Class 11 History Notes Chapter 3 (बदलती परम्पराएँ) – Vishwa Itihas ke Kush Visay Book

Vishwa Itihas ke Kush Visay
प्रिय विद्यार्थियों,

आज हम कक्षा 11 इतिहास के अध्याय 3 'बदलती परम्पराएँ' का विस्तृत अध्ययन करेंगे, जो आपकी सरकारी परीक्षाओं की तैयारी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह अध्याय 14वीं शताब्दी से 17वीं शताब्दी के मध्य यूरोप में हुए उन क्रांतिकारी परिवर्तनों पर केंद्रित है जिन्होंने मध्यकालीन यूरोप को आधुनिक यूरोप में बदल दिया। हम पुनर्जागरण, धर्मसुधार आंदोलन, वैज्ञानिक क्रांति और भौगोलिक खोजों जैसे प्रमुख विषयों को गहराई से समझेंगे।


अध्याय 3: बदलती परम्पराएँ

यह अध्याय 14वीं शताब्दी से 17वीं शताब्दी के दौरान पश्चिमी यूरोप में हुए सांस्कृतिक, धार्मिक, वैज्ञानिक और भौगोलिक परिवर्तनों का विश्लेषण करता है, जिन्होंने मध्यकालीन सोच और जीवन शैली को चुनौती दी और आधुनिक युग की नींव रखी।


I. पुनर्जागरण (Renaissance: 14वीं-17वीं शताब्दी)

'पुनर्जागरण' शब्द का शाब्दिक अर्थ है 'फिर से जागना' या 'पुनर्जन्म'। यह एक ऐसा सांस्कृतिक आंदोलन था जिसने प्राचीन यूनानी और रोमन कला, साहित्य और दर्शन को पुनर्जीवित किया और मनुष्य को ब्रह्मांड के केंद्र में रखा। इसकी शुरुआत इटली से हुई।

1. पुनर्जागरण के कारण:
* कुस्तुनतुनिया का पतन (1453 ई.): तुर्कों द्वारा कुस्तुनतुनिया पर कब्ज़े के बाद, अनेक यूनानी विद्वान अपनी पांडुलिपियों के साथ इटली के नगरों में पलायन कर गए, जिससे प्राचीन ज्ञान का प्रसार हुआ।
* धर्मयुद्धों का प्रभाव: धर्मयुद्धों ने यूरोपीय लोगों को पूर्वी संस्कृतियों से परिचित कराया और उनकी संकीर्ण सोच को तोड़ा।
* व्यापारिक समृद्धि और नगरों का विकास: इटली के नगर (जैसे फ्लोरेंस, वेनिस, रोम, मिलान) व्यापार के केंद्र बन गए। धनवान व्यापारियों ने कला और साहित्य को संरक्षण दिया।
* मुद्रण कला का आविष्कार (जोहान्स गुटेनबर्ग, 1450 के दशक): इसने पुस्तकों और विचारों को तेज़ी से फैलाने में मदद की, जिससे ज्ञान का लोकतंत्रीकरण हुआ।
* सामंतवाद का पतन: सामंती व्यवस्था के कमजोर होने से नए विचारों और सामाजिक गतिशीलता को बढ़ावा मिला।
* अरबी और यूनानी ज्ञान का पुनरुत्थान: अरबी विद्वानों द्वारा संरक्षित यूनानी ग्रंथों का लैटिन में अनुवाद।

2. पुनर्जागरण की विशेषताएँ/प्रभाव:

*   **मानववाद (Humanism):**
    *   यह पुनर्जागरण की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता थी। इसने मनुष्य को ब्रह्मांड के केंद्र में रखा और लौकिक जीवन, तर्क, जिज्ञासा तथा व्यक्तिगत उपलब्धियों पर बल दिया।
    *   **पेट्रार्क (Francesco Petrarch):** इन्हें मानववाद का जनक माना जाता है। इन्होंने प्राचीन यूनानी और रोमन साहित्य का अध्ययन किया।
    *   **इरास्मस (Desiderius Erasmus):** उत्तरी पुनर्जागरण के प्रमुख मानववादी, जिन्होंने चर्च के पाखंड की आलोचना की।

*   **कला (Art):**
    *   पुनर्जागरण कला में यथार्थवाद, परिप्रेक्ष्य (perspective) और मानवीय भावनाओं का चित्रण प्रमुख था।
    *   **चित्रकला:**
        *   **लियोनार्डो दा विंची (Leonardo da Vinci):** 'मोनालिसा' और 'द लास्ट सपर' (अंतिम भोज) जैसे अमर चित्रों के लिए प्रसिद्ध। वे एक वैज्ञानिक, आविष्कारक और इंजीनियर भी थे।
        *   **माइकल एंजेलो (Michelangelo):** 'द लास्ट जजमेंट' (अंतिम न्याय) और 'एडम की रचना' (सिस्टीन चैपल की छत पर) जैसे चित्रों तथा 'डेविड' और 'पिएटा' जैसी मूर्तियों के लिए विख्यात।
        *   **राफेल (Raphael):** 'मेडोना' के चित्रों और 'एथेंस का स्कूल' नामक भित्ति चित्र के लिए प्रसिद्ध।
    *   **वास्तुकला:**
        *   **फिलिपो ब्रुनेलेस्की (Filippo Brunelleschi):** फ्लोरेंस कैथेड्रल के विशाल गुंबद के लिए प्रसिद्ध।
    *   **मूर्ति कला:** डोनाटेलो (Donatello) और माइकल एंजेलो प्रमुख मूर्तिकार थे।

*   **साहित्य:**
    *   स्थानीय भाषाओं (vernacular languages) में लेखन को बढ़ावा मिला।
    *   **दांते एलिघिएरी (Dante Alighieri):** 'डिवाइन कॉमेडी' (Divine Comedy) के लेखक।
    *   **जियोवानी बोकेशियो (Giovanni Boccaccio):** 'डेकामेरॉन' (Decameron) नामक लघु कथाओं के संग्रह के लिए प्रसिद्ध।
    *   **निकोलस मैकियावेली (Niccolò Machiavelli):** 'द प्रिंस' (The Prince) नामक राजनीतिक दर्शन की पुस्तक के लेखक, जिसमें उन्होंने यथार्थवादी राजनीति का वर्णन किया।
    *   **विलियम शेक्सपियर (William Shakespeare):** इंग्लैंड के महान नाटककार (हैमलेट, रोमियो और जूलियट)।
    *   **सर थॉमस मूर (Sir Thomas More):** 'यूटोपिया' (Utopia) नामक पुस्तक के लेखक, जिसमें एक आदर्श समाज का वर्णन है।

*   **विज्ञान:**
    *   पुनर्जागरण ने वैज्ञानिक सोच और अवलोकन को बढ़ावा दिया, जिसने बाद में वैज्ञानिक क्रांति का मार्ग प्रशस्त किया।
    *   **निकोलस कोपरनिकस:** सूर्य केंद्रीय सिद्धांत (Heliocentric theory) का प्रतिपादन।
    *   **गैलीलियो गैलीली:** दूरबीन का आविष्कार, ग्रहों का अवलोकन।

*   **भौगोलिक खोजें:**
    *   नए समुद्री मार्गों और भूमियों की खोज को प्रोत्साहन मिला। (जैसे कोलंबस, वास्को-डी-गामा)।

II. धर्मसुधार आंदोलन (Reformation: 16वीं शताब्दी)

यह 16वीं शताब्दी में कैथोलिक चर्च में व्याप्त भ्रष्टाचार और धार्मिक हठधर्मिता के विरुद्ध एक आंदोलन था, जिसके परिणामस्वरूप प्रोटेस्टेंट धर्म का उदय हुआ।

1. धर्मसुधार के कारण:
* चर्च में भ्रष्टाचार: पोप और पादरियों का भोग-विलास, पद बेचना (सिमोनी), और पापमोचन पत्रों (Indulgences) की बिक्री, जिनसे यह माना जाता था कि पापों से मुक्ति मिल सकती है।
* पोप की निरंकुशता: पोप की बढ़ती राजनीतिक शक्ति और यूरोपीय शासकों के मामलों में हस्तक्षेप।
* राष्ट्रीय राज्यों का उदय: शासक पोप की शक्ति को चुनौती देना चाहते थे ताकि अपनी संप्रभुता स्थापित कर सकें।
* मानववाद का प्रभाव: मानववाद ने लोगों को तर्क और व्यक्तिगत विवेक से सोचने के लिए प्रेरित किया, जिससे उन्होंने चर्च की शिक्षाओं पर सवाल उठाए।
* मुद्रण कला का योगदान: बाइबल का स्थानीय भाषाओं में अनुवाद हुआ, जिससे आम लोग स्वयं बाइबल पढ़ सके और चर्च की व्याख्या पर निर्भर नहीं रहे।

2. प्रमुख धर्मसुधारक और उनके योगदान:
* मार्टिन लूथर (Martin Luther, जर्मनी):
* जर्मनी के एक भिक्षु और धर्मशास्त्री।
* 1517 ई. में उन्होंने विटेनबर्ग चर्च के दरवाजे पर अपनी 95 आपत्तियाँ (Ninety-five Theses) लगाईं, जिनमें पापमोचन पत्रों की बिक्री और चर्च के अन्य कुरीतियों की आलोचना की गई थी।
* उन्होंने 'केवल विश्वास से मुक्ति' (Salvation by faith alone) के सिद्धांत पर बल दिया।
* लूथर के विचारों ने प्रोटेस्टेंट धर्म की नींव रखी।
* जॉन केल्विन (John Calvin, स्विट्जरलैंड):
* केल्विनवाद के संस्थापक, जिसमें 'पूर्व-नियतवाद' (Predestination) का सिद्धांत प्रमुख था।
* उलरिच ज़्विंगली (Ulrich Zwingli, स्विट्जरलैंड): स्विट्जरलैंड में धर्मसुधार आंदोलन के शुरुआती नेताओं में से एक।
* हेनरी अष्टम (Henry VIII, इंग्लैंड):
* उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से पोप की सत्ता को अस्वीकार कर इंग्लैंड में एंग्लिकन चर्च (Church of England) की स्थापना की, जिसके वे स्वयं प्रमुख बने।

3. धर्मसुधार के परिणाम:
* कैथोलिक चर्च का विभाजन: ईसाई धर्म कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट संप्रदायों में विभाजित हो गया।
* धार्मिक युद्ध: यूरोप में कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट के बीच कई धार्मिक युद्ध हुए (जैसे तीस वर्षीय युद्ध)।
* काउंटर-रिफॉर्मेशन (Counter-Reformation): कैथोलिक चर्च ने अपनी कमियों को दूर करने और प्रोटेस्टेंटवाद का मुकाबला करने के लिए आंतरिक सुधार किए।
* जेसुइट संघ (Society of Jesus): इग्नेशियस लोयोला (Ignatius Loyola) द्वारा 1540 में स्थापित, इसने शिक्षा और मिशनरी कार्य के माध्यम से कैथोलिक धर्म का प्रसार किया।
* शिक्षा का प्रसार: दोनों संप्रदायों ने अपने अनुयायियों को शिक्षित करने के लिए स्कूलों और विश्वविद्यालयों की स्थापना की।
* राष्ट्रीय राज्यों को मजबूती: राजाओं की सत्ता बढ़ी और पोप का प्रभाव कम हुआ।


III. वैज्ञानिक क्रांति (Scientific Revolution: 16वीं-17वीं शताब्दी)

यह वह अवधि थी जब विज्ञान और गणित में नए विचारों और खोजों ने ब्रह्मांड और प्राकृतिक दुनिया के बारे में पारंपरिक दृष्टिकोण को बदल दिया।

1. वैज्ञानिक क्रांति की विशेषताएँ:
* निरीक्षण और प्रयोग पर बल: प्राचीन मान्यताओं के बजाय प्रत्यक्ष अवलोकन और प्रयोगों को महत्व दिया गया।
* तर्क और गणित का उपयोग: प्राकृतिक घटनाओं को समझने के लिए तर्क और गणितीय सिद्धांतों का प्रयोग।
* प्राचीन अंधविश्वासों को चुनौती: चर्च और प्राचीन दार्शनिकों (जैसे अरस्तू) की शिक्षाओं पर सवाल उठाए गए।

2. प्रमुख वैज्ञानिक और उनके योगदान:
* निकोलस कोपरनिकस (Nicolaus Copernicus, पोलैंड):
* अपनी पुस्तक 'डी रेवोल्यूशनिबस ऑर्बियम कोएलेस्टियम' (De revolutionibus orbium coelestium) में सूर्य केंद्रीय सिद्धांत (Heliocentric Theory) का प्रतिपादन किया।
* इस सिद्धांत के अनुसार, पृथ्वी और अन्य ग्रह सूर्य के चारों ओर घूमते हैं, न कि सूर्य पृथ्वी के चारों ओर (भू-केंद्रीय सिद्धांत का खंडन)।
* जोहान्स केपलर (Johannes Kepler, जर्मनी):
* ग्रहों की गति के तीन नियमों का प्रतिपादन किया, जिसमें बताया गया कि ग्रह सूर्य के चारों ओर अंडाकार कक्षाओं में घूमते हैं।
* गैलीलियो गैलीली (Galileo Galilei, इटली):
* दूरबीन का आविष्कार किया और उसका उपयोग खगोलीय पिंडों का अवलोकन करने के लिए किया।
* बृहस्पति के चंद्रमाओं, शुक्र के चरणों और चंद्रमा की सतह पर पहाड़ों की खोज की।
* गिरती हुई वस्तुओं के नियम (Law of Falling Bodies) और जड़त्व के नियम (Law of Inertia) का प्रतिपादन किया।
* सूर्य केंद्रीय सिद्धांत का समर्थन करने के कारण उन्हें चर्च द्वारा दंडित किया गया।
* आइजैक न्यूटन (Isaac Newton, इंग्लैंड):
* अपनी पुस्तक 'प्रिन्सिपिया मैथेमेटिका' (Principia Mathematica) में गुरुत्वाकर्षण का नियम (Law of Universal Gravitation) और गति के तीन नियमों का प्रतिपादन किया।
* उन्होंने सिद्ध किया कि पृथ्वी और आकाशीय पिंड एक ही भौतिक नियमों का पालन करते हैं।
* विलियम हार्वे (William Harvey, इंग्लैंड):
* मानव शरीर में रक्त परिसंचरण (Blood Circulation) की खोज की।
* एंड्रियास वेसेलियस (Andreas Vesalius, बेल्जियम):
* आधुनिक मानव शरीर रचना विज्ञान (Anatomy) के जनक।
* फ्रांसिस बेकन (Francis Bacon, इंग्लैंड):
* अनुभववाद (Empiricism) और वैज्ञानिक पद्धति (Scientific Method) पर जोर दिया।
* रेने डेकार्ट (René Descartes, फ्रांस):
* तर्कवाद (Rationalism) के जनक। उनका प्रसिद्ध कथन है, "मैं सोचता हूँ, इसलिए मैं हूँ" (Cogito, ergo sum)।

3. वैज्ञानिक क्रांति के प्रभाव:
* आधुनिक विज्ञान की नींव रखी।
* ज्ञानोदय (Enlightenment) का मार्ग प्रशस्त किया, जिसने तर्क और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर जोर दिया।
* मानव की ब्रह्मांड और स्वयं के बारे में सोच में क्रांतिकारी परिवर्तन लाया।
* चर्च की सत्ता और प्रभाव में कमी आई।


IV. भौगोलिक खोजें (Geographical Discoveries: 15वीं-16वीं शताब्दी)

यह वह अवधि थी जब यूरोपीय खोजकर्ताओं ने नए समुद्री मार्गों और भूमियों की खोज की, जिससे विश्व व्यापार और उपनिवेशवाद का विस्तार हुआ।

1. भौगोलिक खोजों के कारण:
* कुस्तुनतुनिया का पतन (1453 ई.): तुर्कों द्वारा पूर्वी व्यापार मार्गों को बंद करने के बाद, यूरोपियों को एशिया तक पहुँचने के लिए नए समुद्री मार्गों की तलाश थी।
* व्यापारिक प्रतिस्पर्धा: यूरोपीय देशों के बीच मसालों, रेशम और अन्य पूर्वी वस्तुओं के व्यापार पर नियंत्रण के लिए प्रतिस्पर्धा।
* वैज्ञानिक प्रगति: दिशासूचक यंत्र (compass), खगोलीय यंत्र (astrolabe), और बेहतर जहाजों (जैसे कैरवेल) के आविष्कार ने लंबी समुद्री यात्राओं को संभव बनाया।
* साहसिक भावना और ईसाई धर्म का प्रसार: नए क्षेत्रों की खोज और ईसाई धर्म के प्रसार की इच्छा।

2. प्रमुख खोजकर्ता:
* क्रिस्टोफर कोलंबस (Christopher Columbus, इटली): 1492 ई. में अटलांटिक महासागर पार कर अमेरिका पहुँचा, जिसे उसने गलती से भारत समझा।
* वास्को-डी-गामा (Vasco da Gama, पुर्तगाल): 1498 ई. में अफ्रीका के केप ऑफ गुड होप से होते हुए भारत के कालीकट पहुँचा, जिससे यूरोप और भारत के बीच सीधा समुद्री मार्ग खुल गया।
* फर्डीनेंड मैगलन (Ferdinand Magellan, पुर्तगाल): 1519-1522 ई. के दौरान पृथ्वी का चक्कर लगाने वाला पहला व्यक्ति, हालांकि उसकी फिलीपींस में मृत्यु हो गई। उसके अभियान ने यह सिद्ध किया कि पृथ्वी गोल है।
* जॉन कैबोट (John Cabot): उत्तरी अमेरिका के तटों की खोज की।

3. भौगोलिक खोजों के परिणाम:
* यूरोपीय उपनिवेशवाद का उदय: यूरोपीय शक्तियों ने एशिया, अफ्रीका और अमेरिका में उपनिवेश स्थापित किए।
* विश्व व्यापार का विकास: नए व्यापार मार्गों और वस्तुओं (जैसे तम्बाकू, आलू, मक्का, टमाटर) का आदान-प्रदान (कोलंबियन एक्सचेंज)।
* मूल निवासियों का शोषण: यूरोपीय उपनिवेशवादियों द्वारा अमेरिका और अन्य क्षेत्रों के मूल निवासियों का शोषण और नरसंहार।
* ज्ञान का विस्तार: विश्व के भूगोल और संस्कृतियों के बारे में यूरोपीय ज्ञान में वृद्धि।


V. यूरोप में राष्ट्र-राज्यों का उदय

पुनर्जागरण और धर्मसुधार आंदोलनों ने सामंतवाद को कमजोर किया और राजाओं की शक्ति को बढ़ाया। इससे राष्ट्रीय पहचान की भावना विकसित हुई और केंद्रीकृत राष्ट्र-राज्यों (जैसे फ्रांस, इंग्लैंड, स्पेन) का उदय हुआ, जिन्होंने अपनी सीमाओं के भीतर संप्रभुता का दावा किया।


निष्कर्ष:
'बदलती परम्पराएँ' अध्याय यूरोप में एक ऐसे युग का वर्णन करता है जिसने मध्यकालीन अंधविश्वासों और धार्मिक हठधर्मिता को तोड़कर आधुनिक विश्व की नींव रखी। पुनर्जागरण ने मानववाद और कला को बढ़ावा दिया, धर्मसुधार ने धार्मिक स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त किया, वैज्ञानिक क्रांति ने तर्क और प्रयोग पर आधारित ज्ञान को जन्म दिया, और भौगोलिक खोजों ने विश्व को एक-दूसरे के करीब लाया। इन परिवर्तनों ने मिलकर एक नए, अधिक गतिशील और जिज्ञासु समाज का निर्माण किया।


अभ्यास प्रश्न (10 MCQs)

यहाँ इस अध्याय पर आधारित 10 बहुविकल्पीय प्रश्न दिए गए हैं, जो आपकी परीक्षा की तैयारी में सहायक होंगे:

  1. मानववाद का जनक किसे माना जाता है?
    अ) इरास्मस
    ब) दांते
    स) पेट्रार्क
    द) मैकियावेली

  2. 'द लास्ट सपर' (अंतिम भोज) नामक प्रसिद्ध चित्र किसने बनाया था?
    अ) माइकल एंजेलो
    ब) राफेल
    स) लियोनार्डो दा विंची
    द) डोनाटेलो

  3. 'द प्रिंस' (The Prince) नामक राजनीतिक दर्शन की पुस्तक के लेखक कौन थे?
    अ) बोकेशियो
    ब) मैकियावेली
    स) सर थॉमस मूर
    द) शेक्सपियर

  4. मार्टिन लूथर ने अपनी '95 आपत्तियाँ' (Ninety-five Theses) कब और कहाँ लगाई थीं?
    अ) 1492 ई., रोम
    ब) 1517 ई., विटेनबर्ग
    स) 1534 ई., लंदन
    द) 1600 ई., फ्लोरेंस

  5. सूर्य केंद्रीय सिद्धांत (Heliocentric Theory) का प्रतिपादन किसने किया, जिसमें बताया गया कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है?
    अ) गैलीलियो गैलीली
    ब) आइजैक न्यूटन
    स) निकोलस कोपरनिकस
    द) जोहान्स केपलर

  6. दूरबीन का आविष्कार किसने किया और उसका उपयोग खगोलीय पिंडों का अवलोकन करने के लिए किया?
    अ) आइजैक न्यूटन
    ब) गैलीलियो गैलीली
    स) विलियम हार्वे
    द) फ्रांसिस बेकन

  7. भारत के लिए सीधे समुद्री मार्ग की खोज (केप ऑफ गुड होप से होते हुए) किसने की थी?
    अ) क्रिस्टोफर कोलंबस
    ब) फर्डीनेंड मैगलन
    स) वास्को-डी-गामा
    द) जॉन कैबोट

  8. जेसुइट संघ (Society of Jesus) की स्थापना किसने की थी, जो कैथोलिक सुधार आंदोलन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था?
    अ) मार्टिन लूथर
    ब) जॉन केल्विन
    स) इग्नेशियस लोयोला
    द) हेनरी अष्टम

  9. 'डिवाइन कॉमेडी' (Divine Comedy) के लेखक कौन हैं, जिसे पुनर्जागरण साहित्य का एक महत्वपूर्ण कार्य माना जाता है?
    अ) जियोवानी बोकेशियो
    ब) दांते एलिघिएरी
    स) पेट्रार्क
    द) इरास्मस

  10. मानव शरीर में रक्त परिसंचरण (Blood Circulation) की खोज किसने की थी?
    अ) एंड्रियास वेसेलियस
    ब) विलियम हार्वे
    स) रेने डेकार्ट
    द) गैलीलियो गैलीली


उत्तरमाला:

  1. स) पेट्रार्क
  2. स) लियोनार्डो दा विंची
  3. ब) मैकियावेली
  4. ब) 1517 ई., विटेनबर्ग
  5. स) निकोलस कोपरनिकस
  6. ब) गैलीलियो गैलीली
  7. स) वास्को-डी-गामा
  8. स) इग्नेशियस लोयोला
  9. ब) दांते एलिघिएरी
  10. ब) विलियम हार्वे

मुझे आशा है कि ये विस्तृत नोट्स और बहुविकल्पीय प्रश्न आपको अध्याय को गहराई से समझने और अपनी परीक्षाओं की तैयारी करने में सहायक होंगे। किसी भी अन्य जानकारी या स्पष्टीकरण के लिए आप पूछ सकते हैं।

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