Class 11 Hindi Notes Chapter 13 (धर्मवीर भारती) – Aroh Book

Aroh
नमस्ते विद्यार्थियों।

चलिए, आज हम आपकी परीक्षा की तैयारी को ध्यान में रखते हुए, कक्षा 11 की 'आरोह' पुस्तक के गद्य खंड में संकलित, धर्मवीर भारती जी द्वारा रचित अध्याय 'काले मेघा पानी दे' का विस्तृत अध्ययन करते हैं। यह अध्याय न केवल परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमें तर्क और विश्वास के द्वंद्व को भी समझाता है।

अध्याय 13: धर्मवीर भारती - 'काले मेघा पानी दे' (विस्तृत नोट्स)


1. लेखक परिचय: धर्मवीर भारती (1926-1997)

  • जन्म: 25 दिसंबर 1926, इलाहाबाद (अब प्रयागराज), उत्तर प्रदेश।
  • निधन: 4 सितंबर 1997, मुंबई।
  • प्रमुख रचनाएँ:
    • काव्य संग्रह: 'कनुप्रिया', 'सात गीत वर्ष', 'ठंडा लोहा', 'अंधा युग' (गीतिनाट्य)।
    • कहानी संग्रह: 'मुर्दों का गाँव', 'स्वर्ग और पृथ्वी', 'चाँद और टूटे हुए लोग', 'बंद गली का आखिरी मकान'।
    • उपन्यास: 'गुनाहों का देवता', 'सूरज का सातवाँ घोड़ा'। (ये दोनों उपन्यास अत्यंत लोकप्रिय हुए)।
    • निबंध संग्रह: 'ठेले पर हिमालय', 'पश्यंती', 'कहनी-अनकहनी'।
    • संपादन: 'धर्मयुग' पत्रिका का संपादन किया, जिससे उन्हें विशेष ख्याति मिली।
  • पुरस्कार: पद्मश्री, व्यास सम्मान एवं साहित्य के कई अन्य राष्ट्रीय पुरस्कार।
  • साहित्यिक विशेषताएँ:
    • भारती जी के लेखन में व्यक्ति-स्वातंत्र्य, मानवीय संकट और रूमानी चेतना का सुंदर समन्वय मिलता है।
    • उनकी भाषा सहज, प्रवाहमयी और आत्मीय है।
    • वे समाज के यथार्थ को अपनी रचनाओं में बखूबी चित्रित करते हैं।
    • 'अंधा युग' गीतिनाट्य हिंदी साहित्य की एक अनमोल कृति है, जिसमें महाभारत युद्ध के बाद की निराशा और मानवीय मूल्यों के विघटन को दर्शाया गया है।

2. पाठ का सार: 'काले मेघा पानी दे'

'काले मेघा पानी दे' धर्मवीर भारती का एक प्रसिद्ध संस्मरण है। इसमें लेखक ने लोक-प्रचलित विश्वास और विज्ञान के तर्क के बीच के द्वंद्व का सुंदर चित्रण किया है।

  • मुख्य द्वंद्व: विज्ञान का तर्क बनाम लोक-आस्था।
  • पृष्ठभूमि: आषाढ़ के महीने में जब भीषण गर्मी और सूखे के कारण गाँव के लोग त्राहि-त्राहि कर रहे होते हैं, तब वर्षा के लिए एक लोक-अनुष्ठान किया जाता है।
  • इंदर सेना (या मेढक-मंडली):
    • गाँव के 10-12 से 16-18 वर्ष के लड़कों की एक टोली होती है।
    • वे नंग-धड़ंग होकर "बोल गंगा मैया की जय" का जयकारा लगाते हुए कीचड़ में लथपथ होकर गाँव की गलियों में घूमते हैं।
    • वे घर-घर जाकर पानी माँगते हैं, और घरों की महिलाएँ उन पर घड़ों से पानी फेंकती हैं।
    • लेखक (किशोर अवस्था में) इस टोली को 'मेढक-मंडली' कहकर चिढ़ाता था क्योंकि उसे यह सब अंधविश्वास और पानी की बर्बादी लगता था।
  • लेखक का तर्क:
    • लेखक आर्य समाजी विचारधारा से प्रभावित था और इन rituals को अंधविश्वास मानता था।
    • उसका तर्क था कि जब पहले से ही पानी की इतनी कमी है, तो इस तरह मुश्किल से इकट्ठा किए गए पानी को बाल्टियाँ भर-भरकर फेंकना 'पानी की निर्मम बर्बादी' है।
  • जीजी का विश्वास:
    • लेखक की जीजी, जो उसे बहुत मानती थीं, इस अनुष्ठान में गहरी आस्था रखती थीं।
    • जीजी का तर्क था कि यह पानी की बर्बादी नहीं, बल्कि 'त्याग' है। यह इंद्र देवता को 'अर्घ्य' चढ़ाना है।
    • उन्होंने उदाहरण दिया: "जो चीज हमारे पास बहुत कम है, उसी का दान या त्याग करने से फल मिलता है। किसान भी 30-40 मन गेहूँ उगाने के लिए पहले 5-6 सेर अच्छा गेहूँ खेत में फेंकता है (बीज बोता है)।"
    • जीजी के अनुसार, हम यह पानी इंद्र को देते हैं, ताकि वे प्रसन्न होकर हमें वर्षा के रूप में कई गुना पानी वापस लौटाएँ। यह एक प्रकार का 'बीज बोना' है।
  • संस्मरण का आधुनिक संदर्भ:
    • लेखक इस घटना के 50 साल बाद आज के भारत की स्थिति पर विचार करता है।
    • वह देखता है कि आज देश में माँगें तो हर क्षेत्र में बड़ी-बड़ी हैं, लेकिन त्याग का कहीं नामोनिशान नहीं है।
    • चारों ओर भ्रष्टाचार की बातें होती हैं, लेकिन कोई भी अपनी जिम्मेदारी लेने या त्याग करने को तैयार नहीं है।
    • लेखक को लगता है कि 'काले मेघा' तो उमड़ते हैं (संसाधन हैं), लेकिन 'पानी' नहीं बरसता (विकास और खुशहाली नहीं आती) क्योंकि त्याग और समर्पण की भावना खत्म हो गई है।
  • निष्कर्ष: लेखक अंत में अपनी जीजी के तर्कों को सही ठहराता है। वह स्वीकार करता है कि लोक-आस्था के पीछे छिपे त्याग और समर्पण के गहरे अर्थ को विज्ञान का शुष्क तर्क नहीं समझ सकता। त्याग के बिना किसी भी समस्या का समाधान संभव नहीं है।

अभ्यास हेतु महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)

प्रश्न 1: धर्मवीर भारती द्वारा संपादित प्रसिद्ध साप्ताहिक पत्रिका का क्या नाम था?
(क) सरस्वती
(ख) धर्मयुग
(ग) हंस
(घ) कल्पना

प्रश्न 2: 'काले मेघा पानी दे' पाठ साहित्य की किस विधा के अंतर्गत आता है?
(क) कहानी
(ख) निबंध
(ग) संस्मरण
(घ) उपन्यास

प्रश्न 3: लेखक बचपन में 'इंदर सेना' को क्या कहकर पुकारता था?
(क) वानर सेना
(ख) बच्चों की टोली
(ग) गंगा सेना
(घ) मेढक-मंडली

प्रश्न 4: जीजी के अनुसार, इंदर सेना पर पानी फेंकना पानी की बर्बादी नहीं, बल्कि क्या है?
(क) एक खेल
(ख) इंद्र को अर्घ्य चढ़ाना
(ग) एक अंधविश्वास
(घ) गाँव की परंपरा

प्रश्न 5: जीजी ने त्याग के महत्व को समझाने के लिए किसका उदाहरण दिया था?
(क) व्यापारी के व्यापार का
(ख) किसान द्वारा बीज बोने का
(ग) सैनिक के बलिदान का
(घ) माँ की ममता का

प्रश्न 6: लेखक पर बचपन में किस सामाजिक-धार्मिक संस्था का प्रभाव था?
(क) ब्रह्म समाज
(ख) प्रार्थना समाज
(ग) आर्य समाज
(घ) रामकृष्ण मिशन

प्रश्न 7: 'गुनाहों का देवता' उपन्यास के रचयिता कौन हैं?
(क) फणीश्वरनाथ रेणु
(ख) प्रेमचंद
(ग) धर्मवीर भारती
(घ) यशपाल

प्रश्न 8: पाठ के अंत में लेखक ने देश में व्याप्त किस समस्या की ओर संकेत किया है?
(क) गरीबी
(ख) बेरोजगारी
(ग) भ्रष्टाचार
(घ) अशिक्षा

प्रश्न 9: 'जो चीज मनुष्य पाना चाहता है, उसे पहले देगा नहीं तो पाएगा कैसे?' - यह कथन किसका है?
(क) लेखक का
(ख) लेखक की माँ का
(ग) गाँव वालों का
(घ) जीजी का

प्रश्न 10: पाठ के अनुसार, 'इंदर सेना' सबसे पहले किसका जयकारा लगाती थी?
(क) इंद्र देवता की जय
(ख) भारत माता की जय
(ग) गंगा मैया की जय
(घ) हर हर महादेव


उत्तरमाला:

  1. (ख) धर्मयुग
  2. (ग) संस्मरण
  3. (घ) मेढक-मंडली
  4. (ख) इंद्र को अर्घ्य चढ़ाना
  5. (ख) किसान द्वारा बीज बोने का
  6. (ग) आर्य समाज
  7. (ग) धर्मवीर भारती
  8. (ग) भ्रष्टाचार
  9. (घ) जीजी का
  10. (ग) गंगा मैया की जय

इन नोट्स को अच्छी तरह से पढ़ें और प्रश्नों का अभ्यास करें। आपकी परीक्षा के लिए शुभकामनाएँ

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