Class 11 Chemistry Notes Chapter 5 (Chapter 5) – Rasayan Vigyan Bhag-II Book

नमस्ते विद्यार्थियों!
आज हम रसायन विज्ञान भाग-II के अध्याय 5, 'पदार्थ की अवस्थाएँ' का अध्ययन करेंगे। यह अध्याय सरकारी परीक्षाओं की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे पदार्थ के व्यवहार और विभिन्न अवस्थाओं को नियंत्रित करने वाले नियमों की समझ विकसित होती है। चलिए, इसके मुख्य बिंदुओं को विस्तार से समझते हैं।
अध्याय 5: पदार्थ की अवस्थाएँ (States of Matter) - विस्तृत नोट्स
1. परिचय
- पदार्थ वह है जिसका द्रव्यमान होता है और जो स्थान घेरता है।
- पदार्थ मुख्यतः तीन भौतिक अवस्थाओं में पाया जाता है: ठोस, द्रव और गैस।
- पदार्थ की अवस्था दो विपरीत कारकों पर निर्भर करती है:
- अंतराआण्विक बल (Intermolecular Forces): अणुओं को पास लाने वाले बल।
- ऊष्मीय ऊर्जा (Thermal Energy): अणुओं को दूर करने वाली ऊर्जा (उनकी गतिज ऊर्जा के कारण)।
- कम तापमान और उच्च दाब पर अंतराआण्विक बल प्रभावी होते हैं (ठोस अवस्था)।
- उच्च तापमान और कम दाब पर ऊष्मीय ऊर्जा प्रभावी होती है (गैसीय अवस्था)।
2. अंतराआण्विक बल (Intermolecular Forces)
ये अणुओं के बीच लगने वाले आकर्षण या प्रतिकर्षण बल हैं। इन्हें 'वान्डर वाल्स बल' भी कहते हैं।
- परिक्षेपण बल या लंडन बल (Dispersion or London Forces):
- यह अध्रुवीय अणुओं (जैसे H₂, O₂, Cl₂, CH₄) और उत्कृष्ट गैसों में पाए जाते हैं।
- अणुओं में इलेक्ट्रॉनों के क्षणिक द्विध्रुव बनने से उत्पन्न होते हैं।
- ये सबसे दुर्बल अंतराआण्विक बल हैं।
- अणु का आकार/सतह क्षेत्रफल बढ़ने या इलेक्ट्रॉनों की संख्या बढ़ने पर ये बल बढ़ते हैं।
- द्विध्रुव-द्विध्रुव बल (Dipole-Dipole Forces):
- यह स्थायी द्विध्रुव आघूर्ण वाले ध्रुवीय अणुओं (जैसे HCl, SO₂) के बीच लगते हैं।
- एक अणु का धनात्मक सिरा दूसरे अणु के ऋणात्मक सिरे को आकर्षित करता है।
- ये लंडन बलों से अधिक प्रबल होते हैं।
- द्विध्रुव-प्रेरित द्विध्रुव बल (Dipole-Induced Dipole Forces):
- एक ध्रुवीय अणु (स्थायी द्विध्रुव) और एक अध्रुवीय अणु के बीच लगते हैं।
- ध्रुवीय अणु अध्रुवीय अणु में क्षणिक द्विध्रुव प्रेरित करता है।
- हाइड्रोजन आबंधन (Hydrogen Bonding):
- यह एक विशेष प्रकार का द्विध्रुव-द्विध्रुव आकर्षण है।
- यह तब बनता है जब हाइड्रोजन परमाणु किसी अत्यधिक विद्युत ऋणात्मक तत्व (मुख्यतः F, O, N) से जुड़ा हो और दूसरे अणु के विद्युत ऋणात्मक परमाणु (F, O, N) के साथ आकर्षण बल बनाता है।
- यह अन्य वान्डर वाल्स बलों से अधिक प्रबल होता है।
- उदाहरण: H₂O, HF, NH₃ में।
- यह क्वथनांक, गलनांक और विलेयता जैसे गुणों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करता है।
3. ऊष्मीय ऊर्जा (Thermal Energy)
- यह पदार्थ के कणों (अणुओं, परमाणुओं) की गति के कारण उत्पन्न ऊर्जा है।
- यह तापमान के समानुपाती होती है।
- तापमान बढ़ाने पर ऊष्मीय ऊर्जा बढ़ती है, जिससे कणों की गति बढ़ती है और वे दूर-दूर जाते हैं।
4. गैसीय अवस्था (The Gaseous State)
-
विशेषताएँ: आयतन और आकार अनिश्चित, उच्च संपीड्यता, निम्न घनत्व, कणों के बीच दूरी अधिक, अंतराआण्विक बल नगण्य। गैसें पात्र की दीवारों पर दाब डालती हैं।
-
गैस नियम (Gas Laws): गैसों के दाब (P), आयतन (V), ताप (T) और मोलों की संख्या (n) के बीच संबंध दर्शाते हैं।
- बॉयल का नियम (Boyle's Law): स्थिर ताप (T) और मोलों की संख्या (n) पर, किसी गैस की निश्चित मात्रा का दाब (P) उसके आयतन (V) के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
- P ∝ 1/V
- PV = स्थिरांक (k₁)
- P₁V₁ = P₂V₂
- ग्राफ: P vs V (समतापीय वक्र - Hyperbola), P vs 1/V (सीधी रेखा)
- चार्ल्स का नियम (Charles's Law): स्थिर दाब (P) और मोलों की संख्या (n) पर, किसी गैस की निश्चित मात्रा का आयतन (V) उसके परमताप (T, केल्विन में) के समानुपाती होता है।
- V ∝ T
- V/T = स्थिरांक (k₂)
- V₁/T₁ = V₂/T₂
- परमताप (Kelvin) = डिग्री सेल्सियस + 273.15
- ग्राफ: V vs T (समदाबीय वक्र - सीधी रेखा जो -273.15 °C या 0 K पर मिलती है)
- गे-लुसैक का नियम (Gay-Lussac's Law): स्थिर आयतन (V) और मोलों की संख्या (n) पर, किसी गैस की निश्चित मात्रा का दाब (P) उसके परमताप (T) के समानुपाती होता है।
- P ∝ T
- P/T = स्थिरांक (k₃)
- P₁/T₁ = P₂/T₂
- ग्राफ: P vs T (समआयतनिक वक्र - सीधी रेखा)
- आवोग्रादो का नियम (Avogadro's Law): समान ताप (T) और दाब (P) पर, गैसों के समान आयतन में अणुओं (या मोलों) की संख्या समान होती है।
- V ∝ n (जहाँ n मोलों की संख्या है)
- V/n = स्थिरांक (k₄)
- STP (Standard Temperature and Pressure): 0°C (273.15 K) और 1 bar दाब पर, 1 मोल आदर्श गैस का आयतन 22.71 L होता है। (पुराना मानक 1 atm दाब था, जिस पर आयतन 22.4 L होता है)।
- बॉयल का नियम (Boyle's Law): स्थिर ताप (T) और मोलों की संख्या (n) पर, किसी गैस की निश्चित मात्रा का दाब (P) उसके आयतन (V) के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
-
आदर्श गैस समीकरण (Ideal Gas Equation): उपरोक्त नियमों को मिलाकर प्राप्त समीकरण।
- PV = nRT
- R = सार्वत्रिक गैस स्थिरांक (Universal Gas Constant)
- R का मान = 8.314 J K⁻¹ mol⁻¹ = 0.0821 L atm K⁻¹ mol⁻¹ = 0.08314 L bar K⁻¹ mol⁻¹
- यह समीकरण आदर्श गैसों (जो नियमों का पूर्ण पालन करती हैं) पर लागू होता है।
- संयुक्त गैस नियम (Combined Gas Law): (P₁V₁)/T₁ = (P₂V₂)/T₂ (n स्थिर)
- गैस का घनत्व (d) और मोलर द्रव्यमान (M) में संबंध: M = (dRT)/P
-
डाल्टन का आंशिक दाब का नियम (Dalton's Law of Partial Pressures): स्थिर ताप पर, एक निश्चित आयतन में भरी, परस्पर क्रिया न करने वाली गैसों के मिश्रण का कुल दाब (P_total), उन गैसों के आंशिक दाबों (partial pressures) के योग के बराबर होता है।
- P_total = P₁ + P₂ + P₃ + ...
- किसी गैस का आंशिक दाब (Pᵢ) = उस गैस का मोल अंश (xᵢ) × कुल दाब (P_total)
- Pᵢ = xᵢ * P_total
- अनुप्रयोग: शुष्क गैस का दाब ज्ञात करना (जब गैस जल के ऊपर एकत्र की जाती है)। P_शुष्क गैस = P_कुल - जल वाष्प का दाब (एक्वस टेंशन)
-
गैसों का अणुगति सिद्धांत (Kinetic Molecular Theory of Gases):
- अभिगृहीत (Postulates):
- गैसें अत्यंत सूक्ष्म कणों (अणुओं) से बनी होती हैं।
- अणुओं का वास्तविक आयतन गैस के कुल आयतन की तुलना में नगण्य होता है।
- अणुओं के बीच कोई आकर्षण या प्रतिकर्षण बल नहीं होता (आदर्श गैस के लिए)।
- गैस के अणु निरंतर, तीव्र और यादृच्छिक (random) गति करते हैं।
- गति के दौरान अणु आपस में तथा पात्र की दीवारों से टकराते हैं। ये टक्करें पूर्णतः प्रत्यास्थ (perfectly elastic) होती हैं (ऊर्जा हानि नहीं होती)।
- पात्र की दीवारों से अणुओं की टक्कर के कारण गैस का दाब उत्पन्न होता है।
- किसी निश्चित ताप पर गैस के अणुओं की औसत गतिज ऊर्जा (Average Kinetic Energy) परमताप (T) के समानुपाती होती है। KE ∝ T
- अणुगति समीकरण: PV = (1/3)mnū² (जहाँ m एक अणु का द्रव्यमान, n अणुओं की संख्या, ū वर्ग माध्य मूल चाल है)
- विभिन्न आण्विक गतियाँ: वर्ग माध्य मूल चाल (u_rms), औसत चाल (u_av), प्रायिकतम चाल (u_mp)। u_rms > u_av > u_mp
- अभिगृहीत (Postulates):
-
वास्तविक गैसों का व्यवहार: आदर्श व्यवहार से विचलन (Behaviour of Real Gases: Deviation from Ideal Behaviour):
- वास्तविक गैसें केवल निम्न दाब और उच्च ताप पर ही आदर्श व्यवहार दर्शाती हैं।
- विचलन के कारण: अणुगति सिद्धांत की दो गलत अभिधारणाएँ:
- अणुओं का आयतन नगण्य नहीं होता।
- अणुओं के बीच अंतराआण्विक आकर्षण बल होते हैं।
- संपीड्यता गुणांक (Compressibility Factor, Z): यह आदर्श व्यवहार से विचलन को मापता है।
- Z = PV / nRT
- आदर्श गैस के लिए, Z = 1
- वास्तविक गैस के लिए, Z ≠ 1
- Z < 1: आकर्षण बल प्रभावी (गैस आदर्श से अधिक संपीड्य) - निम्न दाब पर।
- Z > 1: प्रतिकर्षण बल/आण्विक आयतन प्रभावी (गैस आदर्श से कम संपीड्य) - उच्च दाब पर।
- वैन डर वाल्स समीकरण (van der Waals Equation): वास्तविक गैसों के लिए संशोधित समीकरण।
- (P + an²/V²)(V - nb) = nRT
- 'a': अंतराआण्विक आकर्षण बलों का माप (मात्रक: atm L² mol⁻² या bar L² mol⁻²)। 'a' का मान अधिक होने पर गैस आसानी से द्रवित होती है।
- 'b': अणुओं द्वारा घेरा गया प्रभावी आयतन (अपवर्जित आयतन) (मात्रक: L mol⁻¹)। 'b' अणु के आकार पर निर्भर करता है।
-
गैसों का द्रवीकरण (Liquefaction of Gases):
- गैसों को ठंडा करके और दाब बढ़ाकर द्रवित किया जा सकता है।
- क्रांतिक ताप (Critical Temperature, T<0xE1><0xB5><0x84>): वह अधिकतम ताप जिसके ऊपर किसी गैस को केवल दाब लगाकर द्रवित नहीं किया जा सकता। T<0xE1><0xB5><0x84> = 8a / 27Rb
- क्रांतिक दाब (Critical Pressure, P<0xE1><0xB5><0x84>): क्रांतिक ताप पर गैस को द्रवित करने के लिए आवश्यक न्यूनतम दाब। P<0xE1><0xB5><0x84> = a / 27b²
- क्रांतिक आयतन (Critical Volume, V<0xE1><0xB5><0x84>): क्रांतिक ताप और क्रांतिक दाब पर एक मोल गैस का आयतन। V<0xE1><0xB5><0x84> = 3b
- जिस गैस का T<0xE1><0xB5><0x84> अधिक होता है (या 'a' का मान अधिक होता है), वह आसानी से द्रवित होती है।
5. द्रव अवस्था (The Liquid State)
- विशेषताएँ: आयतन निश्चित, आकार अनिश्चित, गैसों से कम संपीड्य, गैसों से अधिक घनत्व, कण पास-पास लेकिन गति कर सकते हैं।
- वाष्प दाब (Vapour Pressure):
- निश्चित ताप पर, द्रव और उसकी वाष्प के बीच साम्यावस्था पर वाष्प द्वारा द्रव की सतह पर डाला गया दाब।
- कारक: द्रव की प्रकृति (अंतराआण्विक बल कमजोर होने पर वाष्प दाब अधिक), ताप (ताप बढ़ाने पर वाष्प दाब बढ़ता है)।
- क्वथनांक (Boiling Point): वह ताप जिस पर किसी द्रव का वाष्प दाब बाहरी वायुमंडलीय दाब के बराबर हो जाता है।
- सामान्य क्वथनांक (Normal Boiling Point): जब बाहरी दाब 1 atm हो।
- मानक क्वथनांक (Standard Boiling Point): जब बाहरी दाब 1 bar हो।
- बाहरी दाब कम होने पर क्वथनांक कम हो जाता है (पहाड़ों पर खाना देर से पकना)।
- पृष्ठ तनाव (Surface Tension):
- किसी द्रव के पृष्ठ पर खींची गई रेखा की एकांक लंबाई पर लम्बवत् लगने वाला बल।
- कारण: द्रव के अंदर के अणु सभी दिशाओं से समान रूप से आकर्षित होते हैं, जबकि सतह के अणु केवल नीचे और पार्श्व से आकर्षित होते हैं, जिससे सतह पर एक खिंचाव या तनाव उत्पन्न होता है।
- द्रव अपनी सतह का क्षेत्रफल न्यूनतम करने का प्रयास करते हैं (बूंदों का गोलाकार होना)।
- मात्रक: N m⁻¹ या J m⁻²
- कारक: द्रव की प्रकृति (अंतराआण्विक बल प्रबल होने पर पृष्ठ तनाव अधिक), ताप (ताप बढ़ाने पर पृष्ठ तनाव घटता है)।
- परिणाम: केशिका क्रिया (Capillary action)।
- श्यानता (Viscosity):
- द्रवों का वह गुण जिसके कारण वे प्रवाह का विरोध करते हैं। यह द्रवों का आंतरिक घर्षण है।
- कारण: अणुओं की परतों के बीच अंतराआण्विक बल।
- मात्रक: N s m⁻² या Pa s (SI मात्रक), पॉइज (Poise) (1 poise = 0.1 N s m⁻²)
- कारक: द्रव की प्रकृति (अंतराआण्विक बल प्रबल होने पर श्यानता अधिक), ताप (ताप बढ़ाने पर श्यानता घटती है), अणु का आकार/आकृति।
6. ठोस अवस्था (The Solid State) - (संक्षिप्त उल्लेख)
- विशेषताएँ: आयतन और आकार निश्चित, उच्च घनत्व, नगण्य संपीड्यता, कणों के बीच प्रबल अंतराआण्विक बल, कण केवल अपनी माध्य स्थिति के परितः कंपन कर सकते हैं।
अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):
प्रश्न 1: स्थिर ताप पर, किसी गैस का दाब बढ़ाने पर उसका आयतन:
(क) बढ़ता है
(ख) घटता है
(ग) अपरिवर्तित रहता है
(घ) पहले बढ़ता है फिर घटता है
प्रश्न 2: चार्ल्स के नियम के अनुसार, स्थिर दाब पर किसी गैस का आयतन (V) उसके परमताप (T) के:
(क) व्युत्क्रमानुपाती होता है
(ख) समानुपाती होता है
(ग) वर्ग के समानुपाती होता है
(घ) वर्गमूल के समानुपाती होता है
प्रश्न 3: आदर्श गैस समीकरण PV = nRT में, 'R' का मान किस पर निर्भर नहीं करता है?
(क) दाब की इकाई
(ख) आयतन की इकाई
(ग) ताप की इकाई
(घ) गैस की प्रकृति
प्रश्न 4: समान ताप और दाब पर, H₂ और O₂ गैसों के समान आयतन में:
(क) H₂ के अणु अधिक होंगे
(ख) O₂ के अणु अधिक होंगे
(ग) दोनों के अणुओं की संख्या समान होगी
(घ) अणुओं की संख्या उनके मोलर द्रव्यमान पर निर्भर करेगी
प्रश्न 5: वास्तविक गैसें आदर्श व्यवहार से विचलन दर्शाती हैं क्योंकि:
(क) उनके अणुओं का आयतन नगण्य नहीं होता
(ख) उनके अणुओं के बीच आकर्षण बल होता है
(ग) (क) और (ख) दोनों
(घ) उनके अणु निरंतर गति में रहते हैं
प्रश्न 6: वैन डर वाल्स समीकरण (P + an²/V²)(V - nb) = nRT में, स्थिरांक 'a' किसका माप है?
(क) अणुओं के आकार का
(ख) अंतराआण्विक आकर्षण बलों का
(ग) औसत गतिज ऊर्जा का
(घ) गैस के दाब का
प्रश्न 7: वह अधिकतम ताप जिसके ऊपर किसी गैस को दाब लगाकर द्रवित नहीं किया जा सकता, कहलाता है:
(क) क्वथनांक
(ख) गलनांक
(ग) क्रांतिक ताप
(घ) त्रिक बिंदु
प्रश्न 8: डाल्टन के आंशिक दाब नियम के अनुसार, किसी गैस का आंशिक दाब बराबर होता है:
(क) कुल दाब / मोल अंश
(ख) मोल अंश × कुल दाब
(ग) कुल दाब + मोल अंश
(घ) कुल दाब - मोल अंश
प्रश्न 9: द्रव की बूंदों का आकार गोलाकार होने का कारण है:
(क) श्यानता
(ख) पृष्ठ तनाव
(ग) वाष्प दाब
(घ) घनत्व
प्रश्न 10: ताप बढ़ाने पर किसी द्रव की श्यानता:
(क) बढ़ती है
(ख) घटती है
(ग) अपरिवर्तित रहती है
(घ) पहले घटती है फिर बढ़ती है
उत्तर कुंजी:
- (ख)
- (ख)
- (घ)
- (ग)
- (ग)
- (ख)
- (ग)
- (ख)
- (ख)
- (ख)
इन नोट्स का अच्छी तरह अध्ययन करें और दिए गए प्रश्नों को हल करने का प्रयास करें। यह आपकी परीक्षा की तैयारी में सहायक होगा। कोई शंका हो तो अवश्य पूछें। शुभकामनाएँ!