इन्हें K, L, M, N... या n=1, 2, 3, 4... से दर्शाते हैं।
- इन निश्चित कक्षाओं में घूमते समय इलेक्ट्रॉन ऊर्जा का उत्सर्जन नहीं करते।
- इलेक्ट्रॉन का कोणीय संवेग (mvr) क्वांटित होता है, अर्थात् mvr = nh/2π (जहाँ n = 1, 2, 3... पूर्णांक है, h = प्लैंक स्थिरांक)।
- जब इलेक्ट्रॉन एक ऊर्जा स्तर से दूसरे ऊर्जा स्तर में संक्रमण करता है, तो ऊर्जा का अवशोषण या उत्सर्जन होता है। ΔE = E₂ - E₁ = hν (ν = आवृत्ति)।
- हाइड्रोजन परमाणु के लिए:
- nवीं कक्षा की त्रिज्या: r<0xE2><0x82><0x99> = 0.529 × n²/Z Å (Z=परमाणु क्रमांक, H के लिए Z=1)
- nवीं कक्षा में इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा: E<0xE2><0x82><0x99> = -2.18 × 10⁻¹⁸ × Z²/n² J/atom = -13.6 × Z²/n² eV/atom
- सफलताएँ: हाइड्रोजन और हाइड्रोजन-जैसे आयनों (He⁺, Li²⁺) के स्पेक्ट्रम की सफल व्याख्या की।
- कमियाँ:
- बहु-इलेक्ट्रॉन परमाणुओं के स्पेक्ट्रम की व्याख्या नहीं कर सका।
- स्पेक्ट्रमी रेखाओं का चुंबकीय क्षेत्र (ज़ीमान प्रभाव) और विद्युत क्षेत्र (स्टार्क प्रभाव) में विपाटन की व्याख्या नहीं कर सका।
- यह डी-ब्रोग्ली के द्वैत व्यवहार और हाइजेनबर्ग के अनिश्चितता सिद्धांत की व्याख्या नहीं करता।
3. बोर मॉडल के विकास की पृष्ठभूमि:
-
विद्युतचुंबकीय विकिरण की द्वैत प्रकृति (Dual Nature of Electromagnetic Radiation):
- तरंग प्रकृति: विवर्तन (Diffraction) और व्यतिकरण (Interference) जैसी घटनाएँ तरंग प्रकृति दर्शाती हैं। (c = νλ, जहाँ c=प्रकाश का वेग, ν=आवृत्ति, λ=तरंगदैर्घ्य)।
- कण प्रकृति (प्लांक का क्वांटम सिद्धांत): कृष्णिका विकिरण (Black body radiation) और प्रकाशविद्युत प्रभाव (Photoelectric effect) की व्याख्या कण प्रकृति से होती है।
- प्लांक सिद्धांत: ऊर्जा का उत्सर्जन या अवशोषण सतत न होकर विविक्त (discrete) मात्रा में होता है, जिसे क्वांटम कहते हैं। विकिरण के एक क्वांटम की ऊर्जा E = hν (h = प्लैंक स्थिरांक = 6.626 × 10⁻³⁴ Js)।
- प्रकाशविद्युत प्रभाव: जब निश्चित आवृत्ति (देहली आवृत्ति ν₀ से अधिक) का प्रकाश धातु की सतह पर पड़ता है, तो इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित होते हैं। उत्सर्जित इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा (KE) = hν - hν₀ (hν₀ = कार्य फलन W₀)।
-
परमाण्विक स्पेक्ट्रम (Atomic Spectra):
- उत्सर्जन स्पेक्ट्रम: जब किसी पदार्थ से उत्सर्जित विकिरण को प्रिज्म से गुजारा जाता है।
- अवशोषण स्पेक्ट्रम: जब श्वेत प्रकाश को किसी पदार्थ (जैसे गैस) से गुजारकर प्राप्त विकिरण को प्रिज्म से देखा जाता है।
- रेखिल स्पेक्ट्रम: परमाणुओं का स्पेक्ट्रम सतत न होकर कुछ निश्चित आवृत्तियों/तरंगदैर्घ्य की रेखाओं के रूप में होता है।
- हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम: इसमें कई श्रेणियाँ होती हैं:
- लाइमन श्रेणी (UV क्षेत्र): n₁=1, n₂=2, 3, 4...
- बामर श्रेणी (दृश्य क्षेत्र): n₁=2, n₂=3, 4, 5...
- पाश्चन श्रेणी (IR क्षेत्र): n₁=3, n₂=4, 5, 6...
- ब्रैकेट श्रेणी (IR क्षेत्र): n₁=4, n₂=5, 6, 7...
- फुंड श्रेणी (IR क्षेत्र): n₁=5, n₂=6, 7, 8...
- रिड्बर्ग सूत्र: 1/λ = R<0xE2><0x82><0x9C> Z² (1/n₁² - 1/n₂²) (R<0xE2><0x82><0x9C> = रिड्बर्ग स्थिरांक = 109677 cm⁻¹)
4. क्वांटम यांत्रिकी मॉडल की ओर (Towards Quantum Mechanical Model):
-
द्रव्य का द्वैत व्यवहार (Dual Behaviour of Matter - डी ब्रोग्ली):
- लुई डी ब्रोग्ली ने प्रस्तावित किया कि विकिरण की तरह द्रव्य (जैसे इलेक्ट्रॉन) भी द्वैत प्रकृति दर्शाता है (कण और तरंग)।
- डी ब्रोग्ली समीकरण: λ = h/mv = h/p (λ=तरंगदैर्घ्य, h=प्लांक स्थिरांक, m=कण का द्रव्यमान, v=कण का वेग, p=संवेग)।
-
हाइजेनबर्ग का अनिश्चितता सिद्धांत (Heisenberg's Uncertainty Principle):
- इसके अनुसार, किसी सूक्ष्म कण (जैसे इलेक्ट्रॉन) की स्थिति (Δx) और संवेग (Δp) का एक साथ यथार्थ निर्धारण असंभव है।
- गणितीय रूप: Δx ⋅ Δp ≥ h/4π या Δx ⋅ mΔv ≥ h/4π
- महत्व: यह बोर मॉडल की निश्चित कक्षाओं की अवधारणा का खंडन करता है।
5. परमाणु का क्वांटम यांत्रिकी मॉडल (Quantum Mechanical Model of Atom):
- यह मॉडल द्रव्य की द्वैत प्रकृति और हाइजेनबर्ग के अनिश्चितता सिद्धांत पर आधारित है।
- श्रोडिंगर समीकरण (Schrödinger Equation):
- इलेक्ट्रॉन जैसे कणों के तरंग व्यवहार का वर्णन करने वाली समीकरण। (इसका विस्तृत गणितीय हल पाठ्यक्रम से परे है)।
- समीकरण के हल से ऊर्जा के अनुमत मान (eigenvalues) और संगत तरंग फलन (ψ, eigenfunctions) प्राप्त होते हैं।
- तरंग फलन (ψ) और प्रायिकता घनत्व (ψ²):
- ψ (साई): इलेक्ट्रॉन तरंग का आयाम। इसका कोई भौतिक अर्थ नहीं है।
- ψ²: नाभिक के चारों ओर किसी बिंदु पर इलेक्ट्रॉन के पाए जाने की प्रायिकता घनत्व (Probability density) को दर्शाता है।
- कक्षक (Orbital): नाभिक के चारों ओर का वह त्रिविमीय क्षेत्र जहाँ इलेक्ट्रॉन के पाए जाने की प्रायिकता अधिकतम (लगभग 90-95%) होती है।
- क्वांटम संख्याएँ (Quantum Numbers): परमाणु में इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा, स्थिति, आकार, अभिविन्यास और चक्रण को दर्शाने वाली संख्याएँ।
- मुख्य क्वांटम संख्या (n):
- मान: 1, 2, 3, ... (पूर्णांक)।
- जानकारी: इलेक्ट्रॉन कोश (Shell) या मुख्य ऊर्जा स्तर को दर्शाती है। यह कक्षक के आकार और ऊर्जा को निर्धारित करती है। n बढ़ने पर आकार और ऊर्जा बढ़ती है।
- दिगंशी (एजिमुथल) क्वांटम संख्या (l):
- मान: 0 से (n-1) तक। (l=0, 1, 2, 3... क्रमशः s, p, d, f उपकोशों को दर्शाते हैं)।
- जानकारी: उपकोश (Subshell) को दर्शाती है। यह कक्षक की आकृति (Shape) और कोणीय संवेग को निर्धारित करती है।
- चुंबकीय क्वांटम संख्या (m<0xE2><0x82><0x97>):
- मान: -l से +l तक (शून्य सहित), कुल (2l+1) मान।
- जानकारी: चुंबकीय क्षेत्र में कक्षक के त्रिविम अभिविन्यास (Orientation) को दर्शाती है।
- प्रचक्रण (स्पिन) क्वांटम संख्या (m<0xE2><0x82><0x9B>):
- मान: +1/2 और -1/2।
- जानकारी: इलेक्ट्रॉन के अपने अक्ष पर चक्रण (Spin) की दिशा को दर्शाती है (दक्षिणावर्त या वामावर्त)।
- मुख्य क्वांटम संख्या (n):
6. कक्षकों की आकृतियाँ (Shapes of Atomic Orbitals):
- s-कक्षक (l=0): गोलाकार (Spherically symmetrical), m<0xE2><0x82><0x97>=0 (केवल एक अभिविन्यास)। n बढ़ने पर आकार बढ़ता है। (n-1) त्रिज्य नोड होते हैं।
- p-कक्षक (l=1): डंबल आकृति (Dumbbell shaped), m<0xE2><0x82><0x97> = -1, 0, +1 (तीन अभिविन्यास - p<0xE2><0x82><0x93>, p<0xE2><0x82><0x94>, p<0xE1><0xB5><0xA3>)। तीनों कक्षक ऊर्जा में समान (समभ्रंश/degenerate) होते हैं और परस्पर लंबवत होते हैं। प्रत्येक में एक नोडीय तल (Nodal plane) होता है।
- d-कक्षक (l=2): द्विडंबल आकृति (Double dumbbell shaped - अधिकतर), m<0xE2><0x82><0x97> = -2, -1, 0, +1, +2 (पाँच अभिविन्यास - d<0xE2><0x82><0x93><0xE1><0xB5><0xA7>, d<0xE2><0x82><0x94><0xE1><0xB5><0xA3>, d<0xE1><0xB5><0xA3><0xE2><0x82><0x93>, d<0xE2><0x82><0x93>²<0xE2><0x82><0x8D>y², d<0xE1><0xB5><0xA3>²)। पाँचों कक्षक समभ्रंश होते हैं। इनमें दो नोडीय तल होते हैं (d<0xE1><0xB5><0xA3>² को छोड़कर)।
7. परमाणुओं में कक्षकों की ऊर्जा:
- हाइड्रोजन परमाणु: ऊर्जा केवल मुख्य क्वांटम संख्या (n) पर निर्भर करती है। एक ही कोश के सभी उपकोशों (s, p, d) की ऊर्जा समान होती है। (1s < 2s=2p < 3s=3p=3d < ...)
- बहु-इलेक्ट्रॉन परमाणु: ऊर्जा n और l दोनों पर निर्भर करती है।
- (n+l) नियम:
- जिस कक्षक के लिए (n+l) का मान कम होता है, उसकी ऊर्जा कम होती है।
- यदि दो कक्षकों के लिए (n+l) का मान समान हो, तो जिस कक्षक के लिए n का मान कम होता है, उसकी ऊर्जा कम होती है।
- ऊर्जा क्रम: 1s < 2s < 2p < 3s < 3p < 4s < 3d < 4p < 5s < 4d < 5p < 6s < 4f < 5d < 6p < ...
- (n+l) नियम:
8. परमाणुओं में इलेक्ट्रॉनों का भराव (Filling of Electrons in Atoms):
- ऑफबाऊ नियम (Aufbau Principle): इलेक्ट्रॉन सबसे पहले निम्नतम ऊर्जा वाले उपलब्ध कक्षक में प्रवेश करते हैं। ऊर्जा का क्रम (n+l) नियम द्वारा निर्धारित होता है।
- पॉली का अपवर्जन सिद्धांत (Pauli Exclusion Principle): किसी परमाणु में किन्हीं भी दो इलेक्ट्रॉनों के लिए चारों क्वांटम संख्याओं (n, l, m<0xE2><0x82><0x97>, m<0xE2><0x82><0x9B>) का मान समान नहीं हो सकता। अर्थात्, एक कक्षक में अधिकतम दो इलेक्ट्रॉन विपरीत चक्रण (+1/2, -1/2) के साथ रह सकते हैं।
- हुंड का अधिकतम बहुलता का नियम (Hund's Rule of Maximum Multiplicity): समान ऊर्जा (समभ्रंश) वाले कक्षकों में इलेक्ट्रॉनों का युग्मन तब तक नहीं होता, जब तक कि प्रत्येक कक्षक में एक-एक इलेक्ट्रॉन (समान चक्रण वाला) न भर जाए।
9. परमाणुओं का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (Electronic Configuration of Atoms):
उपरोक्त नियमों का उपयोग करके विभिन्न परमाणुओं के कोशों, उपकोशों और कक्षकों में इलेक्ट्रॉनों के वितरण को दर्शाना।
- उदाहरण:
- N (Z=7): 1s² 2s² 2p³
- Na (Z=11): 1s² 2s² 2p⁶ 3s¹
- Ar (Z=18): 1s² 2s² 2p⁶ 3s² 3p⁶
- Cr (Z=24): [Ar] 4s¹ 3d⁵ (अपवाद: अर्ध-पूरित d-कक्षक के स्थायित्व के कारण, न कि [Ar] 4s² 3d⁴)
- Cu (Z=29): [Ar] 4s¹ 3d¹⁰ (अपवाद: पूर्ण-पूरित d-कक्षक के स्थायित्व के कारण, न कि [Ar] 4s² 3d⁹)
10. पूर्ण पूरित एवं अर्ध पूरित उपकोशों का स्थायित्व (Stability of Completely Filled and Half-filled Subshells):
पूर्ण पूरित (p⁶, d¹⁰, f¹⁴) और अर्ध पूरित (p³, d⁵, f⁷) उपकोशों वाले इलेक्ट्रॉनिक विन्यास अधिक स्थायी होते हैं। इसके कारण हैं:
- सममित वितरण (Symmetrical distribution of electrons)।
- अधिक विनिमय ऊर्जा (Higher exchange energy)।
अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):
प्रश्न 1: रदरफोर्ड के अल्फा कण प्रकीर्णन प्रयोग ने किसकी खोज की?
(a) इलेक्ट्रॉन
(b) प्रोटॉन
(c) परमाणु नाभिक
(d) न्यूट्रॉन
प्रश्न 2: बोर मॉडल के अनुसार, हाइड्रोजन परमाणु की द्वितीय कक्षा (n=2) की ऊर्जा कितनी होती है?
(a) -13.6 eV
(b) -3.4 eV
(c) -1.51 eV
(d) -0.85 eV
प्रश्न 3: प्रकाशविद्युत प्रभाव के लिए, आपतित प्रकाश की ऊर्जा (E) और धातु के कार्य फलन (W₀) में क्या संबंध होना चाहिए?
(a) E < W₀
(b) E = W₀
(c) E ≥ W₀
(d) E और W₀ में कोई संबंध नहीं
प्रश्न 4: यदि एक इलेक्ट्रॉन का वेग 10⁶ m/s है, तो इससे संबद्ध डी ब्रोग्ली तरंगदैर्घ्य क्या होगा? (h = 6.6 × 10⁻³⁴ Js, mₑ = 9.1 × 10⁻³¹ kg)
(a) 7.25 Å
(b) 0.725 Å
(c) 72.5 Å
(d) 725 Å
प्रश्न 5: हाइजेनबर्ग का अनिश्चितता सिद्धांत किस पर लागू नहीं होता है?
(a) इलेक्ट्रॉन
(b) प्रोटॉन
(c) एक घूमती हुई गेंद
(d) अल्फा कण
प्रश्न 6: क्वांटम संख्याओं का कौन सा समूह संभव नहीं है?
(a) n=3, l=2, m<0xE2><0x82><0x97>=0, m<0xE2><0x82><0x9B>=+1/2
(b) n=2, l=1, m<0xE2><0x82><0x97>=-1, m<0xE2><0x82><0x9B>=-1/2
(c) n=1, l=1, m<0xE2><0x82><0x97>=0, m<0xE2><0x82><0x9B>=+1/2
(d) n=4, l=3, m<0xE2><0x82><0x97>=-2, m<0xE2><0x82><0x9B>=-1/2
प्रश्न 7: p-कक्षक की आकृति कैसी होती है?
(a) गोलाकार
(b) डंबल
(c) द्विडंबल
(d) जटिल
प्रश्न 8: किस नियम के अनुसार, एक कक्षक में अधिकतम दो इलेक्ट्रॉन विपरीत चक्रण के साथ रह सकते हैं?
(a) ऑफबाऊ नियम
(b) हुंड का नियम
(c) पॉली का अपवर्जन सिद्धांत
(d) हाइजेनबर्ग का सिद्धांत
प्रश्न 9: क्रोमियम (Cr, Z=24) का सही इलेक्ट्रॉनिक विन्यास क्या है?
(a) [Ar] 4s² 3d⁴
(b) [Ar] 4s¹ 3d⁵
(c) [Ar] 4s⁰ 3d⁶
(d) [Ar] 4s² 3d³ 4p¹
प्रश्न 10: हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम की कौन सी श्रेणी दृश्य क्षेत्र में पड़ती है?
(a) लाइमन श्रेणी
(b) बामर श्रेणी
(c) पाश्चन श्रेणी
(d) ब्रैकेट श्रेणी
उत्तरमाला (MCQs):
- (c) परमाणु नाभिक
- (b) -3.4 eV (E₂ = -13.6 × 1²/2² = -13.6 / 4 = -3.4 eV)
- (c) E ≥ W₀
- (a) 7.25 Å (λ = h/mv = (6.6 × 10⁻³⁴) / (9.1 × 10⁻³¹ × 10⁶) ≈ 0.725 × 10⁻⁹ m = 7.25 Å)
- (c) एक घूमती हुई गेंद (यह स्थूल वस्तु है, सूक्ष्म कण नहीं)
- (c) n=1, l=1, m<0xE2><0x82><0x97>=0, m<0xE2><0x82><0x9B>=+1/2 (क्योंकि यदि n=1 है, तो l केवल 0 हो सकता है, 1 नहीं)
- (b) डंबल
- (c) पॉली का अपवर्जन सिद्धांत
- (b) [Ar] 4s¹ 3d⁵ (अर्ध-पूरित स्थायित्व के कारण)
- (b) बामर श्रेणी
यह नोट्स और प्रश्न आपको 'परमाणु की संरचना' अध्याय को समझने और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद करेंगे। ध्यानपूर्वक अध्ययन करें!