Class 11 Graphics Design Notes Chapter 5 (Chapter 5) – Graphic Desing ek Kahani Book

नमस्ते विद्यार्थियों! आज हम आपकी 'ग्राफिक डिज़ाइन एक कहानी' पुस्तक के अध्याय 5 का गहन अध्ययन करेंगे, जो आपकी सरकारी परीक्षाओं की तैयारी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह अध्याय ग्राफिक डिज़ाइन के मूलभूत सिद्धांतों में से एक 'लेआउट और कंपोज़िशन' पर केंद्रित है। आइए, इसके हर पहलू को विस्तार से समझते हैं।
अध्याय 5: लेआउट और कंपोज़िशन के सिद्धांत
ग्राफिक डिज़ाइन में लेआउट और कंपोज़िशन किसी भी डिज़ाइन की नींव होते हैं। यह वह तरीका है जिससे आप एक पृष्ठ पर टेक्स्ट, चित्र, आकार और अन्य दृश्य तत्वों को व्यवस्थित करते हैं ताकि वे एक सुसंगत और प्रभावी संदेश दे सकें। एक अच्छा लेआउट न केवल जानकारी को सुपाठ्य बनाता है, बल्कि दर्शक का ध्यान भी आकर्षित करता है और उसे सही दिशा में निर्देशित करता है।
1. लेआउट और कंपोज़िशन का महत्व:
- स्पष्टता (Clarity): जानकारी को व्यवस्थित और समझने योग्य बनाता है।
- पदानुक्रम (Hierarchy): दर्शक को यह समझने में मदद करता है कि कौन सी जानकारी सबसे महत्वपूर्ण है।
- आकर्षण (Appeal): डिज़ाइन को सौंदर्यपूर्ण और आकर्षक बनाता है।
- प्रवाह (Flow): दर्शक की आँख को डिज़ाइन के माध्यम से स्वाभाविक रूप से मार्गदर्शन करता है।
- ब्रांड पहचान (Brand Identity): एक विशिष्ट और यादगार दृश्य शैली बनाने में मदद करता है।
2. लेआउट और कंपोज़िशन के प्रमुख सिद्धांत (Principles of Layout and Composition):
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संतुलन (Balance):
- यह डिज़ाइन तत्वों के दृश्य भार (visual weight) का समान वितरण है। संतुलन से डिज़ाइन स्थिर और पूर्ण महसूस होता है।
- सममित संतुलन (Symmetrical Balance): जब डिज़ाइन के तत्व एक केंद्रीय अक्ष के दोनों ओर समान रूप से वितरित होते हैं। यह औपचारिक और स्थिर होता है।
- असममित संतुलन (Asymmetrical Balance): जब डिज़ाइन के तत्व केंद्रीय अक्ष के दोनों ओर समान नहीं होते हैं, लेकिन उनका दृश्य भार फिर भी संतुलित होता है। यह अधिक गतिशील और आधुनिक होता है।
- रेडियल संतुलन (Radial Balance): जब तत्व एक केंद्रीय बिंदु से बाहर की ओर निकलते हैं या उसके चारों ओर घूमते हैं।
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समानता/पुनरावृत्ति (Repetition):
- डिज़ाइन में कुछ तत्वों (जैसे रंग, आकार, फ़ॉन्ट, बनावट) को बार-बार दोहराना।
- यह डिज़ाइन में एकता, निरंतरता और तालमेल (rhythm) पैदा करता है।
- यह ब्रांड पहचान स्थापित करने और डिज़ाइन को पेशेवर दिखाने में मदद करता है।
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विपरीतता (Contrast):
- डिज़ाइन तत्वों के बीच स्पष्ट अंतर पैदा करना। यह ध्यान आकर्षित करता है और पदानुक्रम स्थापित करता है।
- प्रकार: आकार (size), रंग (color), बनावट (texture), आकार (shape), फ़ॉन्ट (font), रिक्ति (spacing) में विपरीतता।
- उदाहरण: बड़े शीर्षक के साथ छोटा उप-शीर्षक, गहरे रंग के टेक्स्ट के साथ हल्का बैकग्राउंड।
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संरेखण (Alignment):
- डिज़ाइन तत्वों को एक अदृश्य रेखा के साथ व्यवस्थित करना।
- यह डिज़ाइन को व्यवस्थित, स्वच्छ और पेशेवर रूप देता है।
- प्रकार: बाएं संरेखण (left alignment), दाएं संरेखण (right alignment), केंद्र संरेखण (center alignment), शीर्ष संरेखण (top alignment), निचला संरेखण (bottom alignment)।
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निकटता (Proximity):
- संबंधित तत्वों को एक साथ समूहित करना और असंबंधित तत्वों को अलग रखना।
- यह डिज़ाइन में संगठन और स्पष्टता पैदा करता है, जिससे दर्शक को यह समझने में मदद मिलती है कि कौन सी जानकारी एक-दूसरे से संबंधित है।
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पदानुक्रम (Hierarchy):
- यह डिज़ाइन में तत्वों को उनकी सापेक्षिक महत्व के अनुसार व्यवस्थित करना है। सबसे महत्वपूर्ण तत्व सबसे प्रमुख होते हैं।
- यह दर्शक की आँख को डिज़ाइन के माध्यम से निर्देशित करता है, यह सुनिश्चित करता है कि वे पहले सबसे महत्वपूर्ण जानकारी देखें।
- प्राप्त करने के तरीके: आकार (size), रंग (color), स्थान (placement), फ़ॉन्ट (font) का उपयोग करके।
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खाली स्थान/नकारात्मक स्थान (White Space/Negative Space):
- यह डिज़ाइन तत्वों के बीच और आसपास का खाली या अप्रयुक्त स्थान है।
- यह भ्रम को कम करता है, पठनीयता में सुधार करता है, और डिज़ाइन तत्वों को "सांस लेने" की जगह देता है।
- यह डिज़ाइन को परिष्कृत और सुरुचिपूर्ण बना सकता है।
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प्रवाह/आंदोलन (Flow/Movement):
- यह वह तरीका है जिससे दर्शक की आँख डिज़ाइन के तत्वों के माध्यम से चलती है।
- इसे लाइनों, आकृतियों, रंगों और पदानुक्रम का उपयोग करके नियंत्रित किया जा सकता है ताकि दर्शक को एक विशिष्ट पथ का पालन करने के लिए निर्देशित किया जा सके।
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एकरूपता/सामंजस्य (Unity/Harmony):
- यह सुनिश्चित करना कि डिज़ाइन के सभी तत्व एक साथ अच्छी तरह से काम करते हैं, एक सुसंगत और पूर्ण इकाई बनाते हैं।
- यह सभी सिद्धांतों को एक साथ लागू करने का परिणाम है।
3. ग्रिड प्रणाली (Grid System):
- परिचय: ग्रिड अदृश्य रेखाओं (क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर) का एक ढाँचा है जो डिज़ाइन तत्वों को व्यवस्थित करने के लिए एक संरचना प्रदान करता है। यह एक डिज़ाइनर को सटीकता और निरंतरता के साथ काम करने में मदद करता है।
- प्रकार:
- कॉलम ग्रिड (Column Grid): यह सबसे आम है, जिसमें पृष्ठ को ऊर्ध्वाधर कॉलम में विभाजित किया जाता है।
- मॉड्यूलर ग्रिड (Modular Grid): यह कॉलम और पंक्तियों दोनों का उपयोग करता है, जिससे छोटे आयताकार मॉड्यूल बनते हैं। यह जटिल लेआउट के लिए उपयोगी है।
- बेसलाइन ग्रिड (Baseline Grid): यह टेक्स्ट की सभी पंक्तियों को एक समान क्षैतिज रेखा पर संरेखित करता है, जिससे पठनीयता में सुधार होता है।
- लाभ:
- निरंतरता (Consistency): पूरे डिज़ाइन में एक समान लेआउट बनाए रखने में मदद करता है।
- दक्षता (Efficiency): डिज़ाइन प्रक्रिया को तेज करता है।
- संतुलन और संरचना (Balance and Structure): डिज़ाइन को व्यवस्थित और संतुलित बनाता है।
4. दृश्य पदानुक्रम (Visual Hierarchy):
- यह डिज़ाइन में तत्वों को उनके महत्व के क्रम में व्यवस्थित करने की प्रक्रिया है। इसका लक्ष्य दर्शक का ध्यान सबसे महत्वपूर्ण जानकारी पर केंद्रित करना है।
- प्राप्त करने के तरीके:
- आकार (Size): बड़े तत्व छोटे तत्वों की तुलना में अधिक ध्यान आकर्षित करते हैं।
- रंग (Color): चमकीले या विपरीत रंग ध्यान आकर्षित करते हैं।
- स्थान (Placement): पृष्ठ के शीर्ष पर या केंद्र में रखे गए तत्व अधिक प्रमुख होते हैं।
- टाइपोग्राफी (Typography): बोल्ड, बड़े या अद्वितीय फ़ॉन्ट का उपयोग करके।
- विपरीतता (Contrast): तत्वों के बीच स्पष्ट अंतर पैदा करके।
5. महत्वपूर्ण शब्दावली (Important Terminology):
- मार्जिन (Margins): पृष्ठ के किनारों और मुख्य सामग्री के बीच का खाली स्थान।
- गटर (Gutter): दो कॉलम या दो पृष्ठों (जैसे किताबों में) के बीच का खाली स्थान।
- कॉलम (Columns): टेक्स्ट या अन्य सामग्री को व्यवस्थित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले ऊर्ध्वाधर ब्लॉक।
- रो (Rows): ग्रिड में क्षैतिज ब्लॉक।
- मॉड्यूल (Modules): ग्रिड में कॉलम और रो के प्रतिच्छेदन से बनने वाले छोटे आयताकार क्षेत्र।
- फ्लोलाइन (Flowlines): ग्रिड में क्षैतिज रेखाएं जो तत्वों को संरेखित करने में मदद करती हैं।
- मार्कर (Markers): ग्रिड में विशेष बिंदु या रेखाएं जो तत्वों के प्लेसमेंट के लिए संदर्भ बिंदु प्रदान करती हैं।
यह अध्याय ग्राफिक डिज़ाइन की रीढ़ है। इन सिद्धांतों को समझकर और लागू करके, आप प्रभावी और आकर्षक डिज़ाइन बना सकते हैं। अब, आइए इस अध्याय पर आधारित कुछ बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) देखें जो आपकी परीक्षा की तैयारी में सहायक होंगे।
अध्याय 5: बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
निर्देश: सही उत्तर चुनें।
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ग्राफिक डिज़ाइन में 'संतुलन' का क्या अर्थ है?
a) डिज़ाइन में केवल एक रंग का उपयोग करना
b) डिज़ाइन तत्वों के दृश्य भार का समान वितरण
c) सभी तत्वों को एक ही आकार का बनाना
d) डिज़ाइन में बहुत सारे खाली स्थान का उपयोग करना -
जब डिज़ाइन के तत्व एक केंद्रीय अक्ष के दोनों ओर समान रूप से वितरित होते हैं, तो उसे कौन सा संतुलन कहा जाता है?
a) असममित संतुलन
b) रेडियल संतुलन
c) सममित संतुलन
d) गतिशील संतुलन -
डिज़ाइन तत्वों के बीच स्पष्ट अंतर पैदा करने का सिद्धांत क्या कहलाता है, जो ध्यान आकर्षित करता है?
a) निकटता
b) संरेखण
c) विपरीतता
d) पुनरावृत्ति -
संबंधित तत्वों को एक साथ समूहित करना और असंबंधित तत्वों को अलग रखना किस सिद्धांत के अंतर्गत आता है?
a) पदानुक्रम
b) निकटता
c) प्रवाह
d) संतुलन -
डिज़ाइन में तत्वों को उनकी सापेक्षिक महत्व के अनुसार व्यवस्थित करने की प्रक्रिया क्या कहलाती है?
a) एकरूपता
b) संरेखण
c) पदानुक्रम
d) विपरीतता -
डिज़ाइन तत्वों के बीच और आसपास के खाली या अप्रयुक्त स्थान को क्या कहते हैं?
a) गटर
b) मार्जिन
c) नकारात्मक स्थान (White Space)
d) कॉलम -
अदृश्य रेखाओं का एक ढाँचा जो डिज़ाइन तत्वों को व्यवस्थित करने के लिए एक संरचना प्रदान करता है, उसे क्या कहते हैं?
a) मार्जिन
b) ग्रिड प्रणाली
c) फ्लोलाइन
d) मॉड्यूल -
ग्रिड प्रणाली का कौन सा प्रकार कॉलम और पंक्तियों दोनों का उपयोग करता है, जिससे छोटे आयताकार मॉड्यूल बनते हैं?
a) कॉलम ग्रिड
b) बेसलाइन ग्रिड
c) मॉड्यूलर ग्रिड
d) रेडियल ग्रिड -
पुस्तक के दो पृष्ठों या दो कॉलम के बीच के खाली स्थान को क्या कहा जाता है?
a) मार्जिन
b) गटर
c) मॉड्यूल
d) फ्लोलाइन -
दृश्य पदानुक्रम स्थापित करने के लिए निम्नलिखित में से किस तरीके का उपयोग नहीं किया जाता है?
a) तत्वों का आकार बदलना
b) तत्वों का रंग बदलना
c) सभी तत्वों को समान रूप से वितरित करना
d) तत्वों का स्थान बदलना
उत्तर कुंजी:
- b) डिज़ाइन तत्वों के दृश्य भार का समान वितरण
- c) सममित संतुलन
- c) विपरीतता
- b) निकटता
- c) पदानुक्रम
- c) नकारात्मक स्थान (White Space)
- b) ग्रिड प्रणाली
- c) मॉड्यूलर ग्रिड
- b) गटर
- c) सभी तत्वों को समान रूप से वितरित करना
मुझे आशा है कि ये विस्तृत नोट्स और बहुविकल्पीय प्रश्न आपको अध्याय 5 को समझने और अपनी परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद करेंगे। शुभकामनाएँ!