Class 11 Economics Notes Chapter 10 (भारत और उसके पड़ोसी देशों के तुलनात्मक विकास अनुभव) – Bharatiya Arthvyavstha ka Vikas Book

प्रिय विद्यार्थियों,
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में अध्याय 10 'भारत और उसके पड़ोसी देशों के तुलनात्मक विकास अनुभव' अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह अध्याय आपको न केवल भारत के विकास पथ को समझने में मदद करेगा, बल्कि हमारे प्रमुख पड़ोसी देशों, विशेषकर चीन और पाकिस्तान, के साथ तुलनात्मक अध्ययन के माध्यम से गहरी अंतर्दृष्टि भी प्रदान करेगा। यहाँ इस अध्याय के विस्तृत नोट्स और बहुविकल्पीय प्रश्न दिए गए हैं, जो आपकी तैयारी को सुदृढ़ करेंगे।
अध्याय 10: भारत और उसके पड़ोसी देशों के तुलनात्मक विकास अनुभव
विस्तृत नोट्स
1. परिचय
- भारत, पाकिस्तान और चीन ने लगभग एक ही समय में अपना विकास पथ शुरू किया था। भारत और पाकिस्तान को 1947 में स्वतंत्रता मिली, जबकि चीन ने 1949 में जनवादी गणराज्य की स्थापना की।
- तीनों देशों ने विकास के लिए समान रणनीति अपनाई, जैसे पंचवर्षीय योजनाएँ और सार्वजनिक क्षेत्र पर निर्भरता।
- यह अध्याय इन तीनों देशों के विकास अनुभवों, उनकी नीतियों और प्रमुख आर्थिक एवं मानव विकास संकेतकों की तुलना करता है।
2. विकास पथ का अवलोकन
अ. भारत
- स्वतंत्रता के बाद (1947): भारत ने 'मिश्रित अर्थव्यवस्था' मॉडल अपनाया, जिसमें सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों की भूमिका थी।
- पंचवर्षीय योजनाएँ: 1951 में पहली पंचवर्षीय योजना शुरू की गई, जिसका उद्देश्य कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र में संतुलित विकास प्राप्त करना था।
- सार्वजनिक क्षेत्र का प्रभुत्व: शुरुआती दशकों में भारी उद्योगों और बुनियादी ढाँचे के विकास में सार्वजनिक क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
- हरित क्रांति: 1960 के दशक में कृषि में उच्च उपज वाली किस्मों (HYV) के बीजों के प्रयोग से खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि हुई।
- आर्थिक सुधार (1991): भुगतान संतुलन संकट के बाद, भारत ने नई आर्थिक नीति (उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण - LPG) अपनाई, जिससे अर्थव्यवस्था को खोलने और निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया।
ब. पाकिस्तान
- स्वतंत्रता के बाद (1947): पाकिस्तान ने भी मिश्रित अर्थव्यवस्था का मॉडल अपनाया, लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र का प्रभुत्व अधिक रहा।
- पंचवर्षीय योजनाएँ: पाकिस्तान ने 1950 के दशक के अंत में पंचवर्षीय योजनाएँ शुरू कीं।
- हरित क्रांति: 1960 के दशक में पाकिस्तान में भी हरित क्रांति का प्रभाव देखा गया, जिससे खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि हुई।
- सार्वजनिक क्षेत्र का विस्तार: 1970 के दशक में पूंजीगत वस्तुओं के उद्योगों का राष्ट्रीयकरण किया गया।
- आर्थिक सुधार (1980 के दशक): 1980 के दशक में सुधारों की शुरुआत हुई, जिसमें निजी क्षेत्र को बढ़ावा दिया गया।
- प्रेषण (Remittances): खाड़ी देशों में काम करने वाले पाकिस्तानी प्रवासियों द्वारा भेजे गए प्रेषण (विदेशी मुद्रा) अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण रहे हैं।
- राजनीतिक अस्थिरता: पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता और रक्षा व्यय का उच्च स्तर आर्थिक विकास में बाधा बना रहा है।
स. चीन
- जनवादी गणराज्य की स्थापना (1949): चीन ने सोवियत संघ के मॉडल पर आधारित केंद्रीकृत योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था अपनाई। सभी महत्वपूर्ण निर्णय सरकार द्वारा लिए जाते थे।
- महान छलांग आगे (Great Leap Forward - GLF) अभियान (1958): इसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर औद्योगीकरण करना था, जिसमें लोगों को अपने पिछवाड़े में औद्योगिक इकाइयाँ स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। यह अभियान विफल रहा, जिससे अकाल पड़ा।
- महान सर्वहारा सांस्कृतिक क्रांति (Great Proletarian Cultural Revolution) (1966-1976): माओ के नेतृत्व में यह अभियान छात्रों और विशेषज्ञों को ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने और अध्ययन करने के लिए भेजने पर केंद्रित था।
- आर्थिक सुधार (1978): चीन ने 1978 में व्यापक आर्थिक सुधारों की शुरुआत की।
- कृषि सुधार: कृषि में सामूहिकीकरण समाप्त किया गया और व्यक्तिगत किसानों को भूमि के छोटे टुकड़ों पर खेती करने की अनुमति दी गई (लीज पर), जिससे उत्पादन बढ़ा।
- उद्योग सुधार: धीरे-धीरे निजी उद्यमों को अनुमति दी गई। 'दोहरी मूल्य निर्धारण' प्रणाली अपनाई गई (किसानों और औद्योगिक इकाइयों को एक निश्चित मात्रा में इनपुट और आउटपुट सरकारी कीमतों पर खरीदने और बेचने की अनुमति दी गई, और शेष बाजार कीमतों पर)।
- विशेष आर्थिक क्षेत्र (Special Economic Zones - SEZs): विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए SEZs स्थापित किए गए।
- 'एक बच्चा नीति' (1979): जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए लागू की गई, जिससे लिंगानुपात में असंतुलन पैदा हुआ।
3. जनसांख्यिकीय संकेतक (Demographic Indicators)
| संकेतक | भारत (2017-18) | चीन (2017-18) | पाकिस्तान (2017-18) |
|---|---|---|---|
| अनुमानित जनसंख्या (करोड़) | 135.2 | 139.2 | 21.2 |
| जनसंख्या घनत्व (प्रति वर्ग किमी) | 455 | 148 | 275 |
| लिंगानुपात (प्रति 1000 पुरुष) | 924 | 949 | 943 |
| शहरीकरण का स्तर (%) | 34 | 59 | 37 |
| जनसंख्या वृद्धि दर (%) | 1.0 | 0.5 | 2.1 |
- जनसंख्या: चीन की जनसंख्या सबसे अधिक है, उसके बाद भारत और पाकिस्तान का स्थान है।
- जनसंख्या घनत्व: भारत का जनसंख्या घनत्व चीन और पाकिस्तान से काफी अधिक है।
- लिंगानुपात: चीन में 'एक बच्चा नीति' के कारण लिंगानुपात में असंतुलन (पुरुषों की संख्या अधिक) देखा गया है। भारत और पाकिस्तान में भी यह चिंता का विषय है।
- शहरीकरण: चीन में शहरीकरण का स्तर भारत और पाकिस्तान से काफी अधिक है, जो उसके तीव्र औद्योगीकरण को दर्शाता है।
- जनसंख्या वृद्धि: पाकिस्तान में जनसंख्या वृद्धि दर सबसे अधिक है, जबकि चीन में 'एक बच्चा नीति' के कारण सबसे कम है।
4. सकल घरेलू उत्पाद (GDP) और क्षेत्रीय हिस्सेदारी
| संकेतक | भारत (2017-18) | चीन (2017-18) | पाकिस्तान (2017-18) |
|---|---|---|---|
| GDP (बिलियन अमेरिकी डॉलर, PPP) | 9,675 | 25,270 | 1,060 |
| प्रति व्यक्ति GDP (अमेरिकी डॉलर, PPP) | 7,170 | 18,110 | 5,160 |
| क्षेत्रीय हिस्सेदारी (%) | |||
| कृषि | 16 | 7 | 24 |
| उद्योग | 30 | 41 | 19 |
| सेवाएँ | 54 | 52 | 57 |
- GDP का आकार: चीन की अर्थव्यवस्था (PPP के संदर्भ में) भारत और पाकिस्तान से काफी बड़ी है।
- प्रति व्यक्ति GDP: चीन की प्रति व्यक्ति GDP भारत और पाकिस्तान दोनों से काफी अधिक है, जो बेहतर जीवन स्तर को दर्शाता है।
- क्षेत्रीय संरचना:
- कृषि: पाकिस्तान में कृषि का GDP में हिस्सा सबसे अधिक है, जबकि चीन में सबसे कम। भारत में यह मध्यम स्तर पर है।
- उद्योग: चीन में उद्योग का GDP में हिस्सा सबसे अधिक है, जो उसके तीव्र औद्योगीकरण को दर्शाता है।
- सेवाएँ: भारत और पाकिस्तान में सेवा क्षेत्र का योगदान सबसे अधिक है, जो विकास के एक अलग पैटर्न को दर्शाता है।
- संरचनात्मक परिवर्तन: चीन में कृषि से उद्योग और सेवाओं की ओर संक्रमण बहुत तेजी से हुआ है। भारत में सेवा क्षेत्र का विकास तेजी से हुआ है, जबकि पाकिस्तान अभी भी काफी हद तक कृषि पर निर्भर है।
5. मानव विकास संकेतक (Human Development Indicators - HDI)
| संकेतक | भारत (2017-18) | चीन (2017-18) | पाकिस्तान (2017-18) |
|---|---|---|---|
| मानव विकास सूचकांक (HDI) मूल्य | 0.640 | 0.758 | 0.560 |
| HDI रैंक (कुल 189 देशों में) | 130 | 86 | 150 |
| जीवन प्रत्याशा (वर्ष) | 68.8 | 76.4 | 67.1 |
| वयस्क साक्षरता दर (%) | 74.4 | 96.4 | 58.5 |
| शिशु मृत्यु दर (प्रति 1000 जीवित जन्म) | 30 | 7 | 61 |
| मातृ मृत्यु दर (प्रति 1 लाख जीवित जन्म) | 122 | 27 | 178 |
| गरीबी रेखा से नीचे (%) | 21.9 | 1.7 | 24.3 |
- HDI: चीन का HDI मूल्य और रैंक भारत और पाकिस्तान दोनों से काफी बेहतर है, जो उसके मानव विकास में महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है।
- जीवन प्रत्याशा: चीन में जीवन प्रत्याशा सबसे अधिक है, जो बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं और पोषण को दर्शाता है।
- साक्षरता दर: चीन में वयस्क साक्षरता दर सबसे अधिक है, जो शिक्षा में उसके निवेश को दर्शाता है।
- शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर: चीन में ये दरें सबसे कम हैं, जो बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का संकेत है। पाकिस्तान में ये दरें सबसे अधिक हैं।
- गरीबी: चीन ने गरीबी उन्मूलन में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है, जबकि भारत और पाकिस्तान में अभी भी बड़ी आबादी गरीबी रेखा से नीचे है।
6. विकास रणनीतियों का मूल्यांकन
अ. चीन की सफलता के कारण:
- केंद्रीकृत योजना और बाद में बाजार सुधार: शुरुआती केंद्रीकृत योजना ने बुनियादी ढाँचा तैयार किया, और 1978 के सुधारों ने बाजार की शक्तियों का लाभ उठाया।
- कृषि सुधार: कृषि में विकेंद्रीकरण और व्यक्तिगत खेती को प्रोत्साहन ने उत्पादन में भारी वृद्धि की।
- मानव पूंजी में निवेश: शिक्षा और स्वास्थ्य पर शुरुआती निवेश ने कुशल कार्यबल तैयार किया।
- निर्यात-उन्मुख रणनीति: विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZs) के माध्यम से विदेशी निवेश को आकर्षित किया और निर्यात को बढ़ावा दिया।
- छोटे उद्योगों का विकास: ग्रामीण उद्योगों (टाउनशिप एंड विलेज एंटरप्राइजेज - TVEs) ने रोजगार सृजन और ग्रामीण आय में वृद्धि की।
ब. पाकिस्तान की समस्याओं के कारण:
- राजनीतिक अस्थिरता और रक्षा व्यय: बार-बार सरकारों में बदलाव और उच्च रक्षा व्यय ने आर्थिक विकास के लिए संसाधनों को सीमित किया।
- कृषि क्षेत्र में असमानता: भूमि सुधारों की कमी और कुछ बड़े भूस्वामियों का प्रभुत्व।
- विदेशी ऋण पर निर्भरता: विदेशी सहायता और ऋण पर अत्यधिक निर्भरता।
- औद्योगिक क्षेत्र का खराब प्रदर्शन: सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों की अक्षमता।
- मानव विकास में अपर्याप्त निवेश: शिक्षा और स्वास्थ्य पर कम खर्च।
स. भारत की चुनौतियाँ:
- बड़ी जनसंख्या: विशाल जनसंख्या के लिए पर्याप्त संसाधन और रोजगार सृजन एक चुनौती है।
- बुनियादी ढाँचे की कमी: ऊर्जा, परिवहन और संचार में पर्याप्त बुनियादी ढाँचे का अभाव।
- गरीबी और असमानता: आय और संपत्ति का असमान वितरण।
- कृषि पर निर्भरता: अभी भी एक बड़ी आबादी कृषि पर निर्भर है, जहाँ उत्पादकता कम है।
- सामाजिक क्षेत्र में अपर्याप्त निवेश: शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार की आवश्यकता।
7. निष्कर्ष
- तीनों देशों ने अपने विकास पथ में अलग-अलग रणनीतियाँ अपनाईं और अलग-अलग परिणाम प्राप्त किए।
- चीन ने आर्थिक विकास और मानव विकास संकेतकों दोनों में सबसे प्रभावशाली प्रगति की है।
- भारत ने सेवा क्षेत्र में मजबूत वृद्धि दिखाई है, लेकिन मानव विकास और गरीबी उन्मूलन में अभी भी चुनौतियाँ हैं।
- पाकिस्तान राजनीतिक अस्थिरता, उच्च रक्षा व्यय और मानव विकास में अपर्याप्त निवेश के कारण पिछड़ गया है।
- तीनों देशों को सतत और समावेशी विकास के लिए अपनी नीतियों पर लगातार काम करने की आवश्यकता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
-
चीन ने जनवादी गणराज्य की स्थापना किस वर्ष की थी?
क) 1947
ख) 1949
ग) 1951
घ) 1958 -
चीन में 'महान छलांग आगे' (Great Leap Forward) अभियान किस वर्ष शुरू किया गया था?
क) 1949
ख) 1958
ग) 1966
घ) 1978 -
भारत में आर्थिक सुधारों की शुरुआत किस वर्ष हुई थी?
क) 1978
ख) 1980
ग) 1991
घ) 2000 -
'एक बच्चा नीति' किस देश से संबंधित है?
क) भारत
ख) पाकिस्तान
ग) चीन
घ) बांग्लादेश -
मानव विकास सूचकांक (HDI) के अनुसार, 2017-18 में तीनों देशों में से किस देश का प्रदर्शन सबसे अच्छा था?
क) भारत
ख) चीन
ग) पाकिस्तान
घ) तीनों का समान -
2017-18 के आँकड़ों के अनुसार, किस देश में जनसंख्या वृद्धि दर सबसे अधिक थी?
क) भारत
ख) चीन
ग) पाकिस्तान
घ) श्रीलंका -
PPP (क्रय शक्ति समता) के संदर्भ में, 2017-18 में किस देश की प्रति व्यक्ति GDP सबसे अधिक थी?
क) भारत
ख) चीन
ग) पाकिस्तान
घ) नेपाल -
चीन में आर्थिक सुधारों की शुरुआत में कृषि क्षेत्र में क्या बदलाव किए गए थे?
क) सामूहिकीकरण को बढ़ावा दिया गया
ख) व्यक्तिगत किसानों को भूमि लीज पर दी गई
ग) कृषि पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाया गया
घ) कृषि क्षेत्र को पूरी तरह से निजी हाथों में सौंप दिया गया -
निम्नलिखित में से कौन सा कारक पाकिस्तान के आर्थिक विकास में बाधा नहीं रहा है?
क) राजनीतिक अस्थिरता
ख) उच्च रक्षा व्यय
ग) मानव विकास में पर्याप्त निवेश
घ) विदेशी ऋण पर निर्भरता -
2017-18 के आँकड़ों के अनुसार, किस देश में शहरीकरण का स्तर सबसे अधिक था?
क) भारत
ख) चीन
ग) पाकिस्तान
घ) बांग्लादेश
उत्तरमाला:
- ख) 1949
- ख) 1958
- ग) 1991
- ग) चीन
- ख) चीन
- ग) पाकिस्तान
- ख) चीन
- ख) व्यक्तिगत किसानों को भूमि लीज पर दी गई
- ग) मानव विकास में पर्याप्त निवेश (यह बाधा रहा है, प्रश्न में 'बाधा नहीं रहा है' पूछा गया है, अतः यह सही विकल्प है क्योंकि यह कथन गलत है)
- ख) चीन
मुझे आशा है कि यह विस्तृत नोट्स और बहुविकल्पीय प्रश्न आपकी परीक्षा की तैयारी में सहायक सिद्ध होंगे। अपनी पढ़ाई को जारी रखें और किसी भी संदेह के लिए पूछने में संकोच न करें। शुभकामनाएँ!