Class 11 Hindi Notes Chapter 18 (श्रीकांत वर्मा : हस्तक्षेप 169) – Antra Book

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चलिए, आज हम श्रीकांत वर्मा जी की अत्यंत महत्वपूर्ण कविता 'हस्तक्षेप' का गहन अध्ययन करेंगे। यह कविता न केवल आपकी कक्षा की परीक्षा के लिए, बल्कि विभिन्न सरकारी परीक्षाओं के हिंदी साहित्य खंड के लिए भी बहुत उपयोगी है।

श्रीकांत वर्मा : हस्तक्षेप (विस्तृत नोट्स)

1. कवि परिचय

  • नाम: श्रीकांत वर्मा (1931-1986)
  • जन्म स्थान: बिलासपुर, छत्तीसगढ़
  • साहित्यिक युग: नई कविता के दौर के प्रमुख कवि।
  • प्रमुख कृतियाँ:
    • कविता संग्रह: 'भटका मेघ', 'दिनारंभ', 'माया दर्पण', 'जलसाघर', 'मगध'
    • कहानी संग्रह: 'झाड़ी संवाद', 'घर'
    • उपन्यास: 'दूसरी बार'
  • विशेषताएँ: श्रीकांत वर्मा अपनी कविताओं में शहरी जीवन के तनाव, राजनीतिक व्यंग्य और सत्ता के चरित्र को उजागर करने के लिए जाने जाते हैं। उनकी भाषा सीधी, सपाट और मारक होती है। 'मगध' उनका सबसे चर्चित काव्य संग्रह है, जिससे यह कविता 'हस्तक्षेप' ली गई है।

2. कविता का मूल भाव एवं सार

'हस्तक्षेप' कविता सत्ता की निरंकुशता और उसके दमनकारी चरित्र पर एक तीखा व्यंग्य है। कवि ने ऐतिहासिक राज्य 'मगध' को एक प्रतीक के रूप में प्रयोग किया है, जो किसी भी ऐसी शासन व्यवस्था को दर्शाता है जहाँ आम जनता को सवाल पूछने या विरोध करने की आज़ादी नहीं है।

  • सत्ता का दमनचक्र: कविता बताती है कि मगध में ऐसी व्यवस्था है जहाँ शांति बनाए रखने के नाम पर लोगों की आवाज़ को दबा दिया जाता है। कोई चीखता नहीं, कोई विरोध नहीं करता, क्योंकि ऐसा करना व्यवस्था के खिलाफ माना जाता है।
  • डर पर आधारित शांति: मगध की शांति वास्तविक शांति नहीं है, बल्कि यह डर और आतंक से उपजी हुई चुप्पी है। कवि इस शांति को 'कब्रिस्तान की शांति' के समान बताते हैं, जहाँ सब कुछ शांत तो है, पर जीवन नहीं है।
  • सवाल पूछने की ज़रूरत: कवि के अनुसार, जब समाज अन्याय और दमन के कारण चुप हो जाता है, तब किसी न किसी को हस्तक्षेप करना ही पड़ता है। यह हस्तक्षेप एक सवाल के रूप में होता है। कविता में 'हस्तक्षेप' का अर्थ है - सत्ता से प्रश्न पूछना, अन्याय के विरुद्ध आवाज़ उठाना और व्यवस्था को चुनौती देना।
  • कवि की भूमिका: कविता यह स्थापित करती है कि एक जागरूक नागरिक या कवि का यह कर्तव्य है कि वह इस झूठी शांति को भंग करे और सत्ता से वे कठिन सवाल पूछे जिनका जवाब देना उसके लिए मुश्किल हो। कविता के अंत में पूछा गया प्रश्न "मनुष्य क्यों मरता है?" केवल एक दार्शनिक प्रश्न नहीं, बल्कि एक राजनीतिक प्रश्न भी है। यह प्रश्न उस व्यवस्था की नींव हिला देता है जो अपनी प्रजा को हर सुख देने का दावा करती है।

3. प्रमुख पंक्तियों की व्याख्या एवं काव्य-सौंदर्य

पंक्ति: "कोई चीखता तक नहीं/ इस डर से कि मगध की शांति भंग न हो जाए।/ मगध को बनाए रखना है, तो/ मगध में शांति रहनी ही चाहिए।"

  • व्याख्या: इन पंक्तियों में कवि उस भयभीत समाज का चित्रण करते हैं जहाँ लोग अन्याय के खिलाफ इसलिए नहीं बोलते क्योंकि उन्हें डर है कि इससे व्यवस्था की तथाकथित 'शांति' भंग हो जाएगी। शासक वर्ग भी यही चाहता है। वे अपनी सत्ता को बनाए रखने के लिए इस कृत्रिम शांति को एक आवश्यक शर्त मानते हैं।
  • काव्य-सौंदर्य:
    • भाषा: सरल, व्यंग्यात्मक खड़ी बोली।
    • शैली: वर्णनात्मक एवं प्रतीकात्मक।
    • 'मगध' निरंकुश सत्ता का प्रतीक है।
    • 'शांति' भय और दमन से उत्पन्न चुप्पी का प्रतीक है।
    • मुक्त छंद का प्रयोग।

पंक्ति: "हस्तक्षेप कविता में मगध/ न रह जाएगा/ अगर कोई टोकता नहीं/ कोई छींकता तक नहीं।"

  • व्याख्या: कवि कहते हैं कि यदि व्यवस्था में कोई हस्तक्षेप (टोकना) नहीं करेगा, कोई सामान्य मानवीय प्रतिक्रिया (छींकना) भी नहीं देगा, तो उस व्यवस्था का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। एक जीवंत समाज की पहचान ही उसके नागरिकों की प्रतिक्रियाओं से होती है। पूर्ण चुप्पी समाज के मृत होने का संकेत है।
  • काव्य-सौंदर्य:
    • 'टोकना' और 'छींकना' जैसी सामान्य क्रियाओं के माध्यम से कवि ने विरोध और असहमति के महत्व को दर्शाया है।
    • लाक्षणिकता का सुंदर प्रयोग।

पंक्ति: "जब कोई नहीं करता/ तब नगर के बीच से गुज़रता हुआ/ मुर्दा, यह प्रश्न कर/ हस्तक्षेप करता है -/ मनुष्य क्यों मरता है?"

  • व्याख्या: यह कविता का सबसे मार्मिक और शक्तिशाली अंश है। जब जीवित लोग डर के कारण सवाल नहीं पूछते, तब एक मुर्दा (जो व्यवस्था का शिकार हुआ है) यह मौलिक प्रश्न पूछता है। यह प्रश्न पूरी व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर देता है। एक ऐसी व्यवस्था जो शांति और सुरक्षा का दावा करती है, उसमें लोग क्यों मारे जा रहे हैं? यह प्रश्न ही सबसे बड़ा 'हस्तक्षेप' है।
  • काव्य-सौंदर्य:
    • 'मुर्दा' शोषित और दमित जनता का प्रतीक है।
    • प्रश्नालंकार का सशक्त प्रयोग।
    • कविता का अंत एक झकझोर देने वाले प्रश्न पर होता है, जो पाठक को सोचने पर विवश कर देता है।

अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)

1. श्रीकांत वर्मा की कविता 'हस्तक्षेप' उनके किस काव्य संग्रह से ली गई है?
(क) माया दर्पण
(ख) जलसाघर
(ग) मगध
(घ) भटका मेघ

2. कविता में 'मगध' किसका प्रतीक है?
(क) एक ऐतिहासिक साम्राज्य का
(ख) शांति और समृद्धि का
(ग) एक निरंकुश और दमनकारी शासन व्यवस्था का
(घ) कवियों के सपनों का नगर

3. 'मगध में शांति' का क्या अभिप्राय है?
(क) वास्तविक सुख और चैन
(ख) जनता की खुशहाली
(ग) अन्याय के प्रति भयपूर्ण चुप्पी
(घ) शासक का न्यायप्रिय होना

4. कवि के अनुसार, व्यवस्था के लिए हस्तक्षेप क्यों आवश्यक है?
(क) व्यवस्था को तोड़ने के लिए
(ख) व्यवस्था को जीवंत और लोकतांत्रिक बनाए रखने के लिए
(ग) अशांति फैलाने के लिए
(घ) राजा को परेशान करने के लिए

5. कविता के अंत में 'मुर्दा' कौन-सा प्रश्न पूछकर हस्तक्षेप करता है?
(क) मगध का राजा कौन है?
(ख) शांति कैसे स्थापित होगी?
(ग) मनुष्य क्यों मरता है?
(घ) मुझे न्याय कब मिलेगा?

6. 'कोई छींकता तक नहीं' - इस पंक्ति में 'छींकना' किस बात का प्रतीक है?
(क) बीमारी का
(ख) सामान्य मानवीय गतिविधि या छोटे-से-छोटे विरोध का
(ग) अपशकुन का
(घ) मौसम बदलने का

7. 'हस्तक्षेप' कविता की भाषा-शैली कैसी है?
(क) अलंकारिक और संस्कृतनिष्ठ
(ख) ग्रामीण और आंचलिक
(ग) सरल, सपाट और व्यंग्यात्मक
(घ) संगीतात्मक और गेय

8. कवि के अनुसार मगध वासी क्यों नहीं चीखते?
(क) क्योंकि वे बहुत सुखी हैं
(ख) क्योंकि उन्हें चीखना पसंद नहीं है
(ग) क्योंकि उन्हें डर है कि इससे मगध की शांति भंग हो जाएगी
(घ) क्योंकि राजा ने चीखने पर इनाम रखा है

9. 'हस्तक्षेप' शब्द का कविता के संदर्भ में सबसे सटीक अर्थ क्या है?
(क) लड़ाई-झगड़ा करना
(ख) किसी के काम में दखल देना
(ग) सत्ता से सवाल करना और अन्याय का विरोध करना
(घ) चुपचाप सब कुछ सहना

10. इस कविता का मुख्य उद्देश्य क्या है?
(क) मगध के इतिहास का वर्णन करना
(ख) शांति का महत्व बताना
(ग) जनता को अन्याय के विरुद्ध आवाज़ उठाने के लिए प्रेरित करना
(घ) मृत्यु के दार्शनिक पक्ष पर विचार करना


उत्तरमाला:

  1. (ग)
  2. (ग)
  3. (ग)
  4. (ख)
  5. (ग)
  6. (ख)
  7. (ग)
  8. (ग)
  9. (ग)
  10. (ग)

इन नोट्स और प्रश्नों के माध्यम से आप इस अध्याय की गहरी समझ विकसित कर सकते हैं। शुभकामनाएँ

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