Class 11 Chemistry Notes Chapter 4 (Chapter 4) – Lab Manual (Hindi) Book

Lab Manual (Hindi)
नमस्ते विद्यार्थियों!

आज हम कक्षा 11 रसायन शास्त्र की प्रयोगशाला पुस्तिका (Lab Manual) के अध्याय 4, जो 'अकार्बनिक लवणों में धनायन तथा ऋणायन की पहचान (गुणात्मक विश्लेषण)' से सम्बंधित है, के विस्तृत नोट्स का अध्ययन करेंगे। यह अध्याय सरकारी परीक्षाओं की तैयारी के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे आपकी प्रायोगिक समझ और रासायनिक अभिक्रियाओं का ज्ञान परखा जाता है।

अध्याय 4: अकार्बनिक लवणों का गुणात्मक विश्लेषण (Qualitative Analysis of Inorganic Salts)

उद्देश्य: किसी दिए गए अकार्बनिक लवण में उपस्थित धनायन (क्षारीय मूलक) तथा ऋणायन (अम्लीय मूलक) की पहचान करना।

सिद्धांत: गुणात्मक विश्लेषण क्रमबद्ध परीक्षणों की एक श्रृंखला है जिसके द्वारा किसी पदार्थ के संघटकों की पहचान की जाती है। इसमें भौतिक परीक्षण, शुष्क परीक्षण तथा आर्द्र परीक्षण शामिल हैं। आयनों को उनकी विशिष्ट रासायनिक अभिक्रियाओं और बनने वाले उत्पादों (जैसे अवक्षेप, गैस, रंग परिवर्तन) के आधार पर पहचाना जाता है।

विश्लेषण के चरण:

1. प्रारंभिक परीक्षण (Preliminary Tests):
ये परीक्षण लवण की प्रकृति के बारे में प्रारंभिक जानकारी देते हैं।

  • (a) भौतिक अवस्था (Physical State): लवण क्रिस्टलीय है या अक्रिस्टलीय।
  • (b) रंग (Colour): लवण का रंग उसमें उपस्थित कुछ विशिष्ट धनायनों (जैसे Cu²⁺ - नीला/हरा, Fe²⁺ - हल्का हरा, Fe³⁺ - पीला/भूरा, Ni²⁺ - हरा, Co²⁺ - गुलाबी/नीला, Mn²⁺ - हल्का गुलाबी) की उपस्थिति का संकेत दे सकता है।
  • (c) गंध (Odour): अमोनियम लवण (NH₄⁺) में अमोनिया की गंध या एसीटेट (CH₃COO⁻) में सिरके जैसी गंध आ सकती है (विशेषकर आर्द्र अवस्था में या गर्म करने पर)।
  • (d) विलेयता (Solubility): लवण की जल, तनु HCl या तनु HNO₃ में विलेयता ज्ञात करना। अधिकांश सामान्य लवण जल में विलेय होते हैं।
  • (e) शुष्क तपन परीक्षण (Dry Heating Test): थोड़ी मात्रा में लवण को शुष्क परखनली में गर्म करने पर होने वाले परिवर्तनों का अवलोकन करना:
    • जलवाष्प का निकलना (जलयोजित लवण)।
    • गैस का निकलना (जैसे CO₂, O₂, NO₂, NH₃)।
    • उदात्तीकरण (Sublimation) (जैसे NH₄Cl, आयोडीन)।
    • रंग परिवर्तन।
    • पदार्थ का फूलना (Swelling)।
  • (f) ज्वाला परीक्षण (Flame Test): कुछ धनायन ज्वाला को विशिष्ट रंग प्रदान करते हैं। लवण का पेस्ट सांद्र HCl के साथ बनाकर प्लैटिनम तार पर लेकर ज्वाला में रखने पर:
    • Na⁺: सुनहरा पीला (Golden yellow)
    • K⁺: बैंगनी (Lilac/Violet) (कोबाल्ट ग्लास से देखने पर क्रिमसन लाल)
    • Ca²⁺: ईंट जैसा लाल (Brick red)
    • Sr²⁺: गहरा लाल (Crimson red)
    • Ba²⁺: सेब जैसा हरा (Apple green)
    • Cu²⁺: नीला-हरा (Bluish-green)

2. ऋणायनों (अम्लीय मूलकों) का विश्लेषण (Analysis of Anions/Acid Radicals):
ऋणायनों को उनकी तनु H₂SO₄ तथा सांद्र H₂SO₄ के प्रति अभिक्रियाशीलता के आधार पर समूहों में बांटा गया है।

  • (a) तनु H₂SO₄/HCl द्वारा परीक्षण (Test with dilute H₂SO₄/HCl):

    • समूह I: ये ऋणायन तनु अम्ल से क्रिया कर गैसें उत्पन्न करते हैं।
      • CO₃²⁻ (कार्बोनेट): तीव्र बुदबुदाहट के साथ रंगहीन, गंधहीन CO₂ गैस (चूने के पानी को दूधिया कर देती है)।
      • SO₃²⁻ (सल्फाइट): रंगहीन, जलते गंधक जैसी SO₂ गैस (K₂Cr₂O₇ विलयन को हरा कर देती है)।
      • S²⁻ (सल्फाइड): रंगहीन, सड़े अंडे जैसी H₂S गैस (लेड एसीटेट पत्र को काला कर देती है)।
      • NO₂⁻ (नाइट्राइट): भूरे रंग की NO₂ गैस (KI-स्टार्च पत्र को नीला कर देती है)।
      • CH₃COO⁻ (एसीटेट): तनु H₂SO₄ के साथ गर्म करने पर सिरके जैसी गंध (CH₃COOH)। (नोट: एसीटेट को अक्सर सांद्र H₂SO₄ समूह में भी रखते हैं, लेकिन प्रारंभिक गंध तनु अम्ल से आ सकती है)।
  • (b) सांद्र H₂SO₄ द्वारा परीक्षण (Test with concentrated H₂SO₄):

    • समूह II: ये ऋणायन केवल सांद्र अम्ल से (या गर्म करने पर) क्रिया करते हैं।
      • Cl⁻ (क्लोराइड): तीखी गंध वाली रंगहीन HCl गैस (NH₄OH में भीगी छड़ लाने पर NH₄Cl का सफेद धुआँ)। MnO₂ मिलाकर गर्म करने पर हरी-पीली Cl₂ गैस।
      • Br⁻ (ब्रोमाइड): लाल-भूरे रंग की Br₂ वाष्प (MnO₂ मिलाकर गर्म करने पर अधिक)।
      • I⁻ (आयोडाइड): बैंगनी रंग की I₂ वाष्प (MnO₂ मिलाकर गर्म करने पर अधिक)। स्टार्च पत्र को नीला कर देती है।
      • NO₃⁻ (नाइट्रेट): पहले रंगहीन HNO₃ वाष्प, गर्म करने पर या कॉपर छीलन डालने पर भूरे रंग की NO₂ गैस।
      • CH₃COO⁻ (एसीटेट): सांद्र H₂SO₄ और इथेनॉल के साथ गर्म करने पर फलों जैसी गंध वाला एस्टर (एथिल एसीटेट) बनता है।
  • (c) विशिष्ट परीक्षणों द्वारा पहचाने जाने वाले ऋणायन (Anions identified by Specific Tests):

    • समूह III: ये ऋणायन तनु या सांद्र H₂SO₄ से क्रिया नहीं करते।
      • SO₄²⁻ (सल्फेट): लवण के जलीय विलयन (या HCl में बने विलयन) में BaCl₂ विलयन डालने पर सफेद अवक्षेप (BaSO₄), जो सांद्र HCl/HNO₃ में अविलेय होता है।
      • PO₄³⁻ (फॉस्फेट): लवण के विलयन को HNO₃ द्वारा अम्लीय करके अमोनियम मॉलिब्डेट ((NH₄)₂MoO₄) विलयन डालकर गर्म करने पर पीला अवक्षेप (अमोनियम फॉस्फोमोलिब्डेट) प्राप्त होता है।

3. धनायनों (क्षारीय मूलकों) का विश्लेषण (Analysis of Cations/Basic Radicals):
धनायनों को उनकी विलेयता और विभिन्न समूह अभिकर्मकों (Group Reagents) के साथ अवक्षेपण के आधार पर विभिन्न समूहों में वर्गीकृत किया गया है। विश्लेषण एक निश्चित क्रम में किया जाता है।

  • मूल विलयन (Original Solution - O.S.): लवण को उपयुक्त विलायक (प्रायः जल या तनु HCl) में घोलकर बनाया गया विलयन।

  • समूह 0 (Group 0): NH₄⁺ (अमोनियम)

    • लवण में NaOH विलयन मिलाकर गर्म करने पर अमोनिया (NH₃) गैस निकलती है (तीखी गंध, नम लाल लिटमस को नीला करती है, HCl में भीगी छड़ से सफेद धुआँ)।
    • निश्चयात्मक परीक्षण: नेस्लर अभिकर्मक (K₂[HgI₄] का क्षारीय विलयन) के साथ भूरा/पीला अवक्षेप।
  • समूह I (Group I): Pb²⁺ (लेड)

    • अभिकर्मक: तनु HCl
    • O.S. में तनु HCl डालने पर सफेद अवक्षेप (PbCl₂, AgCl, Hg₂Cl₂)। PbCl₂ गर्म जल में विलेय होता है।
    • Pb²⁺ का निश्चयात्मक परीक्षण: गर्म जल में विलेय भाग को ठंडा करने पर पुनः सफेद क्रिस्टल। विलयन में KI डालने पर पीला अवक्षेप (PbI₂), K₂CrO₄ डालने पर पीला अवक्षेप (PbCrO₄)।
  • समूह II (Group II): Pb²⁺, Cu²⁺, As³⁺/⁵⁺, Sb³⁺/⁵⁺, Sn²⁺/⁴⁺, Bi³⁺, Cd²⁺, Hg²⁺

    • अभिकर्मक: तनु HCl की उपस्थिति में H₂S गैस।
    • समूह I से प्राप्त फिल्ट्रेट में H₂S गैस प्रवाहित करने पर विभिन्न रंगों के सल्फाइड अवक्षेपित होते हैं (जैसे PbS-काला, CuS-काला, CdS-पीला, As₂S₃-पीला, Sb₂S₃-नारंगी, SnS₂-पीला, Bi₂S₃-भूरा)।
    • इन्हें पुनः उपसमूह IIA (पीले अमोनियम सल्फाइड में अविलेय) और IIB (विलेय) में बांटा जाता है।
  • समूह III (Group III): Fe³⁺, Al³⁺, Cr³⁺

    • अभिकर्मक: NH₄Cl की उपस्थिति में NH₄OH
    • समूह II से प्राप्त फिल्ट्रेट को उबालकर H₂S निकालने के बाद, थोड़ा सांद्र HNO₃ डालकर उबालते हैं (Fe²⁺ को Fe³⁺ में ऑक्सीकृत करने हेतु), फिर NH₄Cl (ठोस) और NH₄OH आधिक्य में डालते हैं।
    • हाइड्रॉक्साइड के रूप में अवक्षेप: Fe(OH)₃ (लाल-भूरा), Al(OH)₃ (जिलेटिनी सफेद), Cr(OH)₃ (हरा)।
  • समूह IV (Group IV): Zn²⁺, Mn²⁺, Ni²⁺, Co²⁺

    • अभिकर्मक: NH₄Cl + NH₄OH की उपस्थिति में H₂S गैस।
    • समूह III से प्राप्त फिल्ट्रेट में H₂S गैस प्रवाहित करने पर सल्फाइड अवक्षेपित होते हैं: ZnS (सफेद), MnS (हल्का गुलाबी/Buff), NiS (काला), CoS (काला)।
  • समूह V (Group V): Ba²⁺, Sr²⁺, Ca²⁺

    • अभिकर्मक: NH₄Cl + NH₄OH की उपस्थिति में (NH₄)₂CO₃ विलयन।
    • समूह IV से प्राप्त फिल्ट्रेट को उबालकर H₂S निकालने के बाद (NH₄)₂CO₃ विलयन डालने पर कार्बोनेट का सफेद अवक्षेप: BaCO₃, SrCO₃, CaCO₃।
    • इनके पृथक्करण और पहचान के लिए विलेयता और ज्वाला परीक्षण महत्वपूर्ण हैं।
  • समूह VI (Group VI): Mg²⁺, Na⁺, K⁺

    • अभिकर्मक: कोई विशिष्ट समूह अभिकर्मक नहीं।
    • समूह V से प्राप्त फिल्ट्रेट में Mg²⁺ की उपस्थिति का परीक्षण अमोनियम फॉस्फेट ((NH₄)₃PO₄) या डाइसोडियम हाइड्रोजन फॉस्फेट (Na₂HPO₄) द्वारा किया जाता है (सफेद क्रिस्टलीय अवक्षेप Mg(NH₄)PO₄)।
    • Na⁺ और K⁺ की पहचान मुख्य रूप से ज्वाला परीक्षण द्वारा (प्रारंभिक परीक्षण में) की जाती है।

महत्व:
यह विश्लेषण रासायनिक अभिक्रियाओं, आयनों के गुणों, विलेयता गुणनफल (Solubility Product), और समूह पृथक्करण के सिद्धांतों को समझने में मदद करता है। यह प्रयोगशाला कौशल विकसित करने के लिए आवश्यक है।


अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):

प्रश्न 1: ज्वाला परीक्षण में सुनहरा पीला रंग किस धनायन की उपस्थिति दर्शाता है?
(a) K⁺
(b) Ca²⁺
(c) Na⁺
(d) Ba²⁺

प्रश्न 2: चूने के पानी (Ca(OH)₂) को दूधिया करने वाली गैस किस ऋणायन की तनु H₂SO₄ से क्रिया पर उत्पन्न होती है?
(a) SO₃²⁻
(b) CO₃²⁻
(c) S²⁻
(d) NO₂⁻

प्रश्न 3: नेस्लर अभिकर्मक का उपयोग किस आयन के निश्चयात्मक परीक्षण के लिए किया जाता है?
(a) NH₄⁺
(b) Mg²⁺
(c) Al³⁺
(d) Zn²⁺

प्रश्न 4: समूह III के धनायनों (Fe³⁺, Al³⁺, Cr³⁺) को अवक्षेपित करने के लिए समूह अभिकर्मक क्या है?
(a) तनु HCl
(b) तनु HCl की उपस्थिति में H₂S
(c) NH₄Cl की उपस्थिति में NH₄OH
(d) NH₄Cl + NH₄OH की उपस्थिति में (NH₄)₂CO₃

प्रश्न 5: लेड एसीटेट पत्र को काला करने वाली गैस है:
(a) CO₂
(b) SO₂
(c) H₂S
(d) NH₃

प्रश्न 6: नाइट्रेट आयन (NO₃⁻) के वलय परीक्षण (Brown Ring Test) में बनने वाले भूरे वलय का सूत्र क्या है?
(a) FeSO₄.NO₂
(b) [Fe(H₂O)₅(NO)]²⁺
(c) Fe₂(SO₄)₃.NO
(d) [Fe(H₂O)₅(NO₂)]²⁺

प्रश्न 7: BaCl₂ विलयन द्वारा सल्फेट आयन (SO₄²⁻) का परीक्षण करते समय बनने वाला सफेद अवक्षेप किस अम्ल में अविलेय होता है?
(a) तनु H₂SO₄
(b) तनु CH₃COOH
(c) सांद्र HNO₃
(d) जलीय NH₃

प्रश्न 8: किस धनायन का सल्फाइड (Sulfide) पीले अमोनियम सल्फाइड में विलेय होता है?
(a) CuS
(b) PbS
(c) As₂S₃
(d) CdS

प्रश्न 9: MnO₂ मिलाकर गर्म करने पर लाल-भूरे रंग की वाष्प निकलना किस ऋणायन की उपस्थिति का संकेत है?
(a) Cl⁻
(b) Br⁻
(c) I⁻
(d) NO₃⁻

प्रश्न 10: समूह V के धनायनों (Ba²⁺, Sr²⁺, Ca²⁺) को किस रूप में अवक्षेपित किया जाता है?
(a) सल्फाइड
(b) हाइड्रॉक्साइड
(c) क्लोराइड
(d) कार्बोनेट


उत्तर कुंजी (Answer Key):

  1. (c) Na⁺
  2. (b) CO₃²⁻
  3. (a) NH₄⁺
  4. (c) NH₄Cl की उपस्थिति में NH₄OH
  5. (c) H₂S
  6. (b) [Fe(H₂O)₅(NO)]²⁺
  7. (c) सांद्र HNO₃ (तथा सांद्र HCl में भी अविलेय)
  8. (c) As₂S₃ (यह समूह IIB का सदस्य है)
  9. (b) Br⁻
  10. (d) कार्बोनेट

इन नोट्स को ध्यानपूर्वक पढ़ें और अभिक्रियाओं तथा अवलोकनों को याद रखने का प्रयास करें। गुणात्मक विश्लेषण तर्क और क्रमबद्ध प्रक्रिया पर आधारित है, इसलिए प्रत्येक चरण के पीछे के सिद्धांत को समझना महत्वपूर्ण है। शुभकामनाएँ!

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