Class 11 Economics Notes Chapter 8 (आधारीक संरचना) – Bharatiya Arthvyavstha ka Vikas Book

Bharatiya Arthvyavstha ka Vikas
प्रिय विद्यार्थियों,

आज हम कक्षा 11 की अर्थशास्त्र की पाठ्यपुस्तक 'भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास' के अत्यंत महत्वपूर्ण अध्याय 'आधारीक संरचना' का विस्तृत अध्ययन करेंगे। यह अध्याय न केवल आपकी बोर्ड परीक्षाओं के लिए बल्कि विभिन्न सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी अत्यंत प्रासंगिक है। इस अध्याय से सीधे प्रश्न पूछे जाते हैं, अतः प्रत्येक बिंदु को ध्यानपूर्वक समझना आवश्यक है।


अध्याय 8: आधारीक संरचना (Infrastructure)

1. परिचय (Introduction)

आधारीक संरचना से तात्पर्य उन सहायक सेवाओं और सुविधाओं से है जो किसी देश के आर्थिक विकास और लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए आवश्यक होती हैं। ये सेवाएँ प्रत्यक्ष रूप से वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन में सहायक नहीं होतीं, लेकिन उत्पादन के लिए एक सहायक वातावरण का निर्माण करती हैं।

उदाहरण: ऊर्जा, परिवहन, संचार, स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास, पेयजल और स्वच्छता।

2. आधारीक संरचना का महत्व (Importance of Infrastructure)

आधारीक संरचना किसी देश के आर्थिक विकास की रीढ़ होती है। इसका महत्व निम्नलिखित बिंदुओं से स्पष्ट होता है:

  • आर्थिक विकास का आधार: यह कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्रों के विकास के लिए आवश्यक नींव प्रदान करती है।
  • उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि: बेहतर परिवहन और ऊर्जा से उत्पादन लागत कम होती है और उत्पादकता बढ़ती है।
  • निवेश को आकर्षित करना: अच्छी आधारीक संरचना घरेलू और विदेशी निवेश को आकर्षित करती है।
  • रोजगार सृजन: आधारीक संरचना परियोजनाओं के निर्माण और संचालन से रोजगार के अवसर पैदा होते हैं।
  • जीवन की गुणवत्ता में सुधार: स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल और स्वच्छता जैसी सामाजिक आधारीक संरचना लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाती है।
  • क्षेत्रीय असमानताओं को कम करना: दूरदराज के क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़कर क्षेत्रीय असंतुलन को कम करने में मदद करती है।
  • अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा: कुशल बंदरगाह, हवाई अड्डे और संचार प्रणाली अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुगम बनाती है।

3. आधारीक संरचना के प्रकार (Types of Infrastructure)

आधारीक संरचना को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा जा सकता है:

अ. आर्थिक आधारीक संरचना (Economic Infrastructure):
ये वे सेवाएँ हैं जो सीधे आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित करती हैं और उत्पादन तथा वितरण में सहायक होती हैं।

  • ऊर्जा (Energy): विद्युत, कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस।
  • परिवहन (Transport): सड़कें, रेलवे, बंदरगाह, हवाई अड्डे।
  • संचार (Communication): टेलीकॉम, इंटरनेट, डाक सेवाएँ।
  • सिंचाई (Irrigation): नहरें, बांध।

ब. सामाजिक आधारीक संरचना (Social Infrastructure):
ये वे सेवाएँ हैं जो मानव संसाधन के विकास और जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए महत्वपूर्ण हैं।

  • स्वास्थ्य (Health): अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्र, चिकित्सा शिक्षा।
  • शिक्षा (Education): स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, व्यावसायिक प्रशिक्षण।
  • आवास (Housing): शहरी और ग्रामीण आवास योजनाएँ।
  • पेयजल और स्वच्छता (Drinking Water & Sanitation): स्वच्छ जल की आपूर्ति, सीवरेज सिस्टम।

4. भारत में आधारीक संरचना की स्थिति (Status of Infrastructure in India)

स्वतंत्रता के बाद से भारत ने आधारीक संरचना के विकास में महत्वपूर्ण प्रगति की है, लेकिन अभी भी कई चुनौतियाँ मौजूद हैं।

  • ग्रामीण-शहरी अंतर: शहरी क्षेत्रों में आधारीक संरचना ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में काफी बेहतर है।
  • गुणवत्ता और उपलब्धता: कई क्षेत्रों में आधारीक संरचना की गुणवत्ता और उपलब्धता वैश्विक मानकों से कम है।
  • अपर्याप्त निवेश: आधारीक संरचना में आवश्यक निवेश की कमी बनी हुई है।

5. ऊर्जा (Energy)

ऊर्जा आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण आधारीक संरचना है। यह कृषि, उद्योग, परिवहन और घरेलू उपयोग के लिए आवश्यक है।

अ. ऊर्जा के स्रोत (Sources of Energy):

  1. परंपरागत स्रोत (Conventional Sources):
    • तापीय ऊर्जा (Thermal Power): कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस से उत्पन्न। भारत में विद्युत उत्पादन का सबसे बड़ा स्रोत (लगभग 60-70%)।
    • जलविद्युत (Hydro Power): नदियों पर बांध बनाकर उत्पन्न। यह एक स्वच्छ और नवीकरणीय स्रोत है।
    • परमाणु ऊर्जा (Nuclear Power): यूरेनियम और थोरियम जैसे रेडियोधर्मी तत्वों से उत्पन्न।
  2. गैर-परंपरागत स्रोत (Non-Conventional Sources):
    • सौर ऊर्जा (Solar Energy): सूर्य के प्रकाश से उत्पन्न। भारत में इसकी अपार संभावनाएँ हैं।
    • पवन ऊर्जा (Wind Energy): पवन चक्कियों द्वारा उत्पन्न।
    • बायोमास ऊर्जा (Biomass Energy): जैविक पदार्थों (कृषि अपशिष्ट, पशु गोबर) से उत्पन्न।
    • भूतापीय ऊर्जा (Geothermal Energy): पृथ्वी की आंतरिक गर्मी से उत्पन्न।
    • ज्वारीय ऊर्जा (Tidal Energy): समुद्र की लहरों से उत्पन्न।

ब. भारत में ऊर्जा क्षेत्र की चुनौतियाँ (Challenges in India's Energy Sector):

  • मांग-आपूर्ति अंतर: बढ़ती हुई मांग के मुकाबले ऊर्जा की आपूर्ति अपर्याप्त है।
  • संचरण और वितरण में नुकसान: विद्युत के संचरण और वितरण में भारी नुकसान (तकनीकी और गैर-तकनीकी) होता है।
  • प्रदूषण: कोयले पर अत्यधिक निर्भरता से वायु प्रदूषण बढ़ता है।
  • वित्तीय घाटा: राज्य विद्युत बोर्डों का वित्तीय घाटा।
  • ग्रामीण विद्युतीकरण: सभी ग्रामीण घरों तक बिजली पहुँचाना अभी भी एक चुनौती है।

स. सरकारी पहलें (Government Initiatives):

  • राष्ट्रीय सौर मिशन: सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए।
  • उदय (UDAY - Ujjwal Discom Assurance Yojana): विद्युत वितरण कंपनियों के वित्तीय पुनरुद्धार के लिए।
  • सौभाग्य योजना (Saubhagya Scheme): ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सभी घरों को विद्युतीकरण प्रदान करने के लिए।

6. स्वास्थ्य (Health)

स्वास्थ्य मानव पूंजी निर्माण और जीवन की गुणवत्ता के लिए एक महत्वपूर्ण सामाजिक आधारीक संरचना है।

अ. भारत में स्वास्थ्य प्रणाली (Health System in India):
भारत में स्वास्थ्य सेवाएँ सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों द्वारा प्रदान की जाती हैं।

  • सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएँ:
    • त्रि-स्तरीय प्रणाली:
      • प्राथमिक स्तर (Primary Level): ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) और उप-केंद्र।
      • द्वितीयक स्तर (Secondary Level): जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC)।
      • तृतीयक स्तर (Tertiary Level): बड़े शहरों में विशेष अस्पताल और मेडिकल कॉलेज।
    • आयुष (AYUSH): आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी जैसी पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को बढ़ावा देना।
  • निजी स्वास्थ्य सेवाएँ: शहरी क्षेत्रों में निजी अस्पताल, क्लीनिक और नर्सिंग होम तेजी से बढ़ रहे हैं।

ब. स्वास्थ्य संकेतकों की स्थिति (Status of Health Indicators):

  • जीवन प्रत्याशा (Life Expectancy): स्वतंत्रता के बाद इसमें उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
  • शिशु मृत्यु दर (Infant Mortality Rate - IMR): इसमें भी कमी आई है, लेकिन अभी भी विकसित देशों से अधिक है।
  • जन्म दर और मृत्यु दर: दोनों में कमी आई है।
  • ग्रामीण-शहरी असमानता: ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और डॉक्टरों की अनुपलब्धता एक बड़ी समस्या है।
  • अमीर-गरीब असमानता: गरीब लोग गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँचने में कठिनाई महसूस करते हैं।

स. स्वास्थ्य क्षेत्र की चुनौतियाँ (Challenges in Health Sector):

  • अपर्याप्त सार्वजनिक व्यय: स्वास्थ्य पर सरकारी व्यय (जीडीपी का लगभग 1.2-1.5%) वैश्विक औसत से काफी कम है।
  • प्रशिक्षित कर्मियों की कमी: ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी।
  • गुणवत्ता की कमी: सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता अक्सर निजी सेवाओं से कम होती है।
  • रोगों का दोहरा बोझ: संक्रामक रोगों (टीबी, मलेरिया) के साथ-साथ गैर-संक्रामक रोगों (हृदय रोग, मधुमेह) का बढ़ता बोझ।

द. सरकारी पहलें (Government Initiatives):

  • राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) / राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (NUHM): ग्रामीण और शहरी स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए।
  • आयुष्मान भारत (Ayushman Bharat):
    • प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY): गरीब परिवारों को 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर।
    • स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (Health and Wellness Centres): प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए।
  • मिशन इंद्रधनुष: बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए पूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए।

7. आगे की राह और चुनौतियाँ (Way Forward and Challenges)

  • सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP): आधारीक संरचना परियोजनाओं में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देना।
  • पर्यावरण के अनुकूल आधारीक संरचना: हरित और टिकाऊ आधारीक संरचना के विकास पर ध्यान देना।
  • ग्रामीण आधारीक संरचना पर ध्यान: ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और स्वच्छता जैसी सुविधाओं में सुधार।
  • गुणवत्ता और रखरखाव: आधारीक संरचना के निर्माण के साथ-साथ उसके रखरखाव और गुणवत्ता पर भी ध्यान देना।
  • डिजिटल आधारीक संरचना: ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी और डिजिटल सेवाओं का विस्तार।

बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)

  1. निम्नलिखित में से कौन-सी आर्थिक आधारीक संरचना का उदाहरण है?
    अ) शिक्षा
    ब) स्वास्थ्य
    स) ऊर्जा
    द) आवास
    उत्तर: स) ऊर्जा

  2. भारत में विद्युत उत्पादन का सबसे बड़ा स्रोत कौन-सा है?
    अ) जलविद्युत
    ब) सौर ऊर्जा
    स) तापीय ऊर्जा
    द) परमाणु ऊर्जा
    उत्तर: स) तापीय ऊर्जा

  3. 'आयुष्मान भारत' योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
    अ) सभी घरों को बिजली प्रदान करना
    ब) गरीब परिवारों को स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करना
    स) ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कें बनाना
    द) शिक्षा का सार्वभौमीकरण करना
    उत्तर: ब) गरीब परिवारों को स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करना

  4. निम्नलिखित में से कौन-सा गैर-परंपरागत ऊर्जा स्रोत का उदाहरण नहीं है?
    अ) सौर ऊर्जा
    ब) पवन ऊर्जा
    स) कोयला
    द) बायोमास ऊर्जा
    उत्तर: स) कोयला

  5. भारत में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएँ मुख्य रूप से किसके द्वारा प्रदान की जाती हैं?
    अ) तृतीयक अस्पताल
    ब) जिला अस्पताल
    स) प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC)
    द) निजी क्लीनिक
    उत्तर: स) प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC)

  6. 'उदय (UDAY)' योजना का संबंध किस क्षेत्र से है?
    अ) शिक्षा
    ब) कृषि
    स) विद्युत वितरण
    द) परिवहन
    उत्तर: स) विद्युत वितरण

  7. मानव पूंजी निर्माण के लिए सबसे महत्वपूर्ण सामाजिक आधारीक संरचना कौन-सी है?
    अ) परिवहन
    ब) संचार
    स) स्वास्थ्य और शिक्षा
    द) सिंचाई
    उत्तर: स) स्वास्थ्य और शिक्षा

  8. भारत में स्वास्थ्य पर सार्वजनिक व्यय सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग कितना प्रतिशत है?
    अ) 5-6%
    ब) 3-4%
    स) 1.2-1.5%
    द) 7-8%
    उत्तर: स) 1.2-1.5%

  9. निम्नलिखित में से कौन-सी आधारीक संरचना की विशेषता नहीं है?
    अ) यह आर्थिक विकास को बढ़ावा देती है।
    ब) यह सीधे वस्तुओं का उत्पादन करती है।
    स) यह जीवन की गुणवत्ता में सुधार करती है।
    द) यह निवेश को आकर्षित करती है।
    उत्तर: ब) यह सीधे वस्तुओं का उत्पादन करती है।

  10. 'मिशन इंद्रधनुष' का संबंध किससे है?
    अ) ग्रामीण विद्युतीकरण
    ब) बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण
    स) सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना
    द) स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना
    उत्तर: ब) बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण


मुझे आशा है कि यह विस्तृत नोट्स और बहुविकल्पीय प्रश्न आपको इस अध्याय को गहराई से समझने और सरकारी परीक्षाओं की तैयारी में सहायक होंगे। किसी भी संदेह या अतिरिक्त जानकारी के लिए आप पूछ सकते हैं।

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