Class 11 Hindi Notes Chapter 16 (रजिया सज्जाद जहीर) – Aroh Book

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चलिए, आज हम कक्षा 11 की 'आरोह' पुस्तक के अध्याय 16, 'रजिया सज्जाद जहीर' द्वारा रचित कहानी 'नमक' का विस्तार से अध्ययन करेंगे। यह पाठ सरकारी परीक्षाओं की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें भारत-पाक विभाजन की मानवीय संवेदनाओं को बहुत गहराई से दर्शाया गया है।


अध्याय 16: नमक (लेखिका: रजिया सज्जाद जहीर)

लेखिका परिचय

  • नाम: रजिया सज्जाद जहीर
  • जन्म: 15 फरवरी 1917, अजमेर (राजस्थान)
  • निधन: 18 दिसंबर 1979, दिल्ली
  • प्रमुख रचना: 'ज़र्द गुलाब' (कहानी संग्रह)
  • सम्मान: सोवियत भूमि नेहरू पुरस्कार, उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी पुरस्कार, अखिल भारतीय लेखिका संघ अवार्ड।
  • साहित्यिक विशेषताएँ:
    • ये प्रगतिशील लेखक संघ से जुड़ी थीं।
    • इनकी कहानियों में सामाजिक सद्भाव, धार्मिक सहिष्णुता और आधुनिक संदर्भों में बदलते पारिवारिक मूल्यों को खूबसूरती से उकेरा गया है।
    • भाषा सहज, सरल और मुहावरेदार है, जिसमें उर्दू और हिंदी का सुंदर मिश्रण देखने को मिलता है।

कहानी का सार एवं विस्तृत विश्लेषण

'नमक' कहानी भारत-पाक विभाजन के बाद सरहद के दोनों तरफ बसे लोगों की भावनाओं, उनकी जड़ों से जुड़ाव और आपसी प्रेम को दर्शाती है। यह कहानी बताती है कि राजनीतिक सीमाएँ लोगों के दिलों को नहीं बाँट सकतीं।

1. कहानी का आरंभ और सिख बीबी का अनुरोध:

  • लेखिका (सफ़िया) एक कीर्तन में जाती है, जहाँ उसकी मुलाकात एक सिख बीबी से होती है।
  • सिख बीबी बिलकुल लेखिका की माँ जैसी दिखती थीं। बातचीत में जब उन्हें पता चलता है कि सफ़िया अगले दिन लाहौर जा रही है, तो वे भावुक हो जाती हैं।
  • वे सफ़िया से अनुरोध करती हैं कि वह उनके लिए लाहौर से थोड़ा "लाहौरी नमक" ले आए। यह नमक उनके लिए सिर्फ एक वस्तु नहीं, बल्कि अपनी जन्मभूमि से जुड़ा एक भावनात्मक प्रतीक है।

2. लेखिका का द्वंद्व और भाई का इनकार:

  • सफ़िया सिख बीबी से वादा तो कर लेती है, लेकिन वह इस दुविधा में पड़ जाती है कि नमक लाना गैर-कानूनी है।
  • लाहौर पहुँचकर वह अपने भाई से, जो एक पुलिस अफसर है, इस बारे में बात करती है। भाई साफ मना कर देता है और कहता है कि कस्टम वाले पकड़ लेंगे और भारत-पाकिस्तान की दोस्ती की सारी बातें धरी रह जाएँगी, साथ में बेइज्जती भी होगी।
  • वह तर्क देता है कि भारत में नमक की कोई कमी नहीं है, लेकिन सफ़िया उसे समझा नहीं पाती कि यह सिर्फ नमक नहीं, बल्कि एक माँ का अपनी जन्मभूमि के प्रति प्रेम है।

3. नमक ले जाने का निर्णय:

  • सफ़िया सिख बीबी की भावनाओं का सम्मान करने का फैसला करती है। वह सोचती है कि वह नमक को कीनुओं (एक प्रकार का संतरा) की टोकरी में नीचे छिपाकर ले जाएगी।
  • लेकिन फिर उसे लगता है कि चोरी से ले जाना इस पवित्र तोहफे का अपमान होगा। वह फैसला करती है कि वह इसे दिखाकर और बताकर ले जाएगी, चाहे जो हो।

4. पाकिस्तानी कस्टम अधिकारी से मुलाकात:

  • लाहौर स्टेशन पर जब सफ़िया का सामान कस्टम जाँच के लिए जाने लगा, तो उसने हिम्मत करके कस्टम अधिकारी को नमक की पुड़िया के बारे में बता दिया।
  • कस्टम अधिकारी ने उसकी बात ध्यान से सुनी और पूछा कि वह कहाँ की रहने वाली है। सफ़िया ने बताया कि वह दिल्ली की है।
  • बातचीत में पता चला कि कस्टम अधिकारी का नाम सुनील दासगुप्त था और विभाजन के समय वह ढाका (पूर्वी बंगाल, अब बांग्लादेश) से यहाँ आया था। वह अपनी जन्मभूमि को याद करते हुए भावुक हो जाता है और कहता है, "हमारा वतन तो ढाका है।"
  • वह सफ़िया की भावनाओं को समझता है और उसे नमक ले जाने की अनुमति दे देता है। वह कहता है, "मोहब्बत तो कस्टम से इस तरह गुज़र जाती है कि कानून हैरान रह जाता है।"

5. भारतीय कस्टम अधिकारी से मुलाकात:

  • अमृतसर स्टेशन पर भी सफ़िया को कस्टम जाँच से गुजरना पड़ता है। वह वहाँ भी भारतीय कस्टम अधिकारी को सब सच-सच बता देती है।
  • अधिकारी उसकी बात सुनकर भावुक हो जाता है और कहता है, "मेरा वतन भी तो लाहौर ही है।" वह सफ़िया को बिना किसी रोक-टोक के जाने देता है।
  • वह सफ़िया को चाय पिलाने की पेशकश करता है और कहता है, "जब आप लाहौर जाएँ तो खुदा से दुआ कीजिएगा कि हम सब फिर से एक हो जाएँ।"

6. कहानी का संदेश:

  • कहानी के अंत में सफ़िया सोचती है कि यह नमक किसका है? सिख बीबी का, पाकिस्तानी कस्टम अधिकारी का, भारतीय कस्टम अधिकारी का या फिर उन सभी का जिनकी जड़ें सरहद के उस पार हैं।
  • कहानी का मूल संदेश यह है कि राजनीतिक नक्शे पर खींची गई लकीरें लोगों के दिलों को नहीं बाँट सकतीं। दोनों देशों के आम लोगों के मन में आज भी एक-दूसरे के प्रति प्रेम और अपनी जन्मभूमि के प्रति गहरा लगाव है।
  • 'नमक' इस कहानी में वफादारी, प्रेम, साझा संस्कृति और अपनी जड़ों से जुड़ाव का प्रतीक है।

परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण बिंदु

  • शीर्षक की सार्थकता: 'नमक' शीर्षक कहानी के केंद्र में है। यह सिर्फ एक मसाला नहीं, बल्कि साझा संस्कृति, यादों, वफादारी और मानवीय संबंधों का प्रतीक है।
  • पात्रों का प्रतीकात्मक महत्व:
    • सिख बीबी: विस्थापित पीढ़ी का प्रतीक, जो अपनी जन्मभूमि को भूल नहीं पाई है।
    • सफ़िया: नई पीढ़ी का प्रतीक, जो पुरानी पीढ़ी की भावनाओं का सम्मान करती है।
    • दोनों कस्टम अधिकारी: ये दर्शाते हैं कि सरकारी ओहदे पर बैठे लोग भी इंसान हैं और उनके दिलों में भी अपनी जड़ों के लिए प्रेम है।
  • कहानी का उद्देश्य: यह दिखाना कि कानून और सरहदों से बढ़कर मानवीय भावनाएँ और रिश्ते होते हैं। विभाजन का दर्द दोनों तरफ के लोगों ने समान रूप से सहा है।

अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)

1. 'नमक' कहानी की लेखिका का क्या नाम है?
(क) महादेवी वर्मा
(ख) कृष्णा सोबती
(ग) रजिया सज्जाद जहीर
(घ) मन्नू भंडारी

2. सिख बीबी ने सफ़िया से लाहौर से क्या लाने का अनुरोध किया था?
(क) मिठाई
(ख) लाहौरी नमक
(ग) शॉल
(घ) कीनू

3. सफ़िया का भाई लाहौर में किस पद पर कार्यरत था?
(क) डॉक्टर
(ख) वकील
(ग) पुलिस अफसर
(घ) शिक्षक

4. पाकिस्तानी कस्टम अधिकारी का वतन कहाँ था?
(क) दिल्ली
(ख) लखनऊ
(ग) ढाका
(घ) अमृतसर

5. भारतीय कस्टम अधिकारी ने अपना वतन कहाँ बताया?
(क) कराची
(ख) ढाका
(ग) पेशावर
(घ) लाहौर

6. कहानी में 'नमक' किसका प्रतीक नहीं है?
(क) प्रेम और सद्भावना का
(ख) साझा संस्कृति का
(ग) घृणा और बँटवारे का
(घ) अपनी जड़ों से जुड़ाव का

7. सफ़िया ने नमक की पुड़िया को कहाँ छिपाने का विचार किया था?
(क) अपने पर्स में
(ख) किताबों के बीच
(ग) कीनुओं की टोकरी में
(घ) कपड़ों के बीच

8. रजिया सज्जाद जहीर का प्रसिद्ध कहानी संग्रह कौन-सा है?
(क) बादलों के घेरे
(ख) ज़र्द गुलाब
(ग) यारों के यार
(घ) जिंदगीनामा

9. "मोहब्बत तो कस्टम से इस तरह गुज़र जाती है कि कानून हैरान रह जाता है।" - यह कथन किसका है?
(क) सफ़िया का
(ख) सफ़िया के भाई का
(ग) पाकिस्तानी कस्टम अधिकारी का
(घ) भारतीय कस्टम अधिकारी का

10. 'नमक' कहानी का मुख्य संदेश क्या है?
(क) कस्टम के नियम बहुत सख्त होते हैं।
(ख) भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापार मुश्किल है।
(ग) राजनीतिक सीमाएँ लोगों के दिलों को नहीं बाँट सकतीं।
(घ) यात्रा करते समय कोई वस्तु नहीं लानी चाहिए।


उत्तरमाला:

  1. (ग), 2. (ख), 3. (ग), 4. (ग), 5. (घ), 6. (ग), 7. (ग), 8. (ख), 9. (ग), 10. (ग)

इन नोट्स को अच्छी तरह से पढ़ें और याद कर लें। यह अध्याय मानवीय संवेदनाओं से जुड़ा है, इसलिए इसके संदेश को समझना बहुत आवश्यक है। शुभकामनाएँ

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