Class 11 History Notes Chapter 2 (साम्राज्य) – Vishwa Itihas ke Kush Visay Book

Vishwa Itihas ke Kush Visay
प्रिय विद्यार्थियों,

आज हम कक्षा 11 इतिहास की पाठ्यपुस्तक 'विश्व इतिहास के कुछ विषय' के अध्याय 2 'साम्राज्य' का विस्तृत अध्ययन करेंगे। यह अध्याय रोमन और ईरानी साम्राज्यों के उदय, विकास, सामाजिक-आर्थिक संरचना और पतन पर केंद्रित है, जो प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।


अध्याय 2: साम्राज्य

यह अध्याय रोमन और ईरानी साम्राज्यों के बारे में बात करता है, जो लगभग 600 वर्षों तक (27 ईसा पूर्व से 630 ईस्वी तक) एक-दूसरे के पड़ोसी और प्रतिद्वंद्वी रहे। ये साम्राज्य भूमध्य सागर के आर-पार फैले हुए थे और इनकी अपनी विशिष्ट सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक व्यवस्थाएँ थीं।


1. परिचय

  • भौगोलिक विस्तार: रोमन साम्राज्य भूमध्य सागर के उत्तर और दक्षिण में फैला हुआ था, जिसमें यूरोप का अधिकांश भाग, उत्तरी अफ्रीका और मध्य पूर्व के कुछ हिस्से शामिल थे। ईरानी साम्राज्य, जिसे पार्थियन और बाद में ससानियन साम्राज्य के नाम से जाना गया, कैस्पियन सागर से लेकर लाल सागर तक और यूफ्रेट्स नदी के पूर्व में फैला था।
  • प्रतिद्वंद्विता: यूफ्रेट्स नदी दोनों साम्राज्यों के बीच एक महत्वपूर्ण सीमा थी, और दोनों के बीच अक्सर सीमा विवाद और युद्ध होते रहते थे। रोमन साम्राज्य की पश्चिमी सीमा राइन और डेन्यूब नदियों द्वारा परिभाषित थी।

2. रोमन साम्राज्य

रोमन साम्राज्य को दो चरणों में बांटा जा सकता है:
* प्रारंभिक साम्राज्य (27 ईसा पूर्व - तीसरी शताब्दी ईस्वी तक): इस काल में साम्राज्य का विस्तार और समृद्धि हुई।
* परवर्ती साम्राज्य (तीसरी शताब्दी ईस्वी के बाद): इस काल में संकट, पुनर्गठन और अंततः पश्चिमी भाग का पतन हुआ।

2.1 राजनीतिक विकास:

  • गणराज्य (लगभग 509 ईसा पूर्व - 27 ईसा पूर्व): रोमन गणराज्य पर सीनेट का प्रभुत्व था, जिसमें कुलीन वर्ग के सदस्य शामिल थे। यह एक शक्तिशाली, लेकिन अक्सर अस्थिर, राजनीतिक व्यवस्था थी।
  • प्रिंसिपेट (27 ईसा पूर्व - 284 ईस्वी):
    • ऑगस्टस (27 ईसा पूर्व - 14 ईस्वी): गणराज्य को समाप्त कर 'प्रिंसिपेट' नामक नई व्यवस्था की स्थापना की। ऑगस्टस ने स्वयं को 'प्रिंसिप्स' (प्रथम नागरिक) घोषित किया, जिससे यह आभास होता रहे कि वह केवल सीनेट का एक सदस्य है। यह एक छद्म गणराज्य था, जिसमें वास्तविक शक्ति सम्राट के हाथों में थी।
    • सम्राट: ऑगस्टस के बाद कई सम्राट हुए, जैसे तिबेरियस, नीरो, ट्राजन, मार्कस ऑरेलियस। सम्राट की शक्ति सेना पर निर्भर करती थी।
    • सीनेट: सीनेट का महत्व बना रहा, खासकर अभिजात वर्ग के प्रतिनिधित्व के रूप में।
    • सेना: रोमन साम्राज्य की पेशेवर सेना (लगभग 6 लाख सैनिक) साम्राज्य की स्थिरता और विस्तार की रीढ़ थी। सैनिकों को 25 साल की सेवा के बाद पेंशन मिलती थी।

2.2 सामाजिक संरचना:

रोमन समाज में स्पष्ट पदानुक्रम था:

  • अभिजात वर्ग:
    • सीनेटर (सेनेटोरियल वर्ग): सबसे धनी और प्रभावशाली वर्ग, जो सीनेट में प्रतिनिधित्व करता था।
    • इक्वाइट्स (अश्वारोही वर्ग): दूसरा सबसे शक्तिशाली और धनी वर्ग, जिसमें व्यापारी, बैंकर और भूस्वामी शामिल थे।
  • मध्यम वर्ग: छोटे भूस्वामी, व्यापारी, कारीगर।
  • निम्न वर्ग (प्लेबियन): किसान, मजदूर।
  • दास: रोमन साम्राज्य में दास प्रथा व्यापक थी। कृषि, खानों, कारखानों और घरेलू कार्यों में दासों का बड़े पैमाने पर उपयोग होता था। तीसरी शताब्दी ईस्वी के बाद दास श्रम की जगह वेतनभोगी मजदूरों का प्रचलन बढ़ा।
  • परिवार: रोमन परिवार पितृसत्तात्मक था, जिसमें पुरुष मुखिया होता था। महिलाओं को संपत्ति का अधिकार प्राप्त था और वे कानूनी रूप से स्वतंत्र मानी जाती थीं, हालांकि राजनीतिक रूप से उनकी भूमिका सीमित थी। विवाह आमतौर पर अल्पायु में होते थे, लेकिन तलाक अपेक्षाकृत आसान था।

2.3 आर्थिक जीवन:

  • कृषि: भूमध्यसागरीय कृषि (अंगूर, जैतून, गेहूं) मुख्य आधार थी। सिंचाई तकनीकों का उपयोग होता था।
  • व्यापार: साम्राज्य में आंतरिक और बाहरी व्यापार व्यापक था। बंदरगाहों और सड़कों का एक विस्तृत नेटवर्क था। स्पेन से जैतून का तेल, अफ्रीका से गेहूं और मिस्र से अनाज का व्यापार होता था।
  • शहरीकरण: रोम, अलेक्जेंड्रिया, एंटिओक, कार्थेज जैसे बड़े और विकसित शहर थे, जो व्यापार और प्रशासन के केंद्र थे।
  • खनिज संसाधन: स्पेन की खानें चांदी और अन्य खनिजों का प्रमुख स्रोत थीं।

2.4 सांस्कृतिक और धार्मिक पहलू:

  • बहुदेववाद: रोमन लोग ग्रीक और रोमन देवी-देवताओं (जैसे ज्यूपिटर, जूनो, मिनर्वा) की पूजा करते थे।
  • ईसाई धर्म: यहूदी धर्म से विकसित हुआ। चौथी शताब्दी ईस्वी में सम्राट कॉन्स्टेंटाइन ने ईसाई धर्म को राजकीय संरक्षण दिया और यह धीरे-धीरे साम्राज्य का प्रमुख धर्म बन गया।
  • भाषाएँ: साम्राज्य के पश्चिमी भाग में लैटिन और पूर्वी भाग में यूनानी प्रमुख भाषाएँ थीं।

2.5 तीसरी शताब्दी का संकट (235-284 ईस्वी):

यह रोमन साम्राज्य के लिए एक गंभीर संकट का दौर था:

  • राजनीतिक अस्थिरता: इस अवधि में 50 वर्षों में लगभग 25 सम्राट हुए, जो अक्सर सेना द्वारा नियुक्त किए जाते थे और गृह युद्ध में मारे जाते थे।
  • बाहरी आक्रमण: उत्तर से जर्मन जनजातियाँ (जैसे फ्रैंक, गोथ, अलमानी) और पूर्व से ससानियन साम्राज्य ने लगातार हमले किए।
  • आर्थिक गिरावट: मुद्रास्फीति, व्यापार में कमी और शहरों का पतन हुआ।

2.6 परिवर्तन और पतन:

  • डायोक्लेशियन (284-305 ईस्वी):
    • साम्राज्य को स्थिर करने के लिए कई सुधार किए।
    • सेना का विस्तार किया और सीमाओं को मजबूत किया।
    • 'डोमिनेट' नामक एक अधिक निरंकुश शासन प्रणाली की स्थापना की, जिसमें सम्राट को 'भगवान' माना गया।
  • कॉन्स्टेंटाइन (306-337 ईस्वी):
    • ईसाई धर्म को राजकीय धर्म बनाया और इसे बढ़ावा दिया।
    • एक नई राजधानी 'कॉन्स्टेंटिनोपल' (आधुनिक इस्तांबुल) का निर्माण किया, जो पूर्वी रोमन साम्राज्य का केंद्र बनी।
  • साम्राज्य का विभाजन: चौथी शताब्दी के अंत में, साम्राज्य को औपचारिक रूप से पश्चिमी रोमन साम्राज्य (राजधानी रोम) और पूर्वी रोमन साम्राज्य (राजधानी कॉन्स्टेंटिनोपल) में विभाजित कर दिया गया।
  • पश्चिमी रोमन साम्राज्य का पतन (476 ईस्वी): जर्मन जनजातियों (जैसे गोथ, वैंडल) के लगातार आक्रमणों के कारण पश्चिमी रोमन साम्राज्य का पतन हो गया।
  • पूर्वी रोमन साम्राज्य (बीजान्टिन साम्राज्य): यह साम्राज्य 1453 ईस्वी में ओटोमन तुर्कों द्वारा कॉन्स्टेंटिनोपल पर कब्जा करने तक अस्तित्व में रहा।

3. ईरानी साम्राज्य

रोमन साम्राज्य का पूर्वी प्रतिद्वंद्वी ईरानी साम्राज्य था, जो दो प्रमुख राजवंशों द्वारा शासित था:

3.1 पार्थियन साम्राज्य (लगभग 247 ईसा पूर्व - 224 ईस्वी):

  • यह रोमन साम्राज्य का एक शक्तिशाली प्रतिद्वंद्वी था और यूफ्रेट्स नदी के पूर्व में फैला हुआ था।
  • रोमन साम्राज्य के साथ इसके लगातार संघर्ष होते रहते थे।

3.2 ससानियन साम्राज्य (224 ईस्वी - 651 ईस्वी):

  • अर्दशिर I द्वारा स्थापित, जिसने पार्थियन साम्राज्य को उखाड़ फेंका।
  • यह पार्थियन की तुलना में अधिक आक्रामक और केंद्रीकृत साम्राज्य था।
  • शाहपुर I (241-272 ईस्वी): सबसे प्रसिद्ध ससानियन शासकों में से एक, जिसने रोमन सम्राट वेलेरियन को बंदी बना लिया था।
  • धर्म: पारसी धर्म (ज़ोरोस्ट्रियनवाद) ससानियन साम्राज्य का राजकीय धर्म था।
  • ससानियन साम्राज्य भी रोमन साम्राज्य के साथ निरंतर संघर्ष में रहा और अंततः 7वीं शताब्दी में अरब आक्रमणों के कारण इसका पतन हो गया।

4. दोनों साम्राज्यों के बीच संबंध

  • संघर्ष: यूफ्रेट्स नदी के किनारे सीमा विवादों और प्रभुत्व के लिए दोनों साम्राज्यों के बीच लगातार युद्ध होते रहते थे।
  • व्यापार: सिल्क रूट जैसे व्यापारिक मार्गों के माध्यम से कुछ व्यापारिक संबंध भी थे, लेकिन ये अक्सर संघर्षों से बाधित होते थे।
  • सांस्कृतिक प्रभाव: दोनों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान सीमित था, लेकिन कुछ कलात्मक और स्थापत्य प्रभावों का आदान-प्रदान हुआ।

निष्कर्ष

रोमन और ईरानी साम्राज्य प्राचीन विश्व के दो महान साम्राज्य थे, जिन्होंने अपनी राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विरासत से इतिहास को गहरा प्रभावित किया। रोमन साम्राज्य ने कानून, प्रशासन, इंजीनियरिंग और शहरीकरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जबकि ईरानी साम्राज्य ने अपनी सैन्य शक्ति, कला और पारसी धर्म के माध्यम से अपनी पहचान बनाई। इन साम्राज्यों का अध्ययन हमें प्राचीन विश्व की जटिलताओं और मानव सभ्यता के विकास को समझने में मदद करता है।


अभ्यास प्रश्न (MCQs)

यहाँ इस अध्याय पर आधारित 10 बहुविकल्पीय प्रश्न दिए गए हैं जो आपकी सरकारी परीक्षाओं की तैयारी में सहायक होंगे:

  1. रोमन साम्राज्य में 'प्रिंसिपेट' की स्थापना किसने की थी?
    a) जूलियस सीज़र
    b) ऑगस्टस
    c) नीरो
    d) डायोक्लेशियन

  2. रोमन साम्राज्य के पश्चिमी भाग में कौन सी भाषा प्रमुख थी?
    a) यूनानी
    b) लैटिन
    c) अरबी
    d) हिब्रू

  3. तीसरी शताब्दी का संकट मुख्य रूप से किस साम्राज्य से संबंधित है?
    a) ससानियन साम्राज्य
    b) पार्थियन साम्राज्य
    c) रोमन साम्राज्य
    d) बीजान्टिन साम्राज्य

  4. सम्राट कॉन्स्टेंटाइन ने रोमन साम्राज्य की नई राजधानी कहाँ स्थापित की थी?
    a) रोम
    b) अलेक्जेंड्रिया
    c) कॉन्स्टेंटिनोपल (कुस्तुनतुनिया)
    d) एंटिओक

  5. पश्चिमी रोमन साम्राज्य का पतन किस वर्ष हुआ माना जाता है?
    a) 330 ईस्वी
    b) 410 ईस्वी
    c) 476 ईस्वी
    d) 632 ईस्वी

  6. ससानियन साम्राज्य का संस्थापक कौन था?
    a) शाहपुर I
    b) अर्दशिर I
    c) खुसरो I
    d) दारा I

  7. रोमन साम्राज्य में भूमध्यसागरीय कृषि की प्रमुख फसलें क्या थीं?
    a) चावल, मक्का, बाजरा
    b) अंगूर, जैतून, गेहूं
    c) कपास, गन्ना, चाय
    d) आलू, टमाटर, प्याज

  8. रोमन साम्राज्य में 'इक्वाइट्स' वर्ग में कौन शामिल थे?
    a) सीनेटर
    b) दास
    c) व्यापारी और अश्वारोही
    d) किसान

  9. किस रोमन सम्राट ने ईसाई धर्म को राजकीय संरक्षण प्रदान किया था?
    a) ऑगस्टस
    b) नीरो
    c) डायोक्लेशियन
    d) कॉन्स्टेंटाइन

  10. ससानियन साम्राज्य का राजकीय धर्म क्या था?
    a) ईसाई धर्म
    b) यहूदी धर्म
    c) पारसी धर्म (ज़ोरोस्ट्रियनवाद)
    d) इस्लाम


उत्तरमाला:

  1. b) ऑगस्टस
  2. b) लैटिन
  3. c) रोमन साम्राज्य
  4. c) कॉन्स्टेंटिनोपल (कुस्तुनतुनिया)
  5. c) 476 ईस्वी
  6. b) अर्दशिर I
  7. b) अंगूर, जैतून, गेहूं
  8. c) व्यापारी और अश्वारोही
  9. d) कॉन्स्टेंटाइन
  10. c) पारसी धर्म (ज़ोरोस्ट्रियनवाद)

मुझे आशा है कि ये विस्तृत नोट्स और अभ्यास प्रश्न आपकी तैयारी में अत्यंत सहायक सिद्ध होंगे। शुभकामनाएँ!

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