Class 11 Hindi Notes Chapter 1 (प्रेमचंद ; ईदगाह) – Antra Book

चलिए, आज हम कक्षा 11 की 'अंतरा' पुस्तक के पहले पाठ, 'ईदगाह' का गहन अध्ययन करेंगे। यह मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखी गई एक कालजयी कहानी है और सरकारी परीक्षाओं की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके हर पहलू को समझना आवश्यक है।
विस्तृत नोट्स: ईदगाह (लेखक: प्रेमचंद)
1. लेखक परिचय: मुंशी प्रेमचंद (1880-1936)
- मूल नाम: धनपत राय श्रीवास्तव।
- उपनाम: प्रारंभ में 'नवाब राय' के नाम से उर्दू में लिखते थे, बाद में 'प्रेमचंद' नाम से हिंदी में लिखने लगे।
- जन्म: 31 जुलाई 1880, लमही गाँव, वाराणसी (उत्तर प्रदेश)।
- प्रमुख उपाधि: उपन्यास सम्राट।
- साहित्यिक विशेषता: प्रेमचंद का साहित्य 'आदर्शोन्मुख यथार्थवाद' का उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने अपने लेखन में ग्रामीण जीवन, किसानों की समस्याएँ, सामाजिक कुरीतियाँ (दहेज, बाल-विवाह, जातिवाद), मानवीय मनोविज्ञान और शोषण के विरुद्ध सशक्त आवाज़ उठाई।
- प्रमुख रचनाएँ:
- उपन्यास: गोदान, गबन, सेवासदन, निर्मला, कर्मभूमि, रंगभूमि।
- कहानी संग्रह: मानसरोवर (8 भागों में), गुप्त धन।
- नाटक: कर्बला, संग्राम।
- भाषा-शैली: इनकी भाषा सहज, सरल और मुहावरेदार है जिसमें हिंदी-उर्दू के शब्दों का सुंदर मिश्रण है। उनकी शैली वर्णात्मक और पात्रों के मनोभावों का सूक्ष्म चित्रण करने वाली है।
2. पाठ का सार
'ईदगाह' कहानी एक बालक हामिद और उसकी दादी अमीना के बीच के गहरे और वात्सल्यपूर्ण संबंध को दर्शाती है।
- कहानी का आरंभ: कहानी रमज़ान के पूरे तीस रोज़ों के बाद आई ईद के दिन से शुरू होती है। गाँव में हर तरफ खुशी और उत्साह का माहौल है। बच्चे विशेष रूप से उत्साहित हैं और ईदगाह जाने की तैयारी कर रहे हैं।
- हामिद का परिचय: कहानी का मुख्य पात्र चार-पाँच साल का गरीब, अनाथ बालक हामिद है। उसके माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है और वह अपनी बूढ़ी दादी अमीना के साथ रहता है। अमीना उसे बताती है कि उसके अब्बाजान रुपए कमाने गए हैं और अम्मीजान अल्लाह के घर से उसके लिए अच्छी-अच्छी चीजें लाने गई हैं। यह बात हामिद को आशावान बनाए रखती है।
- ईदगाह की तैयारी और हामिद की गरीबी: जहाँ दूसरे बच्चों के पास मेले के लिए बहुत सारे पैसे हैं, वहीं हामिद के पास सिर्फ तीन पैसे हैं। उसकी दादी अमीना इस बात से दुखी है कि वह हामिद को नए कपड़े या जूते भी नहीं दिला सकी।
- मेले का दृश्य: हामिद अपने दोस्तों - मोहसिन, महमूद, नूरे और सम्मी के साथ ईदगाह जाता है। नमाज़ के बाद सभी बच्चे मेले में जाते हैं। हामिद के दोस्त हिंडोले पर झूलते हैं, मिठाइयाँ खाते हैं और मिट्टी के खिलौने (भिश्ती, सिपाही, वकील, धोबिन) खरीदते हैं। हामिद अपने तीन पैसों को इन फालतू चीजों पर खर्च नहीं करना चाहता। वह अपने मन पर नियंत्रण रखता है और तर्क करता है कि ये खिलौने तो क्षणभंगुर हैं, गिरते ही टूट जाएँगे।
- चिमटे की खरीद: मेले में आगे उसे लोहे की दुकान पर चिमटे दिखाई देते हैं। उसे याद आता है कि कैसे उसकी दादी जब तवे से रोटियाँ उतारती है तो उसके हाथ जल जाते हैं। वह सोचता है कि अगर वह यह चिमटा ले जाएगा तो दादी बहुत खुश होगी और उसके हाथ भी नहीं जलेंगे। वह दुकानदार से मोल-भाव करके तीन पैसे में चिमटा खरीद लेता है।
- दोस्तों के बीच तर्क-वितर्क: जब हामिद अपने दोस्तों को चिमटा दिखाता है, तो वे पहले उसका मज़ाक उड़ाते हैं। लेकिन हामिद अपने चिमटे को 'रुस्तम-ए-हिंद' बताते हुए उसके गुणों का बखान करता है। वह तर्क देता है कि उसका चिमटा बंदूक, फकीर का चिमटा और मंजीरे, तीनों का काम कर सकता है और उसके खिलौने को एक ही वार में तोड़ सकता है। उसके तर्कों के सामने बाकी बच्चे निरुत्तर हो जाते हैं और अपने खिलौनों से चिमटे को बदलने का प्रस्ताव भी रखते हैं।
- कहानी का चरमोत्कर्ष: जब हामिद घर लौटकर दादी को चिमटा देता है, तो अमीना पहले तो क्रोधित होती है कि बच्चे ने सुबह से कुछ खाया-पिया नहीं और मेले से यह लोहे की चीज़ उठा लाया। लेकिन जब हामिद बताता है कि उसने यह चिमटा दादी के लिए खरीदा है ताकि रोटी बनाते समय उनके हाथ न जलें, तो अमीना का क्रोध स्नेह और वात्सल्य में बदल जाता है। वह हैरान रह जाती है कि इतने छोटे बच्चे में कितना त्याग, सद्भाव और विवेक है। उसकी आँखों से आँसू बहने लगते हैं और वह हामिद को दुआएँ देती है। कहानी यहीं समाप्त हो जाती है।
3. प्रमुख पात्र और चरित्र-चित्रण
- हामिद:
- विवेकशील और परिपक्व: उम्र से पहले ही उसमें समझदारी आ गई है। वह मेले के प्रलोभनों में न फँसकर एक उपयोगी वस्तु खरीदता है।
- त्यागी और स्नेही: अपनी इच्छाओं का दमन करके अपनी दादी के प्रति प्रेम और कर्तव्य का निर्वाह करता है।
- तर्कशील: अपने चिमटे को अन्य खिलौनों से श्रेष्ठ साबित करने के लिए वह ज़बरदस्त तर्क देता है।
- आशावादी: उसे विश्वास है कि उसके माता-पिता वापस आएँगे।
- अमीना:
- स्नेहमयी दादी: वह हामिद से असीम प्रेम करती है।
- गरीबी और विवशता: उसकी गरीबी उसे ईद जैसे त्योहार पर भी निराश और चिंतित रखती है।
- भावुक: हामिद के त्याग को देखकर उसका हृदय करुणा और वात्सल्य से भर जाता है।
4. कहानी का उद्देश्य और संदेश
- बाल मनोविज्ञान का सूक्ष्म चित्रण: प्रेमचंद ने यह दर्शाया है कि परिस्थितियाँ एक बच्चे को समय से पहले कैसे परिपक्व बना देती हैं।
- त्याग और प्रेम का महत्व: कहानी यह संदेश देती है कि प्रेम का सबसे ऊँचा रूप त्याग और समर्पण में है, जो हामिद अपनी दादी के लिए करता है।
- कर्तव्यबोध: हामिद अपनी उम्र से बढ़कर जिम्मेदारी का भाव दिखाता है।
- भावुकता पर विवेक की विजय: हामिद क्षणिक सुख के बजाय स्थायी उपयोगिता को महत्व देता है, जो विवेक का प्रतीक है।
अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
प्रश्न 1: हामिद के पास ईदगाह जाने के लिए कुल कितने पैसे थे?
(क) दो पैसे
(ख) तीन पैसे
(ग) चार पैसे
(घ) पाँच पैसे
प्रश्न 2: 'ईदगाह' कहानी के लेखक कौन हैं और उन्हें किस उपाधि से जाना जाता है?
(क) जयशंकर प्रसाद - छायावाद के प्रवर्तक
(ख) महादेवी वर्मा - आधुनिक मीरा
(ग) प्रेमचंद - उपन्यास सम्राट
(घ) सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' - महाप्राण
प्रश्न 3: मोहसिन ने मेले से कौन-सा खिलौना खरीदा था?
(क) वकील
(ख) सिपाही
(ग) भिश्ती
(घ) धोबिन
प्रश्न 4: हामिद ने मेले में चिमटा क्यों खरीदा?
(क) क्योंकि उसे लोहे की चीजें पसंद थीं।
(ख) क्योंकि उसके पास खिलौने खरीदने के लिए पैसे कम थे।
(ग) क्योंकि वह अपने दोस्तों को चिढ़ाना चाहता था।
(घ) ताकि रोटी बनाते समय उसकी दादी के हाथ न जलें।
प्रश्न 5: हामिद द्वारा खरीदे गए चिमटे की कीमत क्या थी?
(क) दो पैसे
(ख) तीन पैसे
(ग) छह पैसे
(घ) एक पैसा
प्रश्न 6: कहानी में हामिद अपने चिमटे को क्या उपाधि देता है?
(क) बहादुर-ए-हिंद
(ख) रुस्तम-ए-हिंद
(ग) खिलौनों का राजा
(घ) गरीबों का हथियार
प्रश्न 7: चिमटा देखकर अमीना को पहले क्रोध क्यों आया?
(क) क्योंकि वह बहुत महँगा था।
(ख) क्योंकि वह हामिद के किसी काम का नहीं था।
(ग) क्योंकि हामिद ने मेले में कुछ खाया-पिया नहीं और यह बेजान चीज़ खरीद ली।
(घ) क्योंकि उसे डर था कि हामिद को इससे चोट लग जाएगी।
प्रश्न 8: 'ईदगाह' कहानी का मुख्य भाव क्या है?
(क) ईद के त्योहार का वर्णन
(ख) बाल मनोविज्ञान और त्याग का चित्रण
(ग) ग्रामीण मेले का सजीव चित्रण
(घ) बच्चों की शरारतों का वर्णन
प्रश्न 9: "बच्चे में कितना त्याग, कितना सद्भाव और कितना विवेक है!" - यह वाक्य किसके मन के भाव को व्यक्त करता है?
(क) हामिद
(ख) मोहसिन
(ग) दुकानदार
(घ) अमीना
प्रश्न 10: महमूद ने मेले से कौन-सा खिलौना खरीदा था?
(क) भिश्ती
(ख) वकील
(ग) सिपाही
(घ) धोबिन
उत्तरमाला:
- (ख) तीन पैसे
- (ग) प्रेमचंद - उपन्यास सम्राट
- (ग) भिश्ती
- (घ) ताकि रोटी बनाते समय उसकी दादी के हाथ न जलें।
- (ख) तीन पैसे
- (ख) रुस्तम-ए-हिंद
- (ग) क्योंकि हामिद ने मेले में कुछ खाया-पिया नहीं और यह बेजान चीज़ खरीद ली।
- (ख) बाल मनोविज्ञान और त्याग का चित्रण
- (घ) अमीना
- (ग) सिपाही