Class 11 Chemistry Notes Chapter 8 (Chapter 8) – Lab Manual (Hindi) Book

Lab Manual (Hindi)
चलिए, हम कक्षा 11 रसायन विज्ञान के अध्याय 8, जो सामान्यतः ऊष्मागतिकी (Thermodynamics) से संबंधित होता है, के विस्तृत नोट्स और महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्नों (MCQs) पर ध्यान केंद्रित करते हैं। यह अध्याय सरकारी परीक्षाओं की तैयारी के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें ऊर्जा परिवर्तन और रासायनिक अभिक्रियाओं की दिशा से संबंधित मौलिक सिद्धांत शामिल हैं।

अध्याय 8: ऊष्मागतिकी (Thermodynamics)

परिचय:
ऊष्मागतिकी, भौतिक रसायन विज्ञान की वह शाखा है जो ऊर्जा के विभिन्न रूपों और उनके एक रूप से दूसरे रूप में मात्रात्मक रूपांतरण का अध्ययन करती है। यह विशेष रूप से ऊष्मा और अन्य ऊर्जा रूपों (जैसे यांत्रिक, विद्युत, रासायनिक ऊर्जा) के बीच संबंधों से संबंधित है। यह हमें बताता है कि कोई रासायनिक अभिक्रिया संभव है या नहीं, और किस सीमा तक होगी, लेकिन यह अभिक्रिया की दर के बारे में जानकारी नहीं देती है।

मुख्य अवधारणाएँ एवं परिभाषाएँ:

  1. निकाय (System) एवं परिवेश (Surroundings):

    • निकाय: ब्रह्मांड का वह विशिष्ट भाग जिसका ऊष्मागतिक अध्ययन किया जाता है।
    • परिवेश: निकाय के अतिरिक्त ब्रह्मांड का शेष भाग।
    • परिसीमा (Boundary): वह वास्तविक या काल्पनिक सतह जो निकाय और परिवेश को अलग करती है।
  2. निकाय के प्रकार:

    • खुला निकाय (Open System): ऐसा निकाय जो परिवेश के साथ ऊर्जा और द्रव्यमान दोनों का आदान-प्रदान कर सकता है (उदाहरण: खुले बीकर में गर्म पानी)।
    • बंद निकाय (Closed System): ऐसा निकाय जो परिवेश के साथ केवल ऊर्जा का आदान-प्रदान कर सकता है, द्रव्यमान का नहीं (उदाहरण: बंद फ्लास्क में गर्म पानी)।
    • विलगित निकाय (Isolated System): ऐसा निकाय जो परिवेश के साथ न तो ऊर्जा और न ही द्रव्यमान का आदान-प्रदान कर सकता है (उदाहरण: थर्मस फ्लास्क में रखा गर्म पानी - एक आदर्श स्थिति)।
  3. ऊष्मागतिक गुणधर्म (Thermodynamic Properties):

    • मात्रात्मक या विस्तीर्ण गुणधर्म (Extensive Properties): वे गुणधर्म जो निकाय में उपस्थित पदार्थ की मात्रा पर निर्भर करते हैं (उदाहरण: द्रव्यमान, आयतन, आंतरिक ऊर्जा, एन्थैल्पी, एन्ट्रॉपी, गिब्स ऊर्जा)।
    • मात्रा स्वतंत्र या अविस्तीर्ण गुणधर्म (Intensive Properties): वे गुणधर्म जो निकाय में उपस्थित पदार्थ की मात्रा पर निर्भर नहीं करते हैं (उदाहरण: तापमान, दाब, घनत्व, श्यानता, पृष्ठ तनाव, मोलर गुणधर्म)।
  4. अवस्था फलन (State Function) एवं पथ फलन (Path Function):

    • अवस्था फलन: निकाय का वह गुणधर्म जिसका मान केवल निकाय की वर्तमान अवस्था (जैसे तापमान, दाब, आयतन) पर निर्भर करता है, न कि इस बात पर कि वह अवस्था कैसे प्राप्त की गई है (उदाहरण: आंतरिक ऊर्जा (U), एन्थैल्पी (H), एन्ट्रॉपी (S), गिब्स ऊर्जा (G), दाब (P), आयतन (V), तापमान (T))। अवस्था फलन में परिवर्तन केवल प्रारंभिक और अंतिम अवस्था पर निर्भर करता है (ΔU, ΔH, ΔS, ΔG)।
    • पथ फलन: निकाय का वह गुणधर्म जिसका मान उस पथ पर निर्भर करता है जिसके द्वारा निकाय एक अवस्था से दूसरी अवस्था में परिवर्तित होता है (उदाहरण: कार्य (w), ऊष्मा (q))।
  5. ऊष्मागतिक प्रक्रम (Thermodynamic Processes):

    • समतापी प्रक्रम (Isothermal Process): प्रक्रम के दौरान तापमान स्थिर रहता है (ΔT = 0)।
    • रुद्धोष्म प्रक्रम (Adiabatic Process): प्रक्रम के दौरान निकाय और परिवेश के बीच ऊष्मा का कोई आदान-प्रदान नहीं होता है (q = 0)।
    • समदाबी प्रक्रम (Isobaric Process): प्रक्रम के दौरान दाब स्थिर रहता है (ΔP = 0)।
    • समआयतनिक प्रक्रम (Isochoric Process): प्रक्रम के दौरान आयतन स्थिर रहता है (ΔV = 0)।
    • चक्रीय प्रक्रम (Cyclic Process): विभिन्न अवस्थाओं से गुजरने के बाद निकाय अपनी प्रारंभिक अवस्था में लौट आता है (ΔU = 0, ΔH = 0)।
    • उत्क्रमणीय प्रक्रम (Reversible Process): एक अत्यंत धीमी गति से होने वाला प्रक्रम जिसे किसी भी क्षण विपरीत दिशा में किया जा सकता है। यह एक आदर्श प्रक्रम है।
    • अनुत्क्रमणीय प्रक्रम (Irreversible Process): वे सभी प्रक्रम जो उत्क्रमणीय नहीं हैं। प्रकृति में होने वाले सभी वास्तविक प्रक्रम अनुत्क्रमणीय होते हैं।
  6. आंतरिक ऊर्जा (Internal Energy, U):

    • किसी निकाय में निहित कुल ऊर्जा (गतिज ऊर्जा + स्थितिज ऊर्जा + इलेक्ट्रॉनिक ऊर्जा + नाभिकीय ऊर्जा आदि) उसकी आंतरिक ऊर्जा कहलाती है।
    • यह एक अवस्था फलन और विस्तीर्ण गुणधर्म है।
    • आंतरिक ऊर्जा का परम मान ज्ञात नहीं किया जा सकता, केवल आंतरिक ऊर्जा में परिवर्तन (ΔU) ज्ञात किया जा सकता है। ΔU = U_अंतिम - U_प्रारंभिक।
  7. ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम (First Law of Thermodynamics):

    • इसे ऊर्जा संरक्षण का नियम भी कहते हैं।
    • कथन: "ऊर्जा को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है, इसे केवल एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है।" या "किसी विलगित निकाय की कुल ऊर्जा स्थिर रहती है।"
    • गणितीय रूप: ΔU = q + w
      • ΔU = आंतरिक ऊर्जा में परिवर्तन
      • q = निकाय द्वारा अवशोषित ऊष्मा (+ve) / निकाय द्वारा उत्सर्जित ऊष्मा (-ve)
      • w = निकाय पर किया गया कार्य (+ve) / निकाय द्वारा किया गया कार्य (-ve)
    • चिन्ह परिपाटी (Sign Convention):
      • निकाय को दी गई ऊष्मा (q) = धनात्मक (+)
      • निकाय से ली गई ऊष्मा (q) = ऋणात्मक (-)
      • निकाय पर किया गया कार्य (w) = धनात्मक (+)
      • निकाय द्वारा किया गया कार्य (w) = ऋणात्मक (-)
  8. कार्य (Work, w):

    • मुख्यतः दाब-आयतन कार्य (Pressure-Volume Work) का अध्ययन किया जाता है।
    • अनुत्क्रमणीय प्रक्रम में स्थिर बाह्य दाब (P_ext) के विरुद्ध प्रसार के लिए: w = - P_ext ΔV (जहाँ ΔV = V_अंतिम - V_प्रारंभिक)
    • उत्क्रमणीय समतापी प्रक्रम में गैस के प्रसार के लिए: w_rev = - 2.303 nRT log(V_f / V_i) = - 2.303 nRT log(P_i / P_f)
  9. एन्थैल्पी (Enthalpy, H):

    • स्थिर दाब पर किसी निकाय की कुल ऊष्मा धारिता को एन्थैल्पी कहते हैं।
    • यह एक अवस्था फलन और विस्तीर्ण गुणधर्म है।
    • परिभाषा: H = U + PV
    • स्थिर दाब पर एन्थैल्पी में परिवर्तन (ΔH) निकाय द्वारा अवशोषित या उत्सर्जित ऊष्मा (q_p) के बराबर होता है: ΔH = q_p
    • ΔH और ΔU में संबंध: ΔH = ΔU + Δ(PV)
      • ठोसों और द्रवों के लिए: ΔH ≈ ΔU (क्योंकि Δ(PV) नगण्य होता है)
      • गैसों के लिए (स्थिर ताप और दाब पर): ΔH = ΔU + Δn_g RT (जहाँ Δn_g = गैसीय उत्पादों के मोलों की संख्या - गैसीय अभिकारकों के मोलों की संख्या)
    • ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया (Exothermic Reaction): ऊष्मा उत्सर्जित होती है, ΔH = ऋणात्मक (-ve)।
    • ऊष्माशोषी अभिक्रिया (Endothermic Reaction): ऊष्मा अवशोषित होती है, ΔH = धनात्मक (+ve)।
  10. विभिन्न प्रकार की अभिक्रिया एन्थैल्पी:

    • मानक विरचन एन्थैल्पी (Standard Enthalpy of Formation, Δ_f H°): 1 मोल यौगिक का उसके तत्वों से उनकी मानक अवस्था (298 K, 1 bar दाब) में बनने पर होने वाला एन्थैल्पी परिवर्तन। मानक अवस्था में तत्वों की विरचन एन्थैल्पी शून्य मानी जाती है।
    • मानक दहन एन्थैल्पी (Standard Enthalpy of Combustion, Δ_c H°): 1 मोल पदार्थ का मानक अवस्था में ऑक्सीजन की अधिकता में पूर्ण दहन होने पर होने वाला एन्थैल्पी परिवर्तन। यह सदैव ऋणात्मक होता है।
    • कणन एन्थैल्पी (Enthalpy of Atomization, Δ_a H°): 1 मोल पदार्थ को उसके गैसीय परमाणुओं में तोड़ने के लिए आवश्यक एन्थैल्पी परिवर्तन।
    • आबंध वियोजन एन्थैल्पी (Bond Dissociation Enthalpy): गैसीय अवस्था में किसी विशेष प्रकार के 1 मोल सहसंयोजी आबंधों को तोड़ने के लिए आवश्यक ऊर्जा।
    • विलयन एन्थैल्पी (Enthalpy of Solution, Δ_sol H°): 1 मोल पदार्थ को विलायक की निश्चित मात्रा में घोलने पर होने वाला एन्थैल्पी परिवर्तन।
    • उदासीनीकरण एन्थैल्पी (Enthalpy of Neutralization, Δ_neut H°): तनु विलयन में 1 ग्राम-तुल्यांक अम्ल का 1 ग्राम-तुल्यांक क्षार द्वारा पूर्ण उदासीनीकरण होने पर होने वाला एन्थैल्पी परिवर्तन। प्रबल अम्ल और प्रबल क्षार के लिए इसका मान स्थिर (-57.1 kJ/mol) होता है।
  11. हेस का नियम (Hess's Law of Constant Heat Summation):

    • यदि कोई रासायनिक अभिक्रिया एक या अधिक पदों में होती है, तो अभिक्रिया की कुल एन्थैल्पी परिवर्तन समान रहता है, चाहे अभिक्रिया एक पद में हो या कई पदों में।
    • यह नियम ऊर्जा संरक्षण पर आधारित है और इसका उपयोग उन अभिक्रियाओं की एन्थैल्पी ज्ञात करने में होता है जिन्हें सीधे मापा नहीं जा सकता।
    • Δ_r H° = Σ (उत्पादों की मानक विरचन एन्थैल्पी) - Σ (अभिकारकों की मानक विरचन एन्थैल्पी)
  12. स्वतःप्रवर्तिता (Spontaneity):

    • वह प्रक्रम जो बिना किसी बाह्य सहायता के स्वयं हो सकता है, स्वतःप्रवर्तित प्रक्रम कहलाता है।
    • ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम प्रक्रम की दिशा या स्वतःप्रवर्तिता के बारे में नहीं बताता।
  13. एन्ट्रॉपी (Entropy, S):

    • किसी निकाय की अव्यवस्था (randomness) या यादृच्छिकता (disorder) की माप एन्ट्रॉपी कहलाती है।
    • यह एक अवस्था फलन और विस्तीर्ण गुणधर्म है।
    • अव्यवस्था बढ़ने पर एन्ट्रॉपी बढ़ती है (ΔS = धनात्मक)।
    • ठोस < द्रव < गैस (एन्ट्रॉपी का क्रम)।
    • तापमान बढ़ाने पर एन्ट्रॉपी बढ़ती है।
    • गैसों के मोलों की संख्या बढ़ने पर एन्ट्रॉपी बढ़ती है।
  14. ऊष्मागतिकी का द्वितीय नियम (Second Law of Thermodynamics):

    • किसी स्वतःप्रवर्तित प्रक्रम के लिए ब्रह्मांड (निकाय + परिवेश) की कुल एन्ट्रॉपी हमेशा बढ़ती है।
    • ΔS_कुल = ΔS_निकाय + ΔS_परिवेश > 0 (स्वतःप्रवर्तित प्रक्रम के लिए)
    • साम्यावस्था पर, ΔS_कुल = 0।
  15. गिब्स मुक्त ऊर्जा (Gibbs Free Energy, G):

    • यह एक ऊष्मागतिक विभव है जो स्थिर ताप और दाब पर किसी निकाय द्वारा किए जा सकने वाले उपयोगी (गैर-प्रसार) कार्य की अधिकतम मात्रा को मापता है।
    • यह एक अवस्था फलन और विस्तीर्ण गुणधर्म है।
    • परिभाषा: G = H - TS
    • गिब्स ऊर्जा में परिवर्तन (स्थिर ताप पर): ΔG = ΔH - TΔS
    • ΔG और स्वतःप्रवर्तिता:
      • यदि ΔG < 0 (ऋणात्मक): प्रक्रम स्वतःप्रवर्तित होगा।
      • यदि ΔG > 0 (धनात्मक): प्रक्रम अस्वतःप्रवर्तित होगा (विपरीत दिशा में स्वतःप्रवर्तित होगा)।
      • यदि ΔG = 0: प्रक्रम साम्यावस्था में होगा।
  16. तापमान का स्वतःप्रवर्तिता पर प्रभाव:

    • ΔH (-ve), ΔS (+ve): ΔG हमेशा (-ve), सभी ताप पर स्वतःप्रवर्तित।
    • ΔH (+ve), ΔS (-ve): ΔG हमेशा (+ve), सभी ताप पर अस्वतःप्रवर्तित।
    • ΔH (-ve), ΔS (-ve): निम्न ताप पर स्वतःप्रवर्तित (जब |TΔS| < |ΔH|)।
    • ΔH (+ve), ΔS (+ve): उच्च ताप पर स्वतःप्रवर्तित (जब TΔS > ΔH)।
  17. ऊष्मागतिकी का तृतीय नियम (Third Law of Thermodynamics):

    • परम शून्य ताप (0 K) पर किसी पूर्ण क्रिस्टलीय ठोस की एन्ट्रॉपी शून्य होती है।

सरकारी परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण बिंदु:

  • सभी नियमों (प्रथम, द्वितीय, तृतीय, हेस) के कथन और गणितीय रूप।
  • ΔU, ΔH, ΔS, ΔG की परिभाषाएँ, इकाइयाँ और उनके बीच संबंध (विशेषकर ΔH = ΔU + Δn_g RT और ΔG = ΔH - TΔS)।
  • चिन्ह परिपाटी (q, w, ΔH, ΔS, ΔG)।
  • अवस्था फलन और पथ फलन के उदाहरण।
  • विस्तीर्ण और अविस्तीर्ण गुणधर्म के उदाहरण।
  • स्वतःप्रवर्तिता के लिए ΔG की कसौटी।
  • विभिन्न प्रकार की एन्थैल्पी (विशेषकर विरचन, दहन, उदासीनीकरण)।
  • हेस के नियम पर आधारित आंकिक प्रश्न।

अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs):

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा एक विस्तीर्ण गुणधर्म (Extensive Property) है?
(a) तापमान
(b) घनत्व
(c) आयतन
(d) दाब

प्रश्न 2: ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम का गणितीय रूप क्या है?
(a) ΔH = ΔU + PΔV
(b) ΔG = ΔH - TΔS
(c) ΔU = q + w
(d) PV = nRT

प्रश्न 3: एक विलगित निकाय (Isolated System) के लिए, निम्नलिखित में से कौन सा सत्य है?
(a) ऊर्जा का आदान-प्रदान होता है, द्रव्यमान का नहीं
(b) द्रव्यमान का आदान-प्रदान होता है, ऊर्जा का नहीं
(c) ऊर्जा और द्रव्यमान दोनों का आदान-प्रदान होता है
(d) न तो ऊर्जा और न ही द्रव्यमान का आदान-प्रदान होता है

प्रश्न 4: स्थिर दाब पर निकाय द्वारा अवशोषित या उत्सर्जित ऊष्मा कहलाती है:
(a) आंतरिक ऊर्जा परिवर्तन (ΔU)
(b) एन्थैल्पी परिवर्तन (ΔH)
(c) एन्ट्रॉपी परिवर्तन (ΔS)
(d) गिब्स ऊर्जा परिवर्तन (ΔG)

प्रश्न 5: किसी स्वतःप्रवर्तित प्रक्रम के लिए, गिब्स मुक्त ऊर्जा परिवर्तन (ΔG) का मान होता है:
(a) शून्य
(b) धनात्मक
(c) ऋणात्मक
(d) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन सा एक अवस्था फलन (State Function) नहीं है?
(a) आंतरिक ऊर्जा (U)
(b) एन्थैल्पी (H)
(c) कार्य (w)
(d) एन्ट्रॉपी (S)

प्रश्न 7: समीकरण ΔH = ΔU + Δn_g RT में, Δn_g का अर्थ है:
(a) कुल मोलों में परिवर्तन
(b) गैसीय उत्पादों के मोल - गैसीय अभिकारकों के मोल
(c) द्रव उत्पादों के मोल - द्रव अभिकारकों के मोल
(d) ठोस उत्पादों के मोल - ठोस अभिकारकों के मोल

प्रश्न 8: हेस का नियम किस संरक्षण नियम पर आधारित है?
(a) द्रव्यमान संरक्षण
(b) ऊर्जा संरक्षण
(c) संवेग संरक्षण
(d) आवेश संरक्षण

प्रश्न 9: किसी पदार्थ की अव्यवस्था की माप क्या कहलाती है?
(a) एन्थैल्पी
(b) एन्ट्रॉपी
(c) आंतरिक ऊर्जा
(d) गिब्स ऊर्जा

प्रश्न 10: प्रबल अम्ल और प्रबल क्षार की उदासीनीकरण एन्थैल्पी का मान लगभग होता है:
(a) -57.1 kJ/mol
(b) +57.1 kJ/mol
(c) -13.7 kJ/mol
(d) +13.7 kJ/mol


उत्तरमाला:

  1. (c) आयतन
  2. (c) ΔU = q + w
  3. (d) न तो ऊर्जा और न ही द्रव्यमान का आदान-प्रदान होता है
  4. (b) एन्थैल्पी परिवर्तन (ΔH)
  5. (c) ऋणात्मक
  6. (c) कार्य (w)
  7. (b) गैसीय उत्पादों के मोल - गैसीय अभिकारकों के मोल
  8. (b) ऊर्जा संरक्षण
  9. (b) एन्ट्रॉपी
  10. (a) -57.1 kJ/mol

इन नोट्स और MCQs का अच्छी तरह से अध्ययन करें। ऊष्मागतिकी के सिद्धांतों और सूत्रों को समझना सरकारी परीक्षाओं में रसायन विज्ञान के प्रश्नों को हल करने में बहुत सहायक होगा। शुभकामनाएँ!

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