Class 11 Hindi Notes Chapter 19 (धूमिल : घर में वापसी) – Antra Book

चलिए, आज हम कक्षा 11 की 'अंतरा' पुस्तक के एक बहुत ही महत्वपूर्ण और मार्मिक अध्याय, धूमिल की कविता 'घर में वापसी' का गहन अध्ययन करेंगे। यह कविता सरकारी परीक्षाओं की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह साठोत्तरी कविता की विशेषताओं, मोहभंग की पीड़ा और पारिवारिक संबंधों में गरीबी के प्रभाव को दर्शाती है।
अध्याय 19: धूमिल - घर में वापसी (विस्तृत नोट्स)
1. कवि परिचय: सुदामा पांडेय 'धूमिल' (1936-1975)
- मूल नाम: सुदामा पांडेय।
- उपनाम: धूमिल।
- काल: साठोत्तरी कविता (यानी 1960 के बाद की कविता) के प्रमुख कवियों में से एक। इन्हें 'एंग्री यंग मैन' की उपाधि भी दी जाती है।
- प्रमुख रचनाएँ: 'संसद से सड़क तक', 'कल सुनना मुझे', 'सुदामा पाँडे का प्रजातंत्र'। (ध्यान दें: 'कल सुनना मुझे' पर उन्हें मरणोपरांत साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला)।
- काव्य की विशेषताएँ:
- उनकी कविता में व्यवस्था के प्रति गहरा आक्रोश और विद्रोह का स्वर है।
- वे आजादी के बाद के भारत के मोहभंग को अपनी कविताओं में व्यक्त करते हैं।
- उनकी भाषा सीधी, सपाट, और व्यंग्यात्मक है। वे आम बोलचाल के शब्दों का प्रयोग करके गहरी चोट करते हैं।
- उन्हें 'जनकवि' भी कहा जाता है क्योंकि उनकी कविता आम आदमी के संघर्ष और पीड़ा को वाणी देती है।
2. 'घर में वापसी' कविता का सार एवं संदर्भ
यह कविता 'घर' की पारंपरिक और सुखद अवधारणा को तोड़ती है। धूमिल के लिए 'घर' केवल एक चारदीवारी नहीं है, बल्कि रिश्तों का एक ताना-बाना है। लेकिन गरीबी और विवशता के कारण इस घर में रिश्ते तो हैं, पर उनमें आपसी संवाद और ऊष्मा की कमी है। कविता एक गरीब परिवार की दिनचर्या और उनके मौन संबंधों की मार्मिक तस्वीर प्रस्तुत करती है। घर के पाँच सदस्य (कवि, माँ, पिता, बेटी, पत्नी) एक साथ रहते हुए भी एक-दूसरे से भावनात्मक रूप से कटे हुए हैं।
3. कविता की विस्तृत व्याख्या (भावार्थ)
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"मेरे घर में पाँच जोड़ी आँखें हैं माँ की आँखें पड़ाव से पहले ही तीर्थयात्रा की बस के दो पंक्चर पहिए हैं।"
- भावार्थ: कवि कहता है कि उसके घर में पाँच सदस्य हैं, जिनकी आँखों में अलग-अलग भाव और विवशता है। माँ की आँखों की तुलना तीर्थयात्रा की बस के उन दो पंक्चर पहियों से की गई है जो मंजिल तक पहुँचने से पहले ही खराब हो गए। इसका गहरा अर्थ है कि माँ ने जीवन भर परिवार के लिए संघर्ष किया, लेकिन उनकी इच्छाएँ और सपने कभी पूरे नहीं हुए। उनकी आँखों की ज्योति और जीवन का उत्साह खत्म हो चुका है।
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"पिता की आँखें लोहसाँय की ठंडी सलाखें हैं।"
- भावार्थ: पिता की आँखों को लोहार की भट्ठी की ठंडी हो चुकी सलाखों के समान बताया गया है। यह दिखाता है कि पिता जो कभी परिवार के लिए ऊर्जा और शक्ति का स्रोत थे, अब जीवन के संघर्षों से थककर ठंडे और निर्लिप्त हो चुके हैं। उनकी आँखों में अब कोई तेज या उम्मीद नहीं बची है।
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"बेटी की आँखें मंदिर में दीवट पर जलते घी के दो दिए हैं।"
- भावार्थ: बेटी की आँखों में अभी भी पवित्रता, मासूमियत और भविष्य की एक टिमटिमाती हुई आशा है, ठीक वैसे ही जैसे मंदिर में जलते हुए घी के दीये होते हैं। लेकिन यह आशा भी बहुत fragile (नाजुक) है।
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"पत्नी की आँखें आँखें नहीं हाथ हैं जो मुझे थामे हुए हैं।"
- भावार्थ: कवि के लिए पत्नी की आँखें केवल आँखें नहीं, बल्कि सहारा देने वाले हाथ हैं। जीवन की कठिनाइयों में पत्नी का मौन प्रेम और समर्थन ही उसे संभाले हुए है। यह इस घर में एकमात्र सकारात्मक और मजबूत रिश्ते का प्रतीक है।
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"हम सब साथ हैं और अँगीठी के पास पास बैठे हैं... रिश्ते हैं; लेकिन खुलते नहीं हैं और हम अपने खून में इतना भी लोहा नहीं पाते कि हम उससे एक ताली बनवाते और भाषा के भुन्नासी ताले को खोलते..."
- भावार्थ: कवि कहता है कि परिवार के सभी सदस्य शारीरिक रूप से एक-दूसरे के पास हैं, लेकिन उनके बीच संवादहीनता की एक दीवार है। वे अपने मन की बात एक-दूसरे से कह नहीं पाते। वे इतने कमजोर और विवश हो चुके हैं कि उनमें इतनी भी हिम्मत नहीं बची कि वे इस चुप्पी को तोड़ सकें। 'भाषा के भुन्नासी ताले' का अर्थ है संवादहीनता का मजबूत ताला।
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"माँ की आँखों में तैरते हैं... दूधिया बादल... और उन रोटी सेंकने वाले हाथों की आँच में... एक साथ पक रहे हैं- हमारे रिश्ते... घर में वापसी का मतलब है..."
- भावार्थ: कविता का अंत एक उम्मीद पर होता है। जब माँ रोटी बनाती है और सब एक साथ बैठकर खाते हैं, तो वह साझा चूल्हा और भोजन उन्हें एक-दूसरे से जोड़ता है। भले ही वे बोलते नहीं, लेकिन उस भोजन की ऊष्मा में उनके रिश्ते धीरे-धीरे पकते हैं, यानी मजबूत होते हैं। कवि के लिए 'घर में वापसी' का असली मतलब इसी मौन अपनेपन और साझापन में है।
4. काव्य-सौंदर्य एवं शिल्प-सौंदर्य
- भाषा: सहज, सरल और आम बोलचाल की खड़ी बोली।
- शैली: चित्रात्मक और प्रतीकात्मक। कवि शब्दों से चित्र खींच देता है।
- छंद: मुक्त छंद (अतुकांत कविता)।
- बिंब: कविता में दृश्य बिंबों का अद्भुत प्रयोग है (जैसे- पंक्चर पहिए, ठंडी सलाखें, घी के दिए)।
- अलंकार:
- उपमा अलंकार: "तीर्थयात्रा की बस के दो पंक्चर पहिए हैं", "लोहसाँय की ठंडी सलाखें हैं", "घी के दो दिए हैं"।
- रूपक अलंकार: "पत्नी की आँखें... हाथ हैं", "भाषा के भुन्नासी ताले"।
- मानवीकरण: आँखों को अलग-अलग वस्तुओं के रूप में चित्रित करना।
5. कविता का मूल भाव/प्रतिपाद्य
इस कविता का मूल भाव गरीबी से जूझ रहे एक निम्न-मध्यवर्गीय परिवार की विडंबना को उजागर करना है। यह कविता दर्शाती है कि आर्थिक तंगी किस प्रकार पारिवारिक संबंधों की ऊष्मा और संवाद को खत्म कर देती है। इसके बावजूद, रिश्तों की एक महीन डोर उन्हें बाँधे रखती है, जो साझा संघर्ष और अपनेपन से मजबूत होती है। यह कविता आजादी के बाद आम आदमी के सपनों के टूटने और जीवन की कठोर सच्चाइयों का यथार्थवादी चित्रण है।
अभ्यास हेतु 10 महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
प्रश्न 1: कवि धूमिल का वास्तविक नाम क्या था?
(क) सुदामा तिवारी
(ख) धूमिल पांडेय
(ग) सुदामा पांडेय
(घ) रामधारी धूमिल
उत्तर: (ग) सुदामा पांडेय
प्रश्न 2: 'घर में वापसी' कविता में 'पाँच जोड़ी आँखें' किसका प्रतीक हैं?
(क) घर की पाँच खिड़कियों का
(ख) घर के पाँच सदस्यों का
(ग) पाँच प्रकार की भावनाओं का
(घ) पाँच अलग-अलग कहानियों का
उत्तर: (ख) घर के पाँच सदस्यों का
प्रश्न 3: कवि ने माँ की आँखों की तुलना 'तीर्थयात्रा की बस के दो पंक्चर पहिए' से क्यों की है?
(क) क्योंकि माँ की आँखें गोल हैं
(ख) क्योंकि माँ तीर्थयात्रा पर जाना चाहती थी
(ग) यह माँ की निराशा, थकान और अधूरी इच्छाओं को दर्शाता है
(घ) यह माँ के अंधेपन को दर्शाता है
उत्तर: (ग) यह माँ की निराशा, थकान और अधूरी इच्छाओं को दर्शाता है
प्रश्न 4: कविता के अनुसार, किसकी आँखें कवि के लिए संबल (सहारा) हैं?
(क) माँ की
(ख) पिता की
(ग) बेटी की
(घ) पत्नी की
उत्तर: (घ) पत्नी की
प्रश्न 5: "रिश्ते हैं; लेकिन खुलते नहीं हैं" - इस पंक्ति का क्या आशय है?
(क) परिवार के सदस्य एक-दूसरे से नफरत करते हैं
(ख) परिवार में संवादहीनता और भावनात्मक दूरी है
(ग) घर के दरवाजे हमेशा बंद रहते हैं
(घ) रिश्ते बहुत जटिल और उलझे हुए हैं
उत्तर: (ख) परिवार में संवादहीनता और भावनात्मक दूरी है
प्रश्न 6: पिता की आँखों को 'लोहसाँय की ठंडी सलाखें' कहने में कौन-सा भाव निहित है?
(क) कठोरता और क्रोध का
(ख) निराशा, निष्क्रियता और तेजहीनता का
(ग) मजबूती और दृढ़ता का
(घ) जेल में बंद होने का
उत्तर: (ख) निराशा, निष्क्रियता और तेजहीनता का
प्रश्न 7: 'घर में वापसी' कविता की भाषा कैसी है?
(क) तत्सम प्रधान संस्कृतनिष्ठ
(ख) अलंकारिक और चमत्कारपूर्ण
(ग) ग्रामीण अवधी
(घ) सहज, सीधी और आम बोलचाल की
उत्तर: (घ) सहज, सीधी और आम बोलचाल की
प्रश्न 8: कविता में 'भाषा के भुन्नासी ताले' से कवि का क्या तात्पर्य है?
(क) घर का पुराना ताला
(ख) अनपढ़ होने की स्थिति
(ग) बोलने पर लगी पाबंदी
(घ) आपसी बातचीत का अभाव या संवादहीनता
उत्तर: (घ) आपसी बातचीत का अभाव या संवादहीनता
प्रश्न 9: कविता के अंत में परिवार के सदस्यों के बीच जुड़ाव का माध्यम क्या बनता है?
(क) लंबी बातचीत
(ख) साथ बैठकर टीवी देखना
(ग) माँ के द्वारा सेंकी जा रही रोटियाँ और साझा भोजन
(घ) कवि द्वारा सुनाई गई कविता
उत्तर: (ग) माँ के द्वारा सेंकी जा रही रोटियाँ और साझा भोजन
प्रश्न 10: धूमिल की किस कृति पर उन्हें मरणोपरांत साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया?
(क) संसद से सड़क तक
(ख) कल सुनना मुझे
(ग) सुदामा पाँडे का प्रजातंत्र
(घ) घर में वापसी
उत्तर: (ख) कल सुनना मुझे
इन नोट्स और प्रश्नों का अच्छे से अध्ययन करें। यह आपकी परीक्षा की तैयारी में बहुत सहायक होगा। शुभकामनाएँ