Class 11 History Notes Chapter 5 (Chapter 5) – Vishwa Itihas ke Kush Visay Book

Vishwa Itihas ke Kush Visay
प्रिय विद्यार्थियों,

आज हम कक्षा 11 इतिहास की पाठ्यपुस्तक "विश्व इतिहास के कुछ विषय" के अध्याय 5, 'यायावर साम्राज्य' का विस्तृत अध्ययन करेंगे। यह अध्याय सरकारी परीक्षाओं की तैयारी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह मध्य एशिया के खानाबदोश समाजों, विशेषकर मंगोलों के उदय, उनके साम्राज्य विस्तार और विश्व इतिहास पर उनके प्रभाव को गहराई से समझाता है।


अध्याय 5: यायावर साम्राज्य (Nomadic Empires)

परिचय:
यह अध्याय 13वीं और 14वीं शताब्दी में मंगोलों के विशाल यायावर साम्राज्य के उदय, विस्तार और उनके प्रभाव पर केंद्रित है। मध्य एशिया के स्टेपी क्षेत्र के खानाबदोश कबीलों ने कैसे एक ऐसे साम्राज्य का निर्माण किया जो यूरोप से एशिया तक फैला था, और कैसे उन्होंने स्थायी समाजों के साथ अंतःक्रिया की, यह समझना महत्वपूर्ण है। मंगोलों को अक्सर विनाशकारी शक्ति के रूप में देखा जाता है, लेकिन उन्होंने व्यापार, संचार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

1. यायावर जीवनशैली और मंगोलों का उदय:

  • यायावर (खानाबदोश): वे लोग जो एक स्थान पर स्थायी रूप से नहीं रहते, बल्कि अपने पशुओं (भेड़, बकरी, घोड़े, ऊंट) के चारे और पानी की तलाश में एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूमते रहते हैं। इनकी अर्थव्यवस्था पशुपालन और शिकार पर आधारित होती थी।
  • मध्य एशिया के स्टेपी क्षेत्र: ये घास के मैदान मंगोलों, तातार, किरात और तुर्क जैसे विभिन्न खानाबदोश कबीलों का घर थे।
  • खाद्य पदार्थ: पशुओं से दूध, मांस, चमड़ा, ऊन प्राप्त होता था। कृषि उत्पादों के लिए वे स्थायी समाजों से व्यापार करते थे या उन पर आक्रमण करते थे।
  • सामाजिक संगठन: ये कबीले रक्त संबंधों पर आधारित होते थे, लेकिन आवश्यकता पड़ने पर विभिन्न कबीले मिलकर एक बड़ा परिसंघ (कॉन्फेडेरेसी) बना लेते थे।
  • चंगेज़ खान का उदय: 12वीं शताब्दी के अंत तक, मंगोल कबीले बिखरे हुए और आपस में लड़ते रहते थे। तेमुजिन (चंगेज़ खान का मूल नाम) ने इन बिखरे हुए कबीलों को एकजुट कर एक शक्तिशाली सैन्य बल में बदल दिया।

2. चंगेज़ खान (तेमुजिन): जीवन और उपलब्धियाँ:

  • जन्म और प्रारंभिक जीवन:
    • जन्म: लगभग 1162 ई. में आधुनिक मंगोलिया के उत्तरी भाग में।
    • मूल नाम: तेमुजिन।
    • पिता: येसुगेई, कियात कबीले के सरदार।
    • प्रारंभिक जीवन संघर्षपूर्ण रहा। पिता की हत्या के बाद परिवार को गरीबी और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा।
    • तेमुजिन ने अपनी पत्नी बोरते को छुड़ाने के लिए संघर्ष किया और धीरे-धीरे अपनी शक्ति बढ़ाई।
  • मंगोलों का एकीकरण:
    • तेमुजिन ने अपने सैन्य कौशल और कूटनीति से विभिन्न मंगोल, तातार, किरात और तुर्क कबीलों को अपने अधीन किया।
    • उसने एक नया सामाजिक और सैन्य संगठन बनाया, जिसमें कबीलाई पहचान की बजाय निष्ठा को महत्व दिया गया।
  • 'चंगेज़ खान' की उपाधि:
    • 1206 ई. में, मंगोल सरदारों की एक सभा कुरिलताई में तेमुजिन को 'चंगेज़ खान' की उपाधि दी गई।
    • 'चंगेज़ खान' का अर्थ 'समुद्री खान' या 'सार्वभौम शासक' होता है।
    • इसी वर्ष उसे 'मंगोलों का महानायक' भी घोषित किया गया।
  • विजय अभियान:
    • चीन पर विजय: 1211 ई. से चीन के उत्तरी भागों पर आक्रमण शुरू किए। 1215 ई. में पेकिंग (आधुनिक बीजिंग) पर कब्जा कर लिया। किं साम्राज्य (उत्तरी चीन) और पश्चिमी शिया साम्राज्य को हराया।
    • मध्य एशिया और खुरासान पर विजय: 1219-1221 ई. के दौरान ख्वारिज्म साम्राज्य (आधुनिक ईरान और मध्य एशिया) के शाह मोहम्मद पर आक्रमण किया। बुखारा, समरकंद, उरगेन्च जैसे समृद्ध शहरों को तबाह कर दिया।
    • पश्चिमी अभियान: उसकी सेनाएं रूस, जॉर्जिया और पोलैंड तक पहुंच गईं।
  • मृत्यु: 1227 ई. में चंगेज़ खान की मृत्यु हो गई। मृत्यु के समय तक उसने एक विशाल साम्राज्य स्थापित कर लिया था।

3. मंगोलों का सैन्य संगठन:

  • अनुशासन और गति: मंगोल सेना अपनी गति, अनुशासन और क्रूरता के लिए प्रसिद्ध थी।
  • दशमलव प्रणाली: सेना को दशमलव प्रणाली के आधार पर संगठित किया गया था: 10, 100, 1,000 और 10,000 सैनिकों की इकाइयाँ। प्रत्येक सैनिक को एक विशेष इकाई में रखा जाता था, जिससे कबीलाई निष्ठा कमजोर होती थी।
  • घुड़सवार सेना: मंगोल घुड़सवार दुनिया के सर्वश्रेष्ठ घुड़सवारों में से थे। वे घोड़े पर बैठकर तीरंदाजी में माहिर थे और लंबी दूरी तक तेजी से यात्रा कर सकते थे।
  • घेराबंदी युद्ध: उन्होंने चीनी इंजीनियरों की मदद से घेराबंदी युद्ध (Siege warfare) की तकनीकें सीखीं और शहरों को जीतने में उनका प्रभावी ढंग से उपयोग किया।
  • रणनीतियाँ: झूठी वापसी (Feigned retreat) जैसी रणनीतियाँ अपनाई जाती थीं, जहाँ सेना पीछे हटने का नाटक करती थी और फिर दुश्मन पर पलटवार करती थी।
  • खुफिया जानकारी: मंगोलों के पास एक कुशल खुफिया नेटवर्क था, जो उन्हें दुश्मन की कमजोरियों और गतिविधियों के बारे में जानकारी देता था।

4. यासा (Yasa): मंगोलों का विधि-विधान:

  • उत्पत्ति: चंगेज़ खान द्वारा स्थापित विधि-विधान संहिता।
  • प्रारंभिक स्वरूप: शुरुआत में यह सैन्य नियमों, शिकार के नियमों और कुरिलताई के फैसलों का संग्रह थी।
  • विकास: धीरे-धीरे यह मंगोल साम्राज्य के लिए एक सामान्य कानून संहिता बन गई, जिसमें सामाजिक, नैतिक और प्रशासनिक नियम शामिल थे।
  • उद्देश्य: मंगोलों के विभिन्न कबीलों को एकजुट रखना, आंतरिक संघर्षों को रोकना और एक केंद्रीय सत्ता के प्रति निष्ठा बनाए रखना।
  • महत्व: चंगेज़ खान की मृत्यु के बाद भी यासा का पालन किया जाता रहा और यह मंगोल पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई। इसमें धार्मिक सहिष्णुता, कर व्यवस्था और न्याय प्रणाली से संबंधित प्रावधान भी थे।

5. मंगोल साम्राज्य का विघटन और उत्तराधिकारी:

  • चंगेज़ खान की मृत्यु के बाद, उसके साम्राज्य को उसके बेटों और पोतों में विभाजित किया गया, जिसे उलुस (ulus) कहा गया।
  • प्रमुख उलुस:
    • जोची का वंश (Golden Horde): रूस के स्टेपी क्षेत्र पर शासन किया।
    • चगताई का वंश (Chagatai Khanate): मध्य एशिया पर शासन किया।
    • ओगेदेई का वंश: मंगोलिया और उत्तरी चीन पर नियंत्रण।
    • तोलुई का वंश (Ilkhanate): ईरान और मध्य पूर्व पर शासन किया।
  • कुबलई खान (Kublai Khan):
    • चंगेज़ खान का पोता (तोलुई का बेटा)।
    • चीन में युआन राजवंश (Yuan Dynasty) की स्थापना की (1271 ई.)।
    • उसने अपनी राजधानी को काराकोरम से बीजिंग (खानबालिक) स्थानांतरित किया।
    • इतालवी यात्री मार्को पोलो उसके दरबार में आया था।
  • समय के साथ, इन खानतों के बीच संघर्ष बढ़े और वे स्थानीय संस्कृतियों में आत्मसात होते गए, जिससे मंगोल साम्राज्य का विघटन हुआ।

6. मंगोलों और स्थायी समाजों के बीच संबंध:

  • विनाश और लूटपाट: प्रारंभिक चरण में मंगोलों ने स्थायी शहरों और कृषि क्षेत्रों को नष्ट किया और लूटपाट की।
  • व्यापार और संचार: बाद के चरणों में, मंगोलों ने व्यापार मार्गों (विशेषकर रेशम मार्ग) की सुरक्षा सुनिश्चित की, जिससे व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा मिला। इसे पैक्स मंगोलिका (Pax Mongolica) या 'मंगोल शांति' कहा जाता है।
  • संचार व्यवस्था (याम् - Yam): मंगोलों ने एक कुशल डाक और संचार प्रणाली 'याम्' विकसित की, जिसमें घोड़ों और घुड़सवार संदेशवाहकों का उपयोग किया जाता था।
  • प्रशासनिक परिवर्तन: स्थायी समाजों के संपर्क में आने के बाद, मंगोलों ने उनसे प्रशासनिक और तकनीकी ज्ञान सीखा। उन्होंने कर प्रणाली और राजस्व संग्रह के तरीकों को अपनाया।
  • सांस्कृतिक आत्मसात: ईरान और चीन जैसे क्षेत्रों में मंगोल शासक धीरे-धीरे स्थानीय संस्कृतियों (जैसे इस्लाम और बौद्ध धर्म) में आत्मसात हो गए।

7. मंगोलों का सांस्कृतिक प्रभाव:

  • वैश्विक संपर्क: मंगोल साम्राज्य ने पूर्व और पश्चिम के बीच विचारों, तकनीकों, वस्तुओं और लोगों के आदान-प्रदान के लिए एक पुल का काम किया।
  • तकनीकी हस्तांतरण: चीन से कागज बनाने, मुद्रण, बारूद और कंपास जैसी तकनीकें पश्चिम तक पहुंचीं।
  • धार्मिक सहिष्णुता: यासा में धार्मिक सहिष्णुता के प्रावधान थे, जिससे विभिन्न धर्मों के लोग मंगोल साम्राज्य में शांतिपूर्वक रह सके।
  • कला और वास्तुकला: मंगोलों ने विभिन्न क्षेत्रों की कला और वास्तुकला को प्रभावित किया, विशेषकर ईरान में इल्खानी शासकों के तहत।

8. मंगोलों के बारे में स्रोत:

  • चीनी इतिवृत्त: मंगोलों के पड़ोसी होने के कारण, चीनी इतिहासकारों ने उनके बारे में विस्तृत जानकारी लिखी है।
  • फ़ारसी इतिवृत्त: जुवैनी, रशीदुद्दीन फ़ज़लुल्लाह जैसे फ़ारसी इतिहासकारों ने मंगोलों के इतिहास पर महत्वपूर्ण ग्रंथ लिखे हैं, जैसे 'जामी-उल-तवारीख' (विश्व इतिहास का संग्रह)।
  • यूरोपीय यात्री: मार्को पोलो ('द बुक ऑफ मार्को पोलो'), प्लाना कार्पिनी और विलियम ऑफ रुब्रुक जैसे यूरोपीय यात्रियों ने मंगोल दरबारों का दौरा किया और अपने अनुभवों को दर्ज किया।
  • मंगोलों के अपने स्रोत: 'मंगोलों का गुप्त इतिहास' (Secret History of the Mongols) मंगोल भाषा में लिखा गया सबसे महत्वपूर्ण स्रोत है, जो चंगेज़ खान के जीवन और प्रारंभिक मंगोल इतिहास का विस्तृत वर्णन करता है।

अभ्यास प्रश्न (MCQs):

यहाँ अध्याय 5 से संबंधित 10 बहुविकल्पीय प्रश्न दिए गए हैं, जो आपकी सरकारी परीक्षा की तैयारी में सहायक होंगे:

  1. चंगेज़ खान का मूल नाम क्या था?
    अ) ओगेदेई
    ब) तेमुजिन
    स) कुबलई
    द) जोची

  2. मंगोल सरदारों की वह सभा जिसमें तेमुजिन को 'चंगेज़ खान' की उपाधि दी गई थी, क्या कहलाती थी?
    अ) दीवान
    ब) कुरिलताई
    स) यासा
    द) उलुस

  3. चंगेज़ खान को 'चंगेज़ खान' की उपाधि किस वर्ष दी गई थी?
    अ) 1162 ई.
    ब) 1206 ई.
    स) 1227 ई.
    द) 1271 ई.

  4. मंगोलों की विधि-विधान संहिता को किस नाम से जाना जाता था, जिसे चंगेज़ खान ने लागू किया था?
    अ) फरमान
    ब) कुरिलताई
    स) यासा
    द) उलुस

  5. चंगेज़ खान की मृत्यु किस वर्ष हुई थी?
    अ) 1206 ई.
    ब) 1215 ई.
    स) 1227 ई.
    द) 1271 ई.

  6. किस मंगोल शासक ने चीन में युआन राजवंश की स्थापना की थी?
    अ) चंगेज़ खान
    ब) ओगेदेई
    स) कुबलई खान
    द) जोची

  7. 'मंगोलों का गुप्त इतिहास' (Secret History of the Mongols) किस भाषा में लिखा गया है और यह मुख्य रूप से किस बारे में है?
    अ) फ़ारसी, मंगोल सैन्य रणनीति
    ब) चीनी, मंगोलों के चीन पर आक्रमण
    स) मंगोल, चंगेज़ खान का जीवन और प्रारंभिक मंगोल इतिहास
    द) तुर्की, मंगोलों की प्रशासनिक व्यवस्था

  8. मंगोल साम्राज्य में संचार और यात्रा के लिए इस्तेमाल की जाने वाली डाक व्यवस्था को क्या कहते थे?
    अ) डाकघर
    ब) याम् (Yam)
    स) कुरिलताई
    द) उलुस

  9. इतालवी यात्री मार्को पोलो किस मंगोल शासक के दरबार में आया था?
    अ) चंगेज़ खान
    ब) ओगेदेई
    स) कुबलई खान
    द) जोची

  10. 'गोल्डन होर्ड' नामक खानत किस मंगोल शासक के वंशजों द्वारा स्थापित किया गया था, जिसने रूस के स्टेपी क्षेत्रों पर शासन किया?
    अ) जोची
    ब) चगताई
    स) ओगेदेई
    द) तोलुई


उत्तरमाला (MCQs):

  1. ब) तेमुजिन
  2. ब) कुरिलताई
  3. ब) 1206 ई.
  4. स) यासा
  5. स) 1227 ई.
  6. स) कुबलई खान
  7. स) मंगोल, चंगेज़ खान का जीवन और प्रारंभिक मंगोल इतिहास
  8. ब) याम् (Yam)
  9. स) कुबलई खान
  10. अ) जोची

मुझे आशा है कि ये विस्तृत नोट्स और अभ्यास प्रश्न आपको अध्याय 5 को गहराई से समझने और सरकारी परीक्षाओं की तैयारी में मदद करेंगे। अपनी पढ़ाई जारी रखें और किसी भी संदेह के लिए पूछने में संकोच न करें।

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