Class 11 Hindi Notes Chapter 8 (पांडेय बेचन शर्मा ‘उग्र’ ; उसकी माँ) – Antra Book

नमस्ते विद्यार्थियों।
आज हम ग्यारहवीं कक्षा की 'अंतरा' पुस्तक के आठवें अध्याय, 'उसकी माँ', का विस्तृत अध्ययन करेंगे। यह अध्याय पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र' द्वारा लिखित एक अत्यंत मार्मिक और प्रेरणादायक कहानी है। सरकारी परीक्षाओं की दृष्टि से यह अध्याय बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे लेखक, कहानी के पात्रों, मूल संवेदना और तत्कालीन सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य पर प्रश्न बनते हैं।
चलिए, परीक्षा की तैयारी के लिए इसके विस्तृत नोट्स देखते हैं।
अध्याय 8: उसकी माँ
लेखक: पांडेय बेचन शर्मा ‘उग्र’
1. लेखक परिचय: पांडेय बेचन शर्मा ‘उग्र’ (1900-1967)
- जन्म: सन् 1900, चुनार, मिर्ज़ापुर (उत्तर प्रदेश)।
- व्यक्तित्व: 'उग्र' जी अपने नाम के अनुरूप ही विद्रोही स्वभाव के लेखक थे। उन्होंने समाज की कुरीतियों, पाखंड और शोषण पर अपनी लेखनी से कड़ा प्रहार किया। उनकी शैली यथार्थवादी थी।
- भाषा-शैली: इनकी भाषा सजीव, प्रवाहमयी और बोलचाल के करीब है। व्यंग्य और कटाक्ष उनकी शैली की प्रमुख विशेषता है। वे पात्रों और परिस्थितियों के अनुसार भाषा का प्रयोग करते थे।
- प्रमुख रचनाएँ:
- उपन्यास: चन्द हसीनों के ख़तूत, दिल्ली का दलाल, बुधुआ की बेटी, शराबी, जीजीजी।
- कहानी संग्रह: चिनगारियाँ (अंग्रेज़ सरकार द्वारा जब्त), शैतान मंडली, इंद्रधनुष, दोजख की आग।
- आत्मकथा: अपनी खबर (यह बहुत प्रसिद्ध है)।
- विशेष: 'उग्र' जी को हिंदी में यथार्थवादी और प्रकृतिवादी लेखन का प्रणेता माना जाता है। उन्होंने अपनी रचनाओं में राष्ट्रीय चेतना और समाज सुधार का संदेश दिया।
2. पाठ का सारांश (Summary)
'उसकी माँ' कहानी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की पृष्ठभूमि पर लिखी गई है। यह कहानी एक माँ के वात्सल्य (पुत्र-प्रेम) और उसके बेटे के देश-प्रेम के बीच के द्वंद्व और अंततः देश-प्रेम की विजय को दर्शाती है।
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कहानी के मुख्य पात्र:
- माँ: एक विधवा, जो अपने इकलौते बेटे 'लाल' से असीम स्नेह करती है।
- लाल: एक नवयुवक, जो देश की आज़ादी के लिए क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल है।
- ज़मींदार: अंग्रेज़ी सरकार का चापलूस और मुखबिर।
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कहानी का घटनाक्रम:
- कहानी की शुरुआत एक माँ की चिंता से होती है, जिसका बेटा 'लाल' क्रांतिकारी गतिविधियों के कारण अक्सर घर से बाहर रहता है। माँ को हमेशा उसकी सुरक्षा की चिंता लगी रहती है।
- एक दिन अंग्रेज़ों का समर्थक ज़मींदार, माँ के पास आता है और उसे चेतावनी देता है कि वह अपने बेटे को इन 'खतरनाक' कामों से रोके, वरना उसका अंजाम बुरा होगा। माँ डर जाती है, पर उसे अपने बेटे पर गर्व भी होता है।
- लाल अपने साथियों के साथ मिलकर स्वतंत्रता आंदोलन की योजनाएँ बनाता है। वह अपनी माँ को समझाता है कि देश की गुलामी की बेड़ियों को तोड़ना उसका परम कर्तव्य है।
- एक दिन पुलिस लाल को गिरफ़्तार कर लेती है। उस पर सरकार के खिलाफ़ षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया जाता है।
- मुकदमे में लाल को फाँसी की सज़ा सुनाई जाती है। यह सुनकर माँ टूट जाती है, लेकिन लाल जेल में भी शांत और दृढ़ रहता है।
- फाँसी से पहले माँ अपने बेटे से मिलने जेल जाती है। यह कहानी का सबसे मार्मिक दृश्य है। लाल अपनी माँ को सांत्वना देते हुए कहता है, "माँ, तुम केवल मेरी माँ नहीं हो, तुम उन सभी की माँ हो जो देश के लिए लड़ रहे हैं। तुम भारत-माता हो।" यह सुनकर माँ का दुःख, गर्व में बदल जाता है।
- लाल को फाँसी दे दी जाती है। कहानी के अंत में, माँ अपने आँसू पोंछकर घर आए दूसरे क्रांतिकारियों को आशीर्वाद देती है और कहती है, "जाओ बेटो, मेरे लाल का काम अधूरा न रह जाए।" इस प्रकार, एक साधारण माँ का चरित्र 'भारत-माता' के विराट रूप में परिवर्तित हो जाता है।
3. चरित्र-चित्रण (Character Analysis)
- माँ: माँ का चरित्र कहानी में सबसे सशक्त है। वह वात्सल्य और ममता की प्रतिमूर्ति है। प्रारंभ में वह एक साधारण, डरी हुई माँ है, लेकिन अंत में उसका चरित्र उदात्त और प्रेरणास्पद हो जाता है। उसका पुत्र-प्रेम, देश-प्रेम में विलीन हो जाता है और वह स्वयं राष्ट्र-प्रेम का प्रतीक बन जाती है।
- लाल: लाल उस समय के हज़ारों देशभक्त युवाओं का प्रतिनिधि है। वह साहसी, निडर और अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित है। वह अपनी माँ से बहुत प्रेम करता है, लेकिन उसके लिए देश का प्रेम सर्वोपरि है। उसका बलिदान युवाओं को प्रेरित करता है।
- ज़मींदार: ज़मींदार का चरित्र स्वार्थी, डरपोक और सत्ता के चापलूस वर्ग का प्रतीक है। वह अंग्रेज़ी शासन का समर्थक है और क्रांतिकारियों को देश का दुश्मन समझता है।
4. कहानी का उद्देश्य और मूल संवेदना
- देश-प्रेम की सर्वोच्चता: कहानी का मुख्य उद्देश्य यह दिखाना है कि व्यक्तिगत प्रेम और संबंधों से बढ़कर देश-प्रेम होता है।
- त्याग और बलिदान का महत्व: यह कहानी स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिवारों के असीम त्याग और बलिदान को रेखांकित करती है।
- माँ के चरित्र का उदात्तीकरण: लेखक ने एक सामान्य माँ के चरित्र को 'भारत-माता' के स्तर तक उठाकर उसे गरिमा प्रदान की है।
- राष्ट्रीय चेतना का प्रसार: इस कहानी का उद्देश्य पाठकों, विशेषकर युवाओं में राष्ट्रीयता और देशभक्ति की भावना जगाना है।
अभ्यास हेतु महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
प्रश्न 1: पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र' का जन्म कहाँ हुआ था?
(क) वाराणसी, उत्तर प्रदेश
(ख) चुनार, मिर्ज़ापुर
(ग) लखनऊ, उत्तर प्रदेश
(घ) इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश
प्रश्न 2: 'उसकी माँ' कहानी में देश-भक्त पुत्र का क्या नाम है?
(क) मोहन
(ख) राम
(ग) लाल
(घ) श्याम
प्रश्न 3: कहानी में माँ को उसके पुत्र की गतिविधियों के बारे में कौन चेतावनी देता है?
(क) पुलिसवाला
(ख) ज़मींदार
(ग) सरपंच
(घ) रिश्तेदार
प्रश्न 4: लाल को अदालत द्वारा क्या सज़ा सुनाई गई?
(क) आजीवन कारावास
(ख) दस साल की कैद
(ग) देश निकाला
(घ) फाँसी
प्रश्न 5: 'उसकी माँ' कहानी का मुख्य द्वंद्व क्या है?
(क) अमीर और गरीब के बीच
(ख) देश-प्रेम और पुत्र-प्रेम के बीच
(ग) माँ और ज़मींदार के बीच
(घ) पिता और पुत्र के बीच
प्रश्न 6: जेल में लाल अपनी माँ को क्या कहकर संबोधित करता है, जिससे माँ का दुःख गर्व में बदल जाता है?
(क) "तुम दुनिया की सबसे अच्छी माँ हो।"
(ख) "तुम चिंता मत करो, मैं जल्दी लौट आऊँगा।"
(ग) "तुम केवल मेरी माँ नहीं, भारत-माता हो।"
(घ) "तुम मेरे साथियों का ध्यान रखना।"
प्रश्न 7: कहानी के अंत में माँ का चरित्र किस रूप में परिवर्तित हो जाता है?
(क) एक दुखी और असहाय स्त्री के रूप में
(ख) एक प्रतिशोधी महिला के रूप में
(ग) अन्य क्रांतिकारियों की प्रेरणास्रोत के रूप में
(घ) एक सामान्य गृहिणी के रूप में
प्रश्न 8: पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र' की किस कृति को अंग्रेज़ सरकार ने जब्त कर लिया था?
(क) दिल्ली का दलाल
(ख) अपनी खबर
(ग) चिनगारियाँ
(घ) शराबी
प्रश्न 9: 'उसकी माँ' कहानी किस पृष्ठभूमि पर आधारित है?
(क) भारत-चीन युद्ध
(ख) 1857 का विद्रोह
(ग) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम
(घ) सामाजिक सुधार आंदोलन
प्रश्न 10: कहानी के अंत में माँ दूसरे युवकों को क्या आशीर्वाद देती है?
(क) "तुम सब सुरक्षित रहो।"
(ख) "मेरे लाल का काम अधूरा न रह जाए।"
(ग) "तुम लोग यह रास्ता छोड़ दो।"
(घ) "सरकार से लड़ना ठीक नहीं है।"
उत्तरमाला:
- (ख)
- (ग)
- (ख)
- (घ)
- (ख)
- (ग)
- (ग)
- (ग)
- (ग)
- (ख)
इन नोट्स को अच्छी तरह से पढ़ें और समझें। यह अध्याय न केवल परीक्षा के लिए, बल्कि देशभक्ति की भावना को समझने के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। कोई और प्रश्न हो तो अवश्य पूछें।