Class 11 Hindi Notes Chapter 15 (विष्णु खरे) – Aroh Book

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चलिए, आज हम कक्षा 11 की आरोह पुस्तक के पंद्रहवें अध्याय, 'विष्णु खरे' और उनकी कविताओं 'एक कम' तथा 'सत्य' का गहन अध्ययन करेंगे। यह अध्याय सरकारी परीक्षाओं की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, इसलिए हम हर पहलू पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

विस्तृत नोट्स: अध्याय 15 - विष्णु खरे

1. कवि परिचय: विष्णु खरे (1940 - 2018)

  • जन्म: 9 फरवरी 1940, छिंदवाड़ा, मध्य प्रदेश।
  • निधन: 19 सितंबर 2018, नई दिल्ली।
  • शिक्षा: इंदौर के क्रिश्चियन कॉलेज से 1963 में अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर (M.A.)।
  • कार्यक्षेत्र: वे एक कवि, आलोचक, अनुवादक और पत्रकार थे। उन्होंने 'नवभारत टाइम्स' और 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' जैसे प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वे साहित्य अकादमी में उप-सचिव भी रहे।
  • प्रमुख रचनाएँ:
    • कविता संग्रह: 'एक गैर-रूमानी समय में', 'खुद अपनी आँख से', 'सबकी आवाज़ के परदे में', 'पिछला बाकी', 'काल और अवधि के दरमियान', 'लालटेन जलाना'।
    • आलोचना: 'आलोचना की पहली किताब'।
    • अनुवाद: उन्होंने विश्व साहित्य की अनेक महत्वपूर्ण कृतियों का हिंदी में अनुवाद किया, जिनमें टी.एस. इलियट, गोएथे, लोर्का आदि की रचनाएँ शामिल हैं।
  • पुरस्कार एवं सम्मान: उन्हें 'नाइट ऑफ द ऑर्डर ऑफ द व्हाइट रोज' (फिनलैंड का राष्ट्रीय सम्मान), 'रघुवीर सहाय सम्मान', 'शिखर सम्मान', 'हिंदी अकादमी साहित्य सम्मान' तथा 'मैथिलीशरण गुप्त सम्मान' जैसे अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
  • साहित्यिक विशेषताएँ:
    • विष्णु खरे की कविताएँ आम आदमी के जीवन के संघर्ष, समकालीन समाज की विसंगतियों और नैतिक प्रश्नों को उठाती हैं।
    • उनकी भाषा सीधी, सपाट और बोलचाल के करीब है, लेकिन उसमें गहरा व्यंग्य और विचारोत्तेजक शक्ति छिपी होती है।
    • वे अपनी कविताओं में पौराणिक और ऐतिहासिक संदर्भों का प्रयोग आधुनिक जीवन की व्याख्या करने के लिए करते हैं।

2. कविता - 'एक कम'

मूल भाव एवं सार:
'एक कम' कविता स्वतंत्र भारत की सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों पर एक तीखा व्यंग्य है। कवि 1947 के बाद के भारत का वर्णन करते हैं, जहाँ लोगों में अमीर बनने, आगे निकलने और सब कुछ हासिल कर लेने की एक अंधी दौड़ चल रही है। इस दौड़ में ईमानदारी, नैतिकता और मानवीय मूल्यों का कोई स्थान नहीं है।

कवि स्वयं को इस दौड़ से अलग पाते हैं। वे कहते हैं कि इस होड़ में शामिल होने के लिए जिस बेईमानी, धोखाधड़ी और निर्लज्जता की आवश्यकता है, वह उनके स्वभाव में नहीं है। इसलिए वे जानबूझकर इस दौड़ से खुद को अलग रखते हैं और एक 'कम' व्यक्ति बने रहते हैं। यह 'कम' होना उनकी कमजोरी नहीं, बल्कि उनकी ईमानदारी और स्वाभिमान का प्रतीक है। वे दूसरों की तरह धोखा देकर या हाथ फैलाकर अमीर नहीं बनना चाहते। वे अपनी न्यूनतम आवश्यकताओं के साथ संतुष्ट हैं और अपनी पारदर्शिता को बनाए रखना चाहते हैं। इस प्रकार, यह कविता आधुनिक समाज में ईमानदारी की कीमत और एक ईमानदार व्यक्ति के आत्म-संघर्ष को दर्शाती है।

काव्य-सौंदर्य:

  • भाषा: सरल, सहज खड़ी बोली का प्रयोग।
  • शैली: व्यंग्यात्मक और आत्म-कथ्यात्मक।
  • छंद: मुक्त छंद।
  • प्रतीक: 'कम' होना ईमानदारी और स्वाभिमान का प्रतीक है।
  • मुख्य संदेश: भौतिकवादी दौड़ में शामिल न होकर अपने नैतिक मूल्यों को बचाए रखना अधिक महत्वपूर्ण है।

3. कविता - 'सत्य'

मूल भाव एवं सार:
'सत्य' कविता महाभारत के पौराणिक संदर्भ पर आधारित है, लेकिन इसका संदेश सार्वभौमिक और दार्शनिक है। कविता में सत्य की प्रकृति और उसे पाने के लिए किए जाने वाले संघर्ष को दर्शाया गया है।

कविता में युधिष्ठिर, जो सत्य और धर्म के प्रतीक हैं, विदुर से सत्य जानना चाहते हैं। लेकिन विदुर (जो स्वयं सत्य के ज्ञाता हैं) युधिष्ठिर से दूर भागते हैं। यह इस बात का प्रतीक है कि सत्य स्थिर नहीं है, वह पकड़ में आने वाली कोई वस्तु नहीं है। वह गतिशील है और अपनी पहचान बदलता रहता है।

युधिष्ठिर दृढ़ संकल्प के साथ विदुर का पीछा करते हैं। वे पुकारते हैं, "ठहरिए, मैं आपका अनुज हूँ," लेकिन विदुर घने जंगल में गायब हो जाते हैं। यह दर्शाता है कि सत्य को पाने के लिए अथक प्रयास और दृढ़ संकल्प की आवश्यकता होती है। अंत में, जब युधिष्ठिर को विदुर की एक झलक दिखती है और फिर वे ओझल हो जाते हैं, तब युधिष्ठिर के भीतर एक प्रकाश-पुंज प्रवेश करता है। यह प्रतीकात्मक है। इसका अर्थ है कि सत्य किसी व्यक्ति या शब्द के रूप में नहीं मिलता, बल्कि वह एक आत्म-साक्षात्कार (inner realization) है, एक अनुभव है जो व्यक्ति को भीतर से बदल देता है।

सत्य को जानने के बाद युधिष्ठिर पहले से अधिक तेजस्वी तो हो जाते हैं, लेकिन वे अकेले भी पड़ जाते हैं, क्योंकि सत्य का अनुभव व्यक्तिगत होता है और उसे पूरी तरह दूसरों को बताया नहीं जा सकता।

काव्य-सौंदर्य:

  • भाषा: तत्सम शब्दों से युक्त, गंभीर और दार्शनिक खड़ी बोली।
  • शैली: प्रतीकात्मक और विचारात्मक।
  • छंद: मुक्त छंद।
  • बिंब: दृश्य बिंब का सुंदर प्रयोग (घने जंगल में भागते विदुर)।
  • प्रतीक:
    • युधिष्ठिर: सत्य को जानने के लिए दृढ़-संकल्पित व्यक्ति।
    • विदुर: सत्य का प्रतीक, जो elusive (पहुँच से बाहर) है।
    • घना जंगल: जीवन की जटिलताएँ और सत्य का रहस्यमय स्वरूप।
  • मुख्य संदेश: सत्य कोई भौतिक वस्तु नहीं, बल्कि एक आत्म-अनुभव है जिसे दृढ़ संकल्प और अथक प्रयास से ही पाया जा सकता है।

अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)

1. विष्णु खरे का जन्म किस प्रदेश में हुआ था?
(क) उत्तर प्रदेश
(ख) राजस्थान
(ग) मध्य प्रदेश
(घ) बिहार

2. 'एक कम' कविता में कवि ने किस प्रवृत्ति पर व्यंग्य किया है?
(क) दान देने की प्रवृत्ति पर
(ख) धन संग्रह और धोखाधड़ी की प्रवृत्ति पर
(ग) देश सेवा की प्रवृत्ति पर
(घ) आलस्य की प्रवृत्ति पर

3. कविता 'एक कम' में कवि स्वयं को 'कम' क्यों मानता है?
(क) क्योंकि वह शारीरिक रूप से कमजोर है।
(ख) क्योंकि उसके पास धन की कमी है।
(ग) क्योंकि वह बेईमानी और धोखे की दौड़ में शामिल नहीं है।
(घ) क्योंकि वह अशिक्षित है।

4. 'सत्य' कविता में सत्य के प्रतीक के रूप में किसे दर्शाया गया है?
(क) युधिष्ठिर को
(ख) विदुर को
(ग) खांडवप्रस्थ को
(घ) इंद्रप्रस्थ को

5. 'सत्य' कविता के अनुसार सत्य की प्रकृति कैसी है?
(क) वह स्थिर और आसानी से प्राप्त होने वाला है।
(ख) वह केवल शक्तिशाली लोगों को मिलता है।
(ग) वह गतिशील, रहस्यमय और आत्म-अनुभव से प्राप्त होता है।
(घ) वह केवल ग्रंथों में लिखा मिलता है।

6. युधिष्ठिर के पुकारने पर भी विदुर क्यों भागते रहते हैं?
(क) क्योंकि वे युधिष्ठिर से डरते थे।
(ख) यह दर्शाने के लिए कि सत्य आसानी से हाथ नहीं आता।
(ग) क्योंकि उन्हें जल्दी थी।
(घ) क्योंकि वे युधिष्ठिर को पहचान नहीं पाए।

7. "जैसे हत्यारे को पीछा करते देख कोई निरीह जानवर" - यह पंक्ति किस कविता से है?
(क) घर की याद
(ख) चंपा काले-काले अच्छर नहीं चीन्हती
(ग) एक कम
(घ) सत्य

8. विष्णु खरे को निम्नलिखित में से कौन-सा सम्मान प्राप्त हुआ था?
(क) ज्ञानपीठ पुरस्कार
(ख) साहित्य अकादमी पुरस्कार
(ग) रघुवीर सहाय सम्मान
(घ) व्यास सम्मान

9. 'सत्य' कविता का अंत किस भाव के साथ होता है?
(क) युधिष्ठिर के अहंकार के साथ
(ख) युधिष्ठिर के अकेलेपन और आत्म-ज्ञान के साथ
(ग) युधिष्ठिर के क्रोध के साथ
(घ) विदुर की पराजय के साथ

10. 'एक कम' कविता में कवि किस चीज़ से खुद को अलग रखना चाहता है?
(क) परिवार से
(ख) समाज से
(ग) प्रतिस्पर्धा और होड़ से
(घ) राजनीति से


उत्तरमाला:

  1. (ग) मध्य प्रदेश
  2. (ख) धन संग्रह और धोखाधड़ी की प्रवृत्ति पर
  3. (ग) क्योंकि वह बेईमानी और धोखे की दौड़ में शामिल नहीं है।
  4. (ख) विदुर को
  5. (ग) वह गतिशील, रहस्यमय और आत्म-अनुभव से प्राप्त होता है।
  6. (ख) यह दर्शाने के लिए कि सत्य आसानी से हाथ नहीं आता।
  7. (घ) सत्य
  8. (ग) रघुवीर सहाय सम्मान
  9. (ख) युधिष्ठिर के अकेलेपन और आत्म-ज्ञान के साथ
  10. (ग) प्रतिस्पर्धा और होड़ से

इन बिंदुओं का ध्यानपूर्वक अध्ययन करें। ये आपकी परीक्षा की तैयारी में बहुत सहायक सिद्ध होंगे। कोई और प्रश्न हो तो अवश्य पूछें।

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