Class 11 Hindi Notes Chapter 7 (गजानन माधव मुक्तिबोध ; नए की जन्म कुंडली: एक) – Antra Book

चलिए, आज हम गजानन माधव मुक्तिबोध द्वारा रचित वैचारिक निबंध 'नए की जन्म कुंडली: एक' का गहन अध्ययन करेंगे। यह पाठ आपकी परीक्षा की तैयारी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें मुक्तिबोध के चिंतन और विश्लेषण की गहराई देखने को मिलती है।
विस्तृत नोट्स: नए की जन्म कुंडली: एक
लेखक परिचय: गजानन माधव मुक्तिबोध (1917-1964)
- जन्म: श्योपुर, ग्वालियर (मध्य प्रदेश)।
- साहित्यिक धारा: प्रगतिशील-प्रयोगवादी काव्य धारा के प्रमुख कवि, आलोचक और विचारक। वे 'तार सप्तक' के पहले कवि थे।
- प्रमुख रचनाएँ:
- कविता संग्रह: 'चाँद का मुँह टेढ़ा है', 'भूरी-भूरी खाक धूल'।
- कथा साहित्य: 'काठ का सपना', 'विपात्र', 'सतह से उठता आदमी'।
- आलोचना: 'कामायनी: एक पुनर्विचार', 'नई कविता का आत्मसंघर्ष', 'नए साहित्य का सौंदर्यशास्त्र', 'समीक्षा की समस्याएँ'।
- लेखन की विशेषताएँ: मुक्तिबोध का साहित्य बौद्धिकता, गहन चिंतन, फैंटेसी (कल्पना) और सामाजिक यथार्थ के जटिल ताने-बाने से बुना है। उनकी भाषा संस्कृतनिष्ठ और जटिल होते हुए भी विचारों की गहराई को व्यक्त करती है।
पाठ का सार एवं मूल भाव
'नए की जन्म कुंडली: एक' एक विचारात्मक निबंध है जिसमें मुक्तिबोध 'नया' (नवीनता) की अवधारणा का विश्लेषण करते हैं। वे केवल समय के बीतने से आने वाली नई चीज़ों को 'नया' नहीं मानते, बल्कि उसके स्वरूप और उसकी प्रकृति को समझने का प्रयास करते हैं। इस निबंध का मूल उद्देश्य यह स्पष्ट करना है कि आज का समाज किस प्रकार की नवीनता के पीछे भाग रहा है और वास्तविक, सार्थक नवीनता क्या है।
प्रमुख बिंदु और विस्तृत विश्लेषण
1. 'नया' की परिभाषा:
मुक्तिबोध के अनुसार 'नया' केवल काल-क्रम में बाद में आने वाली वस्तु नहीं है। 'नया' एक गुणात्मक परिवर्तन (Qualitative Change) है। यह केवल रूप में नया नहीं होता, बल्कि अपनी प्रकृति, सार और प्रभाव में भी नया होता है।
2. 'नए' के दो प्रकार:
निबंध का केंद्रीय विचार 'नए' के दो प्रकारों पर आधारित है:
-
संस्कृति का नया (The New of Culture):
- यह आंतरिक, आत्मिक और मूल्य-आधारित होता है।
- इसका संबंध मनुष्य के विचारों, भावनाओं, जीवन-मूल्यों, कला, साहित्य और दर्शन में आने वाले मौलिक परिवर्तनों से है।
- यह मनुष्य के जीवन जीने की दृष्टि को बदलता है। उदाहरण: बुद्ध या कबीर के विचार अपने समय में 'संस्कृति के नए' थे।
- यह व्यक्तिनिष्ठ (Subjective) और गहरा होता है।
-
सभ्यता का नया (The New of Civilization):
- यह बाह्य, भौतिक और साधन-आधारित होता है।
- इसका संबंध विज्ञान, तकनीक, आविष्कार और भौतिक सुख-सुविधाओं से है।
- यह जीवन जीने के साधनों को बदलता है, दृष्टि को नहीं। उदाहरण: मोबाइल फोन, कार, इंटरनेट 'सभ्यता के नए' हैं।
- यह वस्तुनिष्ठ (Objective) और सतही होता है।
3. लेखक की मुख्य चिंता:
मुक्तिबोध इस बात से चिंतित हैं कि आधुनिक समाज 'सभ्यता के नए' को ही वास्तविक नवीनता मान बैठा है। हम नए-नए उपकरणों और तकनीकों के विकास को ही प्रगति का पर्याय समझ रहे हैं, जबकि 'संस्कृति का नया' यानी नैतिक और मानवीय मूल्यों का विकास पिछड़ता जा रहा है। लेखक के अनुसार, केवल भौतिक साधनों का विकास सच्ची प्रगति नहीं है, जब तक कि मनुष्य का आंतरिक और सांस्कृतिक विकास न हो।
4. परंपरा और नवीनता का संबंध:
- मुक्तिबोध परंपरा के अंधानुकरण के विरोधी हैं, लेकिन वे परंपरा को पूरी तरह नकारते भी नहीं हैं।
- उनके अनुसार, सच्ची नवीनता परंपरा के गर्भ से ही जन्म लेती है। जब कोई व्यक्ति परंपरा की रूढ़ियों और कमियों से असंतुष्ट होता है और उसमें सुधार कर कुछ मौलिक जोड़ता है, तभी 'संस्कृति के नए' का जन्म होता है।
- उन्होंने ऐसे व्यक्ति को 'अंतुष्ट परंपरा-पुत्र' कहा है, जो परंपरा का आलोचनात्मक मूल्यांकन करता है और उसे एक नई दिशा देता है।
5. निबंध की भाषा-शैली:
- विश्लेषणात्मक और तार्किक: लेखक अपनी बात को तर्कों और उदाहरणों के माध्यम से सिद्ध करते हैं।
- वैचारिक और दार्शनिक: निबंध में विचारों की गहराई और दार्शनिक चिंतन स्पष्ट दिखाई देता है।
- तत्सम प्रधान शब्दावली: भाषा गंभीर और संस्कृतनिष्ठ शब्दों से युक्त है, जो विषय की गंभीरता के अनुकूल है।
- सूत्रबद्ध वाक्य: मुक्तिबोध अपनी बात को छोटे-छोटे, सूत्र जैसे वाक्यों में कहते हैं, जो उनके चिंतन को सघन बनाते हैं।
निष्कर्ष:
यह निबंध हमें नवीनता के वास्तविक अर्थ पर सोचने के लिए विवश करता है। मुक्तिबोध यह संदेश देते हैं कि सच्ची प्रगति भौतिक विकास के साथ-साथ सांस्कृतिक और मानवीय मूल्यों के विकास में निहित है। हमें 'सभ्यता के नए' के साथ-साथ 'संस्कृति के नए' को भी महत्व देना चाहिए।
अभ्यास हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
प्रश्न 1: 'नए की जन्म कुंडली: एक' पाठ के लेखक कौन हैं?
(क) हजारी प्रसाद द्विवेदी
(ख) हरिशंकर परसाई
(ग) गजानन माधव मुक्तिबोध
(घ) रामधारी सिंह दिनकर
प्रश्न 2: लेखक के अनुसार 'संस्कृति का नया' का संबंध किससे है?
(क) नए अविष्कारों से
(ख) भौतिक सुख-सुविधाओं से
(ग) जीवन-मूल्यों और विचारों में परिवर्तन से
(घ) नई इमारतों के निर्माण से
प्रश्न 3: मुक्तिबोध ने 'सभ्यता का नया' किसे कहा है?
(क) कला और साहित्य को
(ख) वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति को
(ग) दार्शनिक चिंतन को
(घ) नैतिक आचरण को
प्रश्न 4: लेखक के अनुसार, आधुनिक समाज किस प्रकार की नवीनता को अधिक महत्व दे रहा है?
(क) संस्कृति की नवीनता
(ख) सभ्यता की नवीनता
(ग) कला की नवीनता
(घ) साहित्य की नवीनता
प्रश्न 5: 'अंतुष्ट परंपरा-पुत्र' से लेखक का क्या आशय है?
(क) जो परंपरा को पूरी तरह नकार दे
(ख) जो परंपरा का अंधानुकरण करे
(ग) जो परंपरा का आलोचनात्मक मूल्यांकन कर उसमें नया जोड़ता है
(घ) जो परंपरा से कोई संबंध नहीं रखता
प्रश्न 6: 'चाँद का मुँह टेढ़ा है' किसकी प्रसिद्ध काव्य कृति है?
(क) अज्ञेय
(ख) धर्मवीर भारती
(ग) सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
(घ) गजानन माधव मुक्तिबोध
प्रश्न 7: लेखक के अनुसार, 'संस्कृति का नया' स्वभाव में कैसा होता है?
(क) बाह्य और वस्तुनिष्ठ
(ख) आंतरिक और व्यक्तिनिष्ठ
(ग) केवल भौतिक
(घ) क्षणिक और अस्थायी
प्रश्न 8: निबंध के शीर्षक में 'जन्म कुंडली' शब्द का प्रयोग किस अर्थ में हुआ है?
(क) ज्योतिषीय भविष्यवाणी के लिए
(ख) किसी के जन्म का विवरण देने के लिए
(ग) किसी वस्तु या विचार के स्वरूप का गहन विश्लेषण करने के लिए
(घ) भविष्य की योजना बनाने के लिए
प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन-सा एक 'सभ्यता के नए' का उदाहरण है?
(क) कबीर के दोहे
(ख) स्मार्टफोन
(ग) गाँधी का अहिंसा का दर्शन
(घ) एक नई पेंटिंग
प्रश्न 10: मुक्तिबोध किस काव्य-धारा से संबंधित हैं?
(क) छायावाद
(ख) प्रगतिवाद-प्रयोगवाद
(ग) द्विवेदी युग
(घ) रीतिकाल
उत्तरमाला:
- (ग) गजानन माधव मुक्तिबोध
- (ग) जीवन-मूल्यों और विचारों में परिवर्तन से
- (ख) वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति को
- (ख) सभ्यता की नवीनता
- (ग) जो परंपरा का आलोचनात्मक मूल्यांकन कर उसमें नया जोड़ता है
- (घ) गजानन माधव मुक्तिबोध
- (ख) आंतरिक और व्यक्तिनिष्ठ
- (ग) किसी वस्तु या विचार के स्वरूप का गहन विश्लेषण करने के लिए
- (ख) स्मार्टफोन
- (ख) प्रगतिवाद-प्रयोगवाद
इन नोट्स और प्रश्नों का अच्छे से अध्ययन करें। यह आपकी परीक्षा के लिए बहुत सहायक सिद्ध होगा। शुभकामनाएँ